Punjabi भाषा की लिपि क्या है - punjabi bhaasha kee lipi kya hai

Contents

  • 1 पंजाबी भाषा की लिपि क्या हैं ? ( Punjabi Bhasha Ki Lipi Kya Hai )
    • 1.1 मात्राओं के रूप और नाम
    • 1.2 गुरुमुखी लिपि की वर्णमाला

Punjabi Bhasha Ki Lipi Kya Hai ( पंजाबी भाषा की लिपि क्या है )

यह बात तो हम सभी जानते होंगे, कि पंजाबी एक हिंदी आर्य भाषा है। पंजाबी भाषा का जन्म संस्कृत भाषा से ही हुआ है। पंजाबी भाषा भारत और पाकिस्तान के पंजाब राज्य के साथ-साथ और भी कई राज्यों में बोली जाती है।

लेकिन क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है, कि आखिर Punjabi Bhasha Ki Lipi Kya Hai ( पंजाबी भाषा की लिपि क्या है ) ?

अगर आप पंजाबी बोलना पसंद करते हैं और पंजाबी लिखना जानते हैं, तो यह सवाल आपके दिमाग में कई बार आया होगा। तो अगर आप भी इस सवाल का जवाब पाना चाहते हैं, तो हमारा आगे का आर्टिकल पढ़ना जारी रखें, क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे, कि आखिर पंजाबी भाषा की लिपि क्या है ( Punjabi Bhasha Ki Lipi Kya Hai ) ?

पंजाबी भाषा विश्व की 11वीं सबसे परिपक्व और समृद्ध भाषा है। भारत में करीब 3 करोड़ और 11 लाख में पंजाबी बोलते हैं वहीं पाकिस्तान में पंजाबी बोलने वालों की संख्या 13 करोड़ है। आगे के आर्टिकल में हम पंजाबी भाषा के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे, तो चलिए शुरू करते हैं।

  • व्याकरण किसे कहते हैं।

पंजाबी भाषा की लिपि – गुरमुखी लिपि है। गुरमुखी का अर्थ होता है, गुरु के मुख से निकली हुई। लांडा लिपि गुरमुखी लिपि का आधार है। पंजाबी भाषा के सभी वर्ण लांडा लिपि से बने हुए हैं। गुरमुखी लिपि देवनागरी लिपि से भी काफी प्रभावित होती है।

कई बार गुरमुखी लिपि को परिवर्तित करके ब्रजभाषा, खड़ी बोली, और सिंधी भाषा में भी प्रयोग किया हुआ है। मगर तभी मुख्य रूप से गुरमुखी लिपि का उपयोग पंजाबी भाषा नहीं किया गया है।

गुरमुखी लिपि समझने में काफी सरल होती है। अगर हम कोशिश करें, तो आसानी से इस लिपि को समझ सकते हैं और सीख सकते हैं। गुरमुखी लिपि में केवल 3 स्वर और 32 व्यंजन होते हैं। हालांकि इस लिपि में स्वरों की मात्रा जोड़कर अन्य स्वर बना दिए जाते हैं।

गुरमुखी लिपि के मुख्य स्वरों का नाम – आया, उड़ी, ससा, हाहा इत्यादि है। लिपि के छठवें अक्षर से ही वर्णमाला का क्रम शुरू हो जाता है। इस लिपि का छठवां अक्षर – ” क ” होता है। ” का ” से लेकर बाकी के वर्ण देवनागरी लिपि की ही तरह क्रम में होते हैं।

गुरमुखी वर्णमाला में संयुक्त अक्षर नहीं है, किंतु अनेक संयुक्त ध्वनियां विद्यमान है।

मात्राओं के रूप और नाम

अन्य भाषाओं की तरह पंजाबी भाषा में भी मात्राओं के खास रूप और नाम होते हैं। पंजाबी भाषा में मात्राओं के रूप और नाम कुछ इस प्रकार होते हैं:-

ट के साथ (मुक्ता), टा (कन्ना), टि (स्यारी), टी (बिहारी), ट (ऐंक ड़े), ट (दुलैंकड़े), टे (लावाँ), टै (दोलावाँ), (होड़ा), (कनौड़ा), (टिप्पी), ट: (बिदै).

गुरुमुखी लिपि की वर्णमाला

गुरमुखी वर्णमाला में कुल 35 वर्ण उपस्थित होते हैं। इस वर्णमाला के शुरुआती तीन वर्ण अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। पहले के तीन वर्ण महत्वपूर्ण इसलिए होते हैं, क्योंकि यह स्वर वर्णों के पर आधार हैं।

गुरमुखी वर्णमाला में ध्यान देने योग्य बात यह भी है, कि एरा को छोड़कर यह खास तीन स्वर स्वतंत्र रूप से कहीं पर भी प्रयोग नहीं किए जाते।

तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको पंजाबी भाषा में इस्तेमाल होने वाली गुरमुखी लिपि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

गुरमुखी लिपि गुरुओं के द्वारा प्रदान की हुई लिपि है। गुरमुखी लिपि का जन्म और पंजाबी भाषा का जन्म – संस्कृत भाषा से ही हुआ है।

गुरमुखी लिपि देवनागरी लिपि की तरह ही पूर्ण रूप से समृद्धि लिपि है। कई बार गुरमुखी लिपि का प्रयोग हिंदी भाषा में भी किया जाता है।

  • संज्ञा किसे कहते हैं, संज्ञा के कितने भेद हैं।

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अन्तिम शब्द:-

तो दोस्तों हम उम्मीद करते हैं, कि अब आप पंजाबी भाषा की लिपि क्या है ( Punjabi Bhasha Ki Lipi Kya Hai ) के बारे में सभी बातें अच्छी तरह से जान गए होंगे और साथ ही गुरमुखी लिपि के स्वर और वर्णों के बारे में भी काफी अच्छी तरह से समझ गए होंगे।

उम्मीद करते हैं, आपको आज का यह आर्टिकल पसंद आया होगा।

Introduction

आज हम बात करेंगे की पंजाबी भाषा की लिपि क्या है? (Punjabi Bhasha ki lipi kya hai) पंजाब में कौन-कौन सी भाषाएं बोली जाती है?, गुरुमुखी का क्या अर्थ होता है? और इस भाषा को कहां कहां बोला जाता है?, इसका विकास कहां और कब हुआ?

पंजाबी भाषा क्या है?, इसे किन किन कवियों ने अपनी-अपनी रचनाओं में लिखा, प्रमुख साहित्यकारों का क्या नाम है?

पंजाबी भाषा की लिपि क्या होती है?

जैसा कि आप सभी जानते हैं की पंजाबी भाषा की लिपि गुरुमुखी होती है। पूरे भारत में पंजाबी भाषा को गुरुमुखी लिपि में लिखा जाता है मगर पाकिस्तान में पंजाबी भाषा को शाहमुखी लिपि में लिखा जाता हैं। इसके अलावा कभी-कभी पंजाबी भाषा को लिखने के लिए रोमन और देवनागरी लिपि का भी प्रयोग किया जाता है। 

पंजाबी भाषा का निर्माण पंजाब क्षेत्र से हुआ है। पंजाबी भाषा हिन्द यूरोपीय के हिंद ईरानी के हिंद आर्य में से निकली हुई भाषा है।

गुरुमुखी का अर्थ क्या होता है?

गुरुमुखी का अर्थ है गुरु के मुख से निकली हुई। गुरु के मुख से निकली हुई का मतलब यह है कि गुरु की वाणी से निकली हुई। वाणी शब्द की जगह यहां पर मुख का प्रयोग किया गया है। 

गुरुमुखी का नाम गुरु की वाणी से ही पड़ा। ऐसा भी कहा जाता है कि गुरुमुखी लिपि के द्वारा ही पंजाबी भाषा का निर्माण हुआ। गुरुओं के द्वारा ही इस लिपि का प्रचलन किया गया। यह पंजाब की एक भारतीय लिपी बन गई नहीं तो आज सिंध की तरह पंजाब की भी लिपि फारसी ही होती। इसकी शुरुआत गुरु अंगद देव द्वारा किया गया था।

गुरुमुखी में कुल कितने वर्ण होते हैं?

गुरुमुखी में कुल 35 वर्ण होते हैं जिसमें से 3 स्वर तथा 32 व्यंजन होते हैं। देवनागरी के “व” अक्षर तक वर्णमाला का क्रम गुरुमुखी लिपि में एक जैसा ही होता है। अन्य स्वर बनाने के लिए इन्हीं तीन स्वरों में मात्राएं जोड़कर बना लिए जाते हैं। 

गुरुमुखी लिपि की वर्णमाला में प्राय: संयुक्त अक्षर नहीं होते हैं मगर इसमें अनेक संयुक्त ध्वनियाँ होती है।

क्या आप जानते हैं पंजाब का नाम पंजाब क्यों पड़ा?

पंजाब शब्द पंज और आब को मिलाने से बनता है। इसमें पंज शब्द का मतलब 5 होता है और इस पूरे शब्द का अर्थ है कि जो प्रदेश पांच नदियों के मिलने से बना हो। 

पंजाब सिखों का घर होता है यहां पर बहुत सारे पर्यटक घूमने भी आया करते हैं यहां पर बहुत सारी ऐसी ऐतिहासिक जगह है। जहां पर घुमा फिरा जा सके। यह सबसे समृद्ध राज्य है। यहां के लोगों का ज्यादातर व्यवसाय कृषि होता है।

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है और यहां पर पंजाबी भाषा के साथ-साथ और भी कई भाषाएं बोली जाती है।

ऐसी कौन कौन सी भाषा है जो पंजाब में बोली जाती है?

जैसा कि आप सभी जानते हैं पंजाब में पंजाबी तो मुख्य रूप से बोली ही जाती है मगर इसके साथ यहां पर बागड़ी ,माझी और भी कई ऐसी भाषाएं जो पंजाब में बोली जाती है।

जो लोग पंजाब में रहते हैं अगर वह पंजाबी नहीं भी होते हैं तो वह भी पंजाबी बहुत अच्छे ढंग से बोल और समझ लेते हैं। पंजाबी बोलने में तो सरल ही होती है इसे कोई भी आसानी से बोल सकता है। 

पंजाब राज्य में पंजाबी भाषा का प्रयोग कहां कहां किया जाता है?

पंजाब राज्य में पंजाबी भाषा का प्रयोग बहुत से कॉलेजों ,कारखानों और स्कूलों में किया जाता है।

पंजाबी भाषा क्या है?

पंजाबी भाषा वह भाषा है जो कि हिंद आर्य भाषा में आती है। इस भाषा को शौरसेनी अपभ्रंश के साथ उत्पन्न हुआ माना जाता है। इस भाषा के स्वर विज्ञान और रूप विधान में ज्यादातर पाली भाषा और आदि आरंभिक आर्य भाषाओं का प्रभाव है। 

यह भाषा पंजाब के शास्त्रीय इतिहास का साक्षी है। यह भारत में पंजाब की संस्कृति और भाषा शास्त्रों के अंतर्गत आती है। यह भाषा ज्यादातर पंजाबी क्षेत्र के निवासियों के द्वारा बोली जाती है।

पंजाबी भाषा को मुख्य रूप से कितनी भाषाओं में बांटा गया है?

पंजाबी भाषा को मुख्य रूप से चार भाषाओं में बांटा गया है।

  • माझी- माझी भाषा अमृतसर, पठानकोट ,गुरदासपुर और पाकिस्तान के कई क्षेत्रों में  बोली जाती है।
  • मलवई- मलवई पंजाब के दक्षिण भाग और पाकिस्तान में बोली जाने वाली भाषा है। यह बोली राजस्थान, लुधियाना, बरनाला, फिरोजपुर, हरियाणा,फतेहाबाद आदि जिलों में भी बोली जाती है।
  • दुआबे- दुआबे का मतलब है दो नदियों के बीच की भूमि। दुआबे भाषा दोआबा क्षेत्र में सतलुज और व्यास नदियों के बीच बोली जाती है। इस भाषा को “फैसला बादी पंजाबी” के नाम से भी जाना जाता है यह भाषा पाकिस्तान में बोली जाती है।
  • पुआधी- पोवाद क्षेत्र में पुआदी भाषा बोली जाती है। पोवाद क्षेत्र हरियाणा में सतलुज और घग्गर नदियों के बीच का एक हिस्सा है। यह भाषा कुराली, रोपड़ ,पायल,समराला आदि क्षेत्रों में बोली जाती है।

यह चारों भाषाएं पंजाब में भी कई जगह बोली जाती है। इन चारों भाषाओं के अलावा पंजाब के कुछ लोग हिंदी,अंग्रेजी और उर्दू भी बोलते हैं।

पंजाबी भाषा की मुख्य विशेषता क्या है?

पंजाबी भाषा की मुख्य विशेषता यह है कि इसकी तीन स्वर प्रणाली होती है मध्यम स्वर ,उच्च स्वर और निम्न स्वर।

  • मध्यम स्वर- मध्यम स्वर दो प्रकार के होते हैं
    • शुद्ध मध्यम- शुद्ध माध्यम में वे स्वर आते हैं जो पूर्ण रूप से शुद्ध होते हैं।
    • तीव्र मध्यम- जब कोई स्वर बहुत ही ज्यादा मात्रा में शुद्ध होता है या उससे भी ऊंचा स्थान ग्रहण करता है उसे तीव्र मध्यम स्वर कहते हैं।
  • उच्च स्वर- उच्च स्वर वह होते हैं जिन का उच्चारण ऊंची आवाज में किया जाता है।
  • निम्न स्वर- निम्न स्वर देवनागरी लिपि की तरह होते हैं। इसके अक्षर आप आसानी से समझ सकते हैं और उनका उच्चारण भी आसानी से कर सकते हैं।

पंजाबी भाषा एक ऐसी भाषा है जिसे सिख, मुस्लिम और कई हिंदू भी बोलते हैं। यह भाषा विश्व की 11वीं व्यापक भाषा है। यह भाषा 300 वर्षों से पहले से ही लिखी जाती थी । 

पंजाबी का मानक रूप मांझी बोली पर आधारित है यह एक ऐतिहासिक क्षेत्र की भाषा है।

कम से कम 10 से 12 करोड़ के लोग पंजाबी भाषा का प्रयोग करते हैं। कनाडा में पंजाबी भाषा तीसरे स्थान पर है। यह वहां पर सबसे ज्यादा बोली जाती है यहां तक कि पाकिस्तान में भी इस भाषा का प्रचलन बहुत है लेकिन यह वहां पर पंजाब की तरह आधिकारिक भाषा नहीं है।

पंजाबी भाषा का कवि किसको मानते हैं?

पंजाबी भाषा का कवि अगर फरीद को माना जाए तो यह मानना पड़ेगा कि “आदि ग्रंथ” में संग्रहित फरीद खान के जो शब्द है वह पंजाबी साहित्य के हैं मगर 16 वीं शताब्दी से पहले पंजाबी साहित्य उपलब्ध ही नहीं था। इस आधार पर फरीद की जगह गुरु नानक जी को आदि कवि माना जाता है क्योंकि इसमें “आदि ग्रंथ” पंजाबी साहित्य का “आदि ग्रंथ” है। इसमें 7 गुरू और 16 भक्त की वाणी भी सम्मिलित है। “आदि ग्रंथ” में कुल 3384 पदों की संख्या है। “आदि ग्रंथ” में कम से कम 350 से 450 पद पंजाबी भाषा में ही लिखे गए हैं। 

पंजाबी भाषा में किन किन कवियों ने अपनी अपनी रचनाएं लिखी?

  • “आदि ग्रंथ” में हजार पद से ऊपर गुरु अर्जुन देव के है 1561 से 1606 ईस्वी में उनकी वाणी में ज्ञान की प्रधानता है। 
  • गुरु रामदास ने भी बहुत सारी कविताएं पंजाबी भाषा में लिखी है उनकी रचना में भी काव्य गुण की धारा है।
  • गुरु नानक जी की सबसे प्रसिद्ध रचना “जपुजी” है इसके साथ ही “आसा दी वार”, “सोहिला”, “रहिरास” भी उनकी प्रमुख रचनाएं हैं।
  • गुरु गोविंद सिंह का 10 वा ग्रंथ “चंडी दी वार” भी पूरा पंजाबी भाषा में ही लिखा गया है। जिसकी रचना सिर खंडी छंद में हुई है।
  • भाई गुरु दास के काव्य और सवैए ब्रज भाषा में लिखे गए हैं और उन्होंने वारी और गीत को पंजाबी भाषा में लिखा है।
  • बुल्ले शाह कसुरी कवि पंजाबी सूफी साहित्य के प्रसिद्ध कवि थे। उन्होंने अपनी कविता में प्रेम ,साधना और मिलन के बारे में बताया है।
  • पंजाबी भाषा का वीर साहित्य बहुत ही प्रसिद्ध है। इसके अंतर्गत नजाबत की “नादिर शाह दी हीर” शाह मोहम्मद और महाराजा रणजीत सिंह की भी कथा उल्लेखनीय है।
  • मनीष सिंह की ज्ञान रत्नावली की रचना  उत्तम कृति के पंजाबी गघ में हुई है।
  • पंजाबी भाषा को प्रो॰ मोहन सिंह जिनका जन्म 1905 में हुआ है उन्होंने ही पंजाबी भाषा को एक नया मोड़ दिया।

प्रमुख पंजाबी साहित्यकार के नाम

ऐसे बहुत से साहित्यकार है जिन्होंने पंजाबी भाषा में साहित्य लिखा है जैसे:-

  • मोहन सिंह
  • नानक सिंह
  • भाई वीर सिंह
  • सुल्तान बाहू
  • गुरदयाल सिंह
  • धनीराम चात्रिक
  • जाका शाह
  • नवतेज घुमान
  • शिव कुमार बटालवी आदि।

पंजाबी भाषा कहां कहां बोली जाती है?

पंजाबी भाषा पाकिस्तान, भारत, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, कनाडा और पंजाबी अप्रिवासन देशो में भी बोली जाती है।

पंजाबी भाषा पूरे आजाद कश्मीर में भी बोली और समझी भी जाती है। पूरे भारत में 3 फीसद लोग पंजाबी बोलते हैं।

Conclusion

दोस्तों,आज हमने पंजाबी भाषा के विकास के बारे में पढ़ा ,पंजाबी भाषा कहां कहां बोली जाती है और यह भी पढ़ा कि पंजाबी भाषा की लिपि क्या होती है ।

पंजाबी भाषा की लिपि का नाम क्या है?

गुरमुखी लिपि (ਗੁਰਮੁਖੀ ਲਿੱਪੀ) एक लिपि है जिसमें पंजाबी भाषा लिखी जाती है। गुरुमुखी का अर्थ है गुरुओं के मुख से निकली हुई।

उर्दू भाषा की लिपि का नाम क्या है?

उर्दू नस्तालीक़ लिपि में लिखी जाती है, जो फ़ारसी-अरबी लिपि का एक रूप है। उर्दू दाएँ से बाएँ लिखी जाती है।

पंजाबी भाषा में कितने स्वर होते हैं?

पंजाबी भाषा वर्णमाला - Punjabi Bhasha VarnMala -52721.

संस्कृत भाषा की लिपि क्या है?

संस्कृत भारत की कई लिपियों में लिखी जाती रही है, लेकिन आधुनिक युग में देवनागरी लिपि के साथ इसका विशेष संबंध है। देवनागरी लिपि वास्तव में संस्कृत के लिए ही बनी है, इसलिए इसमें हर एक चिह्न के लिए एक और केवल एक ही ध्वनि है। देवनागरी में १३ स्वर और ३३ व्यंजन हैं।

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