राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान के लिए क्या करना चाहिए? - raashtreey dhvaj ke sammaan ke lie kya karana chaahie?

Updated: | Sat, 14 Aug 2021 04:28 PM (IST)

National flag rules: राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के सामने पूरा भारत देश नतमस्तक है, देश का हर नागरिक तिरंगे का दिल से सम्मान करता है। भारत के संविधान में तिरंगे का अपमान करना दंडनीय अपराध माना गया है, जिसे लेकर सजा का भी निर्धारण किया गया है। तीन रंगों से बना तिरंगा केसरिया, सफेद और हरा ये तीनों रंग देश के प्रतीक है, जिसमें केसरिया बलिदान का, सफेद शांति का और हरा रंग हरियाली यानी स्वतंत्रता का प्रतीक है। आज देश में आन-बान-शान के साथ जिस तिरंगे को फहराता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था। राष्ट्रीय ध्वज को आंध्रप्रदेश के पिंगली वेंकैया ने बनाया था। भारत की पहचान है तिरंगा, हर भारतवासी का गौरव है तिरंगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिरंगे को फहराने का क्या नियम है? अगर नहीं तो चलिए आज हम आपसे कुछ ऐसे ही विषय पर चर्चा करते हैं।

  1. किसी मंच पर तिरंगे को फहराते समय बोलने वाले का मुंह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसकी दाहनी तरफ होना चाहिए। जो भी तिरंगा फहराने के नियमों का उल्लंघन करता है उसे जेल भी हो सकती है।
  2. तिरंगा हमेशा काॅटन सिल्क या फिर खादी का होना चाहिए। इसका डिजाइन हमेशा रेक्टेंगल शेप में होना चाहिए। इसके अनुपात की अगर बात करें तो 3ः2 इसे तय किया गया है।
  3. तिरंगे के बीच में मौजूद अशोक चक्र में 24 तीलियां होनी चाहिए। इसके अलावा झंडे पर कुछ बनाना या लिखना गैर कानूनी होता है।
  4. तिरंगा कभी भी किसी गाड़ी के पीछे, बोट या फिर प्लेन में नहीं लगाया जा सकता और न ही इसका इस्तेमाल किसी बिल्डिंग को ढकने में किया जा सकता है।
  5. किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन पर टच नहीं होना चाहिए क्योंकि ऐसा होना तिरंगे का अपमान माना गया है।
  6. तिरंगे का उपयोग किसी प्रकार की यूनिफोर्म या फिर सजावट के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
  7. भारत में बेंगलुरू से 420 किमी स्थित हुबली एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान है, जो झण्डा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता है।
  8. किसी भी अन्य झण्डे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या फिर उसके बराबर में नहीं रख सकते।
  9. देश के लिए जान देने वाले शहीदों और देश के महान शख्सियतों को तिरंगे में लपेटा जाता है। इस दौरान केसरिया पट्टी सिर की तरफ रखते हैं।
  10. शव को जलाने या दफनाने के बाद इसे गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता है या फिर वजन बांधकर किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है।
  11. कटे-फटे या फिर रंग उड़े तिरंगे को भी सम्मान के साथ जलाया जाता है या फिर वजन बांधकर किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है।

Posted By: Navodit Saktawat

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राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान के लिए क्या करना चाहिए? - raashtreey dhvaj ke sammaan ke lie kya karana chaahie?

राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान के साथ रखने का क्या है तरीका 

मुख्य बातें

  • राष्ट्रीय ध्वज को उतारने के बाद, उसको पूरे सम्मान के साथ लपेट कर रखना सबसे पहला काम है।

  • राष्ट्रीय ध्वज का जमीन,फर्श, पानी से स्पर्श नहीं होना चाहिए।

  • अगर यह किसी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है तो इसे जलाकर नष्ट कर देना चाहिए। 

Har Ghar Tiranga, Flag Rules after 15th August Independence Day 2022: हर घर तिरंगा अभियान खत्म हो चुका है। और पिछले 3 दिनों में आम आदमी से लेकर खास लोगों ने तिरंगा अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। लोगों ने अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। और केवल हर घर तिरंगा वेबसाइट पर 5 करोड़ से अधिक लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज की सेल्फी लेकर पोस्ट की है। अब चूंकि यह अभियान खत्म हो गया तो झंडे को उतारने का भी समय आ गया है। जिस तरह राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के नियम हैं, उसी तरह उसे उतारकर सम्मान के साथ रखने के भी नियम है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान के साथ रखने का तरीका क्या है..

राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 की धारा 2 के स्पष्टीकरण 4 के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज का अपमान रोकने के लिए इन नियमों का पालन किया जाना चाहिए-

  1. राष्ट्रीय ध्वज को उतारने के बाद, उसको पूरे सम्मान के साथ लपेट कर रखना सबसे पहला काम है।
  2. राष्ट्रीय ध्वज का जमीन,फर्श, पानी से स्पर्श नहीं होना चाहिए
  3. अगर यह किसी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है तो इसे जलाकर नष्ट कर देना चाहिए। 
  4. राष्ट्रीय ध्वज को गंदा नहीं रखना चाहिए।
  5. किसी भी हालत में राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी वाहन के किनारों, पृष्ठ भाग या शीर्ष भाग को ढकने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
  6. राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग निजी अंत्येष्टि को लपेटने के साथ ही किसी भी तरह की चीजों को लपेटने के लिए नहीं किया जाएगा।
  7. राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी पोशाक या वर्दी या पहनावे के हिस्से में चित्रित नहीं किया जाएगा जो किसी भी व्यक्ति के कमर के नीचे पहना जाता है और न ही कुशन, रूमाल, नैपकिन, गारमेंट्स या किसी कपड़े में कढ़ाई या मुद्रित रूप में किया जाएगा।
  8. राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग लेखन प्रक्रिया में नहीं किया जाएगा।
  9. राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग वस्तुओं को लपेटने, प्राप्त करने और वितरित करने के लिए नहीं किया जाएगा

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20 साल पहले लोगों को मिला खास अधिकार

तिरंगे के इतिहास में 26 जनवरी, 2002 का एक खास स्थान है। यही वह दिन है जब भारत के आम नागरिकों को भी अपनी मर्जी  से किसी भी दिन झंडा फहराने का अधिकार मिला। इसके पहले  झंडा फहराने का अधिकार तो था लेकिन सिर्फ कुछ खास अवसर, जैसे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराया जा सकता है।

26 जनवरी, 2002 से भारतीय झंडा संहिता में संशोधन के बाद ,आम नागरिकों को कहीं भी कभी भी राष्ट्रीय झंडा फहराने का मौका मिला। इसके बाद से आम आदमी अपने घरों, कार्यालयों और फैक्ट्रियों में किसी भी दिन तिरंगा फहरा सकते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें झंडे का पूरी तरह से सम्मान कायम रखना होगा और तय मानकों के आधार पर झंडे को फहराना होगा।

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राष्ट्र ध्वज का सम्मान हमें कैसे करना चाहिए?

हालांकि, राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाले व्यक्ति के लिए ये सुनिश्चित करना आवश्यक है कि झंडा उल्टा नहीं फहराया जाए यानि ध्वज का केसरिया भाग ऊपर रहना चाहिए. साथ ही आप जो झंडा फहरा रहे हैं वह क्षतिग्रस्त तिरंगे को प्रदर्शित नहीं करना चाहिए और न ही यह जमीन या पानी को छूना चाहिए.

भारतीय ध्वज का अपमान के लिए क्या सजा है?

राष्ट्रध्वज का अपमान करने वालों पर कार्रवाई : (तीन साल की कारावास, जुर्माना अथवा दोनों)। किसी व्यक्ति या किसी वस्तु के अभिवादन में राष्ट्रीय ध्वज को झुकाना। (तीन साल की कारावास, जुर्माना अथवा दोनों)। भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज को झुका हुआ फहराना।

तिरंगे का अपमान कब होता है?

Har Ghar Tiranga, Flag Rules after 15th August Independence Day 2022: जिस तरह राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के नियम हैं, उसी तरह उसे उतारकर सम्मान के साथ रखने के भी नियम है। और उसका अपमान करने पर सजा भी मिल सकती है। राष्ट्रीय ध्वज को उतारने के बाद, उसको पूरे सम्मान के साथ लपेट कर रखना सबसे पहला काम है।

राष्ट्रीय ध्वज फहराने के नियम क्या है?

तिरंगा झंडा फहराने के नियम नही किसी प्रकार की उसे क्षति हुई है. केसरियां रंग हमेशा ऊपर, सफेद रंग बीच में और हरा रंग हमेशा सबसे नीचे की पट्टी में होनी चाहिए. झंड़ा कटा फटा नहीं होना चाहिए. तभी आप इसे फहरा सकते हैं.