रामायण शुरू करने से पहले क्या बोलना चाहिए? - raamaayan shuroo karane se pahale kya bolana chaahie?

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धर्म:एक मंत्र है रामायण का सार, इसका पाठ करने से मिलता है पूरी रामायण पढ़ने का पुण्य

रामायण शुरू करने से पहले क्या बोलना चाहिए? - raamaayan shuroo karane se pahale kya bolana chaahie?

  • रामायण पढ़ने से बढ़ता है आत्मविश्वास, दूर होती है नकारात्मकता

रामायण में श्रीराम और रावण के माध्यम से बताया गया कि हमें धर्म के अनुसार ही कर्म करना चाहिए। अधर्म करने वाले लोगों का पतन हो जाता है। उज्जैन के श्रीराम कथाकार और पं. मनीष शर्मा के अनुसार अगर कोई व्यक्ति रोज रामायण का पाठ करता है तो उसका आत्मविश्वास बढ़ता है और नकारात्मकता दूर होती है। रामायण काफी बड़ी है और इसका पाठ रोज कर पाना बहुत मुश्किल है। ऐसी स्थिति में कम समय होने पर एक श्लोक वाली रामायण का जाप किया जा सकता है।

रोज सुबह करना चाहिए इस मंत्र का जाप

एक श्लोकी रामायण का जाप रोज सुबह करना चाहिए। सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद घर के मंदिर में पूजा करें। इसके बाद भगवान के सामने आसन पर बैठकर बोलना चाहिए। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करें। ज्यादा समय न हो तो 11 या 21 बार भी मंत्र जाप कर सकते हैं। इस मंत्र के जाप से सभी पाप खत्म होते हैं और जीवन की परेशानियों से लड़ने शक्ति मिल सकती है।

ये है एक श्लोकी रामायण

आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।

वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।

बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।

पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।

ये है इस मंत्र का सरल अर्थ - श्रीराम वनवास गए, वहां स्वर्ण मृग का वध किया। वैदेही यानी सीताजी का रावण ने हरण कर लिया, रावण के हाथों जटायु मारा गया। श्रीराम और सुग्रीव की मित्रता हुई। बालि का वध किया। समुद्र पार किया। लंकापुरी का दहन किया। इसके बाद रावण और कुंभकर्ण का वध किया। ये रामायण की संक्षिप्त कहानी है।

रामायण पढ़ने से पहले क्या बोलते हैं?

इस मंत्र के जाप से सभी पाप खत्म होते हैं और जीवन की परेशानियों से लड़ने शक्ति मिल सकती है। आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्। वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।। बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।

रामायण की शुरुआत कैसे करें?

हनुमान जी का आह्वाहन करने के पश्चात श्री गणपति का आह्वाहन करते हुए रामचरितमानस का पाठ शुरू करें। नियमित रूप से आप जहां तक पाठ कर सकते हैं वहां तक रामचरित मानस का पाठ करें फिर विराम देते हुए रामायण जी की आरती करें

रामायण का मूल मंत्र क्या है?

धर्म विज्ञान शाेध संस्थान के संस्थापक डॉ जे जोशी ने अपने शाेध में चुने रामायण के 15 मंत्र। अवसादग्रस्त लोगों के लिए रामबाण इलाज है राम नाम।

घर पर रामायण का पाठ कैसे करें?

सर्वप्रथम एक चौरंग पर सुंदर वस्त्र बिछाकर भगवान की प्रतिमा स्थापित करें।.
एक छोटा लाल रंग का कपड़ा रुमाल के साइज का चौरंग पर बिछाए यह हनुमान जी के लिए है। ... .
गणेशजी की वंदना करें।" बंदाऊ गुरु पद कंज कृपा….
तत्पश्चात रामचरित मानस का पाठ प्रारंभ करें।.
जहां तक आप पाठ कर सकते हैं करें। ... .
विराम के बाद आरती करें श्री रामायण जी की ।.