राज्यसभा में बीजेपी के कितने सदस्य हैं - raajyasabha mein beejepee ke kitane sadasy hain

Rajya Sabha Election 2022: राज्यसभा चुनाव के नतीजों के बाद संसद के उच्च सदन में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्यों की संख्या मौजूदा 95 से घटकर 92 रह गई है। वहीं, कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 29 से थोड़ा बढ़कर 31 हो गई है। राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में शुक्रवार को चार राज्यों में कांटे की टक्कर देखी गई। इन राज्‍यों में राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक और महाराष्ट्र शाम‍िल थे।इनमें बीजेपी ने 57 सीट में से 22 पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस के खाते में नौ सीट गई। सेवानिवृत्त हो रहे 57 सदस्यों में से बीजेपी के 25 सदस्य और कांग्रेस के सात सदस्य हैं। ये सभी सदस्य अगले महीने सेवानिवृत्त हो जाएंगे और उनकी जगह नए सदस्य आएंगे। बीजेपी की मंशा तो पांच सदस्‍य बढ़ाकर फ‍िर से शतक लगाने की थी। लेकिन, वह तीन और घट गई। इस साल अप्रैल में बीजेपी ने अपने इतिहास में पहली बार राज्‍यसभा में 100 का आंकड़ा छुआ था। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने नए और युवा चेहरों पर भरोसा जताया, जिनमें से कुछ को पहली बार दलों ने मनोनीत किया है। ऊपरी सदन में युवा चेहरों को नामित करने वाली कांग्रेस अब अधिक ताकत के साथ आगामी दिनों में सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने का प्रयास करेगी।

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बीजेपी के संख्या बल में चार मनोनीत सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने सत्तारूढ़ दल के साथ रहने का विकल्प चुना है। पार्टी को सात और मनोनीत सदस्यों का समर्थन प्राप्त होगा। ये सात सीट फिलहाल खाली हैं। बीजेपी को निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा का भी समर्थन प्राप्त होगा, जिनका पार्टी ने हरियाणा में राज्यसभा चुनाव के दौरान समर्थन किया। भाजपा ने निर्दलीय सुभाष चंद्रा का भी समर्थन किया था, जो इस बार राजस्थान से हार गए। चंद्रा का मौजूदा कार्यकाल एक अगस्त को खत्म हो रहा है।

अन्य क्षेत्रीय दलों में, आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर-कांग्रेस की ताकत मौजूदा छह से नौ सीट की हो गई है, जबकि दिल्ली और पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के 10 सदस्य उच्च सदन में होंगे।

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), बीजू जनता दल (बीजद), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), जनता दल-यूनाइटेड (जदयू), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना जैसे क्षेत्रीय दलों की ताकत पहले की तरह है। इन दलों के उतने ही उम्मीदवार जीते हैं जितने उनके सेवानिवृत्त हुए हैं।

राज्यसभा में द्रमुक के 10, बीजद के नौ, टीआरएस के सात, जद(यू) के पांच, राकांपा के चार और शिवसेना के तीन सदस्य हैं। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों की संख्या क्रमश: 13 और पांच है।

राज्यसभा में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के वर्तमान में पांच सदस्य हैं, लेकिन आगे चार सदस्य होंगे क्योंकि पार्टी के दो उम्मीदवार जीते हैं जबकि तीन सदस्य सेवानिवृत्त हुए हैं। समाजवादी पार्टी की ताकत राज्यसभा में मौजूदा पांच से घटकर तीन हो गई है, क्योंकि उसने अपनी सीट निर्दलीय कपिल सिब्बल और राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी को दी है।

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राष्ट्रीय जनता दल का अब एक और सदस्य होगा, जिससे उसके सदस्यों की मौजूदा संख्या पांच से बढ़कर छह हो जाएगी। बहुजन समाज पार्टी का अब ऊपरी सदन में अब केवल एक सदस्य होगा। बसपा के अभी तीन सदस्य हैं।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के सदस्यों की संख्या दो हो जाएगी। वर्तमान में दो सदस्यों वाले शिरोमणि अकाली दल का अब राज्यसभा में कोई प्रतिनिधि नहीं होगा क्योंकि उसके सभी सदस्य सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल तथा पी चिदंबरम, जयराम रमेश (दोनों कांग्रेस), कपिल सिब्बल (निर्दलीय), मीसा भारती (राजद), प्रफुल्ल पटेल (राकांपा) और संजय राउत (शिवसेना) चुने जाने के बाद फिर से राज्यसभा लौटने वाले कुछ प्रमुख नाम हैं।

इसके अलावा कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला और इमरान प्रतापगढ़ी भी राज्यसभा में होंगे, जबकि पार्टी के नेता मुकुल वासनिक, राजीव शुक्ला, रंजीत रंजन और प्रमोद तिवारी पहले भी सांसद रह चुके हैं।

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Rajya Sabha Election 2022: अप्रैल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) खुशी से फूली नहीं समा रही थी। कारण भी था। राज्‍यसभा (Rajya Sabha) में पहली बार उसके सदस्‍यों की संख्‍या 100 के पार जो पहुंची थी। हालांकि, शुक्रवार को संपन्‍न हुए द्विवार्षिक चुनावों के बाद राज्‍यसभा में तस्‍वीर बदल गई है। भगवा पार्टी के सदस्‍यों की संख्‍या 95 से घटकर 91 रह गई है। राज्यसभा की 57 सीटों के लिए ताजा चुनाव में उसे चार सीटों का नुकसान हुआ। यह और बात है कि अभी भी ऊपरी सदन में बीजेपी का दबदबा (BJP dominance in Upper House) कायम है। राज्‍यसभा में कुल 232 सीटें हैं। 2018 की शुरुआत में बीजेपी की इनमें से कुल 68 सीटें थीं। ताजा चुनाव के पहले तक उसने ये सीटें बढ़ाकर 95 तक कर ली थीं। इसी साल अप्रैल में वह उच्च सदन में 100 के आंकड़े पर पहुंच गई थी। इस मनोवैज्ञानिक आंकड़े को दोबारा हासिल करने के लिए फिलहाल बीजेपी को कुछ इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि, वह कुछ गुणा-गणित के साथ इस आंकड़े को हासिल भी कर सकती है। कैसे बदल गई है तस्‍वीर?
राज्यसभा की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, रिटायर हो रहे 57 सदस्यों को मिलाकर अभी ऊपरी सदन के कुल 232 सदस्यों में बीजेपी के 95 मेंबर हैं। रिटायर हो रहे मेंबर्स में बीजेपी के 26 सदस्य शामिल हैं। वहीं, इस द्विवार्षिक चुनाव में उसके 22 सदस्यों ने जीत दर्ज की है। इस तरह उसे चार सीटों का नुकसान हुआ है। निर्वाचित सदस्यों के शपथ लेने पर बीजेपी के सदस्यों की संख्या 95 से घटकर 91 रह जाएगी। यानी फिर से 100 के आंकड़े तक पहुंचने के लिए बीजेपी को अभी और इंतजार करना पड़ेगा।

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जुगाड़ से 100 का आंकड़ा संभव
हालांकि, बीजेपी के पास अब भी एक जुगाड़ है। यह उसे 100 के आंकड़े तक पहुंचा सकता है। दरअसल, अभी भी राज्यसभा में सात मनोनीत सदस्यों सहित कुल 13 रिक्तियां हैं। मनोनीत सदस्यों की नियुक्ति और खाली सीटों को भरे के जाने के बाद बीजेपी के सदस्यों की संख्या 100 के करीब पहुंच सकती है। कारण है कि कुछ अपवादों को छोड़ दें तो आमतौर पर मनोनीत सदस्य अपने मनोनयन के छह माह के भीतर खुद को किसी दल से जोड़ लेते हैं। ट्रेंड रहा है कि यह दल सामान्‍य तौर पर सत्‍ताधारी पार्टी होती है।

100 के आंकड़े तक कैसे पहुंची थी बीजेपी?
अप्रैल में असम, त्रिपुरा और नगालैंड सीटों के लिए राज्‍यसभा चुनाव हुए थे। बीजेपी ने इन राज्‍यों में एक-एक सीट पर जीत हासिल की थी। इसके बाद बीजेपी अपने इतिहास में पहली बार राज्‍यसभा में 100 के आंकड़े पर पहुंची थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के कई नेताओं ने इसे बीजेपी की बड़ी उपलब्धि करार दिया था।

57 सीटों का गणित भी समझ लें
राज्यसभा की 57 सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनावों की घोषणा के बाद 41 उम्मीदवारों को पिछले शुक्रवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था। इनमें उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पंजाब, तेलंगाना, झारखंड और उत्तराखंड के उम्‍मीदवार शामिल थे। इन 41 उम्‍मीदवारों में बीजेपी के 14 कैंडिडेट निर्विरोध चुने गए थे। बीजेपी को यूपी में तीन सीटों का फायदा हुआ। वहां से उसके पांच सदस्य रिटायर हुए थे वहीं, उसके आठ सदस्य निर्वाचित हुए हैं। बिहार और मध्य प्रदेश में बीजेपी को दो-दो सीटें और उत्तराखंड और झारखंड में एक-एक सीटें मिलीं।

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हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक की 16 सीट के लिए शुक्रवार को चुनाव हुए। इनमें से बीजेपी महाराष्ट्र और कर्नाटक में तीन-तीन सीटें और हरियाणा और राजस्थान में एक-एक सीट जीतने में सफल रही। पार्टी के दो उम्मीदवार और उसके समर्थन वाले एक निर्दलीय उम्मीदवार ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा में जीत हासिल की। उनके जीतने की संभावनाएं बेहद कम थीं। इस तरह इन चार राज्यों में बीजेपी को कुल आठ सीटें मिलीं। ऐसे में कुल 57 सीटों में से 22 सीटों पर उसके उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई।

हरियाणा में निर्दलीय चुनाव जीतने वाले कार्तिकेय शर्मा को बीजेपी और उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी ने समर्थन दिया था। राजस्थान में बीजेपी ने निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा का समर्थन किया था, लेकिन वह चुनाव हार गए।

कांग्रेस को मिली खुश होने की वजह
इन चुनावों में कांग्रेस को एक सीट का लाभ हुआ। उसने 57 में से कुल 10 सीटों पर जीत हासिल की। पार्टी को राजस्थान में 3 और छत्तीसगढ़ में एक सीट मिली, जबकि उत्तराखंड, पंजाब और कर्नाटक में उसे एक-एक सीट का नुकसान हुआ। हरियाणा में उसके उम्मीदवार अजय माकन जीतने में नाकाम रहे। एक सीट का मामूली फायदा कांग्रेस का कुछ मनोबल बढ़ा सकती है। वह हाल में सिलसिलेवार तरीके कई राज्‍यों में बीजेपी और क्षेत्रीय दलों से चुनाव हारी है। हालांकि, हरियाणा, कर्नाटक और महाराष्ट्र में हुए नुकसान से उसे चिंता होगी। दूसरा बड़ा फायदा आम आदमी पार्टी को हुआ है। पंजाब चुनाव में अपनी जीत को उसने भुनाया है। अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने पंजाब की दोनों राज्यसभा सीटों पर जीत हासिल की। इससे राज्‍यसभा में आप के सदस्‍यों की संख्‍या बढ़कर 10 तक हो गई है।

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राज्यसभा में सदस्यों की संख्या कितनी है?

राज्य सभा भारतीय लोकतंत्र की ऊपरी प्रतिनिधि सभा है। लोकसभा निचली प्रतिनिधि सभा है। राज्यसभा में २४५ सदस्य होते हैं। जिनमे १२ सदस्य भारत के राष्ट्रपति के द्वारा नामांकित होते हैं।

राज्य सभा का पदेन सभापति कौन होता है?

भारत का उपराष्‍ट्रपति राज्‍य सभा का पदेन सभापति है। यह सदन अपने सदस्‍यों में से एक उप सभापति का चुनाव भी करता है। इसके अतिरिक्‍त, राज्‍य सभा में उप-सभापतियों का एक पैनल होता है। वरिष्‍ठतम मंत्री, जो राज्‍य सभा का सदस्‍य होता है, को प्रधानमंत्री द्वारा सदन के नेता के रूप में नियुक्‍त किया जाता है।

मध्य प्रदेश में राज्यसभा सीटों की संख्या कितनी है?

मध्य प्रदेश राज्य से वर्तमान और पिछले राज्यसभा सदस्यों की सूची। अप्रैल 2002 के द्विवार्षिक चुनाव के बाद से मध्य प्रदेश के राज्य विधायकों द्वारा छह साल के कार्यकाल के लिए 11 सदस्यों का चुनाव किया गया।

राज्य सभा का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम उम्र क्या है?

30 वर्ष से कम आयु का नहीं होना चाहिए।.
अधिकतम सदस्यों की संख्या 250 है।.
वर्तमान सदस्यों की संख्या 245 है। ( अगस्त 2020).
250 सदस्यों में से 238 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि हैं जबकि 12 नामित हैं।.
नामांकित सदस्यों को विज्ञान, कला, साहित्य और सामाजिक सेवा के बारे में विशेष ज्ञान है।.