नई दिल्ली। गणित एक ऐसा विषय है जिसे हल करने में कुछ लोगों को मजा आता है। लेकिन ज्यादातर लोग इससे दूर ही रहना चाहते हैं। क्योंकि मैथ्स में कई ऐसे हेडिंग सवाल होते हैं जो लोगों को डराते हैं। लेकिन कुछ सवाल ऐसे भी होते हैं जो बेहद रोमांचक होते हैं। भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन (Srinivasa Ramanujan) ने गणित की संख्याओं के साथ माथापच्ची करके एक ऐसी खोज की थी, जिससे पूरी दुनिया हैरान हो गई थी। Show सदियों तक था मिथ दरअसल, सदियों तक यह माना जाता रहा था कि ऐसी कोई भी संख्या नहीं है जिसे 1 से 10 तक के सभी अंको से विभाजित किया जा सके। लेकिन रामानुजन ने इन अंकों के साथ माथापच्ची करके इस मिथ को भी तोड़ दिया था। उन्होंने एक ऐसी संख्या खोजी थी जिसे 1 से 10 तक के सभी अंकों से विभाजित किया जा सकता है। यानी भाग दिया जा सकता है। यह संख्या है (2520) दुनियाभर के गणितज्ञ हैरान रह गए थे दुनियाभर के गणितज्ञ इस खोज को देखकर हैरान रह गए थे। इस अंक के अलावा अब तक ऐसी कोई दूसरी संख्या नहीं खोजी जा सकी है जिसे 1 से लेकर10 तक के सभी अंकों से भाग दिया जा सके। आइए जानते हैं क्या है इस नंबर के पीछे का राज। 2520 को शून्य छोड़कर 1 से 10 तक के सभी अंकों से विभाजित किया जा सकता है 2520 ÷ 1 = 2520 रामानुजन का नंबर थ्योरी अब सवाल उठता है कि इस संख्या में ऐसा क्या खास है जिसके कारण यह अनूठी है और इससे 1 से 10 तक के सारे अंक विभाजित हो जाते हैं। इसका जबाव है- समय। इसे ऐसे समझें कि एक हफ्ते में 7 दिन होते हैं, महीने में 30 दिन और एक साल में 12 महीने होते हैं। जब इन तीनों यानी कि 7, 30 और 12 (7×30×12=2520) का गुणा किया जाए तो यह संख्या 2520 आती है। गौरतलब है कि रामानुजन ने नंबर थ्योरी, इनफाइनाइट सीरीज जैसे कई क्षेत्रों में अपना अहम योगदान दिया है। रामानुजन संख्या कितनी होती है?संख्या 1729 को रामानुजन संख्या या हार्डी-रामानुजन संख्या कहा जाता है धनात्मक संख्याए है जिनके दो संख्याओं के घनों के यग्मो के योग के बराबर लिखा जा सकता है। इस प्रकार का गुण रखने वाली बहुत ही कम अन्य संख्याएँ हैं। रामानुजन् एक प्रकार से संख्याओं के जादूगर थे। संख्याओं के साथ उनका गहरा संबंध था।
ऐसी कौन सी संख्या है जो 1 से 10 तक सभी अंकों से विभाजित हो जाती है?खोजी अनूठी संख्या
महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन ने एक ऐसी संख्या खोजी जिसे 1 से 10 तक के सभी अंकों से विभाजित किया जा सकता है यानी कि भाग दिया जा सकता है. यह संख्या 2520 है.
श्रीनिवास रामानुजन ने किसकी खोज की थी?लैंडा-रामानुजन स्थिरांक, रामानुजन्-सोल्डनर स्थिरांक, रामानुजन् थीटा फलन, रॉजर्स-रामानुजन् तत्समक, रामानुजन अभाज्य, कृत्रिम थीटा फलन, रामानुजन योग जैसी प्रमेय का प्रतिपादन रामानुजन ने किया। इंग्लैंड जाने से पहले भी 1903 से 1914 के बीच रामानुजन ने गणित के 3,542 प्रमेय लिख चुके थे।
1729 को रामानुजन संख्या क्यों कहा जाता है?इस पर 'नहीं, यह बोरिंग नहीं बल्कि बहुत दिलचस्प नंबर है। यह सबसे छोटी संख्या है जिसको दो अलग-अलग तरीके से दो घनों के योग के रूप में लिखा जा सकता है। ' तब से 1729 को उनके सम्मान में हार्डी-रामानुजन नंबर कहा जाता है। चूंकि यह टैक्सीकैब का नंबर था इसलिए इस नंबर को टैक्सीकैब नंबर के नाम से भी जाना जाता है।
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