दिमाग की नसों में खून जमने से क्या होता है? - dimaag kee nason mein khoon jamane se kya hota hai?

Updated: | Thu, 06 Jan 2022 04:44 PM (IST)

यदि आपके परिवार में कोई ऐसा शख्‍स है जिसे ब्रेन स्‍ट्रोक हो चुका है तो इस खबर को ध्‍यान से पढ़ें। विशेषज्ञों ने कुछ नए कारणों का पता लगाया है जो कि स्‍ट्रोक सहित पक्षाघात एवं विकलांगता का सबब बन सकते हैं। इन घटनाओं का संबंध शारीरिक के साथ ही मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य से भी है। स्ट्रोक या पक्षाघात वैश्विक स्तर पर मौत या विकलांगता का बड़ा कारण बनता जा रहा है। अध्ययन की नेतृत्वकर्ता क्रिस्टीना डाहम कहती हैं, "अगर वयस्क पुरुष या महिला संतुलित आहार व रेशेदार भोजन लेते हैं, तो उनके दिमाग में रक्तस्त्राव या खून जमने का खतरा कम हो जाता है।"

यह अध्ययन इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पूर्व में ब्रिटेन में हुए एक शोध में कहा गया था कि मांसाहारियों के मुकाबले शाकाहारियों को दिमाग में रक्तस्त्राव का खतरा ज्यादा होता है। इसमें कहा गया है कि शाकाहार का अधिक व मांसाहार का कम सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। नए अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने डैनिश डायट, कैंसर एंड हेल्थ पापुलेशन स्टडी के आंकड़ों का इस्तेमाल किया।

अमेरिका स्थित आरहूस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन में पाया है कि संतुलित आहार से दिमाग में रक्तस्त्राव या खून जमने का खतरा कम हो जाता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कराया गया यह अध्ययन "स्ट्राक जर्नल" में प्रकाशित हुआ है।

पिछली सदी के नौवें दशक में हुए इस अध्ययन में 57,053 लोगों को शामिल किया गया था, जिनकी उम्र 50-64 साल के बीच थी। हालिया अध्ययन में संतुलित मात्रा में साग-भाजी व फल खाने तथा कम मात्रा में मांसाहार व उच्च वसायुक्त भोजन करने की सलाह दी गई है। नए शोध बताते हैं कि अत्‍यधिक मेहनत करने या गुस्‍सा करने पर भी आप इनके शिकार हो सकते हैं। इसलिए आपको अब सतर्क रहना होगा।

Posted By: Navodit Saktawat

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ब्लड क्लॉट, खून का एक थक्का होता है जिसमें खून अपने तरल रूप की जगह जेल की तरह या अर्धठोस स्थिति में बदल जाता है। वैसे तो खून का थक्का जमना एक आवश्यक प्रक्रिया है जो आपको चोट लगने, कटने या घायल होने पर बहुत अधिक खून बहने से रोक सकती है। ब्लड क्लॉटिंग या खून का थक्का जमने से संबंधित विकार एक ऐसी परिस्थिति है जिसमें शरीर के अंदर मौजूद नसों या रक्त वाहिकाओं के अंदर ही खून का थक्का जमने लगता है। इस तरह का खून का थक्का हमेशा ही अपने आप या प्राकृतिक रूप से घुलकर वापस खून में परिवर्तित नहीं होता। इस तरह की स्थिति बेहद खतरनाक और कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती है। 

आमतौर पर एक ऐसा रक्त का थक्का जो गतिहीन नहीं है उससे आपके शरीर को कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन इस बात की आशंका भी बनी रहती है कि यह थक्का गतिशील होकर खतरनाक बन जाए। यदि इस तरह का कोई खून का थक्का टूटकर नसों के माध्यम से हृदय, फेफड़े या ब्रेन तक पहुंच जाए तो यह इन अंगों में जाकर अटक सकता है और रक्त के प्रवाह को रोक सकता है। ऐसा होने पर आपातकालीन चिकित्सीय मदद की स्थिति बन जाती है।

(और पढ़ें - खून बहना बंद कैसे करें)

खून का थक्का जमने से संबंधित बीमारी एक और तरह की हो सकती है जिसमें चोट लगने या त्वचा या मांसपेशियों के कटने पर खून का थक्का नहीं जमता और लंबे समय तक लगातार खून बहना जारी रहता है। अगर अंदरूनी अंगों के अंदर बहुत देर तक ब्लीडिंग जारी रहे तो इस कारण भी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति बन सकती है।

आापकी पूरी बॉडी का कंट्रोल आपके दिमाग से होता है। आपका दिमाग में गड़बड़ी होने से बॉडी को सही मायने में निर्देशन नहीं मिलते हैं। दिमाग
की नसे कमजोर होने पर खतरा कम नहीं होता है। दिमाग की नसें कमजोर होने के कई सारे कारण है - जैसे चोट लगना, पोषक तत्‍वों की कमी
होना, नसों पर दबाव बढ़ना इत्‍यादि। आइए जानते हैं क्‍या प्रमुख लक्षण है जो दिमाग की नसों की कमजोरी की ओर इशारा करते हैं...

- शरीर में झुनझुनी - शरीर में लगातार झुनझुनी होना दिमाग की नसों की कमजोरी के लक्षण हैं। जब दिमाग की नसों में ब्‍लड सही से नहींपहुंचता है इससे शरीर के अलग-अलग अंगों में झुनझुनी होती है।

- अचानक सिरदर्द - आप एकदम स्‍वस्‍थ रहते हैं लेकिन अचानक से दिमाग में सिरदर्द होने लगता है। वह दिमाग की कमजोरी के लक्षण है। जब
दिमाग में कमजोरी होती है तो कोशिकाओं को सही तरह से ऑक्‍सीजन नहीं मिल पाता है। जिससे दिमाग की नसों में खून जम जाने की वजह सेभी सिरदर्द तेज होने लगता है।

- चलने में दिक्‍कत होना - दिमाग आपकी पूरी बॉडी को संचालित करता है। लेकिन जब दिमाग की नसों में कमजोरी होती है तो इसका असर
आपकी चलने में भी पड़ता है। कई बार पैरों में सूजन भी आ जाती है।

- स्‍ट्रोक - आज के वक्‍त में हर कोई इस बीमारी की चपेट में आ जाता है। जब दिमाग की कोशिकाएं हद से अधिक प्रभावित होती है तो वह
स्‍ट्रोक का शिकार हो जाते हैं। स्‍ट्रोक के बाद शरीर में भिन्‍न-भिन्‍न लक्षण नजर आते हैं।

- तालमेल में कमी - जी हां, शरीर में तालमेल बैठाना बहुत मुश्किल होता है। दरअसल, शरीर आपके पूरे दिमाग को डायरेक्‍ट करता है। दिमागऔर शरीर के अंगों में गड़बड़ी होने पर तालमेल बिगड़ जाता है। इसके लक्षण इस प्रकार नजर आते हैं- मांसपेशियों की कठोरता, पीठ दर्द,
झटके लगना। इन लक्षणों को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। समय रहते इसका इलाज जरूरी है।

उपरोक्‍त जानकारी शिक्षित करने के उद्देश्‍य से हैं।

क्या ब्रेन में ब्लड क्लॉट खतरनाक है?

ब्लड क्लोटिंग बनने के लक्षण रक्त के थक्के कभी-कभी कोई विशेष संकेत नहीं देते जिसके वजह से इसपर किसी का ध्यान नहीं जा पाता हैं। रक्त के थक्के जो लक्षण पैदा नहीं करते हैं, विशेष रूप से खतरनाक होते हैं, क्योंकि इनका समय से इलाज नहीं हो पाता है। जो फेफड़ों या मस्तिष्क की गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकते हैं।

सिर में खून जम जाए तो क्या करना चाहिए?

इसके इलाज में खून को पतला करने वाली दवाई एंटीकोग्युलेन्ट (anticoagulants) और दबाव वाले स्टॉकिंग या फुट पम्प जो आपके खून के प्रवाह और किसी भी खून के थक्के को बनने से रोक सकते है, ये सभी विकल्प शामिल होंगे।

दिमाग में खून का थक्का जमने से क्या होता है?

ब्रेन में हुई ब्लड क्लॉटिंग को स्ट्रोक भी कहते हैं. ब्रेन की ब्लड क्लॉटिंग की वजह से अचानक और तेज सिरदर्द हो सकता है, लकवा और कई दूसरे लक्षण भी दिखाई देते हैं. मस्तिष्क में खून का थक्का बनने से खून का प्रवाह रुक जाता है जिसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.

दिमाग की नसों में दर्द क्यों होता है?

दिमाग में चोट लगने से, शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी से और नसों पर दबाव पड़ने से भी दिमाग में दर्द होता है. इसके साथ ही कई बार इंफेक्शन के कारण और कुछ दवाइयां की वजह से भी दिमाग की नसों में कमजोरी आ जाती है. इसके अलावा कई बार अन्य कारणों से भी दिमाग की नसों में कमजोरी आती है.

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