राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा मेला कौन सा है? - raajasthaan ka doosara sabase bada mela kaun sa hai?

  • राजस्थान के मुख्य मेले
    • राजस्थान के प्रमुख मेले
      • 1. बेणेश्वर धाम मेला (डूंगरपुर):-
      • 2.घोटिया अम्बा मेला (बांसवाडा):-
      • 3.भूरिया बाबा/ गोतमेश्वर मेला (अरणोद-प्रतापगढ़):-
      • 4.चैथ माता का मेला (चैथ का बरवाडा – सवाई माधोपुर):-
      • 5.गौर का मेला (सिरोही):-
      • 6.सीताबाड़ी का मेला (केलवाड़ा – बांरा):-
      • 7.पुष्कर मेला (पुष्कर अजमेर):-
      • 8.कपिल मुनि का मेला (कोलायत-बीकानेर):-
      • 9.साहवा का मेला (चूरू):-
      • 10.चन्द्रभागा मेला (झालरापाटन -झालावाड़):-
      • 11.भर्तहरी का मेला (अलवर):-
      • 12.रामदेव मेला (रामदेवरा-जैसलमेर):-
      • 13.बीजासणी माता का मेला (लालसोट-दौसा):-
      • 14.कजली तीज का मेला (बूंदी):-
      • 15.मंचकुण्ड तीर्थ मेला (धौलपुर):-
      • 16.वीरपुरी का मेला (मण्डौर – जौधपुर):-
      • 17.लोटियों का मेला (मण्डौर -जोधपुर):-
      • 18.डोल मेला (बांरा):-
      • 19.फूल डोल मेला (शाहपुरा- भीलवाडा):-
      • 20.अन्नकूट मेला (नाथ द्वारा- राजसंमंद):-
      • 21.भोजनथाली परिक्रमा मेला (कामा-भरतपुर):-
      • 22.श्री महावीर जी का मेला (चान्दनपुर-करौली):-
      • 23.ऋषभदेव जी का मेला (धूलेव-उदयपुर):-
      • 24.चन्द्रप्रभू का मेला (तिजारा – अलवर):-
      • 25.बाड़ा पद्य्पुरा का मेला (जयपुर):-
      • 26.रंगीन फव्वारों का मेला (डींग-भरतपुर):-
      • 27.डाडा पम्पा राम का मेला (विजयनगर-श्रीगंगानगर):-
      • 28.बुढ़ाजोहड़ का मेला (डाबला-रायसिंह नगर-श्री गंगानगर):-
      • 29.वृक्ष मेला (खेजड़ली- जोधपुर):-
      • 30.डिग्गी कल्याण जी का मेला (टोंक):-
      • 31.गलता तीर्थ का मेला (जयपुर):-
      • 32.माता कुण्डालिनी का मेला (चित्तौडगढ):-
      • 33.गणगौर मेला (जयपुर):-
      • 34.राणी सती का मेला (झुनझुनू):-
      • 35.त्रिनेत्र गणेश मेला (रणथम्भौर -सवाई माधोपुर):-
      • 36.चुन्धी तीर्थ का मेला (जैसलमेर):-
      • 37.मानगढ़ धान का मेला (बांसवाडा):-
      • 38.खेतला जी का मेला (पाली):-

राजस्थान के मुख्य मेले

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राजस्थान के प्रमुख मेले

राजस्थान राज्य भर में कई तरह के मेलों का आयोजन होता है इनमें पशु मेले, मंडी मेले, आध्यात्मिक मेले इत्यादि है इनमें से प्रमुख मेले निम्न लिखित है

1. बेणेश्वर धाम मेला (डूंगरपुर):-

यह मेला सोम, माही व जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम पर इस मेले का आयोजन किया जाता है। यह मेला माघ मास की पूर्णिमा को आयोजित किया जाता हैं। इस मेले को मुख्य रूप से बागड़ का पुष्कर व आदिवासियों का मेला भी कहलाता है। संत माव जी महाराज को  बेणेश्वर धाम स्थल पर सिद्ध ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

2.घोटिया अम्बा मेला (बांसवाडा):-

यह मेला चैत्र महीने की अमावस्या को आयोजित किया जाता है। इस मेले को “भीलों का कुम्भ” भी कहा जाता है।

3.भूरिया बाबा/ गोतमेश्वर मेला (अरणोद-प्रतापगढ़):-

यह मेला वैशाख माह की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं। इस मेले को “मीणा जनजाति का महा कुम्भ” भी कहा जाता है।

4.चैथ माता का मेला (चैथ का बरवाडा – सवाई माधोपुर):-

यह मेला माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चौथ को आयोजित किया जाता है। इस मेले को “कंजर जनजाति का कुम्भ” भी कहा जाता है।

5.गौर का मेला (सिरोही):-

यह मेला वैशाख महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस मेले को ‘ गरासिया जनजाति का महाकुम्भ’ भी कहा जाता है।

6.सीताबाड़ी का मेला (केलवाड़ा – बांरा):-

यह मेला ज्येष्ठ मास अमावस्या को आयोजित होता है। इस मेले को “सहरिया जाति का कुम्भ” भी कहा जाता है। हाडौती प्रदेश का सबसे बड़ा मेला यही मेला है।

7.पुष्कर मेला (पुष्कर अजमेर):-

यह मेला कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह मेला मारवाड़ का सबसे विशाल मेला है। इस मेले के साथ साथ एक प्रसिद्ध व विशाल पशु मेले का भी आयोजन किया जाता है जिसे गिर नस्ल के पशुओं का व्यापार होता है। इस मेले को “तीर्थो का मामा” भी कहा जाता है।

8.कपिल मुनि का मेला (कोलायत-बीकानेर):-

यह मेला कार्तिक महीने की पूर्णिमा को आयोजित किया जाता है। मुख्य आकर्षण का केंद्र “कोलायत झील पर दीपदान दृश्य” होता है। कपिल मुनि सांख्य दर्शन के प्रणेता थे व महान संत व स्माजसुधरक थे। यह मेला जांगल प्रेदश का सबसे बड़ा मेला भी कहलाता है।

9.साहवा का मेला (चूरू):-

यह मेला कार्तिक मास की पूर्णिमा को आयोजित किया जाता है। यह मेला राजस्थान में सिंख धर्म का सबसे बड़ा मेला है।

10.चन्द्रभागा मेला (झालरापाटन -झालावाड़):-

यह मेला कार्तिक महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस मेले में चन्द्रभागा नदी के तट पर पर बने मंदिर में भगवान शिव की आराधना की जाती हैं। इस मेले के साथ-साथ पशु मेला लगता है, जिसमें मुख्यतः मालवी नस्ल के पशुओं का व्यवसाय होता है।

11.भर्तहरी का मेला (अलवर):-

यह मेला भाद्रपद महीने की शुक्ल अष्टमी को आयोजित किया जाता हैं। इस मेले को नाथ सम्प्रदाय के साधु भर्त्हरि की तपोभूमि पर आयोजित किया जाता हैं। भूर्त्हरि  की तपोभूमि के कनफटे नाथों की तीर्थ स्थली कहा जाता है। यह मत्स्य क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला भी कहलाता है।

12.रामदेव मेला (रामदेवरा-जैसलमेर):-

इस मेले को रामदेवरा (रूणिचा) (पोकरण) में आयोजित किया जाता है। इस मेले में आकर्षण का मुख्य केन्द्र तेरहताली नृत्य (लोक नृत्य) है जो कामड़ सम्प्रदाय की महिलाओं द्वारा बाबा रामदेव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।

13.बीजासणी माता का मेला (लालसोट-दौसा):-

यह मेला चैत्र महीने की पूर्णिमा को आयोजित किया जाता है।

14.कजली तीज का मेला (बूंदी):-

यह मेला भाद्र पद मास कृष्ण पक्ष तृतीया को आयोजित किया जाता है।

15.मंचकुण्ड तीर्थ मेला (धौलपुर):-

यह मेला अश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी को आयोजित होता है। इस मेले को तीर्थो का भान्जा भी कहा जाता है।

16.वीरपुरी का मेला (मण्डौर – जौधपुर):-

यह मेला श्रावण महीने की कृष्ण पक्ष की पंचमी को आयोजित होता है। श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी भी कहा जाता है।

17.लोटियों का मेला (मण्डौर -जोधपुर):-

यह मेला श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को आयोजित किया जाता है।

18.डोल मेला (बांरा):-

यह मेला भाद्र पद मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को आयोजित होता है। इस मेले को श्रीजी महाराज का मेला भी कहा जाता हैं ।

19.फूल डोल मेला (शाहपुरा- भीलवाडा):-

यह मेला चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकम् से चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तक आयोजित होता है।

20.अन्नकूट मेला (नाथ द्वारा- राजसंमंद):-

यह मेला कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकम को आयोजित होता है। अन्नकूट मेला गोवर्धन मेले के नाम से भी प्रसिद्ध है।

21.भोजनथाली परिक्रमा मेला (कामा-भरतपुर):-

यह मेला भाद्र पद की शुक्ल पक्ष की दूज को आयोजित किया जाता है।

22.श्री महावीर जी का मेला (चान्दनपुर-करौली):-

यह मेला चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी से वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की दूज तक आयोजित किया जाता है। यह जैन संप्रदाय का सबसे बड़ा व विशाल मेला है। इस मेले के दौरान जिनेन्द्ररथ शोभायात्रा आकर्षण का प्रमुख केन्द्र होती है।

23.ऋषभदेव जी का मेला (धूलेव-उदयपुर):-

यह मेला चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी (शीतलाष्टमी) को आयोजित होता है। ऋषभ देवजी को केसरिया जी, आदिनाथ जी, धूलेव जी, तथा काला जी इत्यादि नामों से भी प्रख्यात है।

24.चन्द्रप्रभू का मेला (तिजारा – अलवर):-

यह मेला फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को आयोजित किया जाता हैं यह भी जैन धर्म का एक प्रसिद्ध मेला है।

25.बाड़ा पद्य्पुरा का मेला (जयपुर):-

यह भी जैन धर्म का एक बड़ा और मुख्य मेला आयोजित किया जाता है।

26.रंगीन फव्वारों का मेला (डींग-भरतपुर):-

यह मेला फाल्गुन मास की पूर्णिमा को आयोजित होता है। इसे डिंग भरतपुर जिले में आयोजित किया जाता है

27.डाडा पम्पा राम का मेला (विजयनगर-श्रीगंगानगर):-

यह मेला फाल्गुन मास मे आयोजित किया जाता है जो राजस्थान में सिख संप्रदाय का प्रमुख मेला है।

28.बुढ़ाजोहड़ का मेला (डाबला-रायसिंह नगर-श्री गंगानगर):-

यह मेला श्रावण माह की अमावस्या को  भरता है यह भी सिख धर्म का एक प्रसिद्ध मेला है।

29.वृक्ष मेला (खेजड़ली- जोधपुर):-

यह मेला भाद्र पद मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को आयोजित किया जाता है। यह भारत का एकमात्र वृक्ष मेला है जो खेजड़ली में आयोजित किया जाता है।

30.डिग्गी कल्याण जी का मेला (टोंक):-

कल्याण जी महाराज विष्णु जी के परम अवतार माने जाते है। कल्याण जी महाराज का मेला श्रावण मास की अमावस्या व वैशाख माह में आयोजित होता है।

31.गलता तीर्थ का मेला (जयपुर):-

यह मेला मार्गशिष माह की एकम् (कृष्ण पक्ष) को आयोजित होता है। रामानुज सम्प्रदाय की मुख्मंत्री प्रधान पीठ गलता जी (जयपुर) में स्थित है वहीं इस मेले का आयोजन किया जाता है।

32.माता कुण्डालिनी का मेला (चित्तौडगढ):-

यह मेला चित्तौडगढ जिले के राश्मि नामक स्थान पर आयोजित होता है। मातृकुण्डिया स्थान को राजस्थान का हरिद्वार भी कहा जाता है।

33.गणगौर मेला (जयपुर):-

यह मेला चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को भरता है। जयपुर का गणगौर मेला पूरे देश में प्रसिद्ध है। बिन ईसर की गौर जैसलमेर प्रदेश में काफी की प्रसिद्ध है। जैसलमेर में गणगौर की सवारी चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को शहर में निकाली जाती है।

34.राणी सती का मेला (झुनझुनू):-

यह मेला भाद्रपद मास की अमावस्या को आयोजित किया जाता था। इस मेले पर सती प्रथा निवारण अधिनियम -1987 के तहत् सन 1988 को पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया गया है।

35.त्रिनेत्र गणेश मेला (रणथम्भौर -सवाई माधोपुर):-

यह मेला भाद्र पद मास की शुक्ल पक्ष कीचतुर्थी को आयोजित होता है।

36.चुन्धी तीर्थ का मेला (जैसलमेर):-

यह मेला भगवान श्री गणेश जी से संबंधित मेला है तथा यहां आयोजित किया जाता है। “हेरम्भ गणपति मंदिर” बीकानेर में स्थित है। इस मंदिर में भगवान श्री गणेश जी को शेर पर सवार दिखाया गया है।

37.मानगढ़ धान का मेला (बांसवाडा):-

यह मेला आश्विन मास की पूर्णिमा को आयोजित होता है। महर्षि गोविंद गिरी की स्मृति मे इस मेले को आयोजित किया जाता है।

38.खेतला जी का मेला (पाली):-

यह मेला चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की एकम् को आयोजित किया जाता है यह मेला काफी प्रसिद्ध व लोकप्रिय है।

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राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा पशु मेला कौन सा है?

राजस्थान के प्रमुख पशु मेले.
श्रीबलदेव पशु मेला यह मेला मेड़ता सिटी (नागौर) में आयोजित होता है। ... .
2 श्री वीर तेजाजी पशु मेला यह मेला परबतसर (नागौर) में आयोजित होता है। ... .
रामदेव पशु मेला यह मेला मानासर (नागौर) में आयोजित होता है। ... .
गोमती सागर पशु मेला ... .
चन्द्रभागा पशु मेला ... .
पुष्कर पशु मेला ... .
गोगामेड़ी पशु मेला ... .
शिवरात्री पशु मेला.

राजस्थान में सबसे बड़ा मेला कौन सा है?

पुष्कर मेला: दुनिया का सबसे बड़ा पशु मेला राजस्थान में शुरू; यहां 1 करोड़ का भैंसा और 51 लाख का घोड़ा भी मौजूद जयपुर. राजस्थान के पुष्कर में दुनिया का सबसे बड़ा पशु मेला शुरू हो गया है।

राजस्थान का सबसे प्रसिद्ध मेला कौन सा है?

पुष्कर पशु मेला-अजमेर

मारवाड़ का सबसे बड़ा मेला कौन सा है?

7. पुष्कर मेला (पुष्कर अजमेर) यह मेला कार्तिक पूर्णिमा को भरता है। मेरवाड़ा का सबसे बड़ा मेला है।

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