रोली का तिलक लगाने से क्या होता है - rolee ka tilak lagaane se kya hota hai

राशि के हिसाब से तिलक लगाने से राशि का स्वामी ग्रह प्रबल होता है और व्यक्ति को बहुत से लाभ मिलते हैंं. इससे व्यक्ति के शरीर में बहुत तेजी से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वो पूर्ण एकाग्रता के साथ किसी भी काम को करता है.

जब भी आप पूजा-पाठ के दौरान माथे पर तिलक लगाते होंगे तो आपको अंदर से एक सकारात्मक ऊर्जा का अहसास होता होगा. दरअसल धार्मिक दृष्टि से माथे के बीच का स्थान बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. मान्यता है कि इस जगह पर आज्ञाचक्र होता है, जिसे ऊर्जा का केंद्र माना जाता है. तिलक लगाने से ये चक्र उद्दीप्त होता है. जिसकी वजह से व्यक्ति का मन शांत और एकाग्र होता है. इसके अलावा मस्तक के बीच के स्थान को त्रिवेणी या संगम भी कहा जाता है क्योंकि यही स्थान शरीर की तीन नाड़ियों के मिलन का भी केंद्र होता है.

माथे पर तिलक लगाने से व्यक्ति में तेज की वृद्धि होती है और वो स्वयं को ऊर्जावान महसूस करता है. धार्मिक रूप से हम सब रोली, हल्दी, चंदन, भस्म, कुमकुम आदि का तिलक लगाते हैं. लेकिन ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तिलक अपनी राशि के अनुसार लगाया जाए तो ये कहीं ज्यादा प्रभावी होता है. इसे लगाने से राशि का स्वामी ग्रह प्रबल होता है और व्यक्ति को बहुत से लाभ मिलते हैंं. इससे व्यक्ति के शरीर में बहुत तेजी से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वो पूर्ण एकाग्रता के साथ किसी भी काम को करता है. इससे उसकी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की के योग का निर्माण होता है. यहां जानिए राशि के हिसाब से कौन सा तिलक लगाना चाहिए.

मेष : इस राशि वालों को हमेशा लाल कुमकुम या रोली का तिलक लगाना चाहिए क्योंकि मेष का स्वामी मंगल होता है. मंगल का रंग लाल माना गया है.

वृष : ये शुक्र के स्वामित्व वाली राशि है. ऐसे लोगों को मस्तक पर सफेद चंदन लगाना चाहिए. अगर सफेद चंदन न हो तो दही से मस्तक पर तिलक लगा सकते हैं.

मिथुन : मिथुन राशि वालों के लिए अष्टगंध का तिलक लगाना बहुत शुभ माना गया है. अष्टगंध आठ गंधद्रव्यों का संग्रह होता है. ये दो तरह का होता है शैव और वैष्णव. गृहस्थ लोगों को शैव अष्टगंध का प्रयोग करना चाहिए.

कर्क : इस राशि का स्वामी चंद्रमा है. चंद्रमा का रंग सफेद होता है. ऐसे लोगों को सफेद रंग का चंदन मस्तक पर लगाना चाहिए.

सिंह : सिंह राशि वालों का स्वामी सूर्य है. ऐसे लोगां को लाल रंग के कुमकुम या रोली का तिलक लगाना चाहिए.

कन्या : इस राशि का स्वामी भी बुध है. ऐसे लोगों को भी अष्टगंध का तिलक लगाने से काफी लाभ होता है.

तुला : शुक्र ग्रह तुला राशि का स्वामी होता है. इस राशि के जातक भी सफेद चंदन या दही का तिलक लगाएं.

वृश्चिक : मंगल ग्रह के स्वामित्व वाली इस राशि के जातकों को लाल रंग का तिलक मस्तक पर लगाना चाहिए.

धनु : धनु राशि के स्वामी गुरू बृहस्पति हैं. ऐसे लोगों को पीला चंदन या हल्दी को मस्तक पर लगाना चाहिए.

मकर : मकर राशि के स्वामी शनिदेव हैं. इन लोगों को काली भस्म या काला काजल मस्तक पर लगाना चाहिए.

कुंभ : इस राशि के लोगों को भी काली भस्म या काजल ही माथे पर लगाना चाहिए क्योंकि कुंभ राशि के स्वामी भी शनिदेव हैं.

मीन : ये राशि बृहस्पति के स्वामित्व वाली राशि है. ऐसे लोगों को पीला चंदन, केसर या हल्दी का तिलक लगाना चाहिए.

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इस क्रम में आज हम आपको ज्योतिष के अनुसार सुझाया गया तिलक और उसके पीछे की मान्यता बता रहे हैं। तिलक कई प्रकार के होते हैं।

हिन्दू धर्म में कुछ ऐसी परंपराएं हैं जिनका महत्व तो बहुत है, लेकिन समय के साथ-साथ वह धूमिल पड़ती जा रही है। प्राचीन काल में जब भी राजा महाराजा शुभ कार्यों के लिए जाते थे तो माथे पर तिलक लगवाकर जाते थे। कोई राजा महाराजा युद्ध के लिए भी जाते थे, तो विजय के लिए अपने ईष्ट को याद करते थे और माथे पर तिलक लगाकर जाते थे। यूं तो माथे पर तिलक लगाने के लिए अलावा हिन्दू परंपराओं में गले, हृदय, दोनों बाजू, नाभि, पीठ, दोनों बगल आदि मिलाकर शरीर के कुल 12 स्थानों पर तिलक लगाने का विधान है। वैसे शास्त्रों में विस्तार से मस्तिष्क पर तिलक लगाने के महत्व के बारे में बताया गया है। हालांकि, अब तो इस विधान को वैज्ञानिक भी मानने लगे हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि मस्तक पर तिलक लगाने से शांति और ऊर्जा मिलती है। भारत में कई तरह के तिलक प्रचलित हैं। चंदन, गोपीचंदन, सिंदूर, रोली, भस्म इत्यादि। ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि किस दिन कौन-सा तिलक लगाकर घर से शुभ कार्यों के लिए निकले। जिससे हर कार्यों में सफलता मिले और मस्तिष्क को शांति और बल मिले?

इस क्रम में आज हम आपको ज्योतिष के अनुसार सुझाया गया तिलक और उसके पीछे की मान्यता बता रहे हैं। तिलक कई प्रकार के होते हैं। मृतिका, भस्म, चंदन, रोली, सिंदूर, गोपी आदि। सनातन धर्म में शैव, शाक्त, वैष्णव व अन्य मतों के अलग-2 तिलक होते हैं। चंदन का तिलक लगाने से पापों का नाश होता है। व्यक्ति संकटों से बचता है। उस पर लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। ज्ञान तंतु संयमित व सक्रिय रहते हैं।

चंदन के प्रकार: हरि चंदन, गोपी चंदन, सफेद चंदन, लाल चंदन, गोमती और गोकुल चंदन।

दिन के अनुसार धारण करें :

1 सोमवार : सोमवार का दिन भगवान शंकर का दिन होता है तथा इस वार का स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं। चंद्रमा मन का कारक ग्रह माना गया है। मन को काबू में रखकर मस्तिष्क को शीतल और शांत बनाए रखने के लिए आप सफेद चंदन का तिलक लगाएं। इस दिन विभूति या भस्म भी लगा सकते हैं।

2 मंगलवार : मंगलवार को हनुमानजी का दिन माना गया है। इस दिन का स्वामी ग्रह मंगल है। मंगल लाल रंग का प्रतिनिधित्व करता है। इस दिन लाल चंदन या चमेली के तेल में घुला हुआ सिंदूर का तिलक लगाने से ऊर्जा और कार्यक्षमता में विकास होता है। इससे मन की उदासी और निराशा हट जाती है और दिन शुभ बनता है।

3 बुधवार : बुधवार को जहां मां दुर्गा का दिन माना गया है वहीं यह भगवान गणेश का दिन भी है। इस दिन का ग्रह स्वामी है बुध ग्रह।
इस दिन सूखे सिंदूर (जिसमें कोई तेल न मिला हो) का तिलक लगाना चाहिए। इस तिलक से बौद्धिक क्षमता तेज होती है और दिन शुभ रहता है।

4 गुरुवार : गुरुवार को बृहस्पतिवार भी कहा जाता है। बृहस्पति ऋषि देवताओं के गुरु हैं। इस दिन के खास देवता हैं ब्रह्मा। इस दिन का स्वामी ग्रह है बृहस्पति ग्रह। गुरु को पीला या सफेद मिश्रित पीला रंग प्रिय है। इस दिन सफेद चन्दन की लकड़ी को पत्थर पर घिसकर उसमें केसर मिलाकर लेप को माथे पर लगाना चाहिए या टीका लगाना चाहिए। हल्दी या गोरोचन का तिलक भी लगा सकते हैं। इससे मन में पवित्र और सकारात्मक विचार तथा अच्छे भावों का उद्भव होगा जिससे दिन भी शुभ रहेगा और आर्थिक परेशानी का हल भी निकलेगा।

5 शुक्रवार : शुक्रवार का दिन भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मीजी का रहता है। इस दिन का ग्रह स्वामी शुक्र ग्रह है। हालांकि इस ग्रह को दैत्यराज भी कहा जाता है। दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य थे। इस दिन लाल चंदन लगाने से जहां तनाव दूर रहता है वहीं इससे भौतिक सुख सुविधाओं में भी वृद्धि होती है। इस दिन सिंदूर भी लगा सकते हैं।

6 शनिवार : शनिवार को भैरव, शनि और यमराज का दिन माना जाता है। इस दिन के ग्रह स्वामी है शनि ग्रह। शनिवार के दिन विभूत, भस्म या लाल चंदन लगाना चाहिए जिससे भैरव महाराज प्रसन्न रहते हैं और किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होने देते। दिन शुभ रहता है।

7 रविवार : रविवार का दिन भगवान विष्णु और सूर्य का दिन रहता है। इस दिन के ग्रह स्वामी है सूर्य ग्रह जो ग्रहों के राजा हैं। इस दिन लाल चंदन या हरि चंदन लगाएं। भगवान विष्णु की कृपा रहने से जहां मान-सम्मान बढ़ता है वहीं निर्भयता आती है।

रोज कौन सा तिलक लगाना चाहिए?

किसी दिन चंदन का तिलक लगाया जाता है तो किसी दिन रोली का. तो आइए जानते हैं कि सप्‍ताह के सातों दिन माथे पर तिलक लगाने के क्‍या नियम हैं. सोमवार को शिव जी (Shiv Ji) का दिन माना जाता है. इस दिन के स्‍वामी ग्रह चंद्रमा हैं इसलिए इस दिन सफेद चंदन, विभूति या फिर भस्म का तिलक लगाना चाहिए.

सिंदूर का तिलक करने से क्या होता है?

पूजा प्रारंभ होने पर देवी दवताओं को सिंदूर या रोली का तिलक लगाते हैं. इसके बाद भक्तों को तिलक लगाने का विधान है. धार्मिक मान्यता है कि तिलक लगाने से यश वृद्धि, संतान सुख में वृद्धि, ज्ञान वृद्धि और मनोबल में वृद्धि होती है. सिंदूर का तिलक लगवाने से मां सरस्वती और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.

माथे पर कौन सा तिलक लगाएं?

माथे पर चंदन, कुमकुम, केसर आदि का तिलक लगाया जाता है। कई लोग हमेशा माथे पर तिलक लगाएं रखते हैं। हिंदू धर्म में हर दिन हर देवी देवताओं को समर्पित है और तिलक लगाने का तरीका भी हर दिन अलग-अलग है।

नाभि पर हल्दी का तिलक लगाने से क्या फायदा होता है?

पूजा के बाद माथे और नाभि पर हल्दी का तिलक लगाने से विवाह संबंधी कार्यों में सफलता मिलती है. 4. नहाते के बाद नाभि पर हल्दी का तिलक करने से शारीरिक और मानसिक शुद्धता आती है. करियर में सफलता के लिए भी यह प्रयोग अचूक माना जाता है.

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