पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 10 अपूर्व अनुभव Textbook Exercise Questions and Answers.

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Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 10 अपूर्व अनुभव

HBSE 7th Class Hindi अपूर्व अनुभव Textbook Questions and Answers

पाठ से

Class 7 Hindi Chapter 10 Apoorv Anubhav HBSE प्रश्न 1.
यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो-चान ने अथक प्रयास क्यों किया ? लिखिए।
उत्तर :
यासुकी-चान पोलियोग्रस्त था अतः स्वयं पेड़ पर नहीं चढ़ सकता था। वह तोत्तो-चान की मदद से ही पेड़ पर चढ़ सका। इसके लिए तोत्ता-चान को भारी परिश्रम करना पड़ा।

पहले तो वह चौकीदार की झोपड़ी से एक सीढ़ी लाई। उसे पेड़ के सहारे लगा दिया। पर यासुकी-चान के हाथ-पैर इतने कमजोर थे कि वह पहली सीढ़ी पर भी नहीं चढ़ पाया। फिर तोत्तो-चान चौकीदार की झोपड़ी से एक तिपाई-सीढ़ी खींचकर लाई। बहुत प्रयास के बाद वह ऊपर तो पहुँच गया। फिर तोतो-चान ने उसकी पोलियोग्रस्त उँगलियों में अपनी उँगलियाँ फंसाकर ऊपर खींचा। इस प्रकार यासुकी-चान पेड़ की द्विशाखा तक पहुँचने में सफल हो सका।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

अपूर्व अनुभव पाठ के शब्दार्थ HBSE 7th Class प्रश्न 2.
दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान और यासुकी-चान को अपूर्व अनुभव मिला, इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अगल थे। दोनों में क्या अंतर रहे ? लिखिए।
उत्तर :
पेड़ से बच्चों का नाता गहरा था। वे एक-एक पेड़ को अपनी निजी संपत्ति मानते थे। वे उन पर चढ़ते थे और आनंदित होते थे। बाग के पेड़ों पर वे खूब मजा लेते थे। बाग में उनकी गतिविधियों को देखकर यासुकी-चान को अपनी अपंगता पर हताशा होती होगी। उसके मन में उदासी छा जाती होगी। वह अपनी विवशता पर दुःखी होता होगा।

अपूर्व अनुभव के प्रश्न उत्तर Class 7 HBSE प्रश्न 3.
पाठ में खोजकर देखिए-कब सुरज का ताप यासुकी-चान और तोत्तो-चान पर पड़ रहा था, वे दोनों पसीने से तरबतर हो रहे थे और कब बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया देकर कड़कती धूप से बचाने लगा था। आपके अनुसार इस प्रकार परिस्थिति के बदलने का कारण क्या हो सकता है?
उत्तर :
जब यासुकी-चान और तोत्तो-चान एक सीढ़ी के द्वारा पेड़ की द्विशाखा तक जा पहुँचे तब उन पर सूरज का ताप पर पड़ रहा था। उन्हें काफी पसीना आ रहा था। वे दोनों पसीने से तरबतर हो रहे थे। जब तोत्तो-चान अपनी पूरी ताकत से यासुकी-चान को खींच रही थी तभी बादल का एक बड़ा टुकड़ा बीच-बीच में छाया कर उन्हें कड़कती धूप से बचाने लगा।
यह मौसम का बदलाव था।

अपूर्व अनुभव का सारांश HBSE 7th Class प्रश्न 4.
“यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह ……..” अंतिम मौका था।” इस अधूरे वाक्य को पूरा कीजिए और लेखिका ने ऐसा क्यों लिखा होगा?
उत्तर :
लेखिका ने ऐसा इसलिए लिखा होगा क्योंकि यासुकी-चान के लिए स्वयं अपने बूते पर चढ़ना लगभग असंभव था। उसे हर बार तोत्तो-चान जैसा सहयोगी मिल पाना कठिन था। एक बार पेड़ पर चड़ने पर ही उसे घोर परिश्रम करना पड़ा था।

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पाठ से आगे

Apoorv Anubhav Question Answer Class 7 HBSE प्रश्न 1.
तोत्तो-चान ने अपनी योजना को बड़ों से इसलिए छिपा लिया कि उसमें जोखिम था, यासुकी-चान के गिर जाने की संभावना थी। फिर भी उसके मन में यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने की दृढ़ इच्छा थी। ऐसी दृढ़ इच्छाएँ बुद्धि और कठोर परिश्रम से अवश्य पूरी हो जाती हैं। आप किस तरह की सफलता के लिए तीव्र इच्छा और बुद्धि का उपयोग कर कठोर परिश्रम करना चाहते हैं ?
उत्तर :
हम जोखिम भरा काम करना पसंद करेंगे क्योंकि कुछ पाने के लिए जोखिम तो उठाना ही पड़ता है।

Class 7 Hindi Chapter 10 Apoorv Anubhav Question Answer  प्रश्न 2.
हम अकसर बहादुरी के बड़े-बड़े कारनामों के बारे में सुनते रहते हैं, लेकिन ‘अपूर्व अनुभव’, कहानी एक मामूली बहादुरी और जोखिम की आर हमारा ध्यान खींचती है। यदि आपको अपने आसपास के संसार में कोई रोमांचकारी अनुभव प्राप्त करना हो तो कैसे प्राप्त करेंगे?
उत्तर :
एक बार की बात है कि हम एक नदी के किनारे पिकनिक पर गए हुए थे तभी एक लड़का पानी में उतर गया। पानी की लहर उसे बहाकर दूर तक ले गई। वह चिल्लाने लगा-बचाओ-बचाओ। मैंने उसकी आवाज सुन ली। मैं दौडकर उस तक गया। मैं तैरना जानता था। अत: कपड़े उतारकर नदी के पानी में कूद गया। मैंने उस तक पहुँचकर उसका हाथ पकड़ लिया और अपनी ओर खींचने लगा। यद्यपि मैं भी घबरा रहा था, पर उसे किनारे तक खींच लाया। उसके पेट में पानी भर गया था अत: उसे जमीन पर लिटाकर कमर पर दबाव डाला। इससे उसके मुंह के रास्ते पेट का पानी निकल गया। थोड़ी देर में वह ठीक हो गया।
तब तक अध्यापक एवं अन्य साथी आ गए थे। सभी ने मेरी प्रशंसा की। मुझे अपने साहस पर हैरानी हो रही थी।

HBSE 7th Class Hindi अपूर्व अनुभव Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

अपूर्व अनुभव पाठ के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 1.
तोत्तो-चान ने किसको क्या निमत्रंण दिया?
उत्तर :
तोते-चान ने यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ने का निमंत्रण दिया।

अपूर्व अनुभव प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 2.
बच्चे किसे अपनी निजी सम्पत्ति मानते थे?
उत्तर :
बच्चे अपने-अपने पेड़ को अपनी निजी सम्पत्ति मानते थे।

अपूर्व अनुभव के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 3.
यासुकी-चान किस रोग से ग्रस्त था?
उत्तर :
यासुकी-चान पोलियो रोग से ग्रस्त था।

पाठ 10 अपूर्व अनुभव HBSE 7th Class प्रश्न 4.
तोत्तो-चान को यासुकी-चान कहाँ मिला?
उत्तर :
उसे यासुकी-चान मैदान में क्यारियों के पास मिला।

Apurv Anubhav Class 7 HBSE प्रश्न 5.
तोत्तो-चान यासुकी-चान को कहाँ ले गई?
उत्तर :
तोत्तो-चान यासुकी-चान को अपने पेड़ की ओर ले गई।

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अपूर्व अनुभव HBSE 7th Class प्रश्न 6.
यासुकी-चान बिना सहारे के सीढ़ी पर क्यों नहीं चढ़ पाया?
उत्तर :
यासुको-चान के हाथ-पैर बहुत कमजोर थे।

अपूर्व अनुभव शब्दार्थ HBSE 7th Class प्रश्न 7.
तोत्तो-चान को चौकीदार के घर से क्या मिल गया?
उत्तर :
उसे वहाँ से एक तिपाई सीढ़ी मिल गई।

लघुत्तरात्मक प्रश्न

अपूर्व अनुभव पाठ का सारांश HBSE 7th Class प्रश्न 1.
तोत्तो-चान कौन थी? उसकी हार्दिक इच्छा क्या थी?
उत्तर :
तोत्तो-चान एक जापानी लड़की थी। उसकी यह हार्दिक इच्छा थी कि उसका अपंग साथी यासुकी-चान उसके पेड़ पर आकर उसकी चीजों एवं दुनिया को देखे।

प्रश्न 2.
तोत्तो-चान के चरित्र की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर :
तोत्तो-चान एक सहृदय बालिका है। उसके मन में अपने साथी के लिए असीम प्यार एवं सम्मान की भावना है। वह उसे भी वह खुशी देना चाहती हैं जो दूसरे बालकों को मिलती है। तोत्तो-चान परोपकारी है। वह दूसरों का भला करती है। तोत्तो-चान परिश्रमी है। वह परिश्रमपूर्वक सीढ़ी तथा तिपाई झोंपड़ी से खींचकर ले आती है।

प्रश्न 3.
यासुकी-चान किसी पेड़ को अपना क्यों नहीं कह पाता?
उत्तर :
यासुकी-चान पोलियोग्रस्त है। उसके हाथ-पैर काम नहीं करते। अत: वह किसी भी पेड़ पर चढ़ नहीं पाता। यही कारण है कि वह किसी पेड़ को अपना नहीं कह पाता। कोई पेड़ उसकी निजी संपत्ति नहीं बन सकता।

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अपूर्व अनुभव गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

1. बच्चे अपने ……………………….. जरूर डाँटते।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. बच्चे अपने पेड़ को क्या मानते थे ?
2. किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ने से पूर्व क्या करना पड़ता था?
3. कोन, किस कारण पंड़ पर नहीं चढ़ पाता था ?
4. किसने, किसको, कहाँ आमंत्रित किया था?
उत्तर :
1. बच्चे अपने-अपने पेड़ को अपनी निजी संपत्ति मानते थे।
2 किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ने से पूर्व उस पेड़ के स्वामी से शिष्टतापूर्वक पूछना पड़ता था-“माफ कीजिए, क्या मैं अंदर आ जाऊँ ?”
3. यासुकी-चान किसी पेड़ पर नहीं चढ़ पाता था क्योंकि उसको पोलियो था। वह किसी पेड़ को अपनी संपत्ति भी नहीं मानता था।
4. तोत्तो-चान ने यासुकी चान को अपने पेड़ पर आमंत्रित किया था।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. बच्चे किसे अपनी सम्पत्ति मानते थे?
(क) स्वयं को
(ख) अपने पेड़ को
(ग) अपनी जगह को
(घ) किसी को नहीं
उत्तर :
(ख) अपने पेड़ को

2. थासुकी-चान को क्या रोग था?
(क) पोलियो
(ख) अंधापन
(ग) बहरापन
(घ) हकलापन
उत्तर :

3. यासुकी-चान को किसके लिए आमंत्रित किया गया था?
(क) खाना खाने के लिए
(ख) पेड़ पर चढ़ने के लिए
(ग) आपस में मिलने के लिए
(घ) कहीं चलने के लिए
उत्तर :
(ख) पेड़ पर चढ़ने के लिए

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2. यासुकी-चान ……………… क्या करे वह?

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. तोत्तो-चान ने पेड़ पर चढ़ने का क्या उपाय किया था?
2. क्या यासुकी-चान सीढ़ी पर चढ़ गया? क्यों?
3. तोत्तो-चान ने क्या प्रयास किया?
4. दोनों की क्या दशा थी?
उत्तर :
1. तोत्तो-चान चौकीदार के छप्पर से एक सीढ़ी पेड़ तक घसीट लाई थी और उसे तने के सहारे लगा दिया था ताकि द्विशाखा तक पहुँचा जा सके।
2. नहीं, यासुकी-चान पहली सीढ़ी पर भी बिना सहारे के नहीं चढ़ पाया। पोलियो के कारण उसके हाथ-पैर बहुत कमजोर थे।
3. तोत्तो-चान यासुकी-धान को पीछे से धकियाने लगी, जिससे वह सौढ़ी पर चढ़ सके।
4. यासुकी-चान ने अपना पैर सीढ़ी से हटा लिया। वह हताशा में सिर झुकाकर खड़ा हो गया। तोत्तो-चान ने भी समझ लिया कि यह काम उतना आसान नहीं है जितना उसने समझा था।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. यासुकी-चान का कौन-सा अंग कमजोर था?
(क) मस्तिष्क
(ख) हाथ-पैर
(ग) आँखें
(घ) कोई नहीं
उत्तर :
(ख) हाथ-पैर

2. पेड़ से नीचे कौन उतर आया?
(क) यासुकी-चान
(ख) तोत्तो-चान
(ग) वायु चान
(घ) माओ चान
उत्तर :
(ख) तोत्तो-चान

3. यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने का काम कैसा था?
(क) आसान
(ख) कठिन
(ग) पक्का
(घ) ठीक
उत्तर :
(ख) कठिन

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3. यासुकी-चान ……………. रही थी।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. किसकी क्या इच्छा थी?
2. तोत्तो-चान किस प्रयास में लगी थी?
3. तोत्तो-चान ने क्या उपाय किया?
4. तोतो-चान किस बात पर हैरान थी?
उत्तर :
1. तोत्तो-चान की यह हार्दिक इच्छा थी कि यासुकी-चान उसके पेड़ पर चढ़े।
2. जय तोत्तो-चान ने यासुकी-चान का उदास-लटका चेहरा देखा तो वह उसे हँसाने के प्रयास में लग गई। उसने अपना गाल फुलाकर तरह-तरह के चेहरे बनाए।
3. तोत्तो-चान चौकीदार के छप्पर की चोर दौड़ी गई। वहाँ उसे एक तिपाई-सीढ़ी मिल गई इसे थामे रहना भी जरूरी नहीं था।
4. तोत्तो-चान इस बात पर हैरान थी कि उसमें इतनी शक्ति कहाँ से आ गई कि वह तिपाई-सीढ़ी को यहाँ तक खींच लाने में सफल हो सकी। यह तिपाई-सीढ़ी द्विशाखा तक पहुंच गई।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. ‘यह उसकी हार्दिक इच्छा थी’-किसकी?
(क) यासुकी-चान की
(ख) तोत्तो-चान की
(ग) दोनों की
(घ) किसी की नहीं
उत्तर :
(ख) तोत्तो-चान की

2. उदास कौन था?
(क) यासुकी-चान
(ख) तोत्तो-चान
(ग) कोई नहीं
(घ) सभी
उत्तर :
(क) यासुकी-चान

3. तोत्तो-चान को चौकीदार के छप्पर से क्या वस्तु मिली?
(क) तिपाई-सीढ़ी
(ख) चारपाई
(ग) कुरसी
(घ) स्टूल
उत्तर :
(क) तिपाई-सीढ़ी

4. तिपाई की ऊपरी सीढ़ी कहाँ तक पहुँच गई?
(क) छत तक
(ख) द्विशाखा तक
(ग) पेड़ तक
(घ) घर तक
उत्तर :
(ख) द्विशाखा तक

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4. काफी मेहनत …………. लड़ाते रहे।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. किसकी, किस मेहनत के बाद यासुको-चान पेड़ की द्विशाखा पर पहुंच पाया था?
2. तोत्तो-चान ने यासुकी-चान से क्या कहा?
3. यासुकी-चान ने किस मुद्रा में क्या पूछा?
4. यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़कर क्या अनुभूति हुई?
उत्तर :
1. तोत्तो-चान ने यासुकी-चान की पोलियोग्रस्त उँगलियों में अपनी उँगलियाँ फंसाकर उसे पूरी ताकत से ऊपर खींचा था। तभी वह पेड़ की द्विशाखा पर पहुंच पाया था।
2. तोत्तो-चान ने यासुकी-चान के सम्मान में सिर झुकाकर कहा कि मेरे पेड़ पर तुम्हारा स्वागत है।
3. यासुकी-चान ने मुसकराते हुए तोत्तो-चान से पूछा कि क्या वह अंदर आ सकता है ?
4. यासुकी-चान ने पेड़ पर चढ़कर दुनिया की नई झलक देखी। इसे उसने पहले कभी नहीं देखा था। उसे पेड़ पर चढ़ने का विचित्र अनुभव हुआ।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. तोत्तो-चान ने यासुकी-चान का स्वागत कहाँ किया?
(क) अपने पेड़ पर
(ख) जमीन पर
(ग) तिपाई पर
(घ) सीढ़ी पर
उत्तर :
(क) अपने पेड़ पर

2. यासुकी-चान ने क्या पूछा?
(क) क्या पेड़ पर स्वागत है?
(ख) क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?
(ग) क्या मैं पेड़ पर चढ़ सकता हूँ?
(घ) क्या ऐसे चढ़ा जाता है?
उत्तर :
(ख) क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?

3. यासुकी-चान ने पेड़ पर क्या देखा?
(क) दुनिया की नई झलक
(ख) पेड़ों का दृश्य
(ग) नीला आसमान
(घ) सभी कुछ
उत्तर :
(क) दुनिया की नई झलक

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अपूर्व अनुभव Summary in Hindi

अपूर्व अनुभव पाठ का सार

इस कहानी में दो पात्र हैं-एक बालिका तोत्ता-चान और उससे एक साल बड़ा लड़का यासुकी-चान। यासुकी-चान को पोलियों था अतः वह किसी पेड़ पर नहीं चढ़ पाता था। सभागार में शिविर लगने के दो दिन बाद तोखे चान को एक साहसपूर्ण काम करने का दिन आया। उसने अपंग यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ने का न्योता दिया। तोमोए में प्रत्येक बच्चा बाग के एक-एक पेड़ को अपने खुद के चढ़ने का पेड़ मानता था। तोत्ता-चान अक्सर खाने की छुट्टी के समय या स्कूल के बाद पेड़ के ऊपर चढ़ी मिलती थी।

सभी बच्चे अपने-अपने पेड़ को निजी संपत्ति मानते थे। किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ने से पूर्व पूछना पड़ता था। यासुकी-चान पोलियोग्रस्त होने के कारण किसी पेड़ को अपना नहीं मान पाता था। घर से निकलते समय तोत्तो चान ने झूठ बोला था कि वह यासुकी-चान के घर डेनेनचोफु जा रही है पर उसने रॉकी को सच बता दिया था। जब तोत्तो-चान स्कूल पहुँची तो उसे यासुकी-चान मैदान में क्यारियों के पास मिला। जैसे ही यासुकी चान ने तोत्तो चान को देखा, वह पैर घसीटता हुआ उसकी ओर आया।

तोत्ता-चान यासुकी-चान को अपने पेड़ की ओर ले गई। वह चौकीदार के छप्पर से एक सीढ़ी घसीट लाई और उसे तने के सहारे ऐसे लगा दिया, जिससे वह द्विशाखा तक पहुँच जाए। उसने सीढ़ी को पकड़ लिया और यासुकी-चान को ऊपर चढ़ने की कोशिश करने को कहा, पर उसके हाथ-पैर इतने कमजोर थे कि वह बिना सहारे के पहली सीढ़ी भी नहीं चढ़ पाया।

वह सिर झुकाकर खड़ा हो गया। तोत्तो-चान कोई और उपाय सोचने लगी। वह चौकीदार के छप्पर से एक तिपाई-सीढ़ी खींच लाई। वह सीढ़ी द्विशाखा तक पहुँच रही थी। यासुकी-चान ने घबराकर तिपाई-सीढ़ी की ओर देखा। उसे पसीना आ रहा था। उसने निश्चय के साथ पाँव उठाकर पहली सीढ़ी पर रखा। तोत्तो-चान उसकी मदद कर रही थी।

यासुको-चान पूरी शक्ति के साथ जूझ रहा था और आखिर वह ऊपर पहुँच गया, पर तभी सारी मेहनत बेकार होती लगने लगी। तोत्तो चान तो सीढ़ी पर से द्विशाखा पर छलांग लगाकर पहुँच गई, पर यासुकी-चान को सीढ़ी से पेड़ पर लाने की हर कोशिश बेकार रही। तोत्तो चान की रुलाई छूटने को थी, क्योंकि वह चाहती थी कि वह यासुकी-चान को अपने पेड़ पर आमंत्रित कर तमाम नई-नई चीजें दिखाए।

तोत्तो चान ने यासुकी-चान की पोलियो से पिचकी और अकड़ी उँगलियों को अपने हाथ में थाम लिया और बोली-“तुम लेटे रहो, मैं तुम्हें पेड़ पर खींचने की कोशिश करती हूँ।” यह कहकर वह पूरी ताकत से यासुकी-चान को खींचने लगी। काफी मेहनत के बाद दोनों आमने-सामने पेड़ की द्विशाखा पर थे। तोत्तो ने सम्मान से सिर झुकाकर कहा-“मेरे पेड़ पर तुम्हारा स्वागत है।” यासुकी-चान ने मुस्कराते हुए पूछा-“क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?”

उस दिन यासुकी-घान ने दुनिया की एक ऐसी नई झलक देखी जैसी उसने पहले कभी नहीं देखी थी। वे दोनों गप्पें लड़ाते रहे। यासुकी-चान ने उमंग में भरकर बताया कि उसकी बहन अमेरिका में है। उसने एक चीज टेलीविजन के बारे में बताया है। वह कहती है कि इसमें वह सूमो-कुश्ती भी देख सकेगा। तोत्तो-चान सोचती रही कि सूमो पहलवान किसी डिब्बे में कैसे
समा सकता है।

अपूर्व अनुभव शब्दार्थ

उदास = निराश, दु:खी होना (Sad)। छप्पर = झोंपड़ी के ऊपर घास-पूस की छत (Hut), तिपाई = तीन पाँवों/पैरों वाली (Stool)। धामे = पकड़े (Caught)। तरबतर = लथपथ, डूबे हुए (Drenched)। तमाम = समस्त, सारी (Total)। जोखिम = खतरा (Danger)। भरोसा = विश्वास (Belief) झिझकता हुआ = हिचक या संकोच के साथ धीरे-धीरे (Hesitated)। सम्मान से = आदर के साथ (With regard)। झलक = तस्वीर (Picture)। सूमों = (जापानी पहलवान जो कुश्ती लड़ते हैं उन्हें सूमों बोला जाता है।) (A wrestler)। ताकना = देखना (To see)। आमंत्रित = बुलाया हुआ (Invited) स्थिर = टिका हुआ (Stable)। संपत्ति = प्रापर्टी (Property)। हताशा = निराशा (Distress)। हैरान = आश्चर्यचकित (Surprised)। सभागार = बैठक करने का बड़ा कक्ष (Meeting Place)। शिविर = किसी निश्चित उद्देश्य से एकत्र होना (Camp)। द्विशाखा = दो शाखाएँ (Two wigs)। निजी = अपनी (Own)। सूना = खाली-खाली, सुनसान (Empty place)। उत्तेजित = जोश में आना (Excited)। भेद = अंतर (Difference)।

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 8 शाम एक किशान Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 8 शाम एक किशान

HBSE 7th Class Hindi शाम एक किशान Textbook Questions and Answers

कविता से

शाम एक किसान शब्दार्थ HBSE Class 7 प्रश्न 1.
इस कविता में शाम के दृश्य को किसान के रूप में दिखाया गया है-यह एक रूपक है। इसे बनाने के लिए पाँच एकरूपताओं की जोड़ी बनाई गई है। उन्हें उपमा कहते हैं। पहली एकरूपता आकाश और सोफे में दिखाते हुए कविता में ‘आकाश का साफा’ वाक्यांश आया है। इसी तरह तीसरी एकरूपता नदी और चादर में दिखाई गई है, मानों नदी चादर-सी हो। अब आप दूसरी, चौथी और पाँचवी एकरूपताओं को खोजकर लिखिए।

  • इस प्रकार की दूसरी एकरूपता दिखाने वाली उपमाओं को कविता से खोजकर सूची बनाइए।

उत्तर :
एकरूपता दिखाने वाली उपमाएँ
1. पहाड़ – किसान
2. नदी – चादर
3. पलाश का जंगल – दहकती अँगीठी
4. अंधकार – भेड़ों का गल्ला।

शाम एक किसान कविता का सारांश HBSE Class 7 प्रश्न 2.
शाम का दृश्य अपने घर की छत या खिड़की से देखकर बताइए
(क) शाम कब से शुरू हुई ?
(ख) तब से लेकर सूरज डूबने में कितना समय लगा?
(ग) इस बीच आसमान में क्या-क्या परिवर्तन आए?
उत्तर :
(क) सायं छह बजे शुरू हुई।
(ख) आधे घंटे का समय लगा।
(ग) आसमान में लालिमा छा गई, आकाश पीला-पीला हो गया और अंत में सूरज आँखों से ओझल हो गया।

शाम एक किसान के प्रश्न उत्तर HBSE Class 7 प्रश्न 3.
मोर के बोलने पर कवि को लगा जैसे किसी ने कहा हो-‘सुनते हो’। आगे दिए गए पक्षियों की बोली सुनकर उन्हें भी एक या दो शब्दों में बाँधिए –
कबूतर, कौआ, मैना, तोता, चील, हंस.
उत्तर:

  1. कबूतर-गुटरगूं
  2. कौआ-काँव-काँव
  3. चील-चें-चें

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कविता से आगे

Class 7 Hindi Chapter 8 HBSE प्रश्न 1.
इस कविता को चित्रित करने के लिए किन-किन रंगों का प्रयोग करना होगा ?
उत्तर :
पीला, सुनहरा, सफेद, लाल रंगों का प्रयोग करना होगा।

शाम एक किसान कविता की व्याख्या HBSE Class 7 प्रश्न 2.
शाम के समय ये क्या करते हैं, पता लगाइए और लिखिए
पक्षी, खिलाड़ी, फलवाले, माँ, पेड़-पौधे, पिताजी, किसान, बच्चे.
उत्तर :

  1. पक्षी : घोंसलों की ओर लौट जाते हैं।
  2. खिलाड़ी : खेलना बंद कर देते हैं।
  3. फल वाले : फल बेचते हैं।
  4. माँ : बच्चों के लिए खाना पकाने की तैयारी करती है।
  5. पेड़-पौधे : सोने लगते हैं।
  6. पिताजी : घर लौट आते हैं।
  7. किसान : खेतों से लौट आते हैं। गाय-भैंसों का दूध निकालते हैं।
  8. बच्चे : गृह कार्य करते हैं।

शाम एक किसान के शब्दार्थ HBSE Class 7 प्रश्न 3.
हिंदी के एक प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत ने संध्या का वर्णन इस प्रकार किया है
संध्या का झुटपुट, कौओं का झुटपुट, चहक रही है चिड़ियाँ, टी वी टी टुर-टुर,
ऊपर दी गई कविता और सर्वेश्वरदयाल की कविता में आपको क्या मुख्य अंतर लगा ? लिखिए।
उत्तर :
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ने संध्याकालीन दृश्य का किसान के रूप में रूपक बाँधकर प्रस्तुत किया है जबकि कवि पंत ने संध्याकाल में विभिन्न पक्षियों की आवाजों को सुनवाया है।

HBSE 7th Class Hindi शाम एक किशान Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

शाम एक किसान प्रश्न उत्तर HBSE Class 7 प्रश्न 1.
कविता में पहाड़ को किस रूप में दर्शाया गया है?
उत्तर :
कविता में पहाड़ को साफा बाँधे किसान के रूप में दर्शाया गया है।

शाम एक किसान कविता के प्रश्न उत्तर HBSE Class 7 प्रश्न 2.
इस किसान के घुटनों पर क्या है?
उत्तर :
इस किसान के घुटनों पर चादर है।

शाम एक किसान Question Answer HBSE Class 7 प्रश्न 3.
किसे अंगीठी बताया गया है और क्यों?
उत्तर :
पलाश के जंगल को अँगीठी बताया गया है क्योंकि पलाश के लाल-लाल फूल आग की तरह दहकते प्रतीत होते हैं।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

शाम एक किसान व्याख्या HBSE Class 7 प्रश्न 4.
‘भेड़ों के गल्ले-सा’ किसे कहा गया है?
उत्तर :
अंधकार को भेड़ों के गल्ले-सा कहा गया है।

Chapter 8 Shaam Ek Kisan HBSE Class 7 प्रश्न 5.
मोर की आवाज़ कैसी लगी?
उत्तर :
जैसे किसी के कहा हो-‘सुनते हो?’

लघुत्तरात्मक प्रश्न

Shaam Ek Kisan Class 7th HBSE प्रश्न 1.
किसको किस रूप में चित्रित किया गया है ?
पहाड़, नदी, पलाश के जंगल को, डूबते सूरज को, आकाश को
उत्तर :

  1. पहाड़ को : किसान के रूप में
  2. नदी को : चादर के रूप में
  3. पलाश के जंगल को : दहकती अँगीठी के रूप में।
  4. डूबते सूरज को : चिलम के रूप में।
  5. आकाश को : किसान के साफे के रूप में।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

शाम एक किसान HBSE Class 7 प्रश्न 2.
चिलम औंधी क्यों हो गई?
उत्तर :
सूरज चिलम के रूप में था। अंधकार होते ही सूरज डूब गया और इसके साथ चिलम का आकार भी गायब हो गया। इससे ऐसा लगा कि किसान की चिलम औंधी हो गई है।

शाम एक किशान काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. आकाश का …………… गल्ले-सा।

शब्दार्थ: आकाश = आसमान (Sky)सूरज = सूर्य (Sun), बहकना = जलना (To burn)

सप्रसंग व्याख्या:
प्रसंग :
प्रस्तुत पक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग-2’ में संकलित कविता ‘शाम : एक किसान’ से ली गई हैं। इस कविता के रचयिता सर्वेश्वरदयाल सक्सेना हैं। इसमें कवि ने जाई की शाम में पहाड़ को एक किसान के रूप में चित्रित किया है।

व्याख्या :
कवि जाड़े की शाम के प्राकृतिक दृश्य का चित्रण करते हुए कहता है कि इस दृश्य में पहाड़ एक किसान की तरह दिखाई देता है। आकाश उसके सिर के साफे के समान है। सूरज चिलम के समान प्रतीत होता है जिसे वह दम लगाकर खींचता – है। पहाड़ के नीचे नदी बहती रहती है और यह नदी पहाड़ रूपी किसान के घुटनों पर पड़ी चादर के समान प्रतीत होती है। सर्दी भगाने के लिए इस किसान के पास अंगीठी दहक रही है। पलाश के लाल-लाल फूलों को अंगीठी का रूप दिया गया है। पूरब दिशा में क्षितिज पर होता अंधकार झुंड में बैठी भेड़ों जैसा प्रतीत होता है। पश्चिम दिशा में डूबता सूरज इस पहाड़ रूपी किसान की चिलम है। यह पूरा दृश्य शांत है।

विशेष :
1. प्रकृति का मनोहारी चित्रण किया गया है।
2. ‘भेड़ों का गल्ला-सा’ में उपमा अलंकार है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. कॉन, किस रूप में बैठा है?
2. नदी किसके समान प्रतीत होती है?
3. किसे दहकती अंगीठी बताया गया है?
4. अंधकार कैसा लग रहा है?
उत्तर:
1. पहाड़ एक किसान के रूप में बैठा है। उसने सिर पर साफा बाँध रखा है तथा चिलम पी रहा है।
2 पहाड़ के नीचे की नदी किसान के घुटनों पर पड़ी चादर के समान प्रतीत होती है।
3. पलाश के लाल-लाल फूलों को दहकती अंगीठी बताया गया है।
4. अंधकार दूर सिमटा भेड़ों के गल्ले के समान लग रहा है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. इस कविता के रचयिता कौन है?
(क) सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
(ख) सुमित्रानंदन पंत
(ग) रघुवरदयाल सक्सेना
(घ) मैथिलीशरण गुप्त
उत्तर :
(ख) सुमित्रानंदन पंत

2. पहाड़ किस रूप में है?
(क) किसान के रूप में
(ख) साफा बाँधे हुए
(ग) चिलम खींचता
(घ) ये सभी रूप
उत्तर :
(घ) ये सभी रूप

3. कौन-सी अंगीठी दहक रही है?
(क) पलाश के जंगल की
(ख) कोयले की
(ग) लकड़ी की
(घ) प्रकृति की
उत्तर :
(क) पलाश के जंगल की

4. ‘भेड़ों के गल्ले-सा’ में कौन-सा अलंकार है?
(क) अनुप्रास
(ख) उपमा
(ग) रूपक
(घ) यमक
उत्तर :
(ख) उपमा

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2. अचानक – बोला …………………….. छा गया।

सप्रसंग व्याख्या
प्रसंग :
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग-2’ में संकलित कविता ‘शाम : एक किसान’ से ली गई हैं। इस कविता के रचयिता सर्वेश्वरदयाल सक्सेना है। इसमें कवि ने जाडे की शाम में पहाड़ को एक किसान के रूप में चित्रित किया है।

व्याख्या :
कवि जाड़े की संध्या का चित्रण करते हुए बताता है कि अभी तक सारा वातावरण शांत था। अचानक मोर बोल उठता है, मानो किसी ने आवाज़ लगाई हो-‘सुनते हो?’ इसके बाद प्रकृति में सारा दृश्य घटना में बदल जाता है–चिलम उलट जाती है, आग बुझ जाती है, धुआँ उठने लगता है.सूरज डूब जाता है, शाम ढल जाती है और रात का अँधेरा छा जाता है।

विशेष : संध्याकालीन वातावरण का सजीव चित्रण किया गया है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. इस कविता के रचयिता कौन हैं?
2 इस कविता में किस वातावरण का चित्रण है?
3. दृश्य में क्या परिवर्तन आ जाता है?
उत्तर:
1. इस कविता के रचयिता सर्वेश्वरदयाल सक्सेना हैं।
2. इस कविता में जाड़े की एक संध्या के वातावरण का चित्रण है।
3. मोर के बोलते ही अर्थात् संध्या के होते ही सारा प्राकृतिक वातावरण बदल जाता है-सूरज डूब जाता है, रात का अंधेरा छाने लगता है। लगता है, चिलम औंधी हो गई है, आग बुझ गई है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. अचानक कौन बोल उठा?
(क) मोर
(ख) किसान
(ग) तांता
(घ) किसान की पत्नी
उत्तर :
(क) मोर

2. “चिलम औंधी होना’ किसका प्रतीक है?
(क) सूरज डूबने का
(ख) सूरज चमकने का
(ग) दिन छपने का
(घ) रात होने का
उत्तर :
(क) सूरज डूबने का

3. कौन-सा शब्द ‘सूरज’ का पर्यायवाची नहीं है
(क) रवि
(ख) दिनकर
(ग) भास्कर
(घ) शशि
उत्तर :
(घ) शशि

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शाम एक किशान Summary in Hindi

शाम एक किशान कवि-परिचय

प्रश्न : कवि सर्वेश्वरदयाल सक्सेना के जीवन एवं साहित्य का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर :
जीवन एवं साहित्यिक परिचय :
आधुनिक हिंदी साहित्य की नई कविता के कवियों में श्री सर्वेश्वर दयाल सक्सेना का नाम अग्रगण्य है। आपका जन्म 15 सितंबर, 1927 को उत्तर ‘प्रदेश स्थित बस्ती में हुआ। आपने एंग्लों संस्कृत विद्यालय, बस्ती से हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की और क्वीस कॉलेज वाराणसी में प्रवेश लिया।

तत्पश्चात् आपने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम. ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की। शिक्षा क्षेत्र में अध्यापन करने के उपरांत आपने आकाशवाणी में सहायक प्रोड्यूसर के रूप में कार्य किया। सर्वेश्वरदयाल सक्सेना ने कुछ दिन दिनमान के प्रमुख उपसंपादक पद पर भी कार्य किया। बाद में बच्चों की पत्रिका ‘पराग’ का संपादन कार्य भी किया। आपका देहावसान 25 सितंबर, 1984 को हुआ।

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना ‘तीसरा तारसप्तक’ के कवि हैं। छायावाद के उपरांत नई कविता के कवियों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। सुमित्रानंदन पंत ने सक्सेना जी की साहित्य कला दृष्टि की सराहना की है तथा उन्हें सहज-प्रयत्न कवि और नए कवियों में कलाबोध का पारखी बताया है। उनके काव्य में रोमानियत और सम-सामयिकता पाई जाती है। वे समष्टि चेतना और व्यष्टि चेतना के प्रति सजग हैं। आपने कविता के नए-नए विषयों की ओर ध्यान दिया है। सक्सेना जी ने जीवन के विविध पक्षों को अपनी कविता में नए रंग-ढंग से व्यक्त किया है।

भाषा-शैली :
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना खड़ी बोली के कवि हैं। उन्हें छंदमुक्त कविता अभीष्ट है। आपकी भाषा सरल और स्पष्ट है। कविता में कहीं-कहीं तीखे व्यंग्य पाए जाते हैं। कविता में बिंब योजना और प्रतीकात्मकता विशेष रूप से परिलक्षित होती है। भाषा प्रसाद गुण युक्त है। भाषा में तत्सम शब्दों के साथ स्थानीय शब्दों का अदभुत समन्वय है तथा कल्पना की प्रधानता है। चित्रात्मकता के साथ मानवीकरण उनकी अनूठी विशेषता है।

रचनाएँ : सर्वेश्वरदयाल सक्सेना बहुमुखी प्रतिभा के धनी साहित्यकार हैं। आपकी साहित्यिक कृतियाँ निम्न प्रकार हैं

काव्य कृतियाँ : काठ की घंटियाँ, बाँस का पुल, एक सूनी नाव, गर्म हवाएँ, जंगल का दर्द, खूटियों पर टंगे लोग आदि।

नाटक : बकरी, कल फिर भात आएगा, लड़ाई, अब गरीबी हटाओ, राज-बाज बहादुर और रानी रूपमती आदि।

उपन्यास : पागल कुत्तों का मसीहा, सोया हुआ जल। लेख संग्रह : चरचे और चरखे आदि।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

शाम एक किशान कविता का सार

‘शाम : एक किसान’ शीर्षक कविता सर्वेश्वरदयाल सक्सेना द्वारा रचित है। इस कविता में कवि ने जाड़े की शाम के दृश्य को एक किसान के रूप में दर्शाया है। यह कविता एक रूपक है। इस कविता में शाम के दृश्य और किसान के बीच एकरूपता दिखाई गई है।

जिस प्रकार किसान सिर पर साफा बाँधकर चिलम खींचता या पीता है, उसी प्रकार पहाड़ (जो एक किसान के रूप में है) आकाश रूपी साफा बाँधकर और सूरज की चिलम को खींचता दिखाई देता है। जिस प्रकार किसान के घुटनों पर चादर पड़ी रहती है उसी प्रकार शाम के घुटनों पर नदी पड़ी रहती है। सर्दी भगाने के लिए किसान अँगीठी जलाता है।

शाम की अँगीठी है-पलाश के जंगल। इनमें लाल-लाल फूल आग की तरह दहकते हैं। अंधकार भेड़ों के गल्ले के समान दूर छिपकर बैठा रहता है। तभी अचानक बोल उठा, मानो कोई आवाज़ दे रहा हो। उस समय वह चिलम उल्टी हो गई, धुआँ उठने लगा और सूरज डूब गया तथा चारों ओर अंधेरा छा गया।

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 5 मीठाईवाला Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 5 मीठाईवाला

HBSE 7th Class Hindi मीठाईवाला Textbook Questions and Answers

कहानी से

Class 7 Hindi Chapter 5 Pdf HBSE प्रश्न 1.
मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?
उत्तर:
मिठाईवाला अलग-अलग चीजें बंचता था। कभी वह मिठाई बेचता, तो कभी खिलौने बेचता और कभी मुरली बेचता था। वह बच्चों को पसंद आने वाली चीजें ही बेचता था। बच्चे एक चीज से उकता न जाएँ इसलिए चीजें बदल-बदलकर बेचता था। वह महीनों बाद इसलिए आता था क्योंकि वह चीजें तैयार करवाता था तथा बच्चों में उत्सुकता बनाए रखना चाहता था।

Part 5 Mithaiwala HBSE Class 7 प्रश्न 2.
मिठाईवाले में वे कौन-से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे?
उत्तर:
मिठाईवाले में अनके गुण थे।

  • उसका स्वर बहुत मीठा था। वह गा-गाकर चीजें बेचता था।
  • बच्चों के प्रति उसका व्यवहार अत्यंत कोमल एवं प्रेमपूर्ण था।
  • वह लाभ कमाने के चक्कर में नहीं रहता था।
  • वह सदा सच बोलता था।
  • उसके हृदय में बच्चों के लिए ममता थी।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

Class 7 Hindi Chapter 5 Pdf Question Answer HBSE प्रश्न 3.
विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं?
उत्तर:
विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता! विजय बाबू अपने पक्ष के समर्थन में यह तर्क प्रस्तुत करते हैं-फेरीवाले झूठे और मक्कार होते हैं। वे सभी को एक समान दर पर सामान देते हैं. पर पहले अधिक दाम बताकर फिर कम करके ग्राहक पर अहसान का बोझ लाद देते हैं।
मुरलीवाला तर्क देता है-

  • ग्राहक को वस्तु की लागत कीमत का पता नहीं होता।
  • दुकानदार चाहे हानि उठाकर भी चीज बेचे फिर भी ग्राहक समझता है कि दुकानदार लूट रहा है।
  • ग्राहक को दुकानदार पर विश्वास नहीं होता।

Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer HBSE प्रश्न 4.
खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?
उत्तर:
खिलौने वाले के आने पर बच्चे खुश हो जाते थे। वे अपने-अपने घर से पैसे लाकर खिलौनों का मोल भाव करने लग जाते थे। खिलौनावाला उनको मनचाहे खिलौने दे देता था और बच्चे उन्हें पाकर उछलने-कूदने लगते थे।।

प्रश्न 5.
रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया?
उत्तर:
रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण इसलिए हो आया क्योंकि खिलौनेवाला भी इसी तरह गा-गाकर खिलौने बेचा करता था। उसने उसका स्वर पहचान लिया था।

प्रश्न 6.
किसकी बात सुनकर मिठाईवाला क्यों भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया?
उत्तर:
दादी की बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया। इस पर उसने भावुक होकर बताया-वह भी अपने नगर का प्रतिष्ठित आदमी था। उसके पास सुख के सभी साधन थे। स्त्री और दो छोटे बच्चे भी थे। विधाता की लीला सभी को ले गई। वह तो अपने बच्चों को इन बच्चों में खोजता है। उसे पैसों की कोई कमी नहीं है। वह इन चीजों को बच्चों में बेचकर संतोष का अनुभव करता है. कमाता नहीं।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

प्रश्न 7.
“अब इस बार ये पैसे न लूँगा” कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर:
चुन्न-मुन्नू ने मिठाई मांगी तो मिठाईवाले ने मिठाई की दो पुड़ियाँ उन्हें ऐसे ही दे दी। रोहिणी ने भीतर से पैसे फेंके तो मिठाईवाला बोला “अब इस बार ये पैसे न लूँगा।” मिठाईवाले ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उसे लग रहा था कि वह अपने ही बच्चों को मिठाई दे रहा है।

प्रश्न 8.
इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है?
उत्तर:
आज प्रायः औरतें चिक के पीछे से बातें नहीं करतीं। हाँ. कुछ मुस्लिम परिवारों में यह रिवाज अब भी है। वे स्त्रियाँ परदा करती हैं। गाँव की स्त्रियाँ भी परदा करती हैं। मेरी राय में यह ठीक नहीं है।

कहानी से आगे

प्रश्न 1.
मिठाईवाले के परिवार के साथ क्या हुआ होगा। सोचिए और इस आधार पर एक और कहानी बुनिए?
उत्तर:
मिठाईवाले के परिवार के साथ कोई दुर्घटना घटी होगी। मिठाई वाले का परिवार कहीं जा रहा होगा कि उन्हें किसी दुर्घटना का शिकार होना पड़ा होगा और उस दुर्घटना में मिठाईवाले की पत्नी और बच्चे मर गए होंगे।

प्रश्न 2.
हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में कौन-कौन-सी चीजें तुम्हें सबसे ज्यादा आकर्षित करती हैं? उनको सजाने-बनाने में किसका हाथ होगा? उन चेहरों के बारे में लिखिए।
उत्तर:
हाट-मेलं. शादी में हमें निम्नलिखित चीजें ज्यादा आकर्षित करती हैं

  1. खिलौने
  2. मिठाइयाँ
  3. चाट-पकौड़ी
  4. गोलगप्पे
  5. चाऊमीन।

खिलौनों को कारीगर घरों में बनाते हैं, जबकि मिठाइयों और चाट-पकौड़ी को वहीं मेले या शादी में बनाया जाता है। इनके चेहरे पर परिश्रम झलकता है।

प्रश्न 3.
इस कहानी में मिठाईवाला दूसरों को प्यार और खुशी देकर अपना दुःख कम करता है। इस मिजाज की और कहानियाँ, कविताएँ ढूंढिए और पढ़िए।
उत्तर:
ऐसी कहानियाँ विद्यार्थी पुस्तकों से पढ़ें।

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HBSE 7th Class Hindi मीठाईवाला Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बच्चे खिलौने देखकर कैसे हो जाते थे?
उत्तर:
बच्चे खिलौने देखकर पुलकित हो उठते थे।

प्रश्न 2.
रोहिणी क्या सोचने लगी?
उत्तर:
रोहिणी सोचने लगी-खिलौने इतने सस्ते में कैसे दे गया?

प्रश्न 3.
नगर भर में क्या समाचार फैल गया?
उत्तर:
नगर भर में मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया।

प्रश्न 4.
ग्राहक हमेशा क्या सोचता है?
उत्तर:
ग्राहक हमेशा यह सोचता है कि दुकानदार मुझे लूट रहा है।

प्रश्न 5.
मुरलीवाले का स्वर कैसा था? उत्तर: मुरलीवाले का स्वर मीठा और स्नेहसिक्त था। प्रश्न 6. रोहिणी मकान की छत पर क्या कर रही थी?
उत्तर:
रोहिणी स्नान करके मकान की छत पर बाल सुखा रही थी।

प्रश्न 7.
मिठाईवाला पहले क्या था?
उत्तर:
वह पहले एक व्यवसायी था।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विजयबाबू और मिठाईवाले के वार्तालाप को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
विजयबाबू: क्यों भाई, किस भाव देते हो मुरली?
मिठाईवाला: बाबू जी, वैसे तो भाव तीन पैसे का है, पर मैं आपको दो पैसे में ही दे दूंगा।
विजयबाबू: क्यों झूठ बोलता है? देता तो सभी को दो पैसे की होगा, पर मुझ पर एहसान का बोझ लादना चाहता है।
मिठाईवाला: बाबू जी. आपको इसकी लागत का पता तक नहीं है। हम चाहे हानि उठाकर भी अपना सामान क्यों न बेचें, पर आप हमें ठग ही समझते हैं।
विजयबाबू: अच्छा, अच्छा। बहस के लिए मेरे पास समय नहीं है। जल्दी से दो मुरली दे दे।

प्रश्न 2.
खिलौनेवाले की मधुर आवाज का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता था?
उत्तर:
खिलौनेवाले की मधुर आवाज सुनकर बच्चे अपना खेल बीच में ही छोडकर खिलौनेवाले के आस-पास जमा हो जाते और उसे घेरकर खड़े हो जाते। खिलौनेवाला उनके सामने अपनी खिलौनों की पेटी खोल देता।

प्रश्न 3.
नगर भर में मुरलीवाले के आने का समाचार क्यों फैल गया?
उत्तर:
नगर भर में मुरलीवाले के आने का समाचार इसलिए फैल गया क्योंकि वह मुरली बजाने और गाना गाने में उस्ताद था। लोगों को उसने मुरली बजाकर और मधुर गीत गा-गाकर रिझा लिया था। चारों ओर उसी की चर्चा होने लगी थी।

प्रश्न 4.
रोहिणी को मिठाईवाले का स्वर सुनकर खिलौनेवाले और मुरलीवाले का स्मरण क्यों हो आया?
उत्तर:
वास्तव में खिलौनेवाला, मुरलीवाला और मिठाईवाला व्यक्ति एक ही था। वही बार-बार चीजें बदलकर बच्चों को खश करने आता था। रोहिणी ने जब मिठाईवाले का मृदुल स्वर सुना तो उसे वह परिचित स्वर लगा। मुरलीवाला भी इसी प्रकार के स्वर में गाता था अतः उसे उसका स्मरण हो आया।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

प्रश्न 5.
मिठाईवाले ने अपनी मिठाइयों की क्या-क्या विशेषताएँ बताई?
उत्तर:
मिठाईवाले ने अपनी मिठाइयों की ये विशेषताएँ बताई-ये रंग-बिरंगी हैं। ये खट्टी-मीठी हैं तथा जायकेदार हैं। ये मुंह में देर तक टिकती हैं। बच्चे इन्हें बड़े चाव से चूसते हैं। ये खाँसी को दूर करती हैं। आकार में ये चपटी, गोल और पहलदार हैं।

प्रश्न 6.
मिठाईवाले को अपने व्यवसाय में पैसे के अलावा और क्या मिलता था?
उत्तर:
मिठाईवाले को अपने व्यवसाय में पैसे के अलावा संतोष, धीरज और असीम सुख मिलता था। वह बच्चों के निकट रहना चाहता था और अपने व्यवसाय में वह यह अवसर पा रहा था।

प्रश्न 7.
रोहिणी को मिठाईवाले के संबंध में जानने की उत्सुकता क्यों थी?
उत्तर:
रोहिणी को जब यह पता चला कि यह मिठाईवाला ही पहले खिलौनेवाला और मुरलीवाला बनकर आया था तो वह उसके बारे में जानने को उत्सुक हो उठी। वह जानना चाहती थी कि यह व्यक्ति इतने कम दामों पर अपनी चीजें क्यों बेचता है?

प्रश्न 8.
फेरीवाले को गली के बच्चों पर ममता क्यों थी?
उत्तर:
फेरीवाले को गली के बच्चों पर ममता इसलिए थी क्योंकि वह उन बच्चों में अपने मरे हुए बच्चों की छवि देखता था। उसे विश्वास था कि वे कहीं-न-कहीं जन्मे तो होंगे ही। वह उनको ही खोजता फिरता था। यही कारण था कि वह उन बच्चों के प्रति ममता का भाव रखता था। इससे उसे असीम संतोष मिलता था।

प्रश्न 9.
मिठाईवाला बच्चों के लिए ही चीजें लेकर क्यों आया था? सही उत्तर छाँटिए
(क) वह अधिक पैसा कमाना चाहता था।
(ख) वह लोगों को आकर्षित करना चाहता था।
(ग) वह लोगों में नाम कमाना चाहता था।
(घ) वह बच्चों से मिलकर अपनी ममता की पूर्ति करना चाहता था।
उत्तर:
(घ) वह बच्चों से मिलकर अपनी ममता की पूर्ति करना चाहता था।

प्रश्न 10.
मिठाईवाले की व्यथा को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
मिठाईवाला एक व्यथित व्यक्ति है। वह धनी-मानी व्यक्ति होते हुए भी गली-गली मुरली, खिलौने तथा मिठाई बेचता फिरता है। इस काम से उसकी व्यथा कुछ कम होती है। उसका एक भरा-पूरा परिवार था। ईश्वर की लीला भी बड़ी विचित्र है। उसकी सुंदर पत्नी और प्यारे बच्चे असमय ही ईश्वर को प्यारे हो गए। उसका हृदय व्यथा के सागर में डूब गया। उसने अपने जीने का माध्यम ढूंढ निकाला। वह बच्चों के सलोने मुखों में अपने बच्चों की छवि निहारता है। इससे उसे संतोष मिलता है।

प्रश्न 11.
एक दिन नगर में क्या समाचार फैल गया?
उत्तर:
एक दिन नगर में यह समाचार फैल गया कि यहाँ एक मुरलीवाला आया है। मुरली बजाने में वह बहुत उस्ताद है। वह मुरली बजाकर, गाना सुनाकर मुरली भी बेचता है और वह भी दो-दो पैसे में। इतने कम दाम में तो उसे कुछ भी नहीं मिलता होगा।

प्रश्न 12.
मुरलीवाले की बातें सुनकर रोहिणी ने क्या अनुभव किया?
उत्तर:
मुरलीवाले की बातें सुनकर रोहिणी ने अनुभव किया कि बच्चों के साथ इतने प्यार से बातें करने वाला कोई फेरीवाला कभी पहले नहीं आया। वह सस्ता सौदा बेचता है तथा भला आदमी जान पड़ता है।

प्रश्न 13.
इस कहानी का उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
इस कहानी का उद्देश्य है कि व्यक्ति परोपकार करके अपने दुःख को कमकर सकता है। व्यक्ति मीठी वाणी और सद्व्यवहार से सबका मन मोह लेता है। बच्चों के साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार करना चाहिए।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

प्रश्न 14.
बच्चे खिलौनेवाले से क्यों खुश रहते थे?
उत्तर:
खिलौनेवाला बच्चों को डाँटने-फटकारने के स्थान पर प्यार करता था। वह उन्हें तरह-तरह के खिलौने दिखाता था और उनकी पसंद के खिलौने उन्हें अत्यंत कम दामों पर दे देता था। वह बच्चों के साथ अत्यंत मीठे स्वर में बात करता था। वह बच्चों में लोकप्रिय हो गया था।

प्रश्न 15.
इस कहानी के माध्यम से लेखक ने कैसे व्यक्ति का चित्रण किया है?
उत्तर:
इस कहानी के माध्यम से लेखक ने एक ऐसे धनी और प्रतिष्ठित व्यक्ति की मन:स्थिति का चित्रण किया है, जिसने असमय ही अपनी पत्नी एवं बच्चों को खो दिया। वह अपने बच्चों के साथ बहुत लगाव रखता था। वह नगर के अन्य बच्चों को अपनी चीजों एवं मधुर वाणी से इसलिए लुभाता है क्योंकि वह उनमें अपने बच्चों की छवि देखता है। इससे उसे मानसिक शांति का अनुभव होता है।

मीठाईवाला गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. उसके …………….. खोल देता।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. मकानों में हलचल क्यों मच जाती थी?
2. युवतियाँ कहाँ, किस रूप में झाँकने लगती थीं?
3. बच्चे कहाँ खेलते थे?
4. खिलौनेवाला क्या करता था?
उत्तर:
1. जब खिलौनेवाला मीठे स्वर में गलियों में आवाज़ देता-‘खिलौनेवाला’ तब उसे सुनकर निकट के मकानों में हलचल मच जाती थी।
2. युवतियाँ अपने छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर, घर की चिकों को उठाकर नीचे की ओर झाँकने लगती थीं।
3. बच्चे गलियों और उनके मध्य समाए छोटे-छोटे उद्यानों में खेलते थे।
4. खिलौनेवाला बच्चों के झुंड के बीच बैठकर अपने खिलौनों की पेटी खोल देता था।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. खिलौने वाला का स्वर कैसा था?
(क) स्नेह से भरा
(ख) कर्कश
(ग) तीखा
(घ) अजीब-सा
उत्तर:
(क) स्नेह से भरा

2. युवतियाँ कहाँ देखने लगती थीं?
(क) ऊपर की ओर
(ख) नीचे की ओर
(ग) भीड़ की ओर
(घ) कहीं नहीं
उत्तर:
(ख) नीचे की ओर

3. इस कहानी के लेखक हैं
(क) भगवती प्रसाद वाजपेयी
(ख) भगवती चरण वर्मा
(ग) प्रेमचंद
(घ) जैनेंद्र
उत्तर:
(क) भगवती प्रसाद वाजपेयी

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

2. नगर भर …………………………………… करता था?”

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. नगर भर में क्या समाचार फैल गया?
2. लोग क्या कहने लगे?
3. मुरलीवाले का हुलिया किस प्रकार का बताया गया?
4. पहले यह व्यक्ति क्या काम करता था?
उत्तर:
1. नगर भर में दो-चार दिनों में यह समाचार फैल गया कि मुरलीवाला आया है।
2. लोग यह कहने लगे कि वह व्यक्ति मुरली बजाने में बड़ा उस्ताद है। वह गाना सुना कर और मुरली बजा कर मुरली बेचता है। वह दो-दो पैसे में मुरली बेच रहा है। इतने में तो मेहनत भी पूरी न होती होगी।
3. मुरलीवाले का यह हुलिया बताया गया- वह 30-32 वर्ष का होगा। वह गोरा- पतला युवक है। वह बीकानेरी रंगीन साफा बाँधता है।
4. पहले यही व्यक्ति खिलौने बेचा करता था।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. नगर भर में क्या समाचार फैल गया?
(क) मुरलीवाले के आने का
(ख) खिलौनेवाले के आने का
(ग) गुब्बारवाले के आने का
उत्तर:
(क) मुरलीवाले के आने का

2. वह आदमी कैसे मुरली बेचता है?
(क) मुरली बजाकर
(ख) गाना सुनाकर
(ग) दोनों काम करके
(घ) कुछ नही करके
उत्तर:
(ग) दोनों काम करके

3. मुरलीवाले की उन कितनी होगी?
(क) बीस वर्ष
(ख) पच्चीस वर्ष
(ग) 30-32 वर्ष
(घ) पचास वर्ष
उत्तर:
(ग) 30-32 वर्ष

4. वह कैसा साफा बाँधता है?
(क) बीकानेरी
(ख) जोधपुरी
(ग) जयपुरी
(घ) अजमेरी
उत्तर:
(क) बीकानेरी

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3. प्रतिदिन इसी ………………….. गए हैं।”

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1, प्रतिदिन किसकी चर्चा होती थी और क्यों?
2. बच्चों को कैसा स्वर सुनाई पड़ता था?
3. मुरलीवाले का स्वर सुनकर रोहिणी को क्या स्मरण हो आया?
4. विजय कौन थे? उनसे रोहिणी ने क्या कहा?
उत्तर:
1. सारे नगर में प्रतिदिन मुरलीवाले की चर्चा होती थी क्योंकि प्रत्येक गली में उसकी मुरली की मधुर ध्वनि सुनाई पड़ती थी।
2. बच्चों को मुरलीवाले का मादक-मृदुल स्वर सुनाई पड़ता था बच्चों को बहलाने वाला, मुरलिया वाला।
3. मुरलीवाले के स्वर को सुनकर रोहिणी को मन-ही-मन खिलौनेवाले का स्मरण हो आया। वह भी इसी तरह गा-गाकर खिलौने बेचा करता था।
4. विजय रोहिणी के पति थे। रोहिणी ने उनसे मुरलीवाले को बुलाने के लिए कहा क्योंकि उसे चुन्नू-मुन्नू के लिए मुरली खरीदनी थी।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. प्रतिदिन किसकी चर्चा होती थी?
(क) मुरलीवाले की
(ख) मिठाईवाले की
(ग) खिलौनेवाले की
(घ) किसी की नहीं
उत्तर:
(क) मुरलीवाले की

2. रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से किसका स्मरण हो आया?
(क) मिठाईवाले का
(ख) खिलौनेवाले का
(ग) फेरीवाले का
(घ) सभी का
उत्तर:
(ख) खिलौनेवाले का

3. रोहिणी उठकर किसके पास गई?
(क) अपने पति विजय बाबू के पास
(ख) मुरलीवाले के पास
(ग) वृद्धा माँ के पास
(घ) बच्चों के पास
उत्तर:
(क) अपने पति विजय बाबू के पास

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4. विजय बाबू ………………………… …. भाव पड़ी हैं।”

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. विजय बाबू क्यों मुस्करा दिए?
2 विजय बाबू ने मुरलीवाले से क्या कहा?
3. मुरलीवाले ने क्या सफाई दी?
4. क्या आप उसकी बात से सहमत हैं?
उत्तर:
1. विजय बाबू मुरलीवाले की इस बात पर मुस्करा दिए कि मुरली है तो तीन पैसे की, पर आपको दो पैसे में ही दे दूंगा। विजय बाबू को लगा कि यह तो मुझ पर अहसान लाद रहा है।

2. विजय बाबू ने मुरलीवाले से यह कहा कि तुम लोगों की आदत झूठ बोलने की है। सभी को दो-दो पैसों में देते होंगे, पर अहसान का बोझा मेरे ऊपर लाद रहे हो।

3. मुरलीवाले ने यह सफाई दो-आपको मुरली की लागत का पता नहीं है। हर ग्राहक यही समझता है कि दुकानदार मुझे लूट रहा है। मैंने तो एक हजार मुरलियाँ बनवाई थीं अतः मुझे इस भाव पड़ी हैं अन्यथा कहीं भी ये मुरलियाँ दो-दो पैसे में नहीं मिल सकती।

4. हाँ, हम मुरलीवाले की बात से सहमत हैं। वह मुनाफा कमाने के लिए मुरली नहीं बेचता।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. कौन मुसकराया?
(क) विजय बाबू
(ख) रोहिणी
(ग) खिलौनेवाला
(घ) कोई नहीं
उत्तर:
(क) विजय बाबू

2. विजय ने मुरलीवाले पर क्या तोहमत लगाई?
(क) तुम लोगों को झूठ बोलने की आदत होती है
(ख) तुम लोगों को ठगने की आदत होती है
(ग) तुम लोगों को अपना माल बेचना होता है
(घ) तुम लोगों पर विश्वास नहीं किया जा सकता
उत्तर:
(क) तुम लोगों को झूठ बोलने की आदत होती है

3. मुरलीवाले ने कितनी मुरलियाँ बनवाई थीं?
(क) सौ
(ख) पाँच सौ
(ग) एक हजार
(घ) पाँच हजार
उत्तर:
(ग) एक हजार

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5. अतिशय गंभीरता ………….. …. नहीं है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
1. मिठाईवाला पहले क्या था?
2. उसके पास क्या-क्या था?
3. बाहर-भीतर क्या था?
4. समय ने क्या कर दिया?
उत्तर:
1. मिठाईवाला पहले अपने शहर का एक प्रतिष्ठित आदमी था।
2. उसके पास मकान, व्यवसाय, गाड़ी-घोड़ा, नौकर-चाकर, पत्नी तथा दो बच्चे थे।
3. बाहर संपत्ति का वैभव था और भीतर सांसारिक सुख था।
4. समय ने ऐसी लीला खेली कि उसका सभी कुछ चला गया।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. मिठाईवाले का संसार कैसा था?
(क) सोने का
(ख) चाँदी का
(ग) खिलौनों का
(घ) नौकरों का
उत्तर:
(क) सोने का

2. उसकी पत्नी कैसी थी?
(क) सुंदर
(ख) सुशील
(ग) सामान्य
(घ) अच्छी
उत्तर:
(क) सुंदर

3. ‘सजीव खिलौने’ में रेखांकित शब्द क्या है?
(क) संज्ञा
(ख) सर्वनाम
(ग) विशेषण
(घ) क्रिया
उत्तर:
(ग) विशेषण

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मीठाईवाला Summary in Hindi

मीठाईवाला कहानी का सार

मिठाईवाला एक धनी एवं प्रतिष्ठित व्यक्ति होते हुए भी बच्चों को मिठाई एवं खिलौने इसलिए बेचता है क्योंकि वह उनमें अपने खोए हुए बच्चों की छवि देखता है। वह गलियों में घूम-घूमकर बड़े मीठे स्वर में आवाज दे-देकर अपनी चीजें बेचता रहता है। उसकी मीठी आवाज सुनकर स्त्रियाँ चिकों से झांकने लगती तथा बच्चों के झुंड उसे घेर लेते। खिलौने वाला उनके सामने अपनी खिलौनों की पेटी खोल देता। बच्चे अपनी तोतली बोली में खिलौनों का मोल-भाव करते। बच्चे उससे खिलौने लेकर खुशी से उछलने लगते। सभी बच्चे अपने-अपने खिलौने को बढ़िया बताते।

एक दिन राय विजय बहादुर के बच्चे उससे खिलौने ले गए। उनकी माँ रोहिणी को वे खिलौने बहुत सस्ते लगे। छह महीने बाद नगर में समाचार फैल गया कि एक मुरली वाला आया है और वह मुरली बजा-बजाकर बेचता है। वह 30-40 वर्ष की आयु का दुबला-पतला गोरा युवक है। यह वही खिलौने वाला व्यक्ति निकला।

रोहिणी ने उस मुरली वाले का स्वर सुना तो उसे तत्काल उस खिलौने वाले की याद आई। रोहिणी ने अपने पति से मुरली वाले को बुलाने को कहा। विजय बाबू ने मुरली वाले से पूछा “क्यों भाई, किस भाव देते हो मुरली?” तभी बालक आकर इकट्ठे हो गए और मुरली माँगने लगे। मुरली वाले ने विजय बाबू के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा-“वैसे तो तीन-तीन पैसे के हिसाब से हैं, पर आपको दो-दो पैसे में दे दूंगा।” इस पर विजय बाबू ने कहा-“तुम लोगों को झूठ बोलने की आदत हो जाती है। देते होंगे सभी को दो-दो पैसों में, पर एहसान का बोझ मुझ पर लाद रहे हो? यह उत्तर सुनकर मुरली वाले को हैरानी हुई क्योंकि वह लागत भाव पर ही मुरली बेच रहा था।

विजय बाय दो मुरलियाँ खरीद कर चले गए। मरली वाले ने बच्चों को उनकी पसंद की मुरलियाँ दे दी। फिर वह आगे चला गया। रोहिणी को मुरली वाले का स्वर बहुत मीठा लगता था। फिर कई महीने तक मुरली वाला न आया। आठ महीने बीतने के बाद गली में मुरली वाले की आवाज फिर सुनाई दी। रोहिणी ने बूढ़ी दादी से उस मुरलीवाले को बुलवाया। इस बार वह मिठाई बेच रहा था। उसके पास तरह-तरह की रंग-बिरंगी मिठाइयाँ थीं। वह एक पैसे की 16 गोलियाँ दे रहा था।

रोहिणी ने दादी से चार पैसे की मिठाई लेने को कहा। रोहिणी ने बातों ही बातों में उससे पूछ लिया कि वही पहले मुरली बेचता था। रोहिणी उसके बारे में जानना चाहती थी। मिठाई वाले ने कहा कि पुरानी बातें सुनकर आपको दुःख ही होगा। रोहिणी के बहुत जोर देने पर उसने बताया-मैं भी नगर का धनी एवं सम्मानित व्यक्ति था। सुंदर पत्नी और खिलौने से सुंदर बच्चे भी थे, पर एक दिन सब चले गए अर्थात् मर गए। अब अपना अकेलापन काटने के लिए ही इन चीजों को बेचता रहता हूँ।

इन बच्चों में अपने बच्चों की छवि देखता हूँ। मेरे पास पैसों की कोई कमी नहीं है, पर इससे मन को संतोष मिलता है। यह कहकर उसकी आँखों में आँसू आ गए। तभी रोहिणी के बच्चे आ गए। वे मिठाई मांगने लगे। मिठाई वाले ने मिठाई से भरी कागज की दो पुड़िया उन्हें दे दी। रोहिणी ने अंदर से पैसे फेंक दिए पर मिठाई वाले ने वे पैसे न लिए और आवाज लगाता हुआ गली में आगे बढ़ गया।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

मीठाईवाला शब्दार्थ

मीठे स्वर = मीठी बोली (Sweet voice)। विचित्र = अनोखा (Strange)। स्नेहाभषिक्त = स्नेह अभिषिक्त = प्रेम में भीगे (With love a affection)। अंतर्व्यापी- अंत:+व्यापी = भीतर तक फैले (Spread inside)। उद्यान = बगीचा (Garden)। पुलकित = प्रसन्न (Joyful)। सागर = समुद्र (Sea)। इच्छानुसार = इच्छा के अनुसार (According desire)। हिलोर = लहर (Wave)। निरखना = देखना (To see)। उस्ताद = गुरु (Teacher)। आकार-प्रकार = रूप, बनावट (Shape)। मादक = नशा पैदा करने वाला (Intoxicating)। मृदुल = कोमल (Tender)। स्मरण = याद(Memorize)।हर्ष = खुशी (Happiness)। ग्राहक = खरीददार (Customer)। दस्तूर = तरीका (System)। विस्मयादि = विस्मय+आदि = आश्चर्यसूचक (Exclamatory)। धीरज = धैर्य (Patience)। असीम = सीमा रहित (Unlimited)। प्रतिष्ठित = सम्मानित (Respected)। कोलाहल = शोर-शराबा (Noise)। संशय शक,संदेह (Doubt) विधाता ईश्वर (God) तत्काल = तुरंत (Immediately)। क्षीण = कमजोर (I Weak)।

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर

HBSE 7th Class Hindi रक्त और हमारा शरीर Textbook Questions and Answers

पाठ से

Rakt Aur Hamara Sharir Question Answer Class 7 HBSE प्रश्न 1.
रक्त के बहाव को रोकने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर:
रक्त के बहाव को रोकने के लिए चोट के स्थान पर एक साफ कपड़ा बाँध देना चाहिए। दबाव पड़ने से रक्त का बहना कम हो जाता है।

पाठ 6 रक्त और हमारा शरीर प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 2.
खून को ‘भानुमती का पिटारा’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
खून को भानुमती का पिटारा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें लाखों कण तरह-तरह के होते हैं। इनमें कुछ कण लाल तो कछ कण सफेद तथा कुछ रंगहीन होते हैं। तरल भाग प्लाज्मा होता है। रंगहीन कण (प्लेटलैट्स) प्लाज्मा में तैरते रहते हैं। यह सब भानुमती के पिटारे के समान प्रतीत होता है।

रक्त और हमारा शरीर पाठ के शब्दार्थ HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 3.
एनीमिया से बचने के लिए हमको क्या-क्या खाना चाहिए?
उत्तर:
एनीमिया से बचने के लिए हमें हरी सब्जियाँ, फल, दूध, अंडा और गोश्त खाना चाहिए। पौष्टिक आहार से ही एनीमिया से बचा जा सकता है।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

रक्त और हमारा शरीर Summary HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 4.
पेट में कीड़े क्यों हो जाते हैं? इनसे कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर:
पेट में कीड़े इसलिए हो जाते हैं कि हम दूषित जल पीते हैं और हम खाने से पहले हाथों को पूरी तरह साफ नहीं करते।

रक्त और हमारा शरीर के शब्दार्थ HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 5.
रक्त के सफेद कणों को ‘वीर सिपाही’ क्यों कहा गया है?
उत्तर:
रक्त के सफेद कणों को वीर सिपाही इसलिए कहा गया है क्योंकि ये हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। जब रोगाणु हमारे शरीर पर धावा बोलने की कोशिश करते हैं तब ये सफेद कण उनसे डटकर मुकाबला करते हैं और उनको शरीर में घर नहीं बनाने देते।

रक्त और हमारा शरीर का प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class Hindi  प्रश्न 6.
ब्लड-बैंक में रक्त-दान से क्या लाभ हैं?
उत्तर:
ब्लड-बैंक में रक्तदान ये यह लाभ है कि यहाँ आपात स्थिति के लिए रक्त जमा रहता है। यहाँ हर किस्म का रक्त- समूह तैयार रखा जाता है। रक्त को ब्लड-बैंक में सुरक्षित रखा जाता है तथा यह जरूरत के समय उपलब्ध हो जाता है।

रक्त और हमारा शरीर पाठ के प्रश्न उत्तर HBSE7th Class Hindi प्रश्न 7.
साँस लेने पर साफ हवा से जो आक्सीजन प्राप्त होती है, उसे शरीर के हर हिस्से में कौन पहुँचाता है?
सफेद कण
लाल कण
साँस नली
फेफड़े
उत्तर:
लाल कण।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

पाठ से आगे

Rakt Aur Hamara Sharir Solutions HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 1.
रक्त में हीमोग्लोबिन के लिए किस खनिज की आवश्यकता पड़ती है:
जस्ता
शीशा
लोहा
प्लैटिनम
उत्तर:
लोहा।

Rakt Aur Hamara Sharir Class 7th HBSE प्रश्न 2.
बिंबाणु (प्लेटलैट कण) की कमी किस बीमारी में पाई जाती है:
टायफायड
मलेरिया
डेंगू
फाइलेरिया
उत्तर:
डेंगू।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

HBSE 7th Class Hindi रक्त और हमारा शरीर Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

Rakt Aur Hamara Sharir Question Answer HBSE 7th Class प्रश्न 1.
दिव्या किस रोग से ग्रस्त थी?
उत्तर:
दिव्या अनीमिया रोग से ग्रस्त थी।

Rakt Aur Hamara Sharir Ke Question Answer HBSE 7th Class प्रश्न 2.
प्लाज्मा कैसा होता है?
उत्तर:
प्लाज्मा रक्त का वह भाग होता है जो तरल होता है।

Chapter Rakt Aur Hamara Sharir HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 3.
बिंबाणु (प्लेटलेट) कहाँ तैरते रहते हैं?
उत्तर:
बिंबाणु प्लाज्मा में तैरते रहते हैं।

Rakt Aur Hamara Sharir HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 4.
लाल कण बनावट में कैसे होते हैं?
उत्तर:
लाल कण बनावट में बालूशाही की तरह होते हैं।

प्रश्न 5.
लाल कणों का जीवनकाल कितना होता है?
उत्तर:
लाल कणों का जीवनकाल लगभग चार महीने होता है।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

प्रश्न 6.
लाल कणों के लिए किन चीजों की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
इनके निर्माण के लिए प्रोटीन, लौह तत्त्व और विटामिन रूपी कच्चे माल की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 7.
पेट के कीड़े शरीर में कैसे प्रवेश करते हैं?
उत्तर:
ये कीड़े प्रायः दूषित जल और खाद्य खदार्थों द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं।

प्रश्न 8.
बिंबाणुओं का क्या काम है?
उत्तर:
बिंबाणुओं का काम है-चोट लगने पर रक्त जमाव की क्रिया में मदद करना।

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अनिल दिव्या को अस्पताल क्यों ले गया?
उत्तर:
दिव्या दिन-प्रतिदिन कमजोर होती चली जा रही थी। उसे हर समय थकान का अनुभव होता था तथा काम में मन नहीं लगता था। उसकी भूख भी कम होती जा रही थी। अतः अनिल उसे डॉक्टर को दिखाने के लिए अस्पताल ले गया था।

प्रश्न 2.
सूक्ष्मदर्शी यंत्र क्या होता है?
उत्तर:
सूक्ष्मदर्शी यंत्र से छोटी चीजें भी बड़े रूप में दिखाई देती हैं। रक्त कणों को इसकी सहायता से बड़े रूप में देखा जाता है। तब इनकी गिनती की जा सकती है।

प्रश्न 3.
रक्त कणों का निर्माण कहाँ होता है?
उत्तर:
रक्त कणों का निर्माण हड्डियों के बीच के भाग मज्जा में होता है। मज्जा में ऐसे बहुत से कारखाने होते हैं जो रक्त कणों के निर्माण कार्य में लगे रहते हैं।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

प्रश्न 4.
टाँके कब लगाए जाते हैं? क्यों?
उत्तर:
जब चोट का घाव गहरा होता है तब टाँके लगाए जाते हैं। इससे खून का बहना रुक जाता है।

प्रश्न 5.
कौन-सा व्यक्ति रक्तदान कर सकता है?
उत्तर:
अठारह वर्ष से अधिक उम्र का स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। एक बार में लगभग 300 मिलीलीटर रक्त ही लिया जाता है। रक्तदान से कमज़ोरी नहीं आती।

रक्त और हमारा शरीर गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

1. दिव्या अनिल … ………….. दिखाई दीं।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
1. दिव्या कौन है?
2. दिव्या की दशा कैसी है?
3. डॉक्टर ने दिव्या के बारे में क्या कहा?
4. दिव्या को कहाँ भेज दिया गया?
उत्तर:
1. दिव्या अनिल की छोटी बहन है।
2. दिव्या शारीरिक रूप से शुरू से ही कमजोर है। कुछ दिनों से उसे हर समय थकान महसूस होती रहती है। उसकी भूख भी कम हो गई है। उसका किसी काम में मन ही नहीं लगता।
3. अस्पताल में डॉक्टर ने दिव्या को देखकर कहा कि ऐसा लगता है कि दिव्या के शरीर में खून की कमी हो गई है। इसकी जाँच करवाते हैं।
4. दिव्या को रक्त की जाँच करवाने के लिए पास के एक कमरे में भिजवा दिया गया।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. दिव्या कौन है?
(क) अनिल की बड़ी बहन
(ख) अनिल की छोटी बहन
(ग) अनिल की बेटी
(घ) सामान्य लड़की
उत्तर:
(ख) अनिल की छोटी बहन

2. दिव्या को क्या महसूस होता है?
(क) थकान
(ख) मन न लगना
(ग) भूख में कमी
(घ) ये सभी बातें
उत्तर:
(क) थकान

3. दिव्या के शरीर में किसकी कमी लगती थी?
(क) खून की
(ख) पानी की
(ग) माँस की
(घ) वायु की
उत्तर:
(क) खून की

4. डॉक्टर ने दिव्या को कहाँ भेज दिया?
(क) रक्त की जाँच करने वाले कमरे में
(ख) दवा लेने के कमरे में
(ग) बाहर प्रतीक्षालय में
(घ) बड़े डॉक्टर के पास
उत्तर:
(क) रक्त की जाँच करने वाले कमरे में

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

2. इतना सुनते ……………………………. हो जाएगी।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. डॉक्टर दीदी ने क्या किया?
2. उसने अनिल से क्या कहा?
3. जब अगले दिन अनिल अस्पताल गया तब डॉक्टर दीदी क्या कर रही थी?
4. डॉक्टर दीदी ने अनिल को क्या बताया?
उत्तर:
1. डॉक्टर दीदी ने दिव्या की उँगली से रक्त की कुछ बूंदें ली और एक छोटी-सी शीशी में डाल दी और एक स्लाइड पर लगा दी।
2. डॉक्टर दीदी ने अनिल से कल अस्पताल आकर रिपोर्ट ले जाने के लिए कहा।
3. जब अगले दिन अनिल अस्पताल गया तब डॉक्टर दीदी एक सूक्ष्मदर्शी यंत्र के द्वारा उस स्लाइड की जाँच कर रही थी जिस पर दिव्या के रक्त की बूंदें लगी थीं।
4. डॉक्टर दीदी ने अनिल को बताया कि उसकी बहन दिव्या को अनीमिया है। चिंता की कोई बात नहीं है। कुछ दिन दवा लेने पर वह ठीक हो जाएगी।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. दिव्या के शरीर के किस अंग से रक्त लिया गया?
(क) बाजू से
(ख) उँगली से
(ग) पैर से
(घ) हथेली से
उत्तर:
(ख) उँगली से

2. रक्त की बूंदों का क्या किया गया?
(क) शीशी में डाली गई।
(ख) स्लाइड पर लगाई गई
(ग) दोनों काम किए गए
(घ) देखा गया
उत्तर:
(ग) दोनों काम किए गए

3. डॉक्टर दीदी क्या कर रही थीं?
(क) मरीजों को देख रही थीं
(ख) सूक्ष्मदर्शी यंत्र से स्लाइड की जाँच कर रही थीं
(ग) रक्त ले रही थीं ।
(घ) कुछ नहीं कर रही थीं।
उत्तर:
(ख) सूक्ष्मदर्शी यंत्र से स्लाइड की जाँच कर रही थीं

4. दिव्या को कौन-सा रोग बताया गया?
(क) अनीमिया
(ख) वायरल बुखार
(ग) हदय रोग
(घ) पेट में कीडे
उत्तर:
(क) अनीमिया

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3. देखने में ……………….. रहते हैं।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. देखने में रक्त कैसा लगता है?
2. सूक्ष्मदर्शी यंत्र से देखने पर यह कैसा प्रतीत होता है?
3. रक्त के कौन-कौन से भाग होते हैं?
4. प्लेटलेट्स क्या होते हैं?
उत्तर:
1. देखने में रक्त लाल द्रव (तरल पदार्थ) के समान दिखाई देता है।
2. सूक्ष्मदर्शी यंत्र से देखने पर यही रक्त भानुमती के पिटारे से कम दिखाई नहीं देता।
3. रक्त के दो भाग होते हैं-एक भाग तरल होता है जिसे हम प्लास्मा कहते हैं, दूसरा वह जिसमें छोटे-बड़े कई तरह के कण होते हैं। ये कण लाल और सफेद होते हैं।
4. जिन रक्त कणों का कोई रंग नहीं होता, उन्हें प्लेटलेट्स कहते हैं। ये कण प्लाज्मा में तैरते रहते हैं।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. रक्त किसके समान दिखाई देता है?
(क) द्रव के समान
(ख) भानुमती के पिटारे के समान
(ग) पानी के समान
(घ) माँस के समान
उत्तर:
(क) द्रव के समान

2. रक्त के तरल भाग को क्या कहते हैं?
(क) प्लाज्मा
(ख) प्लेटलेट
(ग) मज्जा
(घ) अस्थि
उत्तर:
(क) प्लाज्मा

3. प्लेटलेट्स के कणों का रंग कैसा होता है?
(क) कुछ लाल
(ख) कुछ सफेद
(ग) कुछ रंगहीन
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी

4. प्लाज्मा में क्या तैरते रहते हैं?
(क) प्लेटलेट्स
(ख) कीड़े
(ग) अणु
(घ) बिंबाणु
उत्तर:
(क) प्लेटलेट्स

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

4. लाल कण …………….. अगले दिन।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
1. लाल कण बनावट में कैसे होते हैं?
2. रक्त कण लाल क्यों नजर आते हैं?
3. लाल रक्त कण क्या काम करते हैं?
4. लाल रक्त कणों का जीवन काल कितना होता है?
उत्तर:
1.लाल रक्त कण बनावट में बालूशाही की तरह होते हैं। ये गोल होते हैं और दोनों तरफ से दबे हुए होते हैं।
2. रक्त कण लाल इसलिए नजर आते हैं क्योंकि इसकी एक बूंद में इनकी संख्या लाखों में होती है। एक मिलीलिटर रक्त में 40-50 लाख कण मिलते हैं।
3. ये लाल रक्त कण शरीर के लिए दिन-रात काम करते हैं। ये साँस की साफ हवा को शरीर के हर हिस्से में पहुंचाते हैं।
4. इन लाल रक्त कणों का जीवन काल लगभग चार महीने होता है। चार महीने के होते-होते ये नष्ट हो जाते हैं, लेकिन धीरे-धीरे।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. लाल कण बनावट में किसके समान होते हैं?
(क) बालूशाही की तरह
(ख) लड्डू की तरह
(ग) कीड़ों की तरह
(घ) पता नहीं
उत्तर:
(क) बालूशाही की तरह

2. रक्त की एक बूंद में कितने लाल कण होते हैं?
(क) सैकड़ों
(ख) हजारों
(ग) लाखों
(घ) करोड़ों
उत्तर:
(ग) लाखों

3. एक मिलीलीटर रक्त में कितने लाल रक्त कण होते
(क) 20 लाख
(ख) 30 लाख
(ग) 40-55 लाख
(घ) 60 लाख
उत्तर:
(ग) 40-55 लाख

4. ऑक्सीजन को शरीर के हर हिस्से में कौन पहुंचाता
(क) सफेद रक्तकण
(ख) लाल रक्तकण
(ग) श्वास क्रिया
(घ) फेफड़े
उत्तर:
(ख) लाल रक्तकण

5. लाल कणों का जीवन काल कितना होता है?
(क) चार महीने
(ख) छह महीने
(ग) एक वर्ष
(घ) पाँच वर्ष
उत्तर:
(क) चार महीने

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5. शरीर में ………………. कहते हैं।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. शरीर के रक्त कण खत्म क्यों नहीं हो पाते?
2. रक्त कणों का निर्माण कहाँ होता है?
3. कारखानों को किस कच्चे माल की आवश्यकता होती है? यह कहाँ से मिलता है?
4. कच्चा माल न मिल पाने पर क्या दशा हो जाती है?
उत्तर:
1. शरीर में हर समय रक्त कण बनते रहते हैं जो नष्ट हुए कणों का स्थान ले लेते हैं। अत: शरीर के रक्त कण खत्म नहीं हो पाते।
2. हड़ियों के बीच के भाग को मज्जा कहते हैं। मज्जा में ऐसे बहुत से कारखाने होते हैं जो रक्त कणों के निर्माण में लगे रहते हैं।
3. रक्त कण बनाने के लिए इन कारखानों को प्रोटीन, लौह तत्त्व और विटामिन रूपी कच्चे माल की आवश्यकता होती है। उन्हें यह कच्चा माल हरी सब्जियों, फल, दूध, अंडे और गोश्त से मिल जाता है।
4. जब इन कारखानों को कच्चा माल उचित मात्रा में नहीं मिल पाता तब रक्त कण नहीं बन पाते और रक्त में इन कणों की कमी हो जाती है। लाल कणों की कमी को ही अनीमिया कहते हैं।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए।

1. रक्त कणों के निर्माण के कारखाने कहाँ होते हैं?
(क) हड्डियों में
(ख) मज्जा में
(ग) पेट में
(घ) हृदय में
उत्तर:
(ख) मज्जा में

2. रक्त कण निर्माण के लिए किसकी आवश्यकता होती है?
(क) प्रोटीन
(ख) लौह तत्व
(ग) विटामिन
(घ) सभी की
उत्तर:
(घ) सभी की

3. ये तत्व किसमें मिलते हैं?
(क) फल-सब्जियों में
(ख) दूध में
(ग) अंडा- गोश्त में
(घ) इन सभी में
उत्तर:
(घ) इन सभी में

4. रक्त में लाल कणों की कमी से कौन सा रोग हो जाता है?
(क) अनीमिया
(ख) रक्तचाप
(ग) पेट दर्द
(घ) श्वासरोग
उत्तर:
(क) अनीमिया

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6. अनीमिया बहुत ……………… न घूमें।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. अनीमिया का सबसे बड़ा कारण क्या है?
2. पेट के कीड़े क्यों होते हैं? ये शरीर में कैसे प्रवेश करते हैं?
3. इनसे बचने के लिए क्या-क्या उपाय किए जाने चाहिएँ?
4. दूसरी किस्म के कीड़े कौन से हैं?
उत्तर:
1. अनीमिया का सबसे बड़ा कारण पौष्टिक आहार न खाया जाना है। पौष्टिक आहार की कमी अनीमिया रोग उत्पन्न करती है।
2. पेट के कीड़े दूषित जल और खाद्य पदार्थों द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं।
3. इनसे बचने के लिए यह जरूरी है कि हम पूरी सफाई से बनाए भोजन को खाएँ। भोजन करने से पूर्व हाथों को अच्छी तरह धो लेना चाहिए तथा केवल साफ पानी ही पीना चाहिए।
4. दूसरी किस्म के कीड़ों के अंडे जमीन की ऊपरी सतह में पाए जाते हैं। इन अंडों से उत्पन्न लार्वे चमड़ी के रास्ते शरीर में घुसकर आँतों में अपना घर बना लेते हैं।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. अनीमिया का सबसे बड़ा कारण क्या है?
(क) साँस न लेना
(ख) पौष्टिक आहार की कमी
(ग) पूरा पानी न पीना
(घ) व्यायाम न करना
उत्तर:
(ख) पौष्टिक आहार की कमी

2. पेट के कीड़े किसके द्वारा शरीर में प्रवेश करते हैं?
(क) दूषित जल द्वारा
(ख) दूषित खाद्य पदार्थों द्वारा
(ग) इन दोनों द्वारा
(घ) साँस द्वारा
उत्तर:
(ग) इन दोनों द्वारा

3. भोजन करने से पूर्व हमें क्या करना चाहिए?
(क) हाथ अच्छी तरह धो लेने चाहिए
(ख) पर्याप्त पानी पीना चाहिए
(ग) आराम से बैठना चाहिए।
(घ) दूध पीना चाहिए
उत्तर:
(क) हाथ अच्छी तरह धो लेने चाहिए

4. पेट के कीड़ों के लार्वे शरीर में कहाँ अपना घर बना लेते हैं?
(क) आँतों में
(ख) हड्डियों में
(ग) पेट में
(घ) फेफड़ों में
उत्तर:
(क) आँतों में

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7. प्लेटलेट कणों …………. जाता है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. प्लेटलेट कणों का क्या काम है?
2 प्लाज्मा क्या है? इसकी प्रोटीन क्या काम करती है?
3. रक्त का निकलना बंद कैसे हो जाता है?
उत्तर:
1. प्लेटलेट कणों का यह काम है कि वह चोट लगने पर रक्त को जमाने की क्रिया में मदद करते हैं।
2. रक्त के तरल भाग को प्लाज्मा कहते हैं। इसमें एक विशेष प्रकार की प्रोटीन होती है जो रक्त नली की कटी फटी दीवार में मकड़ी के जाले के समान एक जाला बुन देती है।
3. प्लेटलेट कण इस जाले से चिपक जाते हैं और इससे दीवार में आई दरार भर जाती है और रक्त का बाहर निकलना बंद हो जाता है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. प्लेटलेट कणों का क्या काम है?
(क) रक्त की जमाव क्रिया में मदद करना
(ख) रक्त को प्रवाहित करना
(ग) प्लाज्मा बनाना
(घ) कुछ नहीं
उत्तर:
(क) रक्त की जमाव क्रिया में मदद करना

2. प्लाज्मा में क्या वस्तु होती है?
(क) प्रोटीन
(ख) विटामिन
(ग) रक्त कण
(घ) लाल कण
उत्तर:
(क) प्रोटीन

3. विशेष किस्म की प्रोटीन क्या काम करती है?
(क) रक्त नली की कटी-फटी दीवार में जाला-सा बुन देती है
(ख) प्लेटलेट्स बनाती है
(ग) रक्त बहाती है
(घ) कुछ नहीं करती
उत्तर:
(क) रक्त नली की कटी-फटी दीवार में जाला-सा बुन देती है

4. कौन-से कण जाले से चिपकते हैं?
(क) प्लेटलेट्स
(ख) लाल कण
(ग) प्लाज्मा
(घ) सभी
उत्तर:
(क) प्लेटलेट्स

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रक्त और हमारा शरीर Summary in Hindi

रक्त और हमारा शरीर पाठ का सार

दिव्या अनिल की छोटी बहन है। पिछले कुछ दिनों से वह हर समय थकान महसूस करती रहती थी। अस्पताल में जाने पर डॉक्टर ने देखकर उसे जाँच के लिए दूसरे कमरे में भेज दिया। वहाँ बैठी डॉक्टर ने उसकी उँगली से खून की कुछ बूंदें लेकर एक स्लाइड बनाई। अगले दिन डॉक्टर ने बताया कि दिव्या को अनीमिया (खून की कमी) है।

अनिल के पूछने पर डॉक्टर ने उसे रक्त के बारे में समझाया। रक्त देखने में तो लाल द्रव सा है पर सूक्ष्मदर्शी से देखने पर इसमें अनेक चीजें दिखाई पड़ती हैं। तरल भाग प्लाज्मा कहलाता है। कछ लाल, कछ सफेद और कछ बिना रंग के कण (प्लेटलेटस) होते हैं जो प्लाज्मा में तैरते हैं। एक मिलीलीटर रक्त में चालीस लाख से पचास लाख तक लाल कण होते हैं। यही वजह है खून लाल रंग का दिखाई देता है।

शरीर में नए रक्त कणों के लिए प्रोटीन लौह और विटामिनों की आवश्यकता होती है। संतुलित आहार न लेने से ये रक्त कण नहीं बन पाते और शरीर में खून की कमी हो जाती है। सफेद कण शरीर के लिए वीर सिपाही हैं। ये रोगाणुओं का डटकर मुकाबला करते हैं। प्लेटलेट कण चोट लगने पर घाव की दीवार में प्लाज्मा की एक विशेष प्रोटीन के साथ चिपक कर घाव बंद कर देते हैं और रक्त बाहर निकलना बंद हो जाता है।

बहुत अधिक खून बह जाने पर घायल व्यक्ति को उसके खून के ही वर्ग का खून चढ़ाया जाता है। देश में अनेक रक्त बैंक खोले गए हैं जहाँ पर इच्छित व्यक्ति अपना खून दान करते हैं। रक्त दान से शरीर में कमजोरी नहीं आती। रक्त दान करने वाले व्यक्ति की उम्र अठारह साल से अधिक व उसे स्वस्थ होना चाहिए।

रक्त और हमारा शरीर शब्दार्थ

रक्त = खून (Blood)। दरवाजे पर दस्तक देना = दरवाजा खटखटाना (To knock at the door)! सूक्ष्मदर्शी सूक्ष्म जीवों को देखने का यंत्र (Microscope)। अनीमिया – खून की कमी (Anaemia)। भानुमती का पिटारा = अनेक वस्तुओं से मिला-जुला (Pandora’s box)। जीवनकाल = उम्र (Life span)। उपयुक्त = उचित (Proper)। धावा बोलना = हमला करना (Attack)। लाभप्रद – फायदेमंद (Useful)। आपात स्थिति = अचानक आई मजबूरी (Emergency)। रक्तदान – खून देना (Donation of blood)। जरूरतमंद – जिसे आवश्यकता हो (Needy)।

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 पापा खो गए Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 पापा खो गए

HBSE 7th Class Hindi पापा खो गए Textbook Questions and Answers

नाटक से

पापा खो गए के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 1.
नाटक में आपको सबसे बुद्धिमान पात्र कौन लगा और क्यों ?
उत्तर :
नाटक में हमें सबसे बुद्धिमानी पात्र लैटरबॉक्स लगा। इसका कारण यह है कि उसे पढ़ना-लिखना आता है। वह लड़की के प्रति सच्ची सहानुभूति रखता है। वह बच्ची को उसके पापा से मिलवाने की योजना बनाता है। वह गुड़िया को उसके घर पहुँचाने के लिए सब कुछ करने को तैयार हो जाता है।

पापा खो गए HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 2.
पेड़ और खंभे में दोस्ती कैसी हुई ?
उत्तर :
पेड़ और खंभा पास-पास खड़े हैं। एक बार जब आँधी आई तब खंभा पेड़ के ऊपर ही आ गिर पड़ा था। पेड़ खड़ा था अतः खंभा संभल गया। पेड़ ने उसे अपने ऊपर झेल लिया। इस प्रयास में पेड़ खुद जख्मी हो गया था। बाद में उसका गरूर झड़ गया और दोनों में दोस्ती हो गई।

पापा खो गए Questions And Answers HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 3.
लैंटरबॉक्स को सभी लाल ताऊ कहकर क्यों पुकारते थे ?
उत्तर :
लैटरबॉक्स को सभी लाल ताऊ कहकर इसलिए पुकारते थे क्योंकि वह लाल रंग का था। दूसरा रंग था ही नहीं। वह ताऊ की तरह बातें भी करता है। अत: लोग उसे लाल ताऊ कहकर पुकारते थे।

Papa Kho Gaye Class 7 Summary HBSE Hindi प्रश्न 4.
लाल ताऊ किस प्रकार बाकी पात्रों से भिन्न है?
उत्तर :
लाल ताऊ अन्य पात्रों से इस प्रकार भिन्न है क्योंकि वही एक ऐसा पात्र है जो पढ़ा-लिखा है। वह कुछ भजन गा भी लेता है। लाल ताऊ अपने अंदर की चिट्ठियाँ पढ़ लेता है। वह किसी से डरता नहीं है। वह तो अपने मन की बोरियत दूर करने के लिए दूसरों के पत्र पढ़ता है।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

Papa Kho Gaye HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 5.
नाटक में बच्ची को बचाने वाले पात्रों में एक ही सजीव पात्र है। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको मजेदार लगीं ? लिखिए।
उत्तर :
नाटक में बच्ची को बचाने वालों में एक ही सजीव पात्र है और वह है-कौआ।
हमें उसकी ये बातें मजेदार लगीं –

  • वह दुष्ट चोर है कौन ? पहले उसे नजर तो आने दीजिए।
  • ताऊ, एक जगह बैठकर यह कैसे जान सकोगे ? उसके लिए तो मेरी तरह रोज चारों दिशाओं में गश्त लगानी पड़ेगी, तब जान पाओगे यह सब।
  • खूब हँसी उड़ाई।
  • सुबह जब हो जाए तो पेड़ राजा, तो आप अपनी घनी छाया इस पर किए रहें। वह आराम से देर तक सोई रहंगी।

प्रश्न 6.
क्या वजह थी कि सभी पात्र मिलकर भी एक लड़की को घर नहीं पहुंचा पा रहे थे ?
उत्तर :
सभी पात्र मिलकर भी एक लड़की को उसके घर इसलिए नहीं पहुंचा पा रहे थे क्योंकि किसी को उसके घर का पता मालूम नहीं था। वह लड़की भी इतनी भोली थी वह अपने मुहल्ले, गली का नाम तथा घर का नंबर तक नहीं जानती थी। वह अपने पापा का नाम भी नहीं जानती थी क्योंकि वह बहुत छोटी थी। उन्होंने इस काम के लिए पुलिस की मदद लेने की बात सोची।

नाटक से आगे

1. अपने-अपने घर का पता लिखिए तथा चित्र बनाकर वहाँ पहुँचने का रास्ता भी बताइए।
उत्तर :
सभी बच्चे अपने-अपने घर का पता लिखें तथा चित्र बनाकर रास्ता भी बताएँ।

2. मराठी से अनूदित इस नाटक का शीर्षक ‘पापा खो गए’ क्यों रखा गया होगा? अगर आपके मन में कोई दूसरा शीर्षक हो तो सुझाइए और साथ में कारण भी बताइए।
उत्तर :
इस नाटक का शीर्षक ‘पापा खो गए’ इसलिए रखा गया होगा क्योंकि बच्ची को उसके नपापा मिल नहीं रहे थे। नाटक के अंत में लैटरबॉक्स कहता भी है-“किसी को अगर इस प्यारी-सी बच्ची के पापा मिल जाएँ तो उन्हें जितनी जल्दी हो सके यहाँ ले आइए।”
अन्य शीर्षक : खोई हुई बच्ची।

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3. क्या आप बच्ची के पापा को खोजने का नाटक से अलग कोई और तरीका बता सकते हैं ?
उत्तर :
बच्ची को पुलिस थाने ले जाकर उसकी रिपोर्ट लिखवा देनी चाहिए। पुलिस अपने साधनों से उसके पापा को खोज निकाल लेगी।
दूसरा उपाय यह हो सकता है कि टी.वी. पर मीडिया के माध्यम से बच्ची को दिखाया जाए और उसके बारे में थोड़ी-बहुत जानकारी दे दी जाए। यह सूचना बच्ची के पापा तक भी पहुँच जाएगी और उनको खोज लिया जाएगा।

HBSE 7th Class Hindi पापा खो गए Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
खंभे को बरसात की रात क्यों नहीं पसंद थी?
उत्तर :
खंभे को बरसात की रात में भीगते हुए तेज हवा के बीच बल्ब को पकड़कर एक टाँग पर खड़ा रहना पड़ता था। अत: बरसात की रात उसे पसंद नहीं थी।

प्रश्न 2.
किस घंटना को याद कर पेड़ थर-थर काँपने लगता है?
उत्तर :
बरसात की एक रात में पेड़ के ऊपर आसमान से बिजली आ गिरी थी। उस घटना को याद कर पेड़ थर-थर काँपने लगता है।

प्रश्न 3.
खंभा बीमार क्यों नहीं पड़ता ?
उत्तर :
खंभे की तबीयत लोहे की है अत: वह कभी बीमार नहीं पड़ता।

प्रश्न 4.
पेड़ पर मौसम का अधिक प्रभाव क्यों नहीं पड़ता?
उत्तर :
पेड़ ने पत्तों का कोट पहना हुआ है। इसलिए उस पर सर्दी, बारिश या धूप का अधिक प्रभाव नहीं पड़ता।

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प्रश्न 5.
लोगों का ध्यान खींचने के लिए कौआ क्या करेगा?
उत्तर :
कौआ ज़ोर-ज़ोर से काँव-काँव करके लोगों का ध्यान खींचेगा।

प्रश्न 6.
नाटक के अंत में लैटरबॉक्स क्या बोलता है?
उत्तर :
मैं लाल ताऊ बोल रहा हूँ। आप में से किसी को अगर इस प्यारी-सी बच्ची के पापा मिल जाएँ, तो उन्हें जितनी जल्दी हो सके यहाँ ले आइए।

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एकांकी में सब पात्रों को कैसे पता चलता कि उन्हें आदमी को डराकर भागने के लिए क्या करना है ?
उत्तर :
जब नाच के समय खूब रंग जमने लगता है तब थोड़ी देर में सब अलग भागकर एक-दूसरे के कान में फुसफुसाकर बताते हैं कि उन्हें उस आदमी को डराकर भगाने के लिए क्या करना है।

प्रश्न 2.
पापा खो गए हैं-ऐसा पोस्टर पर लिखा था। इसके साथ पोस्टर पर किस भंगिमा में नाचने वाली लड़की खड़ी होगी?
उत्तर :
वह लड़की कुछ उदास, कुछ डरी-सहमी और दुबकी-सी खड़ी होगी।

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प्रश्न 3.
एकांकी में अलग-अलग पात्र अपने विचार प्रकट करते हैं और अपना परिचय भी देते हैं ताकि श्रोता उस पात्र को पहचान और समझ न सकें। जैसे आदमी अपने बारे में बताता है कि वह बच्चे उठाने वाला आदमी है। कहानी में या फिर वास्तव में ऐसा अक्सर नहीं होता है।
उत्तर :
पाठक या श्रोता पात्रों का परिचय संवाद के माध्यम से जानता है। संवाद पात्र के स्वरूप को उजागर करते हैं।

प्रश्न 4.
लैटरबॉक्स बाकी पात्रों से कैसे अलग है ?
उत्तर :
लैटरबॉक्स अन्य पात्रों से इस मायने में भिन्न है:

  • वह पढ़ा-लिखा है।
  • वह चिट्ठी पढ़ता है, दोहे गुनगुनाता है और बातचीत भी करता है।

प्रश्न 5.
लड़की को उसके घर पहुँचाने का क्या उपाय सोचा गया ?
उत्तर :
लड़की को उसके घर पहुँचाने का कौए ने यह उपाय बताया-पेड़ राजा इस पर अपनी घनी छाया किए रहें। खंभे महाराज जरा टेढ़े होकर खड़े रहें। इसलिए पुलिस को लगेगा कि एक्सीडेंट हो गया है। वह इस छोटी लड़की को देख कर इसके घर का पता लगाएगी। कौआ काँव-काँव करके लोगों का ध्यान आकर्षित करेगा।

प्रश्न 6.
लैटरबॉक्स बाकी पात्रों से कैसे अलग है ?
उत्तर :
लैटरबॉक्स अन्य पात्रों से इस मायने में भिन्न है :

  • वह पढ़ा-लिखा है।
  • वह चिट्ठी पढ़ता है, दोहे गुनगुनाता है और बातचीत भी करता है।

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पापा खो गए गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

1. तब भी …………….. जी होता है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. उपर्युक्त कथन किसका है?
2. बरसात की रातों को क्यों बुरा बताया जा रहा है?
3. बिजली का खंभा क्या करना चाहता है?
उत्तर:
1. उपर्युक्त कथन बिजली के खंभे का है।
2. बरसात की रातों को बिजली का खंभा बुरा इसलिए बताता है क्योंकि इनमें उसे रात भर भीगना पड़ता है तथा बादलों के पानी की मार खानी पड़ती है। उसे एक टाँग पर खड़ा रहना पड़ता है।
3. बिजली का खंभा अपने बल्ब को फेंककर दूर कहीं भाग जाना चाहता है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. खंभे की बातों को कौन सुन रहा है?
(क) पेड़
(ख) बादल
(ग) लेटर बॉक्स
(घ) कोई नहीं
उत्तर :
(क) पेड़

2. खंभा किसे कसकर पकड़े रहता है?
(क) स्वयं को
(ख) बल्ब को
(ग) लड़की को
(घ) हवा को
उत्तर :
(ख) बल्ब को

3. इस एकांकी नाटक के रचयिता हैं
(क) विजय बहादुर
(ख) विजय तेंदुलकर
(ग) सचिन तेंदुलकर
(घ) कोई अन्य
उत्तर :
(ख) विजय तेंदुलकर

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2. यहीं मेरा ……………. ही है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. यह कथन किसका है?
2. पहले क्या-क्या नहीं था?
3. सामने क्या था?
4. किसमें अकड़ की बात की जा रही है?
उत्तर:
1. यह कथन पेड़ का है।
2. पहले ऊँचे-ऊचे घर नहीं थे, सड़क नहीं थी। तब सिनेमा का बड़ा-सा पोस्टर और उसमें नाचने वाली औरत नहीं थीं।
3. सामने केवल समुद्र था।
4. बिजली के खंभे में अकड़ की बात की जा रही है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. ‘यहीं मेरा जन्म हुआ।’ किसका जन्म हुआ?
(क) पेड़ का
(ख) खंभे का
(ग) समुद्र का
(घ) किसी अन्य का
उत्तर :
(क) पेड़ का

2. पेड़ के सामने क्या था?
(क) समुद्र
(ख) खंभा
(ग) पोस्टर
(घ) नाचने वाली औरत
उत्तर :
(क) समुद्र

3. किसी नाक ऊँची थी?
(क) पेड़ की
(ख) खंभे की
(ग) लड़की की
(घ) सभी की
उत्तर :
(ख) खंभे की

4. किसने आवाज़ नहीं लगाई?
(क) पेड़ ने
(ख) खंभे ने
(ग) लोगों ने
(घ) लड़की ने
उत्तर :
(क) पेड़ ने

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3. में बच्चे …………………….. मुमकिन नहीं।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. यह बच्चे उठाने वाला कौन है?
2. लड़की की क्या दशा थी?
3. वक्ता को क्या लगी है।
4. वह क्या करना चाहता है?
उत्तर:
1. यह बच्चा उठाने वाला भिखारी जैसा एक आदमी है।
2. लड़की गहरी नींद सो रही थी, उस पर बेहोशी का प्रभाव है।
3. वक्ता अर्थात् आदमी को भूख लगी है। उसके पेट में चूहे दौड़ रहे हैं।
4. वह खाने की तलाश करना चाहता है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. आदमी के पास लड़की कहाँ से आई है?
(क) उसने उसे एक घर से उठाया है
(ख) वह लड़की उसके पास आ गई है
(ग) वह लड़की नींद में चलकर आई है
(घ) कोई उसे वहाँ छोड़ गया है
उत्तर :
(क) उसने उसे एक घर से उठाया है

2. वह क्यों नहीं उठेगी?
(क) वह भूखी है
(ख) वह सो रही है
(ग) उसे बेहोशी की दवा दी गई है
(घ) वह घबराई हुई है
उत्तर :
(ग) उसे बेहोशी की दवा दी गई है

3. ‘मुमकिन’ शब्द का अर्थ है
(क) संभव
(ख) असंभव
(ग) माँगना
(घ) मारना
उत्तर :
(क) संभव

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4. ये तो …………….. चीगी ।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. कान ठीक लग रहे हैं? किसे?
2. लड़की के दिमाग में कौन-कौन से प्रश्न उठते हैं?
3. लड़की को डर क्यों लग रहा है?
उत्तर:
1. लैटरबॉक्स, बिजली का खंभा. पेड़ और कौआ-लड़की को सब ठीक लग रहे हैं।
2. लड़की के दिमाग में ये प्रश्न उठते हैं-मैं कहाँ हूँ? मेरा घर कहाँ है? मेरे पापा कहाँ हैं? मम्मी कहाँ है?
3. लड़की को डर इसलिए लग रहा है कि चारों ओर अँधेरा है, रात है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. ‘नि:स्तब्ध’ शब्द का अर्थ है
(क) शात
(ख) अशांत
(ग) अच्छा
(घ) बुरा
उत्तर :
(क) शात

2. डर किसे लग रहा है?
(क) पेड़ को
(ख) खंभे को
(ग) लड़की को
(घ) सभी को
उत्तर :
(ग) लड़की को

3. लड़की क्या करेगी?
(क) बोलेगी
(ख) चीखेगी
(ग) भागेगी
(घ) हँसेगी
उत्तर :
(ख) चीखेगी

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

पापा खो गए Summary in Hindi

पापा खो गए एकांकी का सार

नाटक की विभिन्न घटनाएँ सड़क पर घटती हैं। रात के समय बिजली का खंभा और पेड़ बातें करते हैं। बरसात की रात बिजली के खंभे को अच्छी लगती है क्योंकि तब उसे भीगते रहना पड़ता है। पेड़ भी बताता है कि एक रात आसमान की बिजली गिर पड़ी थी। वह उसे याद करके काँप उठता है। खंभा अपनी तबीयत को लोहे की बताता है जो कभी बीमार नहीं पड़ता। तभी लैटरबॉक्स उनक बातचीत में शामिल हो जाता है। वह एक दोहे का चरण गुनगुनाता है तो कौआ कहता है कि कौन है जो रात के वक्त इतनी मीठी आवाज लगाकर मेरी नींद खराब करता है। लैटरबाक्स किसी की चिट्ठी पढ़ने लगता है तो पेड़ और खंभा उसे समझाते हैं कि किसी की चिट्ठी पढ़ना ठीक नहीं है।

तभी एक गुंडा-बदमाश आदमी आता है। वह कहता है कि मैं बच्चे उठाने वाला चोर हूँ। बच्चा बेचाने की अच्छी कीमत मिल जाती है। उसके पास एक छोटी सी लड़की थी। पेड़, खंभा और लैटरबाक्स को कुछ गड़बड़ी की आशंका होती है। वे कौए को भी जगाते हैं। दुष्ट आदमी खाने की तलाश में जाता है तो पेड़, खंभा, लैटरबाक्स तथा कौआ बच्ची के बचाव के बारे में चिंतित हो जाते हैं। तब तक वह छोटी लड़की जाग चुकी होती है।

वह इन सबके पास आकर खड़ी हो जाती है। वह कहती है कि मुझे डर लग रहा है। लैटरबॉक्स उसके पास आकर उसे न घबराने को कहता है। लड़की को जब पता चलता है कि लैटर बॉक्स बोलता है तो वह बहुत खुश होती है। वे दोनों बातें करते हैं। लैटर बॉक्स लड़की का पता-ठिकाना जानना चाहता है. पर लड़की को कुछ ठीक से मालूम नहीं है। धीरे-धीरे पेड़, खंभा और कौवा भी बातचीत में शामिल हो जाते हैं। अब लड़की को डर नहीं लगता। वह सबके साथ खेलने लगती है। पोस्टर की लड़की भी उसके साथ नाचने लगती है।

तभी वह दुष्ट आदमी आ जाता है। सब चुप हो जाते हैं। वह लड़की को ढूँढता है। लड़की बचने का प्रयास करती है। पेड़, लैटर बॉक्स, खंभा और पोस्टर सभी लपक-झपक कर बीच में आते हैं और लड़की नहीं मिलती तो सब मिलकर उसे ढूँढते हैं और थपकी देकर उसे सुला देते हैं।

खंभा, पेड आदि के सामने समस्या है कि लडकी को उसके घर कैसे पहुँचाएँ। उसे तो अपने पापा का नाम भी नहीं मालूम। वे एक योजना बनाते हैं। सुबह होती है। सड़क पर सोई लड़की पर पेड़ झुककर छाया किए हुए है। खंभा टेढ़ा खड़ा है। देखने में लगता है जैसे कोई दुर्घटना हो गई हो। कौवा शोर मचाकर लोगों का ध्यान खींचता है। पोस्टर पर लिखा है-मेरे पापा खो गए हैं। लैटर बॉक्स सरकता हुआ लोगों से कहता है-इस प्यारी बच्ची के पास मिल जाएँ तो यहाँ ले आइए।

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पापा खो गए शब्दार्थ

भंगिमा – मुद्रा (Posture)। हड़बड़ी – जल्दबाजी (Hurry)। आफत = मुसीबत (Trouble)। गरूर – घमंड (Proud)। संतुलन – बराबर बने रहना (Balance)। पदन्यास = कदम रखना (To move)। चौकस = सावधान (Alert)। मुमकिन नहीं – असंभव (Not possible)। करीब से = निकट से (From near)। गश्त – फेरी (Round)। निस्तब्ध = शांत (Calm) स्वीकृति – मंजूरी (Permission)। दुबक जाना – छिप जाना (To hide)। संरक्षण = रखवाली (To watch)। चकमा = धोखा (Deceipt)। आनंदित – प्रसन्न (Happy)। प्रेक्षक – दर्शक (Spectator).

Haryana State Board HBSE 7th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 अनारिकायाः जिज्ञासा Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 अनारिकायाः जिज्ञासा

Class 7 Sanskrit Chapter 14 Question Answer अनारिकायाः जिज्ञासा प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत –
मन्त्री – कर्मकरा: – निर्माणम्
जिज्ञासा – भ्रात्रा – पित्रे .
भ्रातृणाम् – उद्घाटनार्थम् – पितृभ्याम्
नेतरि – अपृच्छत् – चिन्तयन्ती
उत्तरम्:
स्वयं उच्चारण कीजिए।

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Class 7 Sanskrit Chapter 14 अनारिकायाः जिज्ञासा HBSE प्रश्न 2.
अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत –
(क) कस्याः महती जिज्ञासा वर्तते ?
(ख) मन्त्री किमर्थम् आगच्छति ?
(ग) सेतोः निर्माण के अकुर्वन् ?
(घ) सेतोः निर्माणाय कर्मकराः प्रस्तराणि कुतः आनयन्ति ?
(ङ) के सर्वकाराय धनं प्रयच्छन्ति ?
उत्तरम्:
(क) अनारिकायाः
(ख) सेतोः उद्घाटनार्थम्
(ग) कर्मकराः
(घ) पर्वतेभ्यः
(छ) प्रजाः ।

अनारिकायाः जिज्ञासा Class 7 Sanskrit Chapter 14 HBSE प्रश्न 3.
रेखाङ्कितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत –
(क) अनारिकायाः प्रश्नः सर्वेषां बुद्धिः चक्रवत् भ्रमति।
(ख) मन्त्री सेतो: उद्घाटनार्थम् आगच्छति।
(ग) कर्मकराः सेतोः निर्माणम् कुर्वन्ति।
(घ) पर्वतेभ्यः प्रस्तराणि आनीय सेतोः निर्माणं भवति।
(ङ) जनाः सर्वकाराय देशस्य विकासार्थं धनं ददति।
उत्तरम्:
(क) कस्याः प्रश्नः सर्वेषां बुद्धिः चक्रवत् भ्रमति?
(ख) मन्त्री किमर्थम् आगच्छति ?
(ग) के सेतो: निर्माणम् कुर्वन्ति ?
(घ) केभ्यः प्रस्तराणि आनीय सेतो: निर्माण भवति?
(ङ) जनाः कस्मै देशस्य विकासार्थं धनं ददति ?

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

प्रश्न 4.
उदाहरणानुसारं रूपाणि लिखत-

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

उत्तरम्:
पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

प्रश्न 5.
कोष्ठ के भ्यः समुचितपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत
(क) अहं प्रातः ………. सह भ्रमणाय गच्छामि। (पित्रा/पितुः)
(ख) बाला आपणात् ………… फलानि आनयति। (भ्रातुः भ्रात्रे)
(ग) कर्मकराः सेतोः निर्माणस्य ………… भवन्ति। (कर्तारम्/कर्तारः)
(घ) मम …… तु एतेषां प्रश्नानाम् उत्तराणि अददात्। (पिता/पितरः)
(ङ) तव …….. कुत्र जीविकोपार्जनं कुरुतः ? (भ्रातरः/भ्रातरौ)
उत्तरम्:
(क) अहं प्रातः पित्रा सह भ्रमणाय गच्छामि।
(ख) बाला आपणात् भ्रात्रे फलानि आनयति ।
(ग) कर्मकरा: सेतोः निर्माणस्य कर्तारः भवन्ति।
(घ) मम पिता तु एतेषां प्रश्नानाम् उत्तराणि अददात् ।
(ङ) तव भ्रातरौ कुत्र जीविकोपार्जनं कुरुतः ?

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प्रश्न 6.
चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषात: पदानि च प्रयुज्य वाक्यानि रचयत-

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मञ्जूषा
धारयन्ति, बाला:, बसयानम्, छत्रम्, ते, आरोहन्ति, वर्षायाम्।
…………………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………………
उत्तरम्:
बाला: बसयानम् आरोहन्ति। ते वर्षायाम् छत्रम् धारयन्ति।
बाला: छत्रम् धारयन्ति। ते बसयानम् छत्रम् आरोहन्ति।

प्रश्न 7.
अधोलिखितानि पदानि आधृत्य वाक्यानि रचयत
प्रश्नाः = ……………..
नवीनः = …………….
प्रातः = ……………….
आगच्छति = …………..
ङ्केप्रसन्ना = ………….
उत्तरम्-(वाक्यनिर्माणम्)
प्रश्नाः = मम मनसि बहवः प्रश्नाः सन्ति।
नवीनः = एषः नवीनः सेतुः अस्ति।
प्रातः = प्रात: उत्थाय अहं भ्रमणाय उद्यानं गच्छामि।
आगच्छति= मम मित्रम् आगच्छति।
प्रसन्नः = अहं प्रसन्नः अस्मि।

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मूलपाठः

1. बालिकायाः अनारिकायाः मनसि सर्वदा महती जिज्ञासा भवति। अतः सा बहून् प्रश्नान् पृच्छति। तस्याः प्रश्न सर्वेषां बुद्धिः चक्रवात् भ्रमति।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

प्रातः उत्थाय सा अन्वभवत् यत् तस्याः मनः प्रसन्नं नास्ति। मनोविनोदाय सा भ्रमित गृहात् बहिः अगच्छत् चिरं च अभ्रमत्। भ्रमणकाले सा अपश्यत् यत् मार्गाः सुसज्जिताः सन्ति। किं कारणम् अत्र इति चिन्तयन्ती सा अस्मरत् यत् अद्य तु मन्त्री आगमिष्यति।

सः किमर्थम् आगमिष्याति इति विषये तस्याः जिज्ञासाः प्रारब्धाः। ताः जिज्ञासाः शमयितुम् सा गृहं प्रत्यागच्छत् पितरं च अपृच्छत्-“पितः। मन्त्री किमर्थम् आगच्छति ?” पिता अवदत्-“पुत्रि! नद्याः उपरि यः नवीनः सेतुः निर्मितः तस्य उद्घाटनार्थ मन्त्री आगच्छति।” अनारिका पुनः अपृच्छत्-“पितः।

किं मन्त्री सेतोः निर्माणम् अकरोत् ?” पिता अकथयत्-“न हि पुत्रि, सेतोः निर्माण कर्मकाराः अकुर्वन्।” पुनः अनारिकायाः प्रश्नः आसीत्-“यदि कर्मकरा: सेतोः निर्माणम् अकुर्वन, तदा मन्त्री किमर्थम आगच्छति ?” पिता अवदत्-“यतोहि सः अस्माकं देशस्य मन्त्री।” “पितः, सेतोः निर्माणाय प्रस्तराणि कुतः आयान्ति ? कि तानि मन्त्री ददाति ?”

शब्दार्थाः

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

हिन्दी-अनुवाद :
बालिका अनारिका के मन में हर समय अत्यधिक जानने की इच्छा होती थी। अतएव वह बहुत से प्रश्न पूछती थी। उसके प्रश्नों से बुद्धि चक्र की तरह घूमती थी।

सुबह उठकर उसने अनुभव किया कि उसका मन प्रसन्न नहीं है। मन को प्रसन्न करने के लिए वह घूमने के लिए घर से बाहर गई और काफी देर तक घूमी। घूमते समय उसने देखा कि रास्ते सजे हुए हैं। क्या कारण है यहाँ ऐसा सोचते हुए उसे याद आया कि आज तो मन्त्री जी आएँगे। वह किसलिए आयेंगे. इस विषय पर उसकी जानने की इच्छा शुरू हो गई। उन जिज्ञासाओं को शान्त करने के लिए वह घर लौट आई और पिता से पूछने लगी-“पिताजी! मन्त्री जी किसलिए आ रहे हैं ?” पिता ने कहा-“बेटी! नदी के ऊपर जो पुल बना है उसका उद्घाटन करने के लिए मन्त्री महोदय आ रहे हैं।”

अनारिका ने फिर पूछा-“पिताजी! क्या मन्त्री जी ने पुल बनाया था ?” पिता ने कहा-“नहीं बेटी! पुल का निर्माण तो श्रमिकों ने किया था।” फिर अनारिका का प्रश्न था-“यदि मजदूरों ने पुल बनाया था तो मन्त्री जी किसलिए आ रहे हैं।” पिता ने कहा-“क्योंकि वह हमारे देश के मन्त्री हैं।” “पिताजी पुल बनाने के लिए पत्थर कहाँ से आते हैं ? क्या उन्हें मन्त्री जी देते हैं ?”

सन्धिच्छेदाः
अन्वतभत् = अनु + अभवत्। नास्ति = न + अस्ति। प्रत्यागच्छत् = प्रति + आगच्छत्। उद्घाटनार्थम् = उद्घाटन + अर्थम्। यतोहि = यतः + हि। मनोविनोदाय – मन + विनोदाय।

संयोगः – किमर्थम् = किम् + अर्थम्।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

2. विरक्तभावेन पिता उदतरत्-“अनारिके! प्रस्तारणि जनाः पर्वतेभ्यः आनयन्ति।” “पितः! तर्हि किम् ? एतदर्थ मन्त्री धनं ददाति ? तस्य पार्वे धनानि कुतः आगच्छन्ति ?” एतान् प्रश्नान् श्रुत्वा पिताऽवदत्-“अरे! प्रजाः सर्वकाराय धनं प्रयच्छति।” विस्मिता अनारिका पुनरपृच्छत्-“पितः! यदि कर्मकाराः पर्वतेभ्यः प्रस्तराणि आनीय सेतुं निर्मान्ति, प्रजाः सर्वकाराय धनं ददति, तर्हि मन्त्री सेतोः उद्घाटनार्थ किमर्थम् आगच्छति ?”

बहून् प्रश्नान् उत्तरन् पिता अवदत्-“प्रथममेव अहम् अकथयम् यत् सः एव देशस्य मन्त्री अस्ति। बहुप्रश्नान् करोषि। चल, सुसज्जिता भूत्वा विद्यालयं गच्छ।” इदानीम् अपि -अनारिकायाः मनसि बहवः प्रश्नाः सन्ति।

शब्दार्थाः

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

हिन्दी-अनुवाद :
विरक्तभाव से पिता ने उत्तर दिया-“हे अनारिका! पत्थरों को मनुष्य पहाड़ों से लाते हैं।” “पिताजी! तो क्या? इसलिए मन्त्रीजी धन देते हैं ? उनके पास धन (पैसे) कहाँ से आते हैं ?” इन प्रश्नों को सुनकर पिता ने कहा-“अरे! प्रजा सरकार को धन देती है।” हैरान होकर अनारिका ने फिर पूछा”पिताजी! यदि मजदूर पहाड़ों से पत्थर लाकर पुल बनाते हैं, प्रजा सरकार को धन देती है, तो मन्त्री जी पुल के उद्घाटन के लिए क्यों आ रहे हैं ?”

बहुत से प्रश्नों के उत्तर देते हुए पिता ने कहा-“मैंने पहले ही कहा था कि वे देश के मन्त्री हैं। बहुत प्रश्न करती हो। चलो. तैयार होकर विद्यालय जाओ।” अब भी अनारिका के मन में बहुत से प्रश्न हैं।

सन्धिच्छेदाः – उदतरत् उत् + अतरत्। एतदर्शम् = एतत् + अर्थम्। पिताऽवदत् = पिता + अवदत्। पुनरपृच्छत् – पुनः + अपृच्छत्। निर्मान्ति – निः + मान्ति।

संयोगाः – किमर्थम् = किम् + अर्थम्। प्रथममेव – प्रथमम् + एव।

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 दादी माँ Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 दादी माँ

HBSE 7th Class Hindi दादी माँ Textbook Questions and Answers

कहानी से

दादी माँ प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 1.
लेखक को अपनी दादी माँ की याद के साथ-साथ बचपन की और किन-किन बातों की याद आ जाती है?
उत्तर :
लेखक को अपनी दादी माँ की याद के साथ-साथ बचपन की अन्य निम्नलिखित बातों की याद आ जाती है:

  • अपने उन शुभचिंतक मित्रों की जो उसे प्रसन्न करने के लिए छुट्टियों की सूचना देते हैं और पीठ पीछे उसका मजाक उड़ाते हैं।
  • क्वार के महीने की जब रास्ते का कीचड़ विचित्र गंध के साथ सूख जाता है।
  • बचपन में ज्वर का चढ़ना और उसमें दादी माँ की सेवा।
  • किशन भैया की शादी का मौका और उस समय औरतों का चार-पाँच दिन तक गीत और अभिनय का कार्यक्रम।
  • रामी चाची की घटना।

दादी माँ पाठ के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 2.
दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति खराब क्यों हो गई थी ?
उत्तर :
दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति इसलिए खराब हो गई थी क्योंकि उनके श्राद्ध पर पिताजी ने काफी धन खर्च कर दिया था। धोखेबाज और दिखावी मित्रों ने स्थिति को और भी खराब कर दिया था।

पाठ 2 दादी मां के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 3.
दादी के स्वाभाव कौन-सा पक्ष आपको सबसे अच्छा लगता है और क्यों ?
उत्तर :
दादी के स्वाभाव का वह पक्ष हमें सबसे अच्छा लगता है जिसमें वे दूसरों के प्रति अपनी चिंता रखती है। वे बीमार के पास बैठकर उसकी पूरी देखभाल करती थी, उसकी दवा का प्रबंध अपने ढंग से करती थी। मुँह से भले ही कडवी लगती थीं, पर दूसरों की आर्थिक मदद भी करती थीं। रामी चाची का कर्ज माफ कर नकद रुपए भी दिए ताकि उसकी बेटी का विवाह निर्विघ्न हो जाए। पिताजी को भी अपना स्वर्ण-कंगन देकर आर्थिक चिंता से उबारा था।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

कहानी से आगे

Dadi Maa Class 7 HBSE प्रश्न 1.
आपने इस कहानी में महीनों के नाम पढ़े, जैसे-क्वार, आषाढ़, माघ। इन महीनों में मौसम कैसा रहता है?
उत्तर :

  1. क्वार : गरमी का अंत हो रहा होता है। हल्की-हल्की ठंड शुरू हो जाती है। दशहरा इस मास का प्रमुख त्योहार है।
  2. आषाढ़ : यह भास वर्षा का है। इस महीने खूब वर्षा होती है। वर्षा न होने पर गरमी रहती है।
  3. माघ : यह महीना सर्दी का है। माघ के पहले पंद्रह दिन भयंकर सर्दी पड़ती है। फिद सर्दी का जोर घटता चला जाता है।

दादी माँ पाठ के शब्दार्थ HBSE 7th Class प्रश्न 2.
‘अपने-अपने मौसम की अपनी-अपनी बातें होती हैं’-लेखक के इस कथन के अनुसार यह बताइए कि किस मौसम में कौन-कौन सी चीजें विशेष रूप से मिलती हैं?
उत्तर :
गरमी के मौसम में तेज गरमी पड़ती है। इस मौसम में तरबूज-खरबूज खूब होते हैं। इनके खाने से गरमी का प्रभाव शरीर पर कम पड़ता है। वर्षा के मौसम बारिश होती है। दिन धूप से तपता है। ज्यादा गरमी वर्षा ले आती है। खाने को आम मिलते हैं।

सर्दी : इस मौसम के आते ही गर्मी-वर्षा से छुटकारा मिल जाता है। यह मौसम स्वास्थ्यवर्धक होता है। खाने को सेब, अमरूद, केले. अंगूर आदि फल मिलते हैं।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

HBSE 7th Class Hindi दादी माँ Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

Class 7 Vasant Chapter 2 HBSE प्रश्न 1.
लेखक की क्या कमजोरी है?
उत्तर :
लेखक की यह कमजोरी है कि वह थोड़ी सी भी मुश्किल पड़ने पर घबरा उठता है।

Dadi Maa Prashn Uttar HBSE प्रश्न 2.
लेखक को हल्की-सी बीमारी क्यों अच्छी लगती है?
उत्तर :
लेखक को हल्का ज्वर या सिर पर हल्का सिरदर्द इसलिए अच्छा लगता है क्योंकि इसमें खाने के लिए दिन भर नींबू और साबू मिलता है।

दादी माँ Class 7 HBSE प्रश्न 3.
दादी माँ को किनके पचासों नाम याद थे?
उत्तर :
दादी माँ को मुंबई-गाँव की पचासों किस्म की दवाओं के नाम याद थे।

पाठ 2 दादी मां के शब्दार्थ HBSE 7th Class प्रश्न 4.
तब बुखार किसके डर से भाग जाता था?
उत्तर :
तब कुनैन मिक्सचर की शीशी की तिताई के डर से बुखार भाग जाता था।

7th Class Hindi Dadi Maa Question Answer प्रश्न 5.
दादी माँ का उत्साह और आनंद कब देखते बनता था?
उत्तर :
किशन भैया की शादी के अवसर पर दादी माँ का उत्साह और आनंद देखते बनता था।

Dadi Maa 7th Class HBSE प्रश्न 6.
दादी माँ किशन के विवाह पर औरतों की किस बात पर बिगड़ी
उत्तर :
जय रात के समय औरतें अभिनय कर रहीं थी तब औरतों ने लेखक व राघव के वहाँ होने पर ऐतराज किया था। इस पर दादी उन पर बिगड पडी।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

प्रश्न 7.
देबू की माँ ने चादर खींचकर क्या कहा?
उत्तर :
देबू की माँ ने कहा-“कहो दादी, यह कौन बच्चा सोया है? बेचारा रोता है शायद, दूध तो पिला दूं।”

प्रश्न 8.
धन किसमें खर्च हो गया था? वह कहाँ का था?
उत्तर :
दादा के श्राद्ध में पिताजी ने काफी धन खर्च कर दिया था। वह घर का नहीं, कर्ज का था।

प्रश्न 9.
दादी नेसंदूकखोलकर क्या वस्तु निकाल कर दी?
उत्तर :
दादी ने संदूक खोलकर सोने का कंगन निकाल कर दिया।

प्रश्न 10.
लेखक को किस सूचना पर सहज विश्वास नहीं हुआ?
उत्तर :
लेखक को दादी माँ की मृत्यु की सूचना पर सहज विश्वास नहीं हुआ।

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
क्वार के महीने में गाँव के वातावरण में क्या परिवर्तन आ जाता है?
उत्तर :
क्वार के आते ही रास्तों का कीचड़ सूख जाता है। मोथा और साई की अधगली घासें, बनप्याज की जड़ें तथा अन्य प्रकार की घासों के बीच सूरज की गर्मी में सड़कर विचित्र गंध देने लगते हैं। गाँव के लड़के झाग भरे जलाशयों में कूदते रहते हैं।

प्रश्न 2.
दादी माँ को बीमारियों का ज्ञान कैसा था तथा वे दवा करने के क्या उपाय करती थीं?
उत्तर :
दादी माँ हाथ, माथा, पेट छूकर भूत, मलेरिया सरसाम, निमोनिया तक का अनुमान लगा लेती थीं। वे लौंग, गुड़-मिश्रित जलधार, गुग्गल और धूप से इलाज करती थीं।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

प्रश्न 3.
दादी माँ के दो रूप इस कहानी में विखाई देते हैं? वे कौन-कौन से हैं?
उत्तर :
दादी माँ का एक रूप तो वह है जब वे रामी की चाची से मय सूद के अपनी रकम वसूलने की धमकी देती हैं। दूसरा रूप वह है जब वे रामी की चाची की बिटिया की शादी के लिए सारा कर्ज माफ कर देती हैं तथा उसे दस रुपये भी दे देती हैं।

प्रश्न 4.
पिताजी और किशन भैया मन मारे क्यों बैठे थे?
उत्तर :
पिताजी और किशन भैया मन मारे कुछ सोच रहे थे। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। जिन पर रुपये थे, वे लौटाते नहीं थे। लोगों पर काफी बकाया था। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था।

दादी माँ गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. कमजोरी ही है ……….. उठती है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. यह गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
2 लेखक की कमजोरी क्या है?
3. मित्र किस प्रकार का दोमुंहा व्यवहार करते हैं?
4. लेखक के सामने क्या नाच उठती है?
उत्तर:
1. यह गद्यांश ‘दादी माँ’ पाठ से लिया गया है।
2. लेखक की कमजोरी यह है कि जरा-सी मुश्किल के आने पर उसका मन प्राय: अनमना हो जाता है। अर्थात वह घबरा जाता है।
3. लेखक के मित्र उसे प्रसन्न करने के लिए मुंह पर तो आने वाली छुट्टियों की सूचना देते हैं और पीठ पीछे उसे कमजोर और घबराने वाला कहकर उसका मजाक उड़ाते हैं। इस प्रकार वे दोमुँहा व्यवहार करते हैं।
4. लेखक की आँखों के सामने शरद ऋतु की शीतल किरणों के समान स्वच्छ, शीतल किसी की धुंधली छाया नाच उठती है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. कौन-सा नाम ऋतु का नाम नहीं है?
(क) गरमी
(ख) बरसात
(ग) विकलता
(घ) मेघ
उत्तर :
(घ) मेघ

2. शुभचिंतक कौन होते हैं?
(क) शोभाकारक
(ख) भला सोचने वाले
(ग) चिंतन करने वाले
(घ) अशुभ
उत्तर :
(ख) भला सोचने वाले

3. ‘प्रतिकूलता’ का विलोम शब्द है
(क) अनुकूलता
(ख) विकलता
(ग) व्याकुलता
(घ) विकूलता
उत्तर :
(क) अनुकूलता

4. ‘धुंधली छाया’ में रेखांकित शब्द है
(क) संज्ञा
(ख) सर्वनाम
(ग) विशेषण
(घ) क्रिया
उत्तर :
(ग) विशेषण

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

2. दिन में …………… अनुमान करती।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. कौन, क्यों चादर लपेटे सोया था?
2. दादी माँ किस रूप में आई थीं?
3. दादी ने आते ही क्या किया?
4. वे चारपाई के पास बैठकर क्या करती?
उत्तर:
1. लेखक को बुखार चढ़ा था। दिन में कम था अतः वह चादर लपेटे हुए सोया हुआ था।
2. दादी माँ झागवाले जल में नहाकर आई थी। उसने अपने दुबले-पतले शरीर पर बिना किनारी की धोती पहन रखी थी। उसके सफेद बालों के सिरों से पानी की बूंदें टपक रहीं थीं।
3. दादी ने आते ही लेखक का सिर और पेट छुआ। आँचल की गाँठ खोलकर किसी शक्तिधारी चबूतरे की कुछ मिट्टी मुँह में डाली और कुछ माथे पर लगाई।
4. दादी माँ दिन-रात चारपाई के पास बैठी रहतीं। कभी पंखा से हवा करती, कभी हाथ-पैर को कपड़े से सहलाती, कभी सिर पर दालचीनी का लेप करती और कभी हाथ से छूकर बुखार का अंदाजा लगातीं।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. दादी माँ कैसे जल में नहा कर आईं थी?
(क) ठंडे
(ख) गरम
(ग) झागवाले
(घ) सफेद
उत्तर :
(ग) झागवाले

2. दादी माँ की धोती कैसी थी?
(क) सफेद
(ख) बिना किनारी की
(ग) दोनों तरह की
(घ) लाल
उत्तर :
(ग) दोनों तरह की

3. दादी माँ के बाल किसके समान सफेद थे?
(क) सन के
(ख) कपड़े के
(ग) धूप के
(घ) साबुन के
उत्तर :
(क) सन के

4. दादी माँ की क्रियाओं से उसका क्या झलकता था?
(क) डर
(ख) स्नेह
(ग) चिंता
(घ) दिखावा
उत्तर :
(ख) गरम मसाले का

5. दालचीनी किसका नाम है?
(क) चीनी का
(ख) गरम मसाले का
(ग) मिठाई का
(घ) दवा का
उत्तर :
(ख) गरम मसाले का

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3. किशन के ……………. जा सका था।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. किसको शादी की बात का उल्लेख है?
2 विवाह के चार-पाँच रोज पहले क्या किया जाता है?
3. इसमें क्या दृश्य दिखाए जाते हैं?
4. लेखक बारात में क्यों नहीं जा सका?
उत्तर:
1. लेखक के बड़े भैया किशन की शादी का उल्लेख है।
2 विवाह के चार-पाँच रोज़ पहले से ही औरतें रात-रातभर जागकर गीत गाती हैं। विवाह की रात को अभिनय भी किया जाता है।
3. उसमें विवाह से लेकर पुत्रोत्पत्ति तक के सभी दृश्य दिखाए जाते हैं। इनमें सभी पार्ट औरतें करती हैं।
4. लेखक बीमार था अतः वह बारात में नहीं जा सका था।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. किसके विवाह के दिनों की बात है?
(क) लेखक के
(ख) किशन के
(ग) राघव के
(घ) ममेरे भाई के
उत्तर :
(ख) किशन के

2. विवाह से चार-पाँच रोज पहले औरतें क्या करती है?
(क) रातभर गीत गाती हैं
(ख) अभिनय करती हैं
(ग) खाना पकाती हैं
(घ) तैयारियां करती हैं
उत्तर :
(क) रातभर गीत गाती हैं

3. ‘पुत्रोत्पत्ति’ का सही संधि-विच्छेद है
(क) पुत्र + उत्पत्ति
(ख) पुत्रो + उत्तपत्ति
(ग) पुत्रो + त्पति
(घ) पुत्र + उत्तपत्ति
उत्तर :
(क) पुत्र + उत्पत्ति

4. विवाह की रात को क्या होता है?
(क) गायन
(ख) अभिनय
(ग) वादन
(घ) खाना
उत्तर :
(ख) अभिनय

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4. स्नेह और …………………………… करते थे।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
प्रश्न:
1. दादी माँ कैसी थी?
2. दादी माँ क्या बात खूब जानतीं थीं?
3. वे क्यों उदास रहती थीं?
4. दादी माँ को यह संसार कैसा प्रतीत होता था? क्यों?
उत्तर:
1. दादी माँ स्नेह और ममता की मूर्ति थीं।
2 दादी माँ यह बात भली प्रकार जानती थी कि परिस्थितियों का घटनाचक्र जीवन को सूखे पत्ते के समान नचाता है अर्थात् मनुष्य का जीवन परिस्थितियों और घटनाओं के वशीभूत होकर चलता है।
3. दादाजी की मृत्यु के बाद दादी माँ बहुत उदास रहती थीं।
4. दादी माँ को यह संसार धोखे की टट्टी मालूम होता था क्योंकि यहाँ कदम-कदम पर धोखा था। दादाजी भी उनको धोखा देकर इस संसार से चले गए थे।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. दादी माँ किसकी मूर्ति प्रतीत होती थीं?
(क) स्नेह की
(ख) ममता की
(ग) स्नेह-ममता की
(घ) दया की
उत्तर :
(ग) स्नेह-ममता की

2. ‘वात्याचक्र’ कैसा शब्द है?
(क) तत्सम
(ख) तद्भव
(ग) देशज
(घ) विदेशी
उत्तर :
(ग) देशज

3. दादी माँ की उदासी का कारण था
(क) दादा की मृत्यु
(ख) धन की कमी
(ग) लेखक की बीमारी
(घ) संसार का रवैया
उत्तर :
(क) दादा की मृत्यु

4. संसार दादी माँ को कैसा प्रतीत होता था?
(क) अच्छा
(ख) बुरा
(ग) धोखे की टट्टी
(घ) मिला-जुला
उत्तर :
(ग) धोखे की टट्टी

5. सचमुच मुझे ………………………….. नहीं रहीं?

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
प्रश्न:
1. लेखक को दादी माँ कैसी लगों? क्यों?
2 लेखक ने क्या देखा?
3. हाथ में क्या काँप रहा है?
4. पत्र में क्या सूचना दी गई होगी?
उत्तर:
1. लेखक को दादी माँ शापभ्रष्ट देवी-सी लगी। वैसे तो दादी माँ त्याग और ममता की देवी थीं, पर किसी शाप के कारण धरती पर कष्टपूर्ण जीवन जीने आ गई थीं।
2 लेखक ने देखा कि दिन काफी चढ़ आया है, खजूर के पेड़ से उड़कर एक कौआ काले पंख फैलाकर उसकी खिड़की पर बैठ गया था। (अपशकुन की सूचना)
3. लेखक के हाथ में किशन भैया का पत्र काँप रहा है।
4. पत्र में दादी माँ की मृत्यु की सूचना दी गई होगी।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. लेखक को दादी माँ कैसी लगी?
(क) देवी
(ख) शापध्रष्ट देवी-सी
(ग) सामान्य
(घ) विशिष्ट
उत्तर :
(ख) शापध्रष्ट देवी-सी

2. कौआ पहले कहाँ बैठा था?
(क) खजूर के पेड़ पर
(ख) खिड़की पर
(ग) नीम के पेड़ पर
(घ) दरवाजे पर
उत्तर :
(ख) खिड़की पर

3. ‘पाँख’ शब्द कैसा है?
(क) तत्सम
(ख) तद्भव
(ग) दशज
(घ) विदेशी
उत्तर :
(ख) तद्भव

4. लेखक को किस पर विश्वास नहीं होता?
(क) आँखों पर
(ख) दादी की मृत्यु की सूचना पर
(ग) पत्र पर
(घ) किसी पर नहीं
उत्तर :
(ख) दादी की मृत्यु की सूचना पर

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दादी माँ Summary in Hindi

दादी माँ पाठ का सार

लेखक की एक कमजोरी है कि जरा सी कठिनाई पड़ते ही प्रायः उसका मन अनमना-सा हो जाता है। लेखक के मित्र और शुभचिंतक उसे आने वाली छुट्टियों की सूचना देकर प्रसन्न करने
का प्रयास करते हैं, पर पीछे से उसका मजाक उड़ाते हैं। लेखक ‘को लगता है कि क्वार के दिन आ गए हैं। चारों ओर पान हिलोरें ले रहा है। मोथा और साई की अधगली घासें, बनप्याज की जड़ें तथा तरह-तरह की बरसाती घासे विचित्र गंध छोड़ती जान पड़ती हैं। रास्तों का कीचड़ सूख गया है।

क्वार के दिनों में गंधपूर्ण झाग भरे जल में कूदकर नहाने के कारण वह बीमार हो गया। वैसे हलकी बीमारी लेखक को अच्छी लगती है। पर इस बार बुखार चढ़ा तो चढ़ता ही चला गया। रजाई पर रजाई ओढ़ी तब रात बारह बजे के बाद उतरा। दिन में चादर लपेटकर सोया था। दादी माँ नहाकर आई थीं। उनके दुबले-पतले शरीर पर सफेद विना किनारी की धोती थी। बाल सफेद सन जैसे थे तथा उनसे पानी की बूंदें टपक रही थीं। उन्होंने आते ही लेखक का सिर और पेट को छुआ।

आँचल की गाँठ खोलकर और चबूतरे की मिद्री मँह में डाली और माथे से लगाई। वह रात-दिन चारपाई के पास बैठी रहती और कभी पंखा झलती, कभी सिर पर दाल-चीनी का लेप करतीं और बार-बार छूकर बुखार का अनुमान लगातीं। वे अनेक प्रकार की जानकारियाँ लेती-जैसे हाँडी में पानी आया कि नहीं? उसे पीपल की छाल से छौंका या नहीं? खिचड़ी में मूंग की दाल एकदम मिल तो नहीं गई? कोई बीमार घर में सीधे तो नहीं चला आया ? आदि।

दादी माँ को गाँव में प्रयुक्त होने वाली पचासों किस्म की दवाओं के नाम याद थे। जब भी गाँव में कोई बीमार होता, वे वहाँ पहुँच जाती और यही सब बातें करती और दोहरातीं। सफाई की सीख उनसे ली जा सकती थी, दवा में देरी उनसे सहन नहीं होती थी। लेखक को बुखार तो अब भी आता है पर अब वह बात कहाँ ? मेस-महाराज अपने मन से पकाकर खिचड़ी या साबू दे जाता है, डॉक्टर नाड़ी देखकर कुनैन मिक्सर दे जाता है। पर अब बुखार बुलाने का मन नहीं करता।।

किशन भैया की शादी के मौके पर दादी माँ का उत्साह देखते – ही बनता था। उन्होंने घर को सिर पर उठा लिया था। वे सारा काम अपने हाथ से करना चाहती थीं। एक दिन दोपहर को दादी माँ किसी पर बिगड़ रही थी। वे धन्नों से अपने रुपए ब्याज सहित माँग रही थी। रामी की चाची दया की भीख माँग रही थी। बाद में उसी दादी ने पिछला सारा रुपया छोड़ दिया और दस रुपए को नोट देकर कहा-“धन्नो, जैसी तेरी बेटी, वैसी मेरी। दस-पाँच रुपए के लिए हँसाई न हो। देवता है बेटा, देवता।”

किशन के विवाह की बात है। चार-दिन पहले से ही गीत गाने लगे थे। लेखक बीमार होने के कारण बारात में न जा सका था। लेखक को एक चारपाई पर चादर उढ़ाकर सुला दिया। देबू की माँ ने चादर खींच ली। स्नेह और ममता की मूर्ति दादी माँ की एक-एक बात बड़ी अनोखी लगती है। दादा की मृत्यु के बाद से ही वे उदास रहती थी। दादा के श्राद्ध में दादी माँ के मना करने पर भी पिताजी ने जो अतुल संपत्ति व्यय की थी, वह घर की तो नहीं। एक माघ मास के कड़कती ठंड में दादी माँ गीली धोती पहने एक संदूक पदउ दिया जलाए हाथ जोड़कर बैठी थी। लेखक ने उनसे गीली धोती बदलने को कहा तो वे बोली-मुझे सरदी-गरमी नहीं लगती। लेखक ने एक सुबह पिताजी को किशन भैया के साथ उदास बैठे देखा। दादी ने पिताजी की आर्थिक समस्या को सुलझाने के लिए अपना कंगन निकालकर दे दिया।

दादी माँ शब्दार्थ

कठिनाई = मुश्किल (dificulty), शुभचिंतक = भला सोचने वाले (well-wisher),शीत = ठंड (cold), स्वच्छ = साफ (clear), विचित्र = अनोखी (strange), जलाशय = तालाब (pond), शीतलता = ठंडक (coleiness), ज्वर = बुखार (fever), किस्म = प्रकार (type), विश्रचिका = संक्रामक रोग (epedemic), उत्साह = जोश (zeal), निकसार = निकास, निकलने का दरवाजा (exit), निस्तार – छुटकारा (to get rid off), विह्वल – बैचेन (restless), पत्रोत्पत्ति = पत्र + उत्पत्ति बेटा पैदा होना (birth of son),आपत्ति – ऐतराज (objection), अप्रिय जो अच्छा न लगे (not good), सन्नाटा = चुप्पी (silence), विलीन = गायब (disappear).

Haryana State Board HBSE 7th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 10 विश्वबंधुत्वम् Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 10 विश्वबंधुत्वम्

विश्वबंधुत्वम् Class 7 Question Answer HBSE प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत
दुर्भिक्षे – राष्ट्रविप्लवे – विश्वबन्धुत्वम्
विश्वसन्ति – उपेक्षाभावम् – विद्वेषस्य
ध्यातव्यम् – दुःखभाक् – प्रदर्शयन्ति
उत्तरम्:
विद्यार्थी स्वयं करें।

HBSE 7th Class Sanskrit विश्वबंधुत्वम् प्रश्न 2.
मञ्जूषातः समानार्थकपदानि चित्वा लिखत-
परस्य दुःखम् आत्मानम् बाधितः परिवारः सम्पन्नम् त्यक्त्वा सम्पूर्णे
स्वकीयम् ……………..
अवरुद्धः ……………..
कुटुम्बकम् ……………..
अन्यस्य ……………..
अपहाय ……………..
समृद्धम् ……………..
कष्टम् ……………..
निखिले ……………..
उत्तरम्:
आत्मानम्
बाधितः
परिवारः
परस्य
त्यक्त्वा
सम्पन्नम्
दुःखम्
सम्पूर्णे।

HBSE 7th Class Sanskrit Ruchira Chapter 10 विश्वबंधुत्वम् प्रश्न 3.
रेखाड्कितानि पदानि संशोध्य लिखत
(क) छात्राः क्रीडाक्षेत्रे कन्दुकात् क्रीडन्ति
(ख) ते बालिकाः मधुरं गायन्ति।
(ग) अहं पुस्तकालयेन पुस्तकानि आनयामि।
(घ) त्वं किं नाम ?
(ङ) गुरुं नमः।
उत्तरम्:
(क) छात्राः क्रीडाक्षेत्रे कन्दुकेन क्रीडन्ति।
(ख) ताः बालिकाः मधुरं गायन्ति।
(ग) अहं पुस्तकालयात् पुस्तकानि आनयामि।
(घ) तव किं नाम ?
(ङ) गुरवे नमः।

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प्रश्न 4.
मञ्जूषातः विलोमपदानि चित्वा लिखत
अधुना मित्रतायाः लघुचेतसाम् गृहीत्वा दुःखिनः दानवाः
शत्रुतायाः …………
मानवाः ……….
उदारचरितानाम् ………..
सुखिनः …………
अपहाय ……….
उत्तरम्:
शत्रुतायाः – मित्रतायाः
पुरा – अधुना
मानवाः – दानवः
उदारचरितानाम् – लघुचेतसाम्
सुखिनः – दुःखिनः
अपहाय – गृहीत्वा

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प्रश्न 5.
अधोलिखितपदानां लिड्गं विभक्तिं वचनञ्च लिखत-

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उत्तरम्:
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प्रश्न 6.
कोष्ठकेषु दत्तेषु शब्देषु समुचितां विभक्तिं योजयित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत

(क) विद्यालयम् उभयतः वृक्षाः सन्ति। (विद्यालय)
…………….. उभयतः गोपालिकाः। (कृष्ण)

(ख) ग्रामं परितः गोचारणभूमिः। (ग्राम)
……………… परितः भक्ताः । (मन्दिर)

(ग) सूर्याय नमः। (सूर्य)
…………….. नमः। (गुरु)

(घ) वृक्षस्य उपरि खगाः। (वृक्ष)
……………… उपरि सैनिकः। (अश्व)
उत्तरम्:
(क) कृष्णम् उभयतः गोपालिकाः। (कृष्ण)
(ख) मन्दिरम् परितः भक्ताः । (मन्दिर)
(ग) गुरवे नमः। (गुरु)
(घ) अश्वस्य उपरि सैनिकः। (अश्व)

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प्रश्न 7.
कोष्ठकात् समुचितं पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत
(क) …………….. नमः। (हरि/हरये)
(ख) ……………….. परितः कृषिक्षेत्राणि सन्ति। (ग्रामस्य/ग्रामम्)
(ग) …………. नमः। (अम्बायाः/अम्बायै)
(घ) ……………. उपरि अभिनेता अभिनयं करोति । (मञ्चस्य/मञ्चम्)
(ङ) ……… उभयतः पुत्रौ स्तः। (पितरम्/पितुः)
उत्तरम्:
(क) हरये नमः। (हरि/हरये)
(ख) ग्रामम् परितः कृषिक्षेत्राणि सन्ति। (ग्रामस्य/ग्रामम्)
(ग) अम्बायै नमः। (अम्बायाः/अम्बायै)’
(घ) मञ्चस्य उपरि अभिनेता अभिनयं करोति। (मञ्चस्य/मञ्चम्)
(ङ) पितरम् उभयतः पुत्रौ स्तः। (पितरम्/पितुः)

ध्यातव्यम्

⇒ क्रियामादाय यत्र द्वितीयातृतीयाद्याः विभक्तयः भवन्ति, ताः ‘कारकविभक्तियः’ इत्युच्यन्ते।
यथा-रामः ग्रामं गच्छति। बालकाः यानेन यान्ति इत्यादयः।

⇒ पदमाश्रित्य प्रयुक्ता विभक्तिः ‘उपपदविभक्तिः इत्युच्यते।
यथा- ग्रामं परितः वनम्। रामेण सह लक्ष्मण: गच्छति। अत्र ‘परितः’ इति योगे ग्रामपदात् द्वितीया तथा च ‘सह’ इति योगे रामपदात् प्रयुक्ता तृतीया उपपदविभक्तिः अस्ति ।

ध्यातव्य

⇒ क्रिया को लेकर जहाँ द्वितीया. तृतीया आदि विभक्तियाँ होती हैं. उन्हें कारक-विभक्तियाँ कहते हैं।
जैसे- “राम: ग्रामं गच्छति। बालकाः यानेन यान्ति।”
इत्यादि। है पद के आधार पर प्रयुक्त विभक्ति ‘उपपद-विभक्ति’ कही जाती है। जैसे-ग्राम परितः वनम्। रामेण सह लक्ष्मणः गच्छति। यहाँ ‘परितः’ के योग में ‘ग्राम’ पद से द्वितीया तथा सह’ (पद) के योगे में ‘राम’ पद से प्रयुक्त तृतीया उपपदविभक्ति है।

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मूलपाठः

1. उत्सवे, व्यसने, दुर्भिक्षे, राष्ट्रविप्लवे, शत्रुसंकटे च यः सहायतां करोति सः बन्धुः भवति। यदि विश्वे सर्वत्र एतादृशः भावः भवेत् तदा विश्वबन्धुत्वं सम्भवति।

परन्तु अधुना निखिले संसारे कलहस्य अशान्तेः च वातावरणम् अस्ति। येन मानवाः परस्परं न विश्वसन्ति। ते परस्य कष्टं स्वकीयं कष्टं न गणयन्ति। अपि च समर्थाः देशाः असमर्थान् देशान् प्रति उपेक्षाभावं प्रदर्शयन्ति, तेषाम् उपरि स्वकीयं प्रभुत्वं च स्थापयन्ति। तस्मात् कारणात् संसारे सर्वत्र विद्वेषस्य, शत्रुतायाः, हिंसायाः च भावना दृश्यते। देशानां विकासः अपि अवरुद्धः भवति।

एतेषां सर्वेषां कारणं विश्वबन्धुत्वस्य अभाव एव। इयम् महती आवश्यकता वर्तते यत् एकः देश अपरेण देशेन सह निर्मलेन हृदयेन बन्धुतायाः व्यवहारं कुर्यात्। यदि इयं भावना विश्वस्य जनेषु बलवती स्यात् तदा विकसिताविकसितदेशयोः मध्ये स्वस्था भविष्यति। येप सर्वे देशाः ज्ञानविज्ञानयोः क्षेत्रे मैत्रीभावनया सहयोगेन च समृद्धि प्राप्तुं समर्थाः भविष्यन्ति।

अस्माभिः अवश्यं ध्यातव्यं यत् विश्वस्य सर्वेषु प्राणिषु समान रुधिर प्रसरति। सूर्यस्त चन्द्रस्य च प्रकाशः सर्वत्र समानरूपेण प्रसरति। अनेन ज्ञायते यत् प्रकृतिः अपि सर्वेषु समत्वेन व्यवहरति, तस्मात् अस्माभिः सर्वैः परस्परं वैरभावम् अपहाय विश्वबन्धुत्वं स्थापनीयम्।
अत: विश्वस्य कल्याणाय एतादृशी भावना भवेत्-
अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम्।
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्॥

अन्वयः – अयं निजः, परः वा इति गणना लघुचेतसां (जनानां भवति)। उदारचरितानां तु वसुधा एव कुटुम्बकम् (भवति)।

शब्दार्थाः

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

हिन्दी-अनुवाद :
उत्सव में, संकट के समय, अकाल के समय, राष्ट्र पर संकट आने पर और शत्र संकट आने पर जो सहायता करता है वह बन्ध (भाई) होता है। यदि विश्व में सब जगह ऐसा ही भाव हो जाए तब विश्व-बन्धुता सम्भव है।

परन्तु आज सारे विश्व में कलह और अशान्ति का वातावरण है जिससे मानव परस्पर विश्वास नहीं कर रहे हैं। वे दूसरे के कष्ट को अपना कष्ट नहीं मान रहे हैं और भी समर्थ देश असमर्थ देशों के प्रति अनादर (उपेक्षा) का भाव प्रकट कर रहे हैं और उन पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर रहे हैं। इस कारण से सारे संसार में वैमनस्य, शत्रुता और हिंसा की भावना दिखाई दे रही है। देशों का विकास भी बाधित हो गया है।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

इन सबका कारण है-विश्व-बन्धुता का अभाव। यह महान् आवश्यकता है कि एक देश दूसरे के साथ स्वच्छ हदय से भाई-चारे का आचरण करे। यदि यह भावना विश्व के लोगों में सबल हो जाए, तो विकसित और अविकसित देशों में स्वस्थ स्पर्धा (होड़) होगी। जिससे सारे देश ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में मित्रता और सहयोग की भावना से समृद्धि पाने में समर्थ होंगे।

हमें अवश्व ध्यान देना चाहिए कि विश्व में सभी प्राणियों में समान (एक ही रंग का) खून प्रसृत (संचरित) है। सूर्य और चन्द्र का प्रकाश समान रूप से सब जगह फैलता है। इससे पता चलता है कि प्रकृति भी सभी में समानता का आचरण करती है, इसलिए हम सबको भी परस्पर वैर-भाव छोड़कर विश्व बन्धुता स्थापित करनी चाहिए।

इसलिए विश्व के कल्याण के लिए ऐसी भावना हो- “यह मेरा है या यह पराया है ऐसी गिनती तुच्छ हृदय वालों की होती है। विशाल हृदय वालों के लिए तो सारी पृथ्वी एक ही परिवार है।”

सन्धिच्छेदा:
उपपदविभक्तिश्च = उपपदविभक्तिः + च। विकसिताविकसितदेशयोः = विकसित + अविकसित-देशयोः। व्यवहरति = वि + अवहरति। परोवेति = पर : + वा इति। वसुधैव = वसुधा+एव।

Haryana State Board HBSE 7th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 15 लालनगीतम् Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 15 लालनगीतम्

Sanskrit Class 7 Chapter 15 लालनगीतम् HBSE प्रश्न 1.
गीतम् सस्वरं गायत।
उत्तर:
स्वयं गायन करें।

लालनगीतम् Sanskrit Class 7 Chapter 15 HBSE प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत-
(क) का विहसति ?
(ख) किम् विकसति ?
(ग) व्याघ्रः कुत्र गर्जति ?
(घ) हरिणः किं खादति ?
(ङ) मन्दं कः गच्छति ?
उत्तर:
(क) धरणी
(ख) कमलम्
(ग) गहने विपिने
(घ) नवधासम्
(ङ) तुङ्गः उष्ट्रः।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

लालनगीतम् Question Answer Sanskrit Class 7 Chapter 15 प्रश्न 3.
रेखाङ्कितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत
(क) सलिले नौका सेलति।
(ख) पुष्पेषु चित्रपतङ्गाः डयन्ते।
(ग) उष्ट्रः पृष्ठे भार वहति।
(घ) धावनसमये अश्वः किमपि न खादति।
(ङ) उदिते सूयें धरणी विहसति।
उत्तर
(प्रश्ननिर्माणम्)
(क) सलिले का सेलति ?
(ख) कुत्र चित्रपतङ्गा: डयन्ते ?
(ग) कः पृष्ठे भारं वहति ?
(घ) कदा अश्वः किमपि न खादति ?
(ङ) उदिते कस्मिन् धरणी विहसति ?

प्रश्न 4.
मञ्जूषातः समानार्थकपदानि चित्वा लिखत-
मञ्जूषा
पृथिवी, देवालये, जले, वने, मृग:, भयद्करम्

धरणी – ……………..
करालम् – ……………..
सलिले – ……………..
विपिने – ……………..
हरिणः – ……………..
मन्दिरे – ……………..
उत्तर
धरणी – पृथिवी
करालम् – ‘भयद्करम्
सलिले – जले
विपिने – वने
हरिणः – मृग:
मन्दिरे – देवालये

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

प्रश्न 5.
उचितकथनानां समक्षम् ‘आम्’ अनुचितकथनानां समक्षं ‘न’ इति लिखत

(क) धावनसमये अश्वः खादति।
(ख) उष्ट्रः पृष्ठे भारं न वहति।
(ग) सिंहः नीचैः क्रोशति।
(घ) पुष्पेषु चित्रपतङ्गाः डयन्ते।
(ङ) वने व्याघ्रः गर्जति।
(च) हरिण: नवधासम् न खादति।
उत्तर:
(क) न
(ख) न
(ग) न
(घ) आम्
(ङ) आम्
(च) न।

प्रश्न 6.
अधोलिखितानि पदानि निर्देशानुसारं परिवर्तयत-

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

उत्तर:
पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

प्रश्न 8.
चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषात: पदानि च प्रयुज्य वाक्यानि रचयत –

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खगा: विकसन्ति कमलानि उदेति क्रीडन्ति
डगन्ते सूर्य: चित्रपतड्नः कूर्जन्ति बालाः
उत्तर:
खगा: कूर्जन्ति।
सूर्य: उदेति।
कमलानि विकसन्ति।
बालाः क्रीडन्ति।
चित्रपतड्नः डगन्ते।

मूलपाठः

उदिते सूर्ये धरणी विहसति ।
पक्षी कूजती कमलं विकसति ॥ 1 ॥

नदति मन्दिरे उच्चैढक्का ।
सरितः सलिले सेलति नौका ॥ 2 ॥

पुष्पे पुष्ये नानारङ्गाः ।
तेषु डयन्ते चित्रपतङ्गाः ॥ 3 ॥

वृक्षे वृक्षे नूतनपत्रम् ।
विविधैर्वर्णैर्विभाति चित्रम् ॥ 4 ॥

धेनुः प्रातर्यच्छति दुग्धम् ।
शुद्ध स्वच्छं मधुरं स्निग्धम् ॥ 5 ॥

गहने विपिने व्याघ्रो गर्जति ।
उच्चस्तत्र च सिंहः नर्वति ॥ 6 ॥

हरिणोऽयं खादति नवधासम् ।
सर्वत्र च पश्यति सविलासम् ॥ 7 ॥

उष्ट्रः तुङ्गः मन्दं गच्छति ।
पृष्ठे प्रचुरं भारं निवहति ॥ 8 ॥

घोटकराजः क्षिप्रं धावति ।
धावनसमये किमपि न खादति ॥ 9 ॥

पश्यत भल्लुकमिम, करालम् ।
नृत्यति थथथै कुरु करतालम् ॥ 10 ॥

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शब्दार्थाः

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के

HBSE 7th Class Hindi हम पंछी उन्मुक्त गगन के Textbook Questions and Answers

कविता से

हम पंछी उन्मुक्त गगन के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 1.
हर तरह की सुख-सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते?
उत्तर:
यद्यपि पिंजरे में खाने-पीने तथा सुरक्षा की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं, फिर भी पक्षी पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहते। इसका कारण यह है कि उन्हें स्वतंत्रता प्रिय है। वे खुले आकाश में उड़ान भरकर अधिक प्रसन्न रहते हैं। उन्हें अपनी उड़ान में कोई बाधा पसंद नहीं है। उन्हें बंधन प्रिय नहीं लगता।

हम पंछी उन्मुक्त गगन के भावार्थ HBSE 7th Class प्रश्न 2.
पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएं पूरी करना चाहते हैं?
उत्तर:
पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी इन इच्छओं को पूरा करना चाहते हैं:

  • वे नदी-झरनों का बहता जल पीना चाहते हैं।
  • वे अपनी गति से उड़ान भरना चाहते हैं।
  • वे अपनी इच्छा से प्रकृति से वस्तुएँ लेकर खाना चाहते हैं।

हम पक्षी उन्मुक्त गगन के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 3.
भाव स्पष्ट कीजिएया तो क्षितिज मिलन बन जाता/या तनती साँसों की डोरी।
उत्तर:
पक्षी क्षितिज में लंबी उड़ान भरने को इच्छुक रहते हैं। वे दोनों स्थितियों को सहने को तैयार रहते हैं-या तो वे अपने लक्ष्य तक पहुंच जाते अर्थात् क्षितिज तक जा पहुँचते अथवा उड़ते-उड़ते उनकी साँस फूल जाती।

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कविता से आगे

Hum Panchi Unmukt Gagan Ke Summary HBSE 7th Class प्रश्न 1.
बहुत से लोग पक्षी पालते हैं
(क) पक्षियों को पालना उचित है अथवा नहीं? अपने विचार लिखिए।
(ख) क्या आपने या आपकी जानकारी में किसी ने कभी कोई पक्षी पाला है?
उसकी देखरेख किस प्रकार की जाती होगी, लिखिए।
उत्तर:
(क) हमारी दृष्टि से पक्षियों को पालना उचित नहीं है क्योंकि इससे हम उनकी स्वतंत्रता पर पाबंदी लगा देते हैं। पक्षियों को प्रकृति में स्वच्छंद विचरण करने देना चाहिए। उन्हें वहीं प्रसन्नता मिलती है।

(ख) हमारे एक पड़ोसी ने तोता पाला था। उसे उसने एक पिंजरे में रखा हुआ था। उसके पिंजरे में ही एक कटोरी रखी हुई थी। वह उसी में उसका खाना रख देता था। हम देखते कि तोता बाहर निकलकर उड़ने के लिए बेचैन रहता था।

Hum Panchi Unmukt Gagan Ke Class 7 HBSE प्रश्न 2.
पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आजादी का हनन ही नहीं होता, अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है। इस विषय पर दस पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
पक्षियों को पिंजरे में बंद करके रखना सभी दृष्टियों से गलत है। यह हम केवल अपने मनोरंजन हेतु करते हैं। इससे पक्षियों का कुछ भी भला नहीं होता।

पिंजरे में बंद करके रखने से पक्षियों की आजादी छिनती है। वे तो खले आकाश में उड़ान भरना चाहते हैं। पिंजरे में रखने से उनकी आजादी छिनती है। । इसके साथ-साथ पर्यावरण भी प्रभावित है। पर्यावरण को शुद्ध और प्राकृतिक बनाए रखने के लिए पक्षियों को प्रकृति के मध्य रहना आवश्यक है। वे इस प्रकार पर्यावरण को शुद्ध एवं संतुलित बनाते हैं। पर्यावरण में पक्षियों का अपना विशेष महत्त्व होता है।

HBSE 7th Class Hindi हम पंछी उन्मुक्त गगन के Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

हम पंछी उन्मुक्त गगन के शब्दार्थ HBSE 7th Class प्रश्न 1.
पक्षी किस प्रकार का जीवन जीना चाहते हैं?
उत्तर:
पक्षी उन्मुक्त अर्थात् स्वतंत्र बंधनरहित जीवन जीना चाहते हैं।

Hum Panchi Unmukt Gagan Ke Answers HBSE 7th Class प्रश्न 2.
कहाँ रहकर पक्षी ठीक प्रकार से गा नहीं पाते?
उत्तर:
पिंजरे में बंद रहकर पक्षी ठीक प्रकार से गा नहीं पाते।

हम पंछी उन्मुक्त गगन के HBSE 7th Class प्रश्न 3.
पक्षी कहाँ का पानी पीकर खुश रहते हैं?
उत्तर:
पक्षी नदी-झरने का बहता पानी पीकर खुश रहते हैं।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

हम पक्षी उन्मुक्त गगन के HBSE 7th Class प्रश्न 4.
पक्षियों का क्या अरमान होता है?
उत्तर:
पक्षियों का अरमान होता है कि वे नीले आसमान में दूर-दूर तक उड़ान भरें।

Class 7 Vasant Chapter 1 HBSE प्रश्न 5.
यह क्षितिज कैसा है?
उत्तर:
यह क्षितिज सीमाहीन अर्थात् असीम है।

Hum Panchi Unmukt Gagan Ke Solution HBSE 7th Class प्रश्न 6.
पक्षियों को क्या पसंद नहीं है?
उत्तर:
पक्षियों को अपनी उड़ान में बाधा डालना पसंद नहीं है।

Hum Panchi Unmukt Gagan Ke Solutions HBSE 7th Class प्रश्न 7.
“लाल किरण-सी चोंच खोल चुगते तारक-अनार के दाने।” इस पंक्ति में किरण और तारक शब्दों का प्रयोग किसलिए हुआ है?
उत्तर:
‘किरण’ शब्द का प्रयोग ‘तोते की चोंच’ के लिए किया गया है क्योंकि दोनों का रंग लाल होता है। तारों का प्रयोग कवि ने ‘अनार के दानों’ के लिए किया है।

प्रश्न 8.
पिंजरे में बंद पक्षी किस प्रकार के स्वप्न देखते हैं?
उत्तर:
पिंजरे में बंद पक्षी यह स्वप्न देखते हैं कि वे पेड़ की चोटी पर झूला झूलते या आकाश में ऊँचे उड़ते रहते।

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पक्षी सोने की कटोरी की मैदा से कड़वी निबौरी को क्यों अच्छा बताता है?
उत्तर:
गुलामी का जीवन अच्छा नहीं होता। ऐसे समय में मन की स्वतंत्रता समाप्त हो जाती है। स्वतंत्र जीवन में कठिनाइयाँ भी क्यों न हों, वह बंधन के जीवन से अच्छा होता है। अत: पक्षी भी खुले रहकर सोने की कटोरों की मैदा की अपेक्षा नौम के कड़वे फल खाना अधिक पसंद करते हैं।

प्रश्न 2.
पक्षी हम मनुष्यों से क्या प्रार्थना करते हैं?
उत्तर:
पक्षी हम लोगों से यह प्रार्थना करते हैं कि उन्हें चाहे सलों में न रहने दिया जाए, उनकी टहनियों के सहारे को छीन लिया ॥ए. परंतु भगवान ने जब उन्हें उड़ने के लिए पंख दिए हैं तो उनकी वतंत्र उड़ान में किसी भी प्रकार की रुकावट न डाली जाए।

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प्रश्न 3.
इस कविता की उन पंक्तियों को चुनो जिनमें पक्षी की स्वच्छंद रहने की भावना का वर्णन है।
उत्तर:
पक्षी को स्वच्छंद रहने की भावना का वर्णन कवि की इन पंक्तियों में है:
हम पंछी उन्मुक्त गगन के, पिंजरबद्ध न गा पाएंगे। कनक-तीलियों से टकरा कर, पुलकित पंख टूट जाएंगे।

प्रश्न 4.
इस कविता से तुम्हें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर:
इस कविता से हमें यही प्रेरणा मिलती है कि पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं। अर्थात् स्वतंत्रता सबसे अच्छी है। दूसरों के अधीन रहकर सुख का जीवन बिताने में स्वतंत्र रहकर रूखी-सूखी रोटी खाना अधिक अच्छा है

प्रश्न 5.
इस कविता से पक्षियों की किस विशेषता का परिचय मिलता है?
उत्तर:
इस कविता से पता चलता है कि पक्षियों को स्वतंत्रता प्रिय है। वे बंधन के वातावरण में रहना पसंद नहीं करते। वे सोने के पिंजरों में बंद रहकर पकवान आदि खाना नहीं चाहते। वे खुले आकाश में रहना पसंद करते हैं, चाहे उन्हें कड़वे फल ही क्यों न खाने पड़ें।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित पंक्तियों का भावार्थ लिखो
(क) या तो क्षितिज मिलन बन जाता
या तनती साँसों की डोरी।

(ख) लाल किरण सी चोंच खोल
चुगते तारक-अनार के दान।।
उत्तर:
(क) पक्षी उड़कर या तो क्षितिज के पार तक पहुँच जाते अथवा उड़ते-उड़ते उनकी साँस ही फूल जाती अर्थात् उड़ते ही चले जाते और जब तक क्षितिज के पार न पहुँच पाते तब तक उड़ते चले जाते।

(ख) पक्षियों की लाल-लाल चोंच सूर्य की किरण के समान प्रतीत होती है और तारे अनार के दाने के समान लगते हैं। पक्षी तारों को अनार के दाने समझ कर चुगने का प्रयास करते हैं।

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प्रश्न 7.
तोते की आत्मकथा लिखो।
उत्तर:
पिंजरे में बंद तोते की आत्मकथा:
मैं एक तोता हूँ। तुम मेरे रंग-रूप पर मोहित हो रहे हो। मैं राम-राम पुकारता भी हूँ, पर तुम मेरे मन की व्यथा को नहीं समझते। मैं इस पिंजरे में कैद होकर बड़ा दुःखी रहता हूँ। यह ठीक है कि मुझे खाने की कोई कमी नहीं है, पर बंदी जीवन की यातना तो मुझे झेलनी ही पड़ती है। मेरा मन खुले आकाश में उड़ने को ललचाता रहता है. पर मन मसोस कर रह जाता हूँ। मुझे स्वतंत्र जीवन ही प्रिय है।

हम पंछी उन्मुक्त गगन के काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. हम पंछी ……………………. पंख टूट जाएँगे।

शब्दार्थ: पंछी = पक्षी (Birds)। उन्मुक्त – स्वतंत्र (Free)। पिंजरबद्ध – पिंजरे में बँधकर (In the cage)। कनक – सोना (Gold)। पुलकित – प्रसन्नचित्त (Happy)।

सप्रसंग व्याख्या :
प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग-2’ में संकलित कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ से ली गई हैं। इस कविता के रचयिता प्रसिद्ध कवि श्री शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ हैं। इस कविता में कवि ने पक्षियों के जीवन के माध्यम से स्वतंत्रता का महत्त्व दर्शाया है। पक्षी स्वतंत्र उड़ान भरने की इच्छा रखते हैं।

व्याख्या:
पक्षी कहते हैं कि हम तो खुले आकाश में उड़ने वाले पक्षी हैं। हम पिंजरे में बंद रहकर नहीं गा सकते। हमें तो स्वतंत्र जीवन पसंद है। हमें पिंजरे में रहना अच्छा नहीं लगता। यह पिंजरा चाहे सोने का ही क्यों न हो। सोने के पिंजरे की तीलियों से हमारे कोमल पंख टकरा कर टूट जाएंगे। हमें पिंजरा कोई सुख नहीं दे सकता। हमारे लिए स्वतंत्रता सबसे महत्वपूर्ण है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. इस कविता का नाम तथा कवि का नाम लिखो।
2 इस काव्यांश में पक्षी अपनी क्या इच्छा प्रकट करते हैं?
3. पक्षी कहाँ रहकर गा नहीं पाएंगे?
4. पक्षियों के पंख कब टूट जाते हैं?
उत्तर:
1. कविता का नाम-‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ कवि का नाम-शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
2 इस काव्यांश में पक्षी अपनी यह इच्छा प्रकट करते हैं कि हमें खुले आसमान में उड़ान भरने दी जाए।
3. पक्षी पिंजरे में बंद होकर गा नहीं पाएंगे अर्थात् अपनी स्वाभाविक भावनाओं को अभिव्यक्त नहीं कर पाएंगे।
4. जब पक्षियों को पिंजरे में कैद कर दिया जाता है, तब उनके पुलकित पंख उस पिंजरे की तीलियों से टकरा-टकरा कर टूट जाते हैं, भले ही यह पिंजरा कितना भी कीमती क्यों न हो।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए :

1. कौन सा शब्द ‘गगन’ का पर्यायवाची नहीं है
(क) आसमान
(ख) नभ
(ग) रवि
(घ) व्योम
उत्तर:
(ग) रवि

2. पक्षी किस रूप में रहना चाहते हैं?
(क) उन्मुक्त
(ख) पिंजरबद्ध
(ग) व्याकुल
(घ) पुलकित
उत्तर:
(क) उन्मुक्त

3. ‘पुलकित’ शब्द में किस प्रत्यय का प्रयोग है?
(क) पुल
(ख) कित
(ग) इत
(घ) त
उत्तर:
(ग) इत

4. ‘कनक’ शब्द का अर्थ है
(क) सोना
(ख) चाँदी
(ग) मिट्टी
(घ) तांबा
उत्तर:
(क) सोना

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

2. हम बहता ……………………….. की मैदा से।

शब्दार्थ: कटुक – कड़वी (Bitter)। निबौरी = नीम का फल (Fruit of margase or neem)। कनक – सोना (Gold).

सप्रसंग व्याख्या:
प्रसंग: प्रस्तुत पोक्तयाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग-2’ की कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ से अवतरित हैं। इनके लेखक श्री शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ हैं। इन पंक्तियों में पक्षियों की स्वतंत्रता की इच्छा प्रकट की गई है।

व्याख्या:
हम स्वतंत्रता से बहने वाले जल को पीने वाले हैं। पिंजरे में बंद रहकर भूखे-प्यासे मर जाएंगे। हमें पिंजरे में भले ही सोने की कटोरी में मैदे का पकवान मिले परंतु स्वतंत्र रहकर कड़वी निबौरी खाना हमारे लिए उससे कहीं अच्छा है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. पक्षी केसा जल पीना पसंद करते हैं?
2. किस स्थिति में पक्षी भूखे-प्यासे मर जाएँगै?
3. पक्षी कनक कटोरी की मैदा की जगह क्या खाना पसंद करते हैं और क्यों?
उत्तर:
1. पक्षी बहता हुआ जल अर्थात् नदियों–झरनों का जल पीना पसंद करते हैं।
2. जब पक्षियों को पिंजरे में बंद कर दिया जाएगा तब वे भूखे-प्यासे मर जाएंगे। उन्हें बंधन का जीवन पसंद नहीं होता।
3. पिंजरे में रखी सोने की कटोरी से मैदा (अच्छा खाना) पक्षियों को पसंद नहीं होता। वे तो पेड़ की डाली की कड़वी निबौरी खाकर संतुष्ट रह लेते हैं। इसका कारण यह है निबौरी खाने में उनकी स्वतंत्रता बनी रहती है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए:

1. पक्षियों को पीने के लिए कैसा पानी चाहिए?
(क) कटोरी में रखा
(ख) बहता पानी
(ग) ठंडा पानी
(घ) कैसा भी
उत्तर:
(ख) बहता पानी

2. निबौरी का स्वाद कैसा होता है?
(क) कड़वा
(ख) मीठा
(ग) तीखा
(घ) पता नहीं
उत्तर:
(क) कड़वा

3. ‘कनक कटोरी’ में कौन-सा अलंकार है?
(क) यमक
(ख) अनुप्रास
(ग) उपमा
(घ) रूपक
उत्तर:
(ख) अनुप्रास

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3. स्वर्ण-शृंखला ……………………. पर के झूले।

शब्दार्थ: स्वर्ण-शृंखला – सोने की जंजीर (Chain of gold): गति – चाल (Speec)। तरु – वृक्ष (Tree)। फुनगी . वृक्ष का ऊपरी सिरा (Top of tree or branch)।

सप्रसंग व्याख्या:
प्रसंग: प्रस्तुत पक्तियाँ श्री शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन से ली गई हैं। बंधनों में पड़कर पक्षी अपनी स्वतंत्र उड़ान तक भूल बैठते हैं।

व्याख्या:
पक्षी कहते हैं कि सोने की जंजीरों में बंधकर हम अपनी चाल और खुले आकाश में उड़ने की सारी बातें ही भूल गए हैं। अब तो केवल स्वप्न में ही पेड़ की डालियों पर बैठना और उन पर झूला झूलना दिखाई देता है अर्थात् बंदी जीवन में व्यक्ति अपनी स्वाभाविक क्रीड़ाएँ भूल जाता है। स्वतंत्र जीवन की बातें मात्र स्वप्न बनकर रह जाती हैं।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. पक्षी कब अपनी स्वाभाविक उड़ान भूल जाते हैं?
2. पक्षी किस झूले की बात कर रहे हैं?
3. पक्षी सपने में क्या देखते हैं और क्यों?
उत्तर:
1. पक्षी तब अपनी स्वाभाविक उड़ान भूल जाते हैं जब उन्हें पिंजरे में कैद कर दिया जाता है।
2 पक्षी पेड़ की डालियों की फुनगी के झूले की बात कर रहे हैं। उस पर बैठकर उन्हें झूले में झूलने का-सा आनंद आता है।
3. जब पक्षियों को पिंजरे में कैद कर दिया जाता है तब वे पेड़ की डाली की फुनगी के झूले को केवल सपने में ही देख पाते हैं। यह आनंद उनसे छिन जाता है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. बंधन किसका है?
(क) स्वर्ण का
(ख) श्रृंखला का
(ग) स्वर्ण श्रृंखला का
(घ) मनुष्य का
उत्तर:
(ग) स्वर्ण श्रृंखला का

2. पिंजरे में पक्षी क्या-क्या भूल जाते हैं?
(क) अपनी गति
(ख) अपनी उड़ान
(ग) गति-उड़ान दोनों
(घ) कुछ नहीं
उत्तर:
(ग) गति-उड़ान दोनों

3. कौन-सा शब्द ‘तरु’ का पर्यायवाची नहीं है?
(क) वृक्ष
(ख) पेड़
(ग) पुष्प
(घ) पादप
उत्तर:
(ग) पुष्प

4. ‘स्वर्ण’ शब्द कैसा है?
(क) तत्सम
(ख) तद्भव
(ग) देशज
(घ) विदेशी
उत्तर:
(क) तत्सम

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4. ऐसे थे …………. के दाने

शब्दार्थ: अरमान – दिल की इच्छा (Ambition)। नभ = आकाश (Sky).तारक = तारे (Stars)। अनार = एक फल का नाम (Pomegranate)।

सप्रसंग व्याख्या:
प्रसंग: प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग-2’ की कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के से लिया गया है। इसमें पक्षियों द्वारा इच्छा प्रकट की गई है।

व्याख्या:
पक्षी कहते हैं कि हमारी यह बड़ी इच्छा थी कि हम नीले आकाश की सीमाओं तक जाकर उन्हें छुएं। हम चाहते थे कि हम सूर्य की लाल किरण के समान अपनी चोंच खोलकर तारों रूपी अनार के लाल-लाल दोनों को चुनें। हमारी यह इच्छा तभी पुरी हो सकती है जब हमें उड़ने की पूरी आजादी मिले।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. किसके, क्या अरमान थे?
2 चोंच को किसके समान बताया गया है?
3. पक्षी क्या चुगना चाहते हैं?
उत्तर:
1, पक्षियों के ये अरमान थे कि वे नीले आसमान में दूर-दूर तक उड़ते। वे आकाश की सीमा तक जाना चाहते थे।
2. पक्षी की चोंच को सूर्य की लाल किरण के समान बताया गया है।
3. पक्षी तारों को अनार के दाने के समान समझकर चुगना चाहते हैं।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. पक्षी किसकी सीमा पाना चाहते हैं?
(क) नीले नभ की
(ख) उड़ान की
(ग) अनार की
(घ) तारों की
उत्तर:
(क) नीले नभ की

2. ‘लाल किरण-सी चोंच’ में कौन-सा अलंकार है?
(क) अनुप्रास
(ख) उपमा
(ग) रूपक
(घ) यमक
उत्तर:
(ख) उपमा

3. अनार के दाने किन्हें बताया गया है?
(क) तारों को
(ख) चोंच को
(ग) नभ को
(घ) किसी को नहीं
उत्तर:
(क) तारों को

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5. होती सीमाहीन ……………………… की डोरी।

शब्दार्थ: सीमाहीन सीमा न होना (Boundless)। क्षितिज – जहाँ धरती-आकाश मिलते प्रतीत हों (Horizon)।

सप्रसंग व्याख्या:
प्रसंग: प्रस्तुत पक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग-2’ से ली गई हैं। इस कविता के रचयिता प्रसिद्ध कवि श्री शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ हैं।

व्याख्या:
पक्षी चाहते हैं कि उनके पंखों का मुकाबला आकाश की सीमा से पार क्षितिज से होता। पक्षी उस स्थल तक पहुँचना चाहते हैं जहाँ धरती और आकाश मिलते प्रतीत होते हैं। इस प्रकार या तो क्षितिज से हमारा मिलन हो जाता अर्थात् उड़ते-उड़ते हम क्षितिज तक जा पहुँचते अथवा हम थककर चूर हो जाते अर्थात् साँस फूलकर दम ही निकल जाता।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. पक्षी किससे होड़ा-होड़ी करना चाहते हैं?
2 ‘क्षितिज मिलन बन जाता’ का क्या अर्थ है?
3. ‘सांसों की डोरी तनने’ का क्या आशय है?
उत्तर:
1. पक्षी इस असीम क्षितिज (आसमान) से होड़ा-होड़ी करना चाहते हैं अर्थात् लंबी उड़ान भरना चाहते हैं।
2. क्षितिज मिलन तब बन जाता जब पक्षी उड़कर वहाँ पहुँचने में सफल हो जाते।
3. ‘साँसों की डोरी तनने’ से आशय है इतना साँस फूल जाता कि दम ही निकल जाता अर्थात् पक्षी उड़ते-उड़ते बेदम हो जाते।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. ‘क्षितिज’ को कैसा बताया गया है?
(क) सीमित
(ख) सीमाहीन
(ग) बंद
(घ) बड़ा
उत्तर:
(ख) सीमाहीन

2. लंबी उड़ान में क्या-क्या संभावनाएं हो सकती थी?
(क) क्षितिज की सीमा मिल जाती
(ख) साँसों की डोरी तन जाती
(ग) ये दोनों बातें हो सकती थीं
(घ) कुछ नहीं होता
उत्तर:
(ग) ये दोनों बातें हो सकती थीं

3. ‘होड़ा-होड़ी’ में कौन-सा अलंकार है?
(क) अनुप्रास
(ख) पुनरुक्ति
(ग) यमक
(घ) रूपक
उत्तर:
(क) अनुप्रास

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

6. नीड़ नदो …….. न डालो ।

शब्दार्थ: नीड़ – घोंसला (Nest)। आश्रय = सहारा (Shelter)। छिन्न-भिन्न – तोड़-फोड़ (Destroy)। आकुल = बेचैन (Restless)। विघ्न = रुकावट (Hurdle)।

सप्रसंग व्याख्या:
प्रसंग: प्रस्तुत पक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग-2’ की कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ से ली गई हैं।

व्याख्या: हे मनुष्यो! हमें भले ही नीड़ (घोंसले) मत दो और बेशक पेड़ की डाली का सहारा तोड़ डालो; परंतु जब ईश्वर ने हमें उड़ने को पर (पंख) दिए हैं तो हमें पिंजरे का कैदी बनाकर हमारी स्वतंत्र उड़ानों में बाधा मत डालो। हमें पिंजरे में रहना पसंद नहीं, स्वतंत्र उड़ानें भरना ही प्रिय है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न:
1. पक्षी क्या नहीं चाहते?
2 पंख किसने दिए हैं?
3. पक्षियों को क्या बात पसंद नहीं है?
उत्तर:
1. पक्षी न तो घोंसला चाहते हैं और न टहनी का आश्रय। इन्हें भले ही छीन लिया जाए।
2. पक्षियों को पंख ईश्वर ने दिए हैं।
3. पक्षियों को यह बात कतई पसंद नहीं है कि कोई उनकी उड़ान में बाधा डाले। वे उन्मुक्त उड़ान भरना चाहते हैं।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. इस कविता के रचयिता हैं
(क) गणेश शंकर
(ख) शिवमंगल सिंह सुमन
(ग) रवि मंगल
(घ) सुमित्रानंदन पंत
उत्तर:
(ख) शिवमंगल सिंह सुमन

2. किसे छिन्न-भिन्न कर डालो?
(क) टहनी को
(ख) नीड़ को
(ग) आश्रय को
(घ) फुनगी को
उत्तर:
(ग) आश्रय को

3. ‘उड़ान’ व्याकरण में क्या है?
(क) क्रिया
(ख) भाववाचक संज्ञा
(ग) विशेषण
(घ) जातिवाचक संज्ञा
उत्तर:
(ख) भाववाचक संज्ञा

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हम पंछी उन्मुक्त गगन के Summary in Hindi

हम पंछी उन्मुक्त गगन के कवि-परिचय

प्रश्न: शिवमंगलसिंह ‘सुमन’ के जीवन और कवित्व के विषय में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
जीवन-परिचय:
डॉ. शिवमंगलसिंह ‘सुमन’ का जन्म 1916 ई. में उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के झगरपुर नामक गाँव में हुआ था। ग्वालियर से बी.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् कुछ समय तक शिक्षण कार्य किया। 1940 ई. में काशी विश्वविद्यालय से एम.ए. (हिंदी) की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। इसी विश्वविद्यालय से 1950 ई. में डी.लिट् की उपाधि प्राप्त की। इंदौर और उज्जैन के महाविद्यालयों में प्राध्यापक रहने के पश्चात ये नेपाल में भारतीय दुतावास में सांस्कृतिक सचिव बने। बाद में ये विक्रम विश्वविद्यालय के उपकुलपति नियुक्त हुए।

रचनाएँ: इनके कई काव्य-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। जैसे-हिल्लोल, जीवन का गान, प्रलय सजन, विंध्य हिमालय, पर आँखें नहीं भरी, विश्वास बढ़ता ही गया, मिट्टी की बारात।

साहित्यिक विशेषताएँ: प्रारंभ इन्होंने प्रेम की रचनाओं से किया, पर आगे चलकर ये क्रांति का आह्वान करने वाले कवि बन गए। क्रांति के इस ओजस्वी स्वर में राष्ट्रीयता भी सम्मिलित है। राष्ट्रीय चेतना आगे चलकर मानवतावाद में परिवर्तित हो जाती है। कवि को जनता के व्यापाक दुःख का मूल सामाजिक विषमता में दिखाई देता है।

हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता का सार

‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ शीर्षक कविता प्रसिद्ध कवि शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ द्वारा रचित है। इस कविता में कवि ने पक्षियों के माध्यम से मनुष्य के जीवन में स्वतंत्रता का महत्त्व दर्शाया है। पक्षियों को खुले आसमान में विचरण करना पसंद होता है। वे पिंजरे में बंद हो कर गा नहीं पाते अर्थात् अपनी प्रसन्नता प्रकट नहीं पाते, भले ही यह पिंजरा सोने का क्यों न हो और इसमें सोने की कटोरी में मैदा क्यों न रखी हो। पक्षी तो नदी-झरनों का बहता जल पीने वाले होते हैं।

पिंजरे में तो वे भूखे-प्यासे मर जाएँगे। वे कड़वी निबौरी खाकर जी लेते हैं, पर बंधन में रहकर सुख-सुविधाएँ पसंद नहीं करते। सोने का पिंजरा तो बंधन है और इसमें रह कर वे अपनी स्वाभाविक गति और उडान तक को भल जाते हैं। ऐसी स्थिति में तो पेड़ की डालियों के झूले केवल स्वप्न में ही रह जाते हैं। पक्षियों के अरमान तो उड़ कर आकाश की सीमा को छूने के होते हैं। वे तो अपनी लाल चोंच से तारों रूपी अनार के दानों को चुगना चाहते हैं। वे तो सीमाहीन क्षितिज में लंबी उड़ान भरने को उत्सुक रहते हैं। इसमें उन्हें चाहे जितना परिश्रम क्यों न करना पड़े।

पक्षी मनुष्यों से विनती करते हैं कि वे उन्हें भले ही उनका घोंसला नष्ट कर दें. टहनी का आश्रय भी न दें. पर उनकी आकुल उड़ान में बाधा उपस्थित न करें क्योंकि ईश्वर ने उन्हें उड़ने के लिए पंख दिए है। यह उड़ान ही उनका जीवन है, इसे छीनने का प्रयास न करें। पक्षी उड़ान की स्वतंत्रता चाहते हैं।

Haryana State Board HBSE 7th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 11 समवायो हि दुर्जयः Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 11 समवायो हि दुर्जयः

समवायो हि दुर्जयः Class 7 Question Answers HBSE प्रश्न 1.
प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत
(क) वृक्षे का प्रतिवसति स्म?
(ग) गज: केन शाखाम् अत्रोटयत्?
(ङ) मक्षिकायाः मित्रं कः आसीत्?
(ख) वृक्षस्य अधः कः आगतः?
(घ) काष्ठकूट: चटकां कस्याः समीपम् अनयत्?
उत्तरम्:
(क) चटका
(ख) प्रमत्तः गजः
(ग) शुण्डेन
(घ) वीणारवा-नाम्न्याः मक्षिकायाः समीपम्
(ङ) मण्डूकः।

समवायो हि दुर्जयः Question Answer HBSE Class 7 Civics प्रश्न 2.
रेखाड्कितानि पदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत
(क) कालेन चटकायाः सन्ततिः जाता।
(ख) चटकायाः नीडं भुवि अपतत्।
(ग) गजस्य वधेनैव मम दुःखम् अपसरेत्।
(घ) काष्ठकूटः चञ्वा गजस्य नयने स्फोटयिष्यति।
उत्तरम्:
(प्रश्ननिर्माणम्)
(क) कालेन कस्याः सन्ततिः जाता ?
(ख) चटकायाः किं भुवि अपतत् ?
(ग) कस्य वधेनैव मम दुःखम् अपसरेत् ?
(घ) काष्ठकूट: केन गजस्य नयने स्फोटयिष्यति ?

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Class 7 Civics Chapter 11 HBSE समवायो हि दुर्जयः प्रश्न 3.
मञ्जूषातः क्रियापदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत
करिष्यामि गमिष्यति अनयत् पतिष्यति स्फोटयिष्यति त्रोटयति
(क) काष्ठकूटः चञ्च्वा गजस्य नयने …………………………….।
(ख) मार्गे स्थितः अहमपि शब्द …………………………….।
(ग) तृषार्तः गजः जलाशयं …………………………….।
(घ) गजः गर्ते …………………………….।
(ङ) काष्ठकूटः तां मक्षिकायाः समीपं …………………………….।
(च) गजः शुण्डेन वृक्षशाखाः …………………………….।
उत्तरम्:
(क) काष्ठकूट: चञ्च्वा गजस्य नयने स्फोटयिष्यति ।
(ख) मार्गे स्थितः अहमपि शब्दं करिष्यामि ।
(ग) तृषार्तः गजः जलाशयं गमिष्यति ।
(घ) गजः गर्ते पतिष्यति ।
(ङ) काष्ठकूटः तां मक्षिकायाः समीपम् अनयत् ।
(च) गजः शुण्डेन वृक्षशाखाः त्रोटयति ।

Class 7 समवायो हि दुर्जयः HBSE Civics प्रश्न 4.
प्रश्नानाम् उत्तराणि एकवाक्येन लिखत
(क) चटकायाः विलापं श्रुत्वा काष्ठकूटः तां किम् अपृच्छत्?
(ख) चटकायाः काष्ठकूटस्य च वार्ता श्रुत्वा मक्षिका किम् अवदत्?
(ग) मेघनादः मक्षिकां किम् अवदत्?
(घ) चटका काष्ठकूटं किम् अवदत्?
उत्तरम्:
(क) चटकायाः विलापं श्रुत्वा काष्ठकूटः ताम् अपृच्छत्-“भद्रे, किमर्थं विलपसि?”
(ख) चटकायाः काष्ठकूटस्य च वार्ता श्रुत्वा मक्षिका अवदत्-“ममापि मित्रं मण्डूकः मेघनादः अस्ति।
(ग) मेघनादः मक्षिकाम् अवदत्-“यथाहं कथयामि तथा कुरुतम्।”
(घ) चटका काष्ठकूटम् अवदत्-“एकेन दुष्टेन गजेन मम सन्ततिः नाशिताः। तस्य गजस्य वधेन एव मम दुःखम् अपसरेत्।”

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प्रश्न 5.
उदाहरणमनुसृत्य रिक्तस्थानानि पूरयत –

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उत्तरम्:
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प्रश्न 6.
उदाहरणानुसारं ‘स्म’ शब्दं योजयित्वा भूतकालिकक्रियां रचयत
यथा अवसत् – वसति स्म।
अपठत् – ………….।
अत्रोटयत् – ………….।
अपतत् – ………….।
अपृच्छत् – ………….।
अवदत् – ………….।
अनयत् – ………….।
उत्तर
अपठत् – पठति स्म।
अत्रोटयत् – त्रोटयति स्म।
अपतत् – पतति स्म।
अपृच्छत् – पृच्छति स्म।
अवदत् – वदति स्म।
अनयत् – नयति स्म।

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प्रश्न 7.
(क) ………… बालिका मधुरं गायति। (एकम्, एका, एक:)
(ख) ………… कृषकाः कृषिकर्माणि कुर्वन्ति। (चत्वारः, चतस्रः, चत्वारि)
(ग) ………………… पत्राणि सुन्दराणि सन्ति। (ते, ताः, तानि)
(घ) धेनवः दुग्धं …………… । (ददाति, ददति, ददन्ति)
(ङ) वयं संस्कृतम् …………. (अपठत्, अपठन्, अपठाम)
उत्तर
(क) एका बालिका मधुरं गायति। (एकम्, एका, एकः)
(ख) चत्वारः कृषकाः कृषिकर्माणि कुर्वन्ति । (चत्वारः, चतस्रः, चत्वारि)
(ग) तानि पत्राणि सुन्दराणि सन्ति। (ते, ताः, तानि)
(घ) धेनवः दुग्धं ददति। (ददाति, ददति, ददन्ति)
(ङ) वयं संस्कृतम् अपठाम। (अपठत्, अपठन्, अपठाम)

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मूलपाठः

1. पुरा एकस्मिन् वृक्षे एका चटका प्रतिवसति स्म। कालेन तस्याः सन्ततिः जाता। एकदा कश्चित् प्रमत्तः गजःतस्य वृक्षस्य अधः आगत्य तस्य शाखां शुण्डेन अत्रोटयत्। चटकायाः नीडं भुवि अपतत्। तेन अण्डानि विशीर्णानि।अथ सा चटका व्यलपत्। तस्याः विलापं श्रुत्वा काष्ठकूटः नाम खगः दुःखेन ताम् अपृच्छत्-“भद्रे, किमर्थं विलपसि ?” इति।

चटकावदत्-“दुष्टेनैकेन गजेन मम सन्ततिः नाशिता। तस्य गजस्य वधेनैव मम दुःखम् अपसरेत्।” ततः काष्ठकूटः तां वीणारवा-नाम्न्याः मक्षिकायाः समीपम् अनयत् । तयोः वार्ता श्रुत्वा मक्षिकावदत्-“ममापि मित्रं मण्डूकः मेघनादः अस्ति। शीघं तमुपेत्य यथोचितं करिष्यामः।” तदानीं तौ मक्षिकया सह गत्वा मेघनादस्य पुरः सर्वं वृत्तान्तं न्यवेदयताम्।

शब्दार्थाः

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

हिन्दी-अनुवाद :
पहले (पुराने समय में) एक पेड़ पर एक चिड़िया रहती थी। समयानुसार उसकी सन्तान पैदा हुई। एक बार मदमस्त हाथी ने उस पेड़ के नीचे आकर उसकी टहनी को अपनी सूंड से तोड़ दिया। चिड़िया का घोंसला जमीन पर गिर गया। इस कारण अण्डे नष्ट हो गए। वह चिड़िया विलाप करके (रोने) लगी। उसके रोने को सुनकर काष्ठकूट’ नाम का पक्षी दुःख से उससे पूछने लगे-“आप क्यों रो रही हैं ?”

चिड़िया बोली- “एक दुष्ट हाथी ने मेरी सन्तान को नष्ट कर दिया है। उस हाथी के वध से ही मेरा दुःख दूर होगा। तब काष्ठकूट उस चिड़िया को वीणारवा नाम की मक्खी के पास ले गया।” उनकी बात सुनकर मक्खी बोली-” मेरा भी मित्र (दोस्त) मेघनाद नामक मेढक है। उसके पास जल्दी जाकर जैसा ठीक होगा हम वैसा करेंगे।” तब उन दोनों ने मक्खी के साथ जाकर मेघनाद के सामने सारा समाचार निवेदन किया (कहा, सुनाया)।

सन्धिच्छेदा:
कश्चित् – क : + चित्। व्यलपत् – वि + अलपत्। चटकावदत् – चटका + अवदत्। दुष्टेनैकेन – दुष्टेन + एकेन। वधेनैव = वधेन + पंव। ममापि = मम + अपि। यथोचितम् – यथा + उचितम्। न्यवेदताम् – नि + अवेदताम्।

संयोगः – किमर्थम्-किम् अर्थम्। तमुपेत्य-तम् + उपेत्य।

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

2. मेघनादः अवदत्-“यथाहं कथयामि तथा कुरुतम्। मक्षिके! प्रथमं त्वं मध्याह्ने तस्य गजस्य कर्णे शब्दं कुरु, येन सः नयने निमील्य स्थास्यति। तदा काष्ठकूटः चञ्च्चा तस्य नयने स्फोटयिष्यति। एवं सः गजः अन्धः भविष्यति। तृषार्तः सः जलाशयं गमिष्यमित। मार्गे महान् गर्त्तः अस्ति। तस्य अन्तिके अहं स्थास्यामि शब्दं च करिष्यामि। मम शब्देन तं गर्त्त जलाशयं मत्वा स तस्मिन्नेव गर्ते पतिष्यति मरिष्यति च।” अथ तथाकृते सः गजः मध्याह्ने मण्डूकस्य शब्दम् अनुसत्य महतः गर्तस्य अन्तः पतितः मृतः च। तथा चोक्तम्’बहूनामप्यसाराणां समवायो हि दुर्जयः।”

शब्दार्थाः

पाठ शाम एक किसान पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: पाठ में प्रयुक्त गल्ले शब्द का क्या अर्थ है? - paath shaam ek kisaan par aadhaarit prashnon ke uttar deejie: paath mein prayukt galle shabd ka kya arth hai?

हिन्दी-अनुवाद : मेघनाद बोला-“जैसा मैं कहूँ तुम दोनों वैसे ही करना। हे मक्खी ! पहले तुम दोपहर के समय उस हाथी के कान में आवाज करना, जिससे वह (हाथी) आँखें बन्द करके रुक जाएगा। तब काष्ठकूट !च से उसकी आँखें फोड़ देगा। इस प्रकार वह हाथी अन्धा हो जाएगा। प्यास से पीड़ित होकर वह तालाब पर जाएगा। रास्ते में बड़ा भारी गड्ढा है। उस (गड्ढे) के पास मैं रुका रहूँगा और आवाज पैदा करूँगा। मेरे आवाज करने पर उस गड्ढे को तालाब समझकर वह (हाथी) उसी गड्ढे में गिर जाएगा और मर जाएगा।” वैसा करने पर वह हाथी दोपहर में मेढक की आवाज का पीछा करता हुआ बड़े भारी गड्ढे के भीतर गिरा और मर गया। इसलिए कहा भी गया है
“बहुत सी कमजोर वस्तुओं अथवा प्राणियों का समूह (समुदाय) कठिनता से जीतने योग्य होता है।”

सन्धिच्छेदाः
यथाहम् – यथा + अहम्। तृषार्तः – तृषा + आर्तः। जलाशयम् = जल + आशयम्। तस्मिन्नेव = तस्मिन् + एव। चोक्तम्-च + उक्तम्। अप्यसाराणाम् = अपि + असराणाम्।

संयोगः – बहूनामपि = बहूनाम् + अपि।