राष्ट्र राज्य की बदलती प्रकृति पर समकालीन विवाद क्या है? - raashtr raajy kee badalatee prakrti par samakaaleen vivaad kya hai?

विषयसूची

  • 1 राज्य की प्रकृति पर समकालीन बहस क्या है?
  • 2 आधुनिक राष्ट्र राज्य क्या है?
  • 3 ऑस्टिन के संप्रभुता संबंधी सिद्धांत को क्या कहा जाता है?
  • 4 राष्ट्र राज्य का क्या अर्थ है?
  • 5 धन का क्या तात्पर्य है?

राज्य की प्रकृति पर समकालीन बहस क्या है?

इसे सुनेंरोकेंराज्य का उदारवारी परिप्रेक्ष्य उदारवाद अवधारणा पर आधारित है, जो स्वतंत्रता, आधुनिकता, व प्रगती को दर्शाते है। आधुनिक समाज के विकास के साथ ही इसका विकास हुआ और यह एक निजी क्षेत्र को परिभाषित करता था जो राज्य से अलग था।

इसे सुनेंरोकेंराज्य मनष्यों की उस दयनीय स्थिति को बदलता है, जिसमें वे अपने हितों की रक्षा कर सके। यह समाज का निर्माण सम्प्रभुता के आधार पर करता है, ताकि कानूनों का पालन हो सके। मनुष्यों का निजी हित सबसे उपर रख कर कार्य करना, और बहस करना राज्य की महत्ता को स्थापित करता है।

आधुनिक राष्ट्र राज्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंआधुनिक राष्ट्र राज्य- 15वीं और 16वीं शताब्दी से यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय हुआ तब जमीदारों और धर्म अधिकारियों की शक्ति क्षीण हो चुकी थी और नए आर्थिक संबंधों के अलावा लोग राष्ट्रीय भाषा और संस्कृति की एकता तथा देश की प्राकृतिक सीमाओं इत्यादि के विचार से अस्थाई समूह के रूप में जुड़ गए थे।

राज्य सरकार एक दूसरे से कैसे भिन्न है?

इसे सुनेंरोकेंनिष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि राज्य के लिए जनसंख्या, निश्चित भू-भाग, सुसंगठित सरकार तथा सम्प्रभुता का होना अत्यावश्यक है। इनमें से एक भी तत्व के अभाव में उस संगठन को राज्य नहीं कहा जा सकता है।

संस्थावाद क्या है?

इसे सुनेंरोकेंऐतिहासिक संस्थावाद ( HI ) एक नया संस्थागत सामाजिक विज्ञान दृष्टिकोण है जो इस बात पर जोर देता है कि समय, क्रम और पथ निर्भरता संस्थानों को कैसे प्रभावित करती है , और सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक व्यवहार और परिवर्तन को आकार देती है ।

ऑस्टिन के संप्रभुता संबंधी सिद्धांत को क्या कहा जाता है?

इसे सुनेंरोकेंऑस्टिन के सम्प्रभुता सिद्धान्त की एक विशेषता यह है कि राज्य में सम्प्रभु वही होता है जिसकी आज्ञा का पालन समाज के अधिकांश लोग स्थायी अथवा स्वाभाविक रूप से करते हों। जो लोग कानूनों का पालन नहीं करते, उन्हें दण्ड मिलता है । तात्पर्य यह है कि समाज का अधिकांश भाग आदत के रूप में सम्प्रभु के आदेशों का पालन करे।

राष्ट्र राज्य का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंराष्ट्र-राज्य उस राज्य (स्टेट) को कहते हैं जो राज्य की राजनैतिक सत्ता (entity) को उसकी सांस्कृतिक सत्ता से मिला देती है। .

राष्ट्र राज्य से क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंराष्ट्र राज्य एक ऐसा राज्य है, जिसमें सांस्कृतिक सीमाएं राजनीतिक लोगों के साथ मेल खाली हो एक राष्ट्र एक सामान्य जातीयता के अर्थ मं,े एक प्रवासी या शरणार्थी शामिल हो सकते हैं, जो राष्ट्र राज्य के बाहर रहते हैं सामान्य अर्थों में राष्ट्र राज्य केवल एक बड़ा राजनीतिक रूप से सम्प्रभु देश या प्रशासनिक क्षेत्र है।

राज्य की उत्पत्ति के कितने सिद्धांत हैं?

इसे सुनेंरोकेंराज्य की उत्पत्ति का सम्पत्ति, परिवार तथा वर्ण सम्बन्धी सिद्धान्त इतिहास की भौतिकवादी व्याख्या के आधार पर राज्य की उत्पत्ति का विशलेषण करने वाले विचारक राज्य की उत्पत्ति के विकासवादी सिद्धान्त के समर्थक हैं। उनके अनुसार राज्य की उत्पत्ति के लिए सम्पत्ति परिवार तथा वर्ण उत्तरदायी कारक 6.

धन का क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंपैसा मूल्यवान वित्तीय संपत्ति या भौतिक संपत्ति की बहुतायत है जिसे एक ऐसे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है जिसे लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। धन की आधुनिक अवधारणा का अर्थशास्त्र के सभी क्षेत्रों में महत्व है, ख़ासकर कि आर्थिक वृद्धि और विकास अर्थशास्त्र में, फिर भी धन का अर्थ संदर्भ-निर्भर है।

राष्ट्रीय राज्य की बदलती प्रकृति पर समकालीन विवाद क्या है?

सामाजिक एवं सांस्कृतिक तत्व, सामाजिक, सांस्कृतिक दृष्टि से भारत के विभिन्न राज्यों में कुछ अगड़े हैं जबकि अन्य पिछड़े, उसके अतिरिक्त जाति के तत्व का भी विविध राज्यों में भिन्न-भिन्न प्रभाव रहा है।

राज्य की प्रकृति से आप क्या समझते हैं?

राज्य उस संगठित इकाई को कहते हैं जो एक शासन (सरकार) के अधीन हो। राज्य संप्रभुतासम्पन्न हो सकते हैं। इसके अलावा किसी शासकीय इकाई या उसके किसी प्रभाग को भी 'राज्य' कहते हैं, जैसे भारत के प्रदेशों को भी 'राज्य' कहते हैं

राज्य से आप क्या समझते हैं राज्य के आवश्यक तत्वों की विवेचना कीजिए?

डॉ. गार्नर के अनुसार, राज्य के चार आवश्यक तत्व हैं – ( 1 ) मनुष्यों का समुदाय, (2) एक प्रदेश, जिसमें वे स्थायी रूप से निवास करते हैं, (3) आन्तरिक सम्प्रभुता तथा बाहरी नियन्त्रण से स्वतन्त्रता, (4) जनता की इच्छा को कार्यरूप में परिणित करने हेतु एक राजनीतिक संगठन ।

राष्ट्र राज्य की परिभाषा क्या है?

जैसा कि आप जानते हैं, राज्य एक राजनीतिक समाज है जिसके चार घटक हैं- जनसंख्या, निर्धारित भूभाग, सरकार और संप्रभुता । आप जानते हैं कि राज्य कानून के माध्यम से स्वाभाविक रूप से दमनकारी शक्ति का प्रयोग करके सामाजिक आचार विचार को नियंत्रित रखता है। एक संकल्पना के रूप में समाज एक संगठन भी है और सामाजिक संबंधों की कड़ी भी।