राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय सर्वप्रथम कब और कहां खोला गया? - raashtreey mukt vidyaalay sarvapratham kab aur kahaan khola gaya?

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS, NOS या राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय), भारत के मुक्त विद्यालयों की शिक्षा-परिषद है। यह एक स्वायत्त संगठन है। इसकी स्थापना भारत. सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा 1989 के नवम्बर में हुई थी। इसका उद्देश्य देश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के विद्यार्थियों को सस्ती शिक्षा सुलभ कराना है। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद आदि की भांति राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान भी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर पर परीक्षा संचालित करता है। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर लगभग 15 लाख छात्रों के वर्तमान नामांकन के साथ यह दुनिया में सबसे बड़ी खुली स्कूली शिक्षा प्रणाली है जो भारत में मौजूद है।

विशेषता[संपादित करें]

संगठन की ओर से स्कूल स्तर की शिक्षा के अलावा वोकेशनल कोर्स भी कराए जाते हैं। इसके अंतर्गत आप अपनी जरूरत के अनुसार कोई भी विषय चुन सकते हैं। इसके साथ एक भाषा संबंधी विषय भी चुनना अनिवार्य होता है। प्रवेश लेने वालों के लिए अधिकतम आयु सीमा नहीं होती है।

पाठ्यक्रम
  • ओपन बेसिक एजुकेशन
  • सेकेंडरी सर्टिफिकेट कोर्स
  • सीनियर सेकेंडरी सर्टिफिकेट कोर्स
  • वोकेशनल एजुकेशन

योग्यता[संपादित करें]

सेकेंडरी कोर्स में प्रवेश के लिए आठवीं पास होना जरूरी है। सीनियर सेकेंडरी सर्टिफिकेट कोर्स करने के लिए किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से दसवीं पास अनिवार्य है। सेकेंडरी तथा सीनियर सेकेंडरी सर्टिफिकेट के माध्यम से किसी भी वोकेशनल कोर्स में एडमिशन लिया जा सकता है।

सभी पाठ्यक्रम मान्यता प्राप्त हैं[संपादित करें]

लोगों को सामान्यत: यह शंका रहती है कि ओपन स्कूल से की जाने वाली पढाई की वैल्यू रेग्युलर पढाई की तरह नहीं होती है। यह धारणा बिल्कुल गलत है। लगभग 75 प्रतिशत विश्वविद्यालयों ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के सीनियर सेकेंडरी कोर्स को अपने यहां प्रवेश के लिए मान्यता दे रखी है।

राज्यों में ओपन स्कूल[संपादित करें]

एनआईओएस के रीजनल सेंटर हैदराबाद, पुणे, कोलकाता (भुवनेश्वर), गुवाहाटी, चंडीगढ, दिल्ली, इलाहाबाद (देहरादून), पटना, जयपुर, कोच्चि तथा भोपाल में स्थित हैं। इसके अलावा हरियाणा, मध्यप्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, वेस्ट बंगाल, कर्नाटक, केरल व जम्मू और कश्मीर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल के साथ मिलकर राज्य स्तरीय ओपन स्कूल स्थापित किए गए हैं। राजस्थान और आंध्रप्रदेश के अपने ओपन स्कूल हैं।

शिक्षा एवं शिक्षा सामग्री[संपादित करें]

संस्थान में मॉडर्न कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जाती है। छात्रों को सेल्फ लर्निंग मैटीरियल दिया जाता है, जिसमें सहायता के लिए हर सेंटर पर कॉन्टैक्ट क्लासेज होती हैं। यहां ऑडियो और विडियो प्रोग्राम्स के माध्यम से भी समय-समय पर छात्रों को सहायता दी जाती है।

आवेदन[संपादित करें]

एनआईओएस में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। एकेडमिक कोर्स (सेकेंडरी व सीनियर सेकेंडरी) में दाखिले की प्रक्रिया 1 जुलाई से 31 अगस्त तक चलती है। वोकेशनल एजुकेशन में एडमिशन की प्रक्रिया पूरे वर्ष चालू रहती है।

पता : ए 31, इंस्टीट्यूशनल एरिया, सेक्टर 62, गौतमबुद्ध नगर, उत्तरप्रदेश, फोन : 0120-2404914, 0120-2404915 ;

इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप यहाँ लॉग ऑन कर सकते हैं।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्‍वविद्यालय
  • मध्य प्रदेश राज्य ओपेन स्कूल, भोपाल
  • दूरस्थ शिक्षा
  • मुक्त अधिगम (ओपेन लर्निंग)
  • मुक्त विश्वविद्यालय
  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान का जालघर
  • एनआईओएस मुखपृष्ठ (पुराना)
  • आनलाइन पाठ्य सामग्री (हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में उपलब्ध)
  • एनआईओएस ने बदला 12वीं का सिलेबस (दैनिक भास्कर)
  • औपचारिक प्रणाली के विकल्प के रूप में है मुक्त शिक्षा प्रणाली (२०१३)

राज्यों के मुक्त विश्वविद्यालय[संपादित करें]

  • राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल, जयपुर
  • मध्य प्रदेश राज्य ओपेन स्कूल, भोपाल
  • छत्तीसगढ़ राज्य ओपेन स्कूल, रायपुर
  • बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एंव परीक्षा बोर्ड

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) पूर्वतः राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय (एनओएस) के रूप में जाना जाता था। 1979 में यह केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली के अंतर्गत ‘मुक्त विद्यालय’ नामक एक अग्रणी परियोजना के रूप में स्थापित हुआ। मुक्त विद्यालय नवंबर, 1989 में स्थापित राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय में समामेलित हो गया। भारत सरकार के राजपत्र में 14 सितंबर, 1990 के संकल्प के माध्यम से एनआईओएस को पूर्व-स्नातक स्तर तक के शिक्षार्थियों को पंजीकृत करने, शिक्षार्थियों की परीक्षा लेने और उत्तीर्ण शिक्षार्थियों को प्रमाणपत्र देने का अधिकार प्रदान किया गया। भारत सरकार द्वारा जुलाई 2002 में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय (रा.मु.वि.) के कार्यक्षेत्रों तथा गतिविधियों को बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के रूप में इसका पुनः नामकरण किया गया।

एनआईओएस सोसाइटी पंजीकरण अधिंनियम 1860 के अंतर्गत पंजीकृत एक स्वायत्त संस्था है। एनआईओएस मुख्यालय ए-24-25, इंस्टीट्यूशनल एरिया, सेक्टर-62, नोएडा (उ.प्र.) में स्थित है। एनआईओएस की नीतियाँ इसकी महासमिति द्वारा बनाई जाती हैं, जिसकी अध्यक्षता मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा की जाती है।

दृष्टि: "गुणवत्तापूर्ण विद्यालयी शिक्षा और कौशल विकास हेतु सुविधापूर्ण, सार्वभौमिक, चिरस्थायी और समावेशी शिक्षा" प्रदान करना।

लक्ष्य:

  • मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा पद्धति द्वारा पूर्व-स्नातक स्तर पर प्रासंगिक, सतत् और सर्वांगीण शिक्षा प्रदान करना।
  • स्कूली शिक्षा के सार्वभौमिकीकरण में योगदान देना।
  • समानता और सामाजिक न्याय के लिए प्राथमिकता प्राप्त लक्ष्य समूहों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना।
  • शिक्षा वंचितों तक पहुँचना।

उद्देश्य: एनआईओएस राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली में एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसकी अपनी अलग विशिष्टताएँ हैं। एनआईओएस के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं :

  • भारत सरकार को तथा राज्य सरकारों से प्राप्त निवेदनों के संबंध में अथवा अपनी ओर से स्कूली स्तर पर मुक्त और दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के उपयुक्त विकास के लिए व्यावसायिक परामर्श प्रदान करना।
  • पूर्व-स्नातक स्तर पर जीविका और जीवन पर्यन्त शिक्षा के लिए आवश्यकता आधारित शैक्षिक और व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम विकसित करना।
  • गुणवत्तापूर्ण मुक्त और दूरस्थ पाठ्यचर्याओं और शिक्षार्थियों के लिए पाठ्यक्रम सामग्री तैयार करने में उत्कृष्टता प्राप्त करना।
  • पूर्व-स्नातक स्तर तक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रभावशाली शिक्षार्थी सहायता प्रणाली विकसित करने के लिए संस्थाओं को प्रत्यायन देना।
  • अनुसंधन और विकास की गतिविधियों द्वारा मुक्त और दूरस्थ शिक्षा प्रणाली को सशक्त करना।
  • नेटवर्किंग, सक्षमता निर्माण, संसाधनों के आपसी सहयोग और गुणवत्ता निश्चित करके राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर मुक्त विद्यालयी शिक्षा का प्रसार करना।

एनआईओएस द्वारा चलाए जा रहे पाठ्यक्रमों/कार्यक्रमों में किसी भी जाति, संप्रदाय और स्थान के व्यक्ति नामांकन करा सकते हैं।

इसके वरीयता प्राप्त शिक्षार्थी समूह हैं:-

  • ग्रामीण और शहरी लोग
  • सुविधावंचित समूह
  • समाज के सुविधावंचित वर्ग
  • बेरोजगार और आंशिक रूप से रोजगार प्राप्त लोग
  • बीच में ही स्कूल छोड़ने वाले
  • विशेष आवश्यकताओं वाले शिक्षार्थी अर्थात् शारीरिक और मानसिक रूप से अक्षम व्यक्ति
  • अल्पसंख्यक समुदाय

कार्यक्रम और गतिविधियां: एनआईओएस प्रमुख रूप से छः प्रकार की गतिविध्यिाँ करता है। ये हैं:-

  • मुक्त बेसिक शिक्षा स्तर तक शैक्षिक शिक्षा प्रदान करना।
  • माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक स्तर पर शैक्षिक पाठ्यक्रम प्रदान करना।
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के प्रावधानों के अनुसार अप्रशिक्षित प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए अध्यापक शिक्षा (डी.एल.एड. कार्यक्रम)।
  • व्यावसायिक शिक्षा।
  • अनुसंधन और प्रशिक्षण।
  • शिक्षार्थी सहायता सेवाएँ।

एनआईओएस द्वारा जारी माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक प्रमाणपत्र भारतीय विश्वविद्यालय संघ, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), बहुत से विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों, बहुत से स्कूल शिक्षा बोर्डों, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (मा.सं.वि.मं.) तथा श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त है।

अधिक जानकारी के लिए, यहां क्लिक करें: https://www.nios.ac.in

व्यवस्थापक द्वारा अंतिम अपडेट किया गया बुधवार, मार्च 10, 2021 - 14:19

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय पहली बार कब और कहाँ खोला गया?

1979 में यह केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली के अंतर्गत 'मुक्त विद्यालय' नामक एक अग्रणी परियोजना के रूप में स्थापित हुआ। मुक्त विद्यालय नवंबर, 1989 में स्थापित राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय में समामेलित हो गया

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय की स्थापना कब हुई थी?

राष्‍ट्रीय मुक्‍त विद्यालयी शि‍क्षा संस्‍थान (एनआईओएस) की स्‍थापना मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नवंबर, 1989 में एक स्‍वायत्‍त संस्‍था के रूप में की गई।

मुक्त विद्यालय से आप क्या समझते हैं?

मुक्त विश्वविद्यालय या खुला विश्वविद्यालय (Open University) ऐसे विश्वविद्यालय होते हैं जो दूरस्थ शिक्षा के उद्देश्य से स्थापित किये जाते हैं। ऐसे विश्वविद्यालय भारत, यूके तथा अन्य देशों में कार्य कर रहे हैं

भारत का राष्ट्रीय विद्यालय कौन है?

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) पूर्वत: राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय (रा. मु. वि.) की स्थापना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 का अनुपालन करते हुए, शिक्षा मंत्रालय , भारत सरकार द्वारा नवंबर, 1989 में की गई ।