Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 10 अपूर्व अनुभव Textbook Exercise Questions and Answers. पाठ से Class 7 Hindi Chapter 10 Apoorv Anubhav HBSE प्रश्न 1. पहले तो वह चौकीदार की झोपड़ी से एक सीढ़ी लाई। उसे पेड़ के सहारे लगा दिया। पर यासुकी-चान के हाथ-पैर इतने कमजोर थे कि वह
पहली सीढ़ी पर भी नहीं चढ़ पाया। फिर तोत्तो-चान चौकीदार की झोपड़ी से एक तिपाई-सीढ़ी खींचकर लाई। बहुत प्रयास के बाद वह ऊपर तो पहुँच गया। फिर तोतो-चान ने उसकी पोलियोग्रस्त उँगलियों में अपनी उँगलियाँ फंसाकर ऊपर खींचा। इस प्रकार यासुकी-चान पेड़ की द्विशाखा तक पहुँचने में सफल हो सका। अपूर्व अनुभव पाठ के शब्दार्थ HBSE 7th Class प्रश्न 2. अपूर्व अनुभव के प्रश्न उत्तर Class 7 HBSE प्रश्न 3. अपूर्व अनुभव का सारांश HBSE 7th Class प्रश्न 4. पाठ से आगे Apoorv Anubhav Question Answer Class 7 HBSE प्रश्न 1. Class 7 Hindi Chapter 10 Apoorv Anubhav Question Answer
प्रश्न 2. HBSE 7th Class Hindi अपूर्व अनुभव Important Questions and Answersअति लघुत्तरात्मक प्रश्न अपूर्व अनुभव पाठ के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 1. अपूर्व अनुभव प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 2. अपूर्व अनुभव के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 3. पाठ 10 अपूर्व अनुभव HBSE 7th Class प्रश्न 4. Apurv Anubhav Class 7 HBSE प्रश्न 5. अपूर्व अनुभव HBSE 7th Class प्रश्न 6. अपूर्व अनुभव शब्दार्थ HBSE 7th Class प्रश्न 7. लघुत्तरात्मक प्रश्न अपूर्व अनुभव पाठ का सारांश HBSE 7th Class प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. अपूर्व अनुभव गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न 1. बच्चे अपने ……………………….. जरूर डाँटते। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न : बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. बच्चे किसे अपनी सम्पत्ति मानते थे? 2. थासुकी-चान को क्या रोग था? 3. यासुकी-चान को किसके लिए आमंत्रित किया गया था? 2. यासुकी-चान ……………… क्या करे वह? अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न : बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. यासुकी-चान का कौन-सा अंग कमजोर था? 2. पेड़ से नीचे कौन उतर आया? 3. यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने का काम कैसा था? 3. यासुकी-चान ……………. रही थी। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न : बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. ‘यह उसकी
हार्दिक इच्छा थी’-किसकी? 2. उदास कौन था? 3. तोत्तो-चान को चौकीदार के छप्पर से क्या वस्तु मिली? 4. तिपाई की ऊपरी सीढ़ी कहाँ तक पहुँच गई? 4. काफी मेहनत …………. लड़ाते रहे। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न : बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. तोत्तो-चान ने यासुकी-चान का स्वागत कहाँ किया? 2. यासुकी-चान ने क्या पूछा? 3. यासुकी-चान ने
पेड़ पर क्या देखा? अपूर्व अनुभव Summary in Hindiअपूर्व अनुभव पाठ का सार इस कहानी में दो पात्र हैं-एक बालिका तोत्ता-चान और उससे एक साल बड़ा लड़का यासुकी-चान। यासुकी-चान को पोलियों था अतः वह किसी पेड़ पर नहीं चढ़ पाता था। सभागार में शिविर लगने के दो दिन बाद तोखे चान को एक साहसपूर्ण काम करने का दिन आया। उसने अपंग यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ने का न्योता दिया। तोमोए में प्रत्येक बच्चा बाग के एक-एक पेड़ को अपने खुद के चढ़ने का पेड़ मानता था। तोत्ता-चान अक्सर खाने की छुट्टी के समय या स्कूल के बाद पेड़ के ऊपर चढ़ी मिलती थी। सभी बच्चे अपने-अपने पेड़ को निजी संपत्ति मानते थे। किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ने से पूर्व पूछना पड़ता था। यासुकी-चान पोलियोग्रस्त होने के कारण किसी पेड़ को अपना नहीं मान पाता था। घर से निकलते समय तोत्तो चान ने झूठ बोला था कि वह यासुकी-चान के घर डेनेनचोफु जा रही है पर उसने रॉकी को सच बता दिया था। जब तोत्तो-चान स्कूल पहुँची तो उसे यासुकी-चान मैदान में क्यारियों के पास मिला। जैसे ही यासुकी चान ने तोत्तो चान को देखा, वह पैर घसीटता हुआ उसकी ओर आया। तोत्ता-चान यासुकी-चान को अपने पेड़ की ओर ले गई। वह चौकीदार के छप्पर से एक सीढ़ी घसीट लाई और उसे तने के सहारे ऐसे लगा दिया, जिससे वह द्विशाखा तक पहुँच जाए। उसने सीढ़ी को पकड़ लिया और यासुकी-चान को ऊपर चढ़ने की कोशिश करने को कहा, पर उसके हाथ-पैर इतने कमजोर थे कि वह बिना सहारे के पहली सीढ़ी भी नहीं चढ़ पाया। वह सिर झुकाकर खड़ा हो गया। तोत्तो-चान कोई और उपाय सोचने लगी। वह चौकीदार के छप्पर से एक तिपाई-सीढ़ी खींच लाई। वह सीढ़ी द्विशाखा तक पहुँच रही थी। यासुकी-चान ने घबराकर तिपाई-सीढ़ी की ओर देखा। उसे पसीना आ रहा था। उसने निश्चय के साथ पाँव उठाकर पहली सीढ़ी पर रखा। तोत्तो-चान उसकी मदद कर रही थी। यासुको-चान पूरी शक्ति के साथ जूझ रहा था और आखिर वह ऊपर पहुँच गया, पर तभी सारी मेहनत बेकार होती लगने लगी। तोत्तो चान तो सीढ़ी पर से द्विशाखा पर छलांग लगाकर पहुँच गई, पर यासुकी-चान को सीढ़ी से पेड़ पर लाने की हर कोशिश बेकार रही। तोत्तो चान की रुलाई छूटने को थी, क्योंकि वह चाहती थी कि वह यासुकी-चान को अपने पेड़ पर आमंत्रित कर तमाम नई-नई चीजें दिखाए। तोत्तो चान ने यासुकी-चान की पोलियो से पिचकी और अकड़ी उँगलियों को अपने हाथ में थाम लिया और बोली-“तुम लेटे रहो, मैं तुम्हें पेड़ पर खींचने की कोशिश करती हूँ।” यह कहकर वह पूरी ताकत से यासुकी-चान को खींचने लगी। काफी मेहनत के बाद दोनों आमने-सामने पेड़ की द्विशाखा पर थे। तोत्तो ने सम्मान से सिर झुकाकर कहा-“मेरे पेड़ पर तुम्हारा स्वागत है।” यासुकी-चान ने मुस्कराते हुए पूछा-“क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?” उस दिन यासुकी-घान ने दुनिया की एक ऐसी नई झलक देखी जैसी उसने पहले कभी नहीं देखी थी। वे दोनों गप्पें लड़ाते रहे। यासुकी-चान ने उमंग में भरकर बताया कि उसकी बहन अमेरिका में है। उसने एक चीज टेलीविजन के बारे में बताया है। वह कहती है कि इसमें वह सूमो-कुश्ती भी देख सकेगा।
तोत्तो-चान सोचती रही कि सूमो पहलवान किसी डिब्बे में कैसे अपूर्व अनुभव शब्दार्थ उदास = निराश, दु:खी होना (Sad)। छप्पर = झोंपड़ी के ऊपर घास-पूस की छत (Hut), तिपाई = तीन पाँवों/पैरों वाली (Stool)। धामे = पकड़े (Caught)। तरबतर = लथपथ, डूबे हुए (Drenched)। तमाम = समस्त, सारी (Total)। जोखिम = खतरा (Danger)। भरोसा = विश्वास (Belief) झिझकता हुआ = हिचक या संकोच के साथ धीरे-धीरे (Hesitated)। सम्मान से = आदर के साथ (With regard)। झलक = तस्वीर (Picture)। सूमों = (जापानी पहलवान जो कुश्ती लड़ते हैं उन्हें सूमों बोला जाता है।) (A wrestler)। ताकना = देखना (To see)। आमंत्रित = बुलाया हुआ (Invited) स्थिर = टिका हुआ (Stable)। संपत्ति = प्रापर्टी (Property)। हताशा = निराशा (Distress)। हैरान = आश्चर्यचकित (Surprised)। सभागार = बैठक करने का बड़ा कक्ष (Meeting Place)। शिविर = किसी निश्चित उद्देश्य से एकत्र होना (Camp)। द्विशाखा = दो शाखाएँ (Two wigs)। निजी = अपनी (Own)। सूना = खाली-खाली, सुनसान (Empty place)। उत्तेजित = जोश में आना (Excited)। भेद = अंतर (Difference)। Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 8 शाम एक किशान Textbook Exercise Questions and Answers. Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 8 शाम एक किशानHBSE 7th Class Hindi शाम एक किशान Textbook Questions and Answersकविता से शाम एक किसान शब्दार्थ HBSE Class 7 प्रश्न 1.
उत्तर : शाम एक किसान कविता का सारांश HBSE Class 7 प्रश्न 2. शाम एक किसान के प्रश्न उत्तर HBSE Class 7 प्रश्न 3.
कविता से आगे Class 7 Hindi Chapter 8 HBSE प्रश्न 1. शाम एक किसान कविता की व्याख्या
HBSE Class 7 प्रश्न 2.
शाम एक किसान के शब्दार्थ HBSE Class 7 प्रश्न 3. HBSE 7th Class Hindi शाम एक किशान Important Questions and Answersअति लघुत्तरात्मक प्रश्न शाम एक किसान प्रश्न उत्तर HBSE Class 7 प्रश्न 1. शाम एक किसान कविता के प्रश्न उत्तर HBSE Class 7 प्रश्न 2. शाम एक किसान Question Answer HBSE Class 7 प्रश्न 3. शाम एक किसान व्याख्या
HBSE Class 7 प्रश्न 4. Chapter 8 Shaam Ek Kisan HBSE Class 7 प्रश्न 5. लघुत्तरात्मक प्रश्न Shaam Ek Kisan Class 7th HBSE प्रश्न 1.
शाम एक किसान HBSE Class 7 प्रश्न 2. शाम एक किशान काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या 1. आकाश का …………… गल्ले-सा। शब्दार्थ: आकाश = आसमान (Sky)सूरज = सूर्य (Sun), बहकना = जलना (To burn) सप्रसंग व्याख्या: व्याख्या : विशेष : अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न : बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. इस कविता के रचयिता कौन है? 2. पहाड़ किस रूप में है? 3. कौन-सी अंगीठी दहक रही है? 4. ‘भेड़ों के गल्ले-सा’ में कौन-सा अलंकार है? 2. अचानक – बोला …………………….. छा गया। सप्रसंग व्याख्या व्याख्या : विशेष : संध्याकालीन वातावरण का सजीव चित्रण किया गया है। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न : बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. अचानक कौन बोल उठा? 2. “चिलम औंधी होना’ किसका प्रतीक है? 3. कौन-सा शब्द ‘सूरज’ का पर्यायवाची नहीं है शाम एक किशान Summary in Hindiशाम एक किशान कवि-परिचय प्रश्न : कवि सर्वेश्वरदयाल सक्सेना के जीवन एवं साहित्य का संक्षिप्त परिचय दीजिए। तत्पश्चात् आपने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम. ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की। शिक्षा क्षेत्र में अध्यापन करने के उपरांत आपने आकाशवाणी में सहायक प्रोड्यूसर के रूप में कार्य किया। सर्वेश्वरदयाल सक्सेना ने कुछ दिन दिनमान के प्रमुख उपसंपादक पद पर भी कार्य किया। बाद में बच्चों की पत्रिका ‘पराग’ का संपादन कार्य भी किया। आपका देहावसान 25 सितंबर, 1984 को हुआ। सर्वेश्वरदयाल सक्सेना ‘तीसरा तारसप्तक’ के कवि हैं। छायावाद के उपरांत नई कविता के कवियों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। सुमित्रानंदन पंत ने सक्सेना जी की साहित्य कला दृष्टि की सराहना की है तथा उन्हें सहज-प्रयत्न कवि और नए कवियों में कलाबोध का पारखी बताया है। उनके काव्य में रोमानियत और सम-सामयिकता पाई जाती है। वे समष्टि चेतना और व्यष्टि चेतना के प्रति सजग हैं। आपने कविता के नए-नए विषयों की ओर ध्यान दिया है। सक्सेना जी ने जीवन के विविध पक्षों को अपनी कविता में नए रंग-ढंग से व्यक्त किया है। भाषा-शैली : रचनाएँ : सर्वेश्वरदयाल सक्सेना बहुमुखी प्रतिभा के धनी साहित्यकार हैं। आपकी साहित्यिक कृतियाँ निम्न प्रकार हैं काव्य कृतियाँ : काठ की घंटियाँ, बाँस का पुल, एक सूनी नाव, गर्म हवाएँ, जंगल का दर्द, खूटियों पर टंगे लोग आदि। नाटक : बकरी, कल फिर भात आएगा, लड़ाई, अब गरीबी हटाओ, राज-बाज बहादुर और रानी रूपमती आदि। उपन्यास : पागल कुत्तों का मसीहा, सोया हुआ जल। लेख संग्रह : चरचे और चरखे आदि। शाम एक किशान कविता का सार ‘शाम : एक किसान’ शीर्षक कविता सर्वेश्वरदयाल सक्सेना द्वारा रचित है। इस कविता में कवि ने जाड़े की शाम के दृश्य को एक किसान के रूप में दर्शाया है। यह कविता एक रूपक है। इस कविता में शाम के दृश्य और किसान के बीच एकरूपता दिखाई गई है। जिस प्रकार किसान सिर पर साफा बाँधकर चिलम खींचता या पीता है, उसी प्रकार पहाड़ (जो एक किसान के रूप में है) आकाश रूपी साफा बाँधकर और सूरज की चिलम को खींचता दिखाई देता है। जिस प्रकार किसान के घुटनों पर चादर पड़ी रहती है उसी प्रकार शाम के घुटनों पर नदी पड़ी रहती है। सर्दी भगाने के लिए किसान अँगीठी जलाता है। शाम की अँगीठी है-पलाश के जंगल। इनमें लाल-लाल फूल आग की तरह दहकते हैं। अंधकार भेड़ों के गल्ले के समान दूर छिपकर बैठा रहता है। तभी अचानक बोल उठा, मानो कोई आवाज़ दे रहा हो। उस समय वह चिलम उल्टी हो गई, धुआँ उठने लगा और सूरज डूब गया तथा चारों ओर अंधेरा छा गया। Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 5 मीठाईवाला Textbook Exercise Questions and Answers. Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 5 मीठाईवालाHBSE 7th Class Hindi मीठाईवाला Textbook Questions and Answersकहानी से Class 7 Hindi Chapter 5 Pdf HBSE प्रश्न 1. Part 5 Mithaiwala HBSE Class 7 प्रश्न 2.
Class 7 Hindi Chapter 5 Pdf Question Answer HBSE प्रश्न 3.
Class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer HBSE प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. कहानी से आगे प्रश्न 1. प्रश्न 2.
खिलौनों को कारीगर घरों में बनाते हैं, जबकि मिठाइयों और चाट-पकौड़ी को वहीं मेले या शादी में बनाया जाता है। इनके चेहरे पर परिश्रम झलकता है। प्रश्न 3. HBSE 7th Class Hindi मीठाईवाला Important Questions and Answersअति लघुत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न
7. लघुत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. मीठाईवाला गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या 1. उसके …………….. खोल देता। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. खिलौने वाला का स्वर कैसा था? 2. युवतियाँ कहाँ देखने लगती थीं? 3. इस कहानी के लेखक हैं 2. नगर भर …………………………………… करता था?” अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. नगर भर में क्या समाचार फैल गया? 2. वह आदमी कैसे मुरली बेचता है? 3. मुरलीवाले की उन कितनी होगी? 4. वह कैसा साफा बाँधता है? 3. प्रतिदिन इसी ………………….. गए हैं।” अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. प्रतिदिन किसकी चर्चा होती थी? 2. रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से किसका स्मरण हो आया? 3. रोहिणी उठकर किसके पास गई? 4. विजय बाबू ………………………… …. भाव पड़ी हैं।” अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: 2. विजय बाबू ने मुरलीवाले से यह कहा कि तुम लोगों की आदत झूठ बोलने की है। सभी को दो-दो पैसों में देते होंगे, पर अहसान का बोझा मेरे ऊपर लाद रहे हो। 3. मुरलीवाले ने यह सफाई दो-आपको मुरली की लागत का पता नहीं है। हर ग्राहक यही समझता है कि दुकानदार मुझे लूट रहा है। मैंने तो एक हजार मुरलियाँ बनवाई थीं अतः मुझे इस भाव पड़ी हैं अन्यथा कहीं भी ये मुरलियाँ दो-दो पैसे में नहीं मिल सकती। 4. हाँ, हम मुरलीवाले की बात से सहमत हैं। वह मुनाफा कमाने के लिए मुरली नहीं बेचता। बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. कौन मुसकराया? 2. विजय ने मुरलीवाले पर क्या तोहमत लगाई? 3. मुरलीवाले ने कितनी मुरलियाँ बनवाई थीं? 5. अतिशय गंभीरता ………….. …. नहीं है। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. मिठाईवाले का संसार कैसा था? 2. उसकी पत्नी कैसी थी? 3. ‘सजीव खिलौने’ में रेखांकित शब्द क्या है? मीठाईवाला Summary in Hindiमीठाईवाला कहानी का सार मिठाईवाला एक धनी एवं प्रतिष्ठित व्यक्ति होते हुए भी बच्चों को मिठाई एवं खिलौने इसलिए बेचता है क्योंकि वह उनमें अपने खोए हुए बच्चों की छवि देखता है। वह गलियों में घूम-घूमकर बड़े मीठे स्वर में आवाज दे-देकर अपनी चीजें बेचता रहता है। उसकी मीठी आवाज सुनकर स्त्रियाँ चिकों से झांकने लगती तथा बच्चों के झुंड उसे घेर लेते। खिलौने वाला उनके सामने अपनी खिलौनों की पेटी खोल देता। बच्चे अपनी तोतली बोली में खिलौनों का मोल-भाव करते। बच्चे उससे खिलौने लेकर खुशी से उछलने लगते। सभी बच्चे अपने-अपने खिलौने को बढ़िया बताते। एक दिन राय विजय बहादुर के बच्चे उससे खिलौने ले गए। उनकी माँ रोहिणी को वे खिलौने बहुत सस्ते लगे। छह महीने बाद नगर में समाचार फैल गया कि एक मुरली वाला आया है और वह मुरली बजा-बजाकर बेचता है। वह 30-40 वर्ष की आयु का दुबला-पतला गोरा युवक है। यह वही खिलौने वाला व्यक्ति निकला। रोहिणी ने उस मुरली वाले का स्वर सुना तो उसे तत्काल उस खिलौने वाले की याद आई। रोहिणी ने अपने पति से मुरली वाले को बुलाने को कहा। विजय बाबू ने मुरली वाले से पूछा “क्यों भाई, किस भाव देते हो मुरली?” तभी बालक आकर इकट्ठे हो गए और मुरली माँगने लगे। मुरली वाले ने विजय बाबू के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा-“वैसे तो तीन-तीन पैसे के हिसाब से हैं, पर आपको दो-दो पैसे में दे दूंगा।” इस पर विजय बाबू ने कहा-“तुम लोगों को झूठ बोलने की आदत हो जाती है। देते होंगे सभी को दो-दो पैसों में, पर एहसान का बोझ मुझ पर लाद रहे हो? यह उत्तर सुनकर मुरली वाले को हैरानी हुई क्योंकि वह लागत भाव पर ही मुरली बेच रहा था। विजय बाय दो मुरलियाँ खरीद कर चले गए। मरली वाले ने बच्चों को उनकी पसंद की मुरलियाँ दे दी। फिर वह आगे चला गया। रोहिणी को मुरली वाले का स्वर बहुत मीठा लगता था। फिर कई महीने तक मुरली वाला न आया। आठ महीने बीतने के बाद गली में मुरली वाले की आवाज फिर सुनाई दी। रोहिणी ने बूढ़ी दादी से उस मुरलीवाले को बुलवाया। इस बार वह मिठाई बेच रहा था। उसके पास तरह-तरह की रंग-बिरंगी मिठाइयाँ थीं। वह एक पैसे की 16 गोलियाँ दे रहा था। रोहिणी ने दादी से चार पैसे की मिठाई लेने को कहा। रोहिणी ने बातों ही बातों में उससे पूछ लिया कि वही पहले मुरली बेचता था। रोहिणी उसके बारे में जानना चाहती थी। मिठाई वाले ने कहा कि पुरानी बातें सुनकर आपको दुःख ही होगा। रोहिणी के बहुत जोर देने पर उसने बताया-मैं भी नगर का धनी एवं सम्मानित व्यक्ति था। सुंदर पत्नी और खिलौने से सुंदर बच्चे भी थे, पर एक दिन सब चले गए अर्थात् मर गए। अब अपना अकेलापन काटने के लिए ही इन चीजों को बेचता रहता हूँ। इन बच्चों में अपने बच्चों की छवि देखता हूँ। मेरे पास पैसों की कोई कमी नहीं है, पर इससे मन को संतोष मिलता है। यह कहकर उसकी आँखों में आँसू आ गए। तभी रोहिणी के बच्चे आ गए। वे मिठाई मांगने लगे। मिठाई वाले ने मिठाई से भरी कागज की दो पुड़िया उन्हें दे दी। रोहिणी ने अंदर से पैसे फेंक दिए पर मिठाई वाले ने वे पैसे न लिए और आवाज लगाता हुआ गली में आगे बढ़ गया। मीठाईवाला शब्दार्थ मीठे स्वर = मीठी बोली (Sweet voice)। विचित्र = अनोखा (Strange)। स्नेहाभषिक्त = स्नेह अभिषिक्त = प्रेम में भीगे (With love a affection)। अंतर्व्यापी- अंत:+व्यापी = भीतर तक फैले (Spread inside)। उद्यान = बगीचा (Garden)। पुलकित = प्रसन्न (Joyful)। सागर = समुद्र (Sea)। इच्छानुसार = इच्छा के अनुसार (According desire)। हिलोर = लहर (Wave)। निरखना = देखना (To see)। उस्ताद = गुरु (Teacher)। आकार-प्रकार = रूप, बनावट (Shape)। मादक = नशा पैदा करने वाला (Intoxicating)। मृदुल = कोमल (Tender)। स्मरण = याद(Memorize)।हर्ष = खुशी (Happiness)। ग्राहक = खरीददार (Customer)। दस्तूर = तरीका (System)। विस्मयादि = विस्मय+आदि = आश्चर्यसूचक (Exclamatory)। धीरज = धैर्य (Patience)। असीम = सीमा रहित (Unlimited)। प्रतिष्ठित = सम्मानित (Respected)। कोलाहल = शोर-शराबा (Noise)। संशय शक,संदेह (Doubt) विधाता ईश्वर (God) तत्काल = तुरंत (Immediately)। क्षीण = कमजोर (I Weak)। Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर Textbook Exercise Questions and Answers. Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीरHBSE 7th Class Hindi रक्त और हमारा शरीर Textbook Questions and Answersपाठ से Rakt Aur Hamara Sharir Question Answer Class 7 HBSE प्रश्न 1. पाठ 6 रक्त और हमारा शरीर प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 2. रक्त और
हमारा शरीर पाठ के शब्दार्थ HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 3. रक्त और हमारा शरीर Summary HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 4. रक्त और हमारा शरीर के शब्दार्थ HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 5. रक्त और हमारा शरीर का प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 6. रक्त और हमारा शरीर पाठ के प्रश्न उत्तर HBSE7th Class Hindi प्रश्न 7. पाठ से आगे Rakt Aur Hamara Sharir Solutions HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 1. Rakt Aur Hamara Sharir Class 7th HBSE प्रश्न 2. HBSE 7th Class Hindi रक्त और हमारा शरीर Important Questions and Answersअति लघुत्तरात्मक प्रश्न Rakt Aur Hamara Sharir Question Answer HBSE 7th Class प्रश्न 1. Rakt Aur Hamara Sharir Ke Question Answer HBSE 7th Class प्रश्न 2. Chapter Rakt Aur Hamara Sharir HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 3. Rakt Aur Hamara Sharir HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. लघुत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न
5. रक्त और हमारा शरीर गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न 1. दिव्या अनिल … ………….. दिखाई दीं। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. दिव्या कौन है? 2. दिव्या को क्या महसूस होता है? 3. दिव्या के शरीर में किसकी कमी लगती थी? 4. डॉक्टर ने दिव्या को कहाँ भेज दिया? 2. इतना सुनते ……………………………. हो जाएगी। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. दिव्या के शरीर के किस अंग से रक्त लिया गया? 2. रक्त की बूंदों का क्या किया गया? 3. डॉक्टर दीदी क्या कर रही
थीं? 4. दिव्या को कौन-सा रोग बताया गया? 3. देखने में ……………….. रहते हैं। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. रक्त किसके समान दिखाई देता है? 2. रक्त के तरल भाग को क्या कहते हैं? 3. प्लेटलेट्स के कणों का रंग कैसा होता है? 4. प्लाज्मा में क्या तैरते रहते हैं? 4. लाल कण …………….. अगले दिन। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. लाल कण बनावट में किसके समान होते हैं? 2. रक्त की एक बूंद में कितने लाल कण होते हैं? 3. एक मिलीलीटर रक्त में कितने लाल रक्त कण होते 4.
ऑक्सीजन को शरीर के हर हिस्से में कौन पहुंचाता 5. लाल कणों का जीवन काल कितना होता है? 5. शरीर में ………………. कहते हैं। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए। 1.
रक्त कणों के निर्माण के कारखाने कहाँ होते हैं? 2. रक्त कण निर्माण के लिए किसकी आवश्यकता होती है? 3. ये तत्व किसमें मिलते हैं? 4. रक्त में लाल कणों की कमी से कौन सा रोग हो जाता
है? 6. अनीमिया बहुत ……………… न घूमें। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. अनीमिया का सबसे बड़ा कारण क्या है? 2. पेट के कीड़े किसके द्वारा शरीर में प्रवेश करते हैं? 3. भोजन करने से पूर्व हमें क्या करना चाहिए? 4. पेट के कीड़ों के लार्वे शरीर में कहाँ अपना घर बना लेते हैं? 7. प्लेटलेट कणों …………. जाता है। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. प्लेटलेट कणों का क्या काम है? 2. प्लाज्मा में क्या वस्तु होती है? 3. विशेष किस्म की प्रोटीन क्या काम करती है? 4. कौन-से कण जाले से चिपकते
हैं? रक्त और हमारा शरीर Summary in Hindiरक्त और हमारा शरीर पाठ का सार दिव्या अनिल की छोटी बहन है। पिछले कुछ दिनों से वह हर समय थकान महसूस करती रहती थी। अस्पताल में जाने पर डॉक्टर ने देखकर उसे जाँच के लिए दूसरे कमरे में भेज दिया। वहाँ बैठी डॉक्टर ने उसकी उँगली से खून की कुछ बूंदें लेकर एक स्लाइड बनाई। अगले दिन डॉक्टर ने बताया कि दिव्या को अनीमिया (खून की कमी) है। अनिल के पूछने पर डॉक्टर ने उसे रक्त के बारे में समझाया। रक्त देखने में तो लाल द्रव सा है पर सूक्ष्मदर्शी से देखने पर इसमें अनेक चीजें दिखाई पड़ती हैं। तरल भाग प्लाज्मा कहलाता है। कछ लाल, कछ सफेद और कछ बिना रंग के कण (प्लेटलेटस) होते हैं जो प्लाज्मा में तैरते हैं। एक मिलीलीटर रक्त में चालीस लाख से पचास लाख तक लाल कण होते हैं। यही वजह है खून लाल रंग का दिखाई देता है। शरीर में नए रक्त कणों के लिए प्रोटीन लौह और विटामिनों की आवश्यकता होती है। संतुलित आहार न लेने से ये रक्त कण नहीं बन पाते और शरीर में खून की कमी हो जाती है। सफेद कण शरीर के लिए वीर सिपाही हैं। ये रोगाणुओं का डटकर मुकाबला करते हैं। प्लेटलेट कण चोट लगने पर घाव की दीवार में प्लाज्मा की एक विशेष प्रोटीन के साथ चिपक कर घाव बंद कर देते हैं और रक्त बाहर निकलना बंद हो जाता है। बहुत अधिक खून बह जाने पर घायल व्यक्ति को उसके खून के ही वर्ग का खून चढ़ाया जाता है। देश में अनेक रक्त बैंक खोले गए हैं जहाँ पर इच्छित व्यक्ति अपना खून दान करते हैं। रक्त दान से शरीर में कमजोरी नहीं आती। रक्त दान करने वाले व्यक्ति की उम्र अठारह साल से अधिक व उसे स्वस्थ होना चाहिए। रक्त और हमारा शरीर शब्दार्थ रक्त = खून (Blood)। दरवाजे पर दस्तक देना = दरवाजा खटखटाना (To knock at the door)! सूक्ष्मदर्शी सूक्ष्म जीवों को देखने का यंत्र (Microscope)। अनीमिया – खून की कमी (Anaemia)। भानुमती का पिटारा = अनेक वस्तुओं से मिला-जुला (Pandora’s box)। जीवनकाल = उम्र (Life span)। उपयुक्त = उचित (Proper)। धावा बोलना = हमला करना (Attack)। लाभप्रद – फायदेमंद (Useful)। आपात स्थिति = अचानक आई मजबूरी (Emergency)। रक्तदान – खून देना (Donation of blood)। जरूरतमंद – जिसे आवश्यकता हो (Needy)। Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 पापा खो गए Textbook Exercise Questions and Answers. Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 7 पापा खो गएHBSE 7th Class Hindi पापा खो गए Textbook Questions and Answersनाटक से पापा खो गए के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 1. पापा खो गए HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 2. पापा खो गए Questions And Answers HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 3. Papa Kho Gaye Class
7 Summary HBSE Hindi प्रश्न 4. Papa Kho Gaye HBSE 7th Class Hindi प्रश्न 5.
प्रश्न 6. नाटक से आगे 1. अपने-अपने घर का पता लिखिए तथा चित्र बनाकर वहाँ पहुँचने का रास्ता भी बताइए। 2. मराठी से अनूदित इस नाटक का
शीर्षक ‘पापा खो गए’ क्यों रखा गया होगा? अगर आपके मन में कोई दूसरा शीर्षक हो तो सुझाइए और साथ में कारण भी बताइए। 3. क्या आप बच्ची के पापा को खोजने का नाटक से अलग कोई और तरीका बता सकते हैं ? HBSE 7th Class Hindi पापा खो गए Important Questions and Answersअति लघुत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. लघुत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4.
प्रश्न 5. प्रश्न 6.
पापा खो गए गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न 1. तब भी …………….. जी होता है। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. खंभे की बातों को कौन सुन रहा है? 2.
खंभा किसे कसकर पकड़े रहता है? 3. इस एकांकी नाटक के रचयिता हैं 2. यहीं मेरा ……………. ही है। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. ‘यहीं मेरा जन्म हुआ।’ किसका जन्म हुआ? 2. पेड़ के सामने क्या था? 3. किसी नाक ऊँची थी? 4. किसने आवाज़ नहीं लगाई? 3. में बच्चे …………………….. मुमकिन नहीं। अर्थग्रहण संबंधी
प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. आदमी के पास लड़की कहाँ से आई है? 2. वह क्यों नहीं उठेगी? 3. ‘मुमकिन’ शब्द का अर्थ है 4. ये तो …………….. चीगी । अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. ‘नि:स्तब्ध’ शब्द का अर्थ है 2. डर किसे लग रहा है? 3. लड़की क्या करेगी? पापा खो गए Summary in Hindiपापा खो गए एकांकी का सार नाटक की विभिन्न घटनाएँ सड़क पर घटती हैं। रात के समय बिजली का खंभा और पेड़ बातें करते हैं। बरसात की रात बिजली के खंभे को अच्छी लगती है क्योंकि तब उसे भीगते रहना पड़ता है। पेड़ भी बताता है कि एक रात आसमान की बिजली गिर पड़ी थी। वह उसे याद करके काँप उठता है। खंभा अपनी तबीयत को लोहे की बताता है जो कभी बीमार नहीं पड़ता। तभी लैटरबॉक्स उनक बातचीत में शामिल हो जाता है। वह एक दोहे का चरण गुनगुनाता है तो कौआ कहता है कि कौन है जो रात के वक्त इतनी मीठी आवाज लगाकर मेरी नींद खराब करता है। लैटरबाक्स किसी की चिट्ठी पढ़ने लगता है तो पेड़ और खंभा उसे समझाते हैं कि किसी की चिट्ठी पढ़ना ठीक नहीं है। तभी एक गुंडा-बदमाश आदमी आता है। वह कहता है कि मैं बच्चे उठाने वाला चोर हूँ। बच्चा बेचाने की अच्छी कीमत मिल जाती है। उसके पास एक छोटी सी लड़की थी। पेड़, खंभा और लैटरबाक्स को कुछ गड़बड़ी की आशंका होती है। वे कौए को भी जगाते हैं। दुष्ट आदमी खाने की तलाश में जाता है तो पेड़, खंभा, लैटरबाक्स तथा कौआ बच्ची के बचाव के बारे में चिंतित हो जाते हैं। तब तक वह छोटी लड़की जाग चुकी होती है। वह इन सबके पास आकर खड़ी हो जाती है। वह कहती है कि मुझे डर लग रहा है। लैटरबॉक्स उसके पास आकर उसे न घबराने को कहता है। लड़की को जब पता चलता है कि लैटर बॉक्स बोलता है तो वह बहुत खुश होती है। वे दोनों बातें करते हैं। लैटर बॉक्स लड़की का पता-ठिकाना जानना चाहता है. पर लड़की को कुछ ठीक से मालूम नहीं है। धीरे-धीरे पेड़, खंभा और कौवा भी बातचीत में शामिल हो जाते हैं। अब लड़की को डर नहीं लगता। वह सबके साथ खेलने लगती है। पोस्टर की लड़की भी उसके साथ नाचने लगती है। तभी वह दुष्ट आदमी आ जाता है। सब चुप हो जाते हैं। वह लड़की को ढूँढता है। लड़की बचने का प्रयास करती है। पेड़, लैटर बॉक्स, खंभा और पोस्टर सभी लपक-झपक कर बीच में आते हैं और लड़की नहीं मिलती तो सब मिलकर उसे ढूँढते हैं और थपकी देकर उसे सुला देते हैं। खंभा, पेड आदि के सामने समस्या है कि लडकी को उसके घर कैसे पहुँचाएँ। उसे तो अपने पापा का नाम भी नहीं मालूम। वे एक योजना बनाते हैं। सुबह होती है। सड़क पर सोई लड़की पर पेड़ झुककर छाया किए हुए है। खंभा टेढ़ा खड़ा है। देखने में लगता है जैसे कोई दुर्घटना हो गई हो। कौवा शोर मचाकर लोगों का ध्यान खींचता है। पोस्टर पर लिखा है-मेरे पापा खो गए हैं। लैटर बॉक्स सरकता हुआ लोगों से कहता है-इस प्यारी बच्ची के पास मिल जाएँ तो यहाँ ले आइए। पापा खो गए शब्दार्थ भंगिमा – मुद्रा (Posture)। हड़बड़ी – जल्दबाजी (Hurry)। आफत = मुसीबत (Trouble)। गरूर – घमंड (Proud)। संतुलन – बराबर बने रहना (Balance)। पदन्यास = कदम रखना (To move)। चौकस = सावधान (Alert)। मुमकिन नहीं – असंभव (Not possible)। करीब से = निकट से (From near)। गश्त – फेरी (Round)। निस्तब्ध = शांत (Calm) स्वीकृति – मंजूरी (Permission)। दुबक जाना – छिप जाना (To hide)। संरक्षण = रखवाली (To watch)। चकमा = धोखा (Deceipt)। आनंदित – प्रसन्न (Happy)। प्रेक्षक – दर्शक (Spectator). Haryana State Board HBSE 7th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 अनारिकायाः जिज्ञासा Textbook Exercise Questions and Answers. Haryana Board 7th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 14 अनारिकायाः जिज्ञासाClass 7 Sanskrit Chapter 14 Question Answer अनारिकायाः जिज्ञासा प्रश्न 1. Class 7 Sanskrit Chapter 14 अनारिकायाः जिज्ञासा HBSE प्रश्न 2. अनारिकायाः जिज्ञासा Class 7 Sanskrit Chapter 14 HBSE प्रश्न 3. प्रश्न 4. उत्तरम्: प्रश्न 5. प्रश्न 6. मञ्जूषा धारयन्ति, बाला:, बसयानम्, छत्रम्, ते, आरोहन्ति, वर्षायाम्। ………………………………………………………………………………… ………………………………………………………………………………… ………………………………………………………………………………… उत्तरम्: बाला: बसयानम् आरोहन्ति। ते वर्षायाम् छत्रम् धारयन्ति। बाला: छत्रम् धारयन्ति। ते बसयानम् छत्रम् आरोहन्ति। प्रश्न 7. मूलपाठः 1. बालिकायाः अनारिकायाः मनसि सर्वदा महती जिज्ञासा भवति। अतः सा बहून् प्रश्नान् पृच्छति।
तस्याः प्रश्न सर्वेषां बुद्धिः चक्रवात् भ्रमति। प्रातः उत्थाय सा अन्वभवत् यत् तस्याः मनः प्रसन्नं नास्ति। मनोविनोदाय सा भ्रमित गृहात् बहिः अगच्छत् चिरं च अभ्रमत्। भ्रमणकाले सा अपश्यत् यत् मार्गाः सुसज्जिताः सन्ति। किं कारणम् अत्र इति चिन्तयन्ती सा अस्मरत् यत् अद्य तु मन्त्री आगमिष्यति। सः किमर्थम् आगमिष्याति इति विषये तस्याः जिज्ञासाः प्रारब्धाः। ताः जिज्ञासाः शमयितुम् सा गृहं प्रत्यागच्छत् पितरं च अपृच्छत्-“पितः। मन्त्री किमर्थम् आगच्छति ?” पिता अवदत्-“पुत्रि! नद्याः उपरि यः नवीनः सेतुः निर्मितः तस्य उद्घाटनार्थ मन्त्री आगच्छति।” अनारिका पुनः अपृच्छत्-“पितः। किं मन्त्री सेतोः निर्माणम् अकरोत् ?” पिता अकथयत्-“न हि पुत्रि, सेतोः निर्माण कर्मकाराः अकुर्वन्।” पुनः अनारिकायाः प्रश्नः आसीत्-“यदि कर्मकरा: सेतोः निर्माणम् अकुर्वन, तदा मन्त्री किमर्थम आगच्छति ?” पिता अवदत्-“यतोहि सः अस्माकं देशस्य मन्त्री।” “पितः, सेतोः निर्माणाय प्रस्तराणि कुतः आयान्ति ? कि तानि मन्त्री ददाति ?” शब्दार्थाः हिन्दी-अनुवाद : बालिका अनारिका के मन में हर समय अत्यधिक जानने की इच्छा होती थी। अतएव वह बहुत से प्रश्न पूछती थी। उसके प्रश्नों से बुद्धि चक्र की तरह घूमती थी। सुबह उठकर उसने अनुभव किया कि उसका मन प्रसन्न नहीं है। मन को प्रसन्न करने के लिए वह घूमने के लिए घर से बाहर गई और काफी देर तक घूमी। घूमते समय उसने देखा कि रास्ते सजे हुए हैं। क्या कारण है यहाँ ऐसा सोचते हुए उसे याद आया कि आज तो मन्त्री जी आएँगे। वह किसलिए आयेंगे. इस विषय पर उसकी जानने की इच्छा शुरू हो गई। उन जिज्ञासाओं को शान्त करने के लिए वह घर लौट आई और पिता से पूछने लगी-“पिताजी! मन्त्री जी किसलिए आ रहे हैं ?” पिता ने कहा-“बेटी! नदी के ऊपर जो पुल बना है उसका उद्घाटन करने के लिए मन्त्री महोदय आ रहे हैं।” अनारिका ने फिर पूछा-“पिताजी! क्या मन्त्री जी ने पुल बनाया था ?” पिता ने कहा-“नहीं बेटी! पुल का निर्माण तो श्रमिकों ने किया था।” फिर अनारिका का प्रश्न था-“यदि मजदूरों ने पुल बनाया था तो मन्त्री जी किसलिए आ रहे हैं।” पिता ने कहा-“क्योंकि वह हमारे देश के मन्त्री हैं।” “पिताजी पुल बनाने के लिए पत्थर कहाँ से आते हैं ? क्या उन्हें मन्त्री जी देते हैं ?” सन्धिच्छेदाः संयोगः – किमर्थम् = किम् + अर्थम्। 2. विरक्तभावेन पिता उदतरत्-“अनारिके! प्रस्तारणि जनाः पर्वतेभ्यः आनयन्ति।” “पितः! तर्हि किम् ? एतदर्थ मन्त्री धनं ददाति ? तस्य पार्वे धनानि कुतः आगच्छन्ति ?” एतान् प्रश्नान् श्रुत्वा पिताऽवदत्-“अरे! प्रजाः सर्वकाराय धनं प्रयच्छति।” विस्मिता अनारिका पुनरपृच्छत्-“पितः! यदि कर्मकाराः पर्वतेभ्यः प्रस्तराणि आनीय सेतुं निर्मान्ति, प्रजाः सर्वकाराय धनं ददति, तर्हि मन्त्री सेतोः उद्घाटनार्थ किमर्थम् आगच्छति ?” बहून् प्रश्नान् उत्तरन् पिता अवदत्-“प्रथममेव अहम् अकथयम् यत् सः एव देशस्य मन्त्री अस्ति। बहुप्रश्नान् करोषि। चल, सुसज्जिता भूत्वा विद्यालयं गच्छ।” इदानीम् अपि -अनारिकायाः मनसि बहवः प्रश्नाः सन्ति। शब्दार्थाः हिन्दी-अनुवाद : बहुत से प्रश्नों के उत्तर देते हुए पिता ने कहा-“मैंने पहले ही कहा था कि वे देश के मन्त्री हैं। बहुत प्रश्न करती हो। चलो. तैयार होकर विद्यालय जाओ।” अब भी अनारिका के मन में बहुत से प्रश्न हैं। सन्धिच्छेदाः – उदतरत् उत् + अतरत्। एतदर्शम् = एतत् + अर्थम्। पिताऽवदत् = पिता + अवदत्। पुनरपृच्छत् – पुनः + अपृच्छत्। निर्मान्ति – निः + मान्ति। संयोगाः – किमर्थम् = किम् + अर्थम्। प्रथममेव – प्रथमम् + एव। Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 दादी माँ Textbook Exercise Questions and Answers. Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 2 दादी माँHBSE 7th Class Hindi दादी माँ Textbook Questions and Answersकहानी से दादी माँ प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 1.
दादी माँ पाठ के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 2. पाठ 2 दादी मां के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 3. कहानी से आगे Dadi Maa Class 7 HBSE प्रश्न 1.
दादी माँ पाठ के शब्दार्थ HBSE 7th Class प्रश्न 2. सर्दी : इस मौसम के आते ही गर्मी-वर्षा से छुटकारा मिल जाता है। यह मौसम स्वास्थ्यवर्धक होता है। खाने को सेब, अमरूद, केले. अंगूर आदि फल मिलते हैं। HBSE 7th Class Hindi दादी माँ Important Questions and Answersअति लघुत्तरात्मक प्रश्न Class 7 Vasant Chapter 2 HBSE प्रश्न 1. Dadi Maa Prashn Uttar HBSE प्रश्न 2. दादी माँ Class 7 HBSE प्रश्न 3. पाठ 2 दादी मां के शब्दार्थ HBSE 7th Class प्रश्न 4. 7th
Class Hindi Dadi Maa Question Answer प्रश्न 5. Dadi Maa 7th Class HBSE प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. लघुत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. दादी माँ गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या 1. कमजोरी ही है ……….. उठती है। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न : बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. कौन-सा नाम ऋतु का नाम नहीं है? 2. शुभचिंतक कौन होते हैं? 3. ‘प्रतिकूलता’ का विलोम शब्द है 4. ‘धुंधली छाया’ में रेखांकित शब्द है 2. दिन में …………… अनुमान करती। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. दादी माँ कैसे जल में नहा कर आईं थी? 2. दादी माँ की धोती कैसी थी? 3. दादी माँ के बाल किसके
समान सफेद थे? 4. दादी माँ की क्रियाओं से उसका क्या झलकता था? 5. दालचीनी किसका नाम है? 3. किशन के ……………. जा सका था। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. किसके विवाह के दिनों की बात है? 2.
विवाह से चार-पाँच रोज पहले औरतें क्या करती है? 3. ‘पुत्रोत्पत्ति’ का सही संधि-विच्छेद है 4. विवाह की रात को क्या होता है? 4. स्नेह और …………………………… करते थे। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. दादी माँ किसकी मूर्ति प्रतीत होती थीं? 2. ‘वात्याचक्र’ कैसा शब्द है? 3. दादी माँ की उदासी का कारण था 4. संसार दादी माँ को कैसा प्रतीत होता था? 5. सचमुच मुझे ………………………….. नहीं रहीं? अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. लेखक को दादी माँ कैसी लगी? 2. कौआ पहले कहाँ बैठा था? 3. ‘पाँख’ शब्द कैसा है? 4. लेखक को किस पर विश्वास नहीं होता? दादी माँ Summary in Hindiदादी माँ पाठ का सार लेखक की एक कमजोरी है कि जरा सी कठिनाई पड़ते ही प्रायः उसका मन अनमना-सा हो जाता है। लेखक के मित्र और शुभचिंतक उसे आने वाली छुट्टियों की सूचना देकर प्रसन्न करने क्वार के दिनों में गंधपूर्ण झाग भरे जल में कूदकर नहाने के कारण वह बीमार हो गया। वैसे हलकी बीमारी लेखक को अच्छी लगती है। पर इस बार बुखार चढ़ा तो चढ़ता ही चला गया। रजाई पर रजाई ओढ़ी तब रात बारह बजे के बाद उतरा। दिन में चादर लपेटकर सोया था। दादी माँ नहाकर आई थीं। उनके दुबले-पतले शरीर पर सफेद विना किनारी की धोती थी। बाल सफेद सन जैसे थे तथा उनसे पानी की बूंदें टपक रही थीं। उन्होंने आते ही लेखक का सिर और पेट को छुआ। आँचल की गाँठ खोलकर और चबूतरे की मिद्री मँह में डाली और माथे से लगाई। वह रात-दिन चारपाई के पास बैठी रहती और कभी पंखा झलती, कभी सिर पर दाल-चीनी का लेप करतीं और बार-बार छूकर बुखार का अनुमान लगातीं। वे अनेक प्रकार की जानकारियाँ लेती-जैसे हाँडी में पानी आया कि नहीं? उसे पीपल की छाल से छौंका या नहीं? खिचड़ी में मूंग की दाल एकदम मिल तो नहीं गई? कोई बीमार घर में सीधे तो नहीं चला आया ? आदि। दादी माँ को गाँव में प्रयुक्त होने वाली पचासों किस्म की दवाओं के नाम याद थे। जब भी गाँव में कोई बीमार होता, वे वहाँ पहुँच जाती और यही सब बातें करती और दोहरातीं। सफाई की सीख उनसे ली जा सकती थी, दवा में देरी उनसे सहन नहीं होती थी। लेखक को बुखार तो अब भी आता है पर अब वह बात कहाँ ? मेस-महाराज अपने मन से पकाकर खिचड़ी या साबू दे जाता है, डॉक्टर नाड़ी देखकर कुनैन मिक्सर दे जाता है। पर अब बुखार बुलाने का मन नहीं करता।। किशन भैया की शादी के मौके पर दादी माँ का उत्साह देखते – ही बनता था। उन्होंने घर को सिर पर उठा लिया था। वे सारा काम अपने हाथ से करना चाहती थीं। एक दिन दोपहर को दादी माँ किसी पर बिगड़ रही थी। वे धन्नों से अपने रुपए ब्याज सहित माँग रही थी। रामी की चाची दया की भीख माँग रही थी। बाद में उसी दादी ने पिछला सारा रुपया छोड़ दिया और दस रुपए को नोट देकर कहा-“धन्नो, जैसी तेरी बेटी, वैसी मेरी। दस-पाँच रुपए के लिए हँसाई न हो। देवता है बेटा, देवता।” किशन के विवाह की बात है। चार-दिन पहले से ही गीत गाने लगे थे। लेखक बीमार होने के कारण बारात में न जा सका था। लेखक को एक चारपाई पर चादर उढ़ाकर सुला दिया। देबू की माँ ने चादर खींच ली। स्नेह और ममता की मूर्ति दादी माँ की एक-एक बात बड़ी अनोखी लगती है। दादा की मृत्यु के बाद से ही वे उदास रहती थी। दादा के श्राद्ध में दादी माँ के मना करने पर भी पिताजी ने जो अतुल संपत्ति व्यय की थी, वह घर की तो नहीं। एक माघ मास के कड़कती ठंड में दादी माँ गीली धोती पहने एक संदूक पदउ दिया जलाए हाथ जोड़कर बैठी थी। लेखक ने उनसे गीली धोती बदलने को कहा तो वे बोली-मुझे सरदी-गरमी नहीं लगती। लेखक ने एक सुबह पिताजी को किशन भैया के साथ उदास बैठे देखा। दादी ने पिताजी की आर्थिक समस्या को सुलझाने के लिए अपना कंगन निकालकर दे दिया। दादी माँ शब्दार्थ कठिनाई = मुश्किल (dificulty), शुभचिंतक = भला सोचने वाले (well-wisher),शीत = ठंड (cold), स्वच्छ = साफ (clear), विचित्र = अनोखी (strange), जलाशय = तालाब (pond), शीतलता = ठंडक (coleiness), ज्वर = बुखार (fever), किस्म = प्रकार (type), विश्रचिका = संक्रामक रोग (epedemic), उत्साह = जोश (zeal), निकसार = निकास, निकलने का दरवाजा (exit), निस्तार – छुटकारा (to get rid off), विह्वल – बैचेन (restless), पत्रोत्पत्ति = पत्र + उत्पत्ति बेटा पैदा होना (birth of son),आपत्ति – ऐतराज (objection), अप्रिय जो अच्छा न लगे (not good), सन्नाटा = चुप्पी (silence), विलीन = गायब (disappear). Haryana State Board HBSE 7th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 10 विश्वबंधुत्वम् Textbook Exercise Questions and Answers. Haryana Board 7th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 10 विश्वबंधुत्वम्विश्वबंधुत्वम्
Class 7 Question Answer HBSE प्रश्न 1. HBSE 7th Class Sanskrit विश्वबंधुत्वम् प्रश्न 2. HBSE 7th Class Sanskrit Ruchira Chapter 10 विश्वबंधुत्वम् प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न
5. उत्तरम्: प्रश्न 6. (क) विद्यालयम् उभयतः वृक्षाः सन्ति। (विद्यालय) (ख) ग्रामं परितः गोचारणभूमिः। (ग्राम) (ग) सूर्याय नमः। (सूर्य) (घ) वृक्षस्य उपरि खगाः। (वृक्ष) प्रश्न 7. ध्यातव्यम् ⇒ क्रियामादाय यत्र द्वितीयातृतीयाद्याः विभक्तयः भवन्ति, ताः
‘कारकविभक्तियः’ इत्युच्यन्ते। ⇒ पदमाश्रित्य प्रयुक्ता विभक्तिः ‘उपपदविभक्तिः इत्युच्यते। ध्यातव्य ⇒ क्रिया को लेकर जहाँ द्वितीया. तृतीया आदि विभक्तियाँ होती हैं. उन्हें कारक-विभक्तियाँ कहते हैं। मूलपाठः 1. उत्सवे, व्यसने, दुर्भिक्षे, राष्ट्रविप्लवे, शत्रुसंकटे च यः सहायतां करोति सः बन्धुः भवति। यदि विश्वे सर्वत्र एतादृशः भावः भवेत् तदा विश्वबन्धुत्वं सम्भवति। परन्तु अधुना निखिले संसारे कलहस्य अशान्तेः च वातावरणम् अस्ति। येन मानवाः परस्परं न विश्वसन्ति। ते परस्य कष्टं स्वकीयं कष्टं न गणयन्ति। अपि च समर्थाः देशाः असमर्थान् देशान् प्रति उपेक्षाभावं प्रदर्शयन्ति, तेषाम् उपरि स्वकीयं प्रभुत्वं च स्थापयन्ति। तस्मात् कारणात् संसारे सर्वत्र विद्वेषस्य, शत्रुतायाः, हिंसायाः च भावना दृश्यते। देशानां विकासः अपि अवरुद्धः भवति। एतेषां सर्वेषां कारणं विश्वबन्धुत्वस्य अभाव एव। इयम् महती आवश्यकता वर्तते यत् एकः देश अपरेण देशेन सह निर्मलेन हृदयेन बन्धुतायाः व्यवहारं कुर्यात्। यदि इयं भावना विश्वस्य जनेषु बलवती स्यात् तदा विकसिताविकसितदेशयोः मध्ये स्वस्था भविष्यति। येप सर्वे देशाः ज्ञानविज्ञानयोः क्षेत्रे मैत्रीभावनया सहयोगेन च समृद्धि प्राप्तुं समर्थाः भविष्यन्ति। अस्माभिः अवश्यं ध्यातव्यं यत् विश्वस्य सर्वेषु प्राणिषु समान रुधिर प्रसरति। सूर्यस्त चन्द्रस्य च प्रकाशः सर्वत्र
समानरूपेण प्रसरति। अनेन ज्ञायते यत् प्रकृतिः अपि सर्वेषु समत्वेन व्यवहरति, तस्मात् अस्माभिः सर्वैः परस्परं वैरभावम् अपहाय विश्वबन्धुत्वं स्थापनीयम्। अन्वयः – अयं निजः, परः वा इति गणना लघुचेतसां (जनानां भवति)। उदारचरितानां तु वसुधा एव कुटुम्बकम् (भवति)। शब्दार्थाः हिन्दी-अनुवाद : उत्सव में, संकट के समय, अकाल के समय, राष्ट्र पर संकट आने पर और शत्र संकट आने पर जो सहायता करता है वह बन्ध (भाई) होता है। यदि विश्व में सब जगह ऐसा ही भाव हो जाए तब विश्व-बन्धुता सम्भव है। परन्तु आज सारे विश्व में कलह और अशान्ति का वातावरण है जिससे मानव परस्पर विश्वास नहीं कर रहे हैं। वे दूसरे के कष्ट को अपना कष्ट नहीं मान रहे हैं और भी समर्थ देश असमर्थ देशों के प्रति अनादर (उपेक्षा) का भाव प्रकट कर रहे हैं और उन पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर रहे हैं। इस कारण से सारे संसार में वैमनस्य, शत्रुता और हिंसा की भावना दिखाई दे रही है। देशों का विकास भी बाधित हो गया है। इन सबका कारण है-विश्व-बन्धुता का अभाव। यह महान् आवश्यकता है कि एक देश दूसरे के साथ स्वच्छ हदय से भाई-चारे का आचरण करे। यदि यह भावना विश्व के लोगों में सबल हो जाए, तो विकसित और अविकसित देशों में स्वस्थ स्पर्धा (होड़) होगी। जिससे सारे देश ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में मित्रता और सहयोग की भावना से समृद्धि पाने में समर्थ होंगे। हमें अवश्व ध्यान देना चाहिए कि विश्व में सभी प्राणियों में समान (एक ही रंग का) खून प्रसृत (संचरित) है। सूर्य और चन्द्र का प्रकाश समान रूप से सब जगह फैलता है। इससे पता चलता है कि प्रकृति भी सभी में समानता का आचरण करती है, इसलिए हम सबको भी परस्पर वैर-भाव छोड़कर विश्व बन्धुता स्थापित करनी चाहिए। इसलिए विश्व के कल्याण के लिए ऐसी भावना हो- “यह मेरा है या यह पराया है ऐसी गिनती तुच्छ हृदय वालों की होती है। विशाल हृदय वालों के लिए तो सारी पृथ्वी एक ही परिवार है।” सन्धिच्छेदा: Haryana State Board HBSE 7th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 15 लालनगीतम् Textbook Exercise Questions and Answers. Haryana Board 7th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 15 लालनगीतम्Sanskrit Class 7 Chapter 15 लालनगीतम् HBSE प्रश्न 1. लालनगीतम् Sanskrit Class 7 Chapter 15 HBSE प्रश्न 2. लालनगीतम् Question Answer Sanskrit Class 7 Chapter 15 प्रश्न 3. प्रश्न 4. धरणी – …………….. प्रश्न 5. (क) धावनसमये अश्वः खादति। प्रश्न 6. उत्तर: प्रश्न 8. खगा: विकसन्ति कमलानि उदेति क्रीडन्ति डगन्ते सूर्य: चित्रपतड्नः कूर्जन्ति बालाः उत्तर: खगा: कूर्जन्ति। सूर्य: उदेति। कमलानि विकसन्ति। बालाः क्रीडन्ति। चित्रपतड्नः डगन्ते। मूलपाठः उदिते सूर्ये धरणी विहसति । नदति मन्दिरे उच्चैढक्का । पुष्पे पुष्ये नानारङ्गाः । वृक्षे वृक्षे नूतनपत्रम् । धेनुः प्रातर्यच्छति दुग्धम् । गहने विपिने व्याघ्रो गर्जति । हरिणोऽयं
खादति नवधासम् । उष्ट्रः तुङ्गः मन्दं गच्छति । घोटकराजः क्षिप्रं धावति । पश्यत भल्लुकमिम, करालम् । शब्दार्थाः Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के Textbook Exercise Questions and Answers. Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन केHBSE 7th Class Hindi हम पंछी उन्मुक्त गगन के Textbook Questions and Answersकविता से हम पंछी उन्मुक्त गगन के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 1. हम पंछी उन्मुक्त गगन के भावार्थ HBSE 7th Class प्रश्न 2.
हम पक्षी उन्मुक्त गगन के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 3. कविता से आगे Hum Panchi Unmukt Gagan Ke Summary HBSE 7th Class प्रश्न 1. (ख) हमारे एक पड़ोसी ने तोता पाला था। उसे उसने एक पिंजरे में रखा हुआ था। उसके पिंजरे में ही एक कटोरी रखी हुई थी। वह उसी में उसका खाना रख देता था। हम देखते कि तोता बाहर निकलकर उड़ने के लिए बेचैन रहता था। Hum Panchi Unmukt Gagan Ke Class 7 HBSE प्रश्न 2. पिंजरे में बंद करके रखने से पक्षियों की आजादी छिनती है। वे तो खले आकाश में उड़ान भरना चाहते हैं। पिंजरे में रखने से उनकी आजादी छिनती है। । इसके साथ-साथ पर्यावरण भी प्रभावित है। पर्यावरण को शुद्ध और प्राकृतिक बनाए रखने के लिए पक्षियों को प्रकृति के मध्य रहना आवश्यक है। वे इस प्रकार पर्यावरण को शुद्ध एवं संतुलित बनाते हैं। पर्यावरण में पक्षियों का अपना विशेष महत्त्व होता है। HBSE 7th Class Hindi हम पंछी उन्मुक्त गगन के Important Questions and Answersअति लघुत्तरात्मक प्रश्न हम पंछी उन्मुक्त गगन के शब्दार्थ HBSE 7th Class प्रश्न 1. Hum Panchi Unmukt Gagan Ke Answers HBSE 7th Class प्रश्न 2. हम पंछी उन्मुक्त गगन के HBSE 7th Class प्रश्न
3. हम पक्षी उन्मुक्त गगन के HBSE 7th Class प्रश्न 4. Class 7 Vasant Chapter 1 HBSE प्रश्न 5. Hum Panchi Unmukt Gagan Ke Solution HBSE 7th Class प्रश्न 6. Hum Panchi Unmukt Gagan Ke Solutions HBSE 7th Class प्रश्न 7. प्रश्न 8. लघुत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. (ख) लाल किरण सी चोंच खोल (ख) पक्षियों की लाल-लाल चोंच सूर्य की किरण के समान प्रतीत होती है और तारे अनार के दाने के समान लगते हैं। पक्षी तारों को अनार के दाने समझ कर चुगने का प्रयास करते हैं। प्रश्न 7. हम पंछी उन्मुक्त गगन के काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या 1. हम पंछी ……………………. पंख टूट जाएँगे। शब्दार्थ: पंछी = पक्षी (Birds)। उन्मुक्त – स्वतंत्र (Free)। पिंजरबद्ध – पिंजरे में बँधकर (In the cage)। कनक – सोना (Gold)। पुलकित – प्रसन्नचित्त (Happy)। सप्रसंग व्याख्या
: व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न : बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए : 1. कौन सा शब्द ‘गगन’ का पर्यायवाची नहीं है 2. पक्षी किस रूप में रहना चाहते हैं? 3. ‘पुलकित’ शब्द में किस प्रत्यय का प्रयोग है? 4. ‘कनक’ शब्द का अर्थ है 2. हम बहता ……………………….. की मैदा से। शब्दार्थ: कटुक – कड़वी (Bitter)। निबौरी = नीम का फल (Fruit of margase or neem)। कनक – सोना (Gold). सप्रसंग व्याख्या: व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए: 1. पक्षियों को पीने के लिए कैसा पानी चाहिए? 2. निबौरी का स्वाद कैसा होता है? 3. ‘कनक कटोरी’ में कौन-सा अलंकार है? 3. स्वर्ण-शृंखला ……………………. पर के झूले। शब्दार्थ: स्वर्ण-शृंखला – सोने की जंजीर (Chain of gold): गति – चाल (Speec)। तरु – वृक्ष (Tree)। फुनगी . वृक्ष का ऊपरी सिरा (Top of tree or branch)। सप्रसंग व्याख्या: व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. बंधन किसका है? 2. पिंजरे में पक्षी क्या-क्या भूल जाते हैं? 3. कौन-सा शब्द ‘तरु’ का पर्यायवाची नहीं है? 4. ‘स्वर्ण’ शब्द कैसा
है? 4. ऐसे थे …………. के दाने शब्दार्थ: अरमान – दिल की इच्छा (Ambition)। नभ = आकाश (Sky).तारक = तारे (Stars)। अनार = एक फल का नाम (Pomegranate)। सप्रसंग
व्याख्या: व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. पक्षी किसकी सीमा पाना चाहते हैं? 2. ‘लाल किरण-सी चोंच’ में कौन-सा अलंकार है? 3. अनार के दाने किन्हें बताया गया है? 5. होती सीमाहीन ……………………… की डोरी। शब्दार्थ: सीमाहीन सीमा न होना (Boundless)। क्षितिज – जहाँ धरती-आकाश मिलते प्रतीत हों (Horizon)। सप्रसंग व्याख्या: व्याख्या: अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. ‘क्षितिज’ को कैसा बताया गया है? 2. लंबी उड़ान में क्या-क्या संभावनाएं हो सकती थी? 3. ‘होड़ा-होड़ी’ में कौन-सा अलंकार है? 6. नीड़ नदो …….. न डालो । शब्दार्थ: नीड़ – घोंसला (Nest)। आश्रय = सहारा (Shelter)। छिन्न-भिन्न – तोड़-फोड़ (Destroy)। आकुल = बेचैन (Restless)। विघ्न = रुकावट (Hurdle)। सप्रसंग व्याख्या: व्याख्या: हे मनुष्यो! हमें भले ही नीड़ (घोंसले) मत दो और बेशक पेड़ की डाली का सहारा तोड़ डालो; परंतु जब ईश्वर ने हमें उड़ने को पर (पंख) दिए हैं तो हमें पिंजरे का कैदी बनाकर हमारी स्वतंत्र उड़ानों में बाधा मत डालो। हमें पिंजरे में रहना पसंद नहीं, स्वतंत्र उड़ानें भरना ही प्रिय है। अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए 1. इस कविता के रचयिता हैं 2. किसे छिन्न-भिन्न कर डालो? 3. ‘उड़ान’ व्याकरण में क्या है? हम पंछी उन्मुक्त गगन के Summary in Hindiहम पंछी उन्मुक्त गगन के कवि-परिचय प्रश्न: शिवमंगलसिंह ‘सुमन’ के जीवन और कवित्व के विषय में आप क्या जानते हैं? रचनाएँ: इनके कई काव्य-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। जैसे-हिल्लोल, जीवन का गान, प्रलय सजन, विंध्य हिमालय, पर आँखें नहीं भरी, विश्वास बढ़ता ही गया, मिट्टी की बारात। साहित्यिक विशेषताएँ: प्रारंभ इन्होंने प्रेम की रचनाओं से किया, पर आगे चलकर ये क्रांति का आह्वान करने वाले कवि बन गए। क्रांति के इस ओजस्वी स्वर में राष्ट्रीयता भी सम्मिलित है। राष्ट्रीय चेतना आगे चलकर मानवतावाद में परिवर्तित हो जाती है। कवि को जनता के व्यापाक दुःख का मूल सामाजिक विषमता में दिखाई देता है। हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता का सार ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ शीर्षक कविता प्रसिद्ध कवि शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ द्वारा रचित है। इस कविता में कवि ने पक्षियों के माध्यम से मनुष्य के जीवन में स्वतंत्रता का महत्त्व दर्शाया है। पक्षियों को खुले आसमान में विचरण करना पसंद होता है। वे पिंजरे में बंद हो कर गा नहीं पाते अर्थात् अपनी प्रसन्नता प्रकट नहीं पाते, भले ही यह पिंजरा सोने का क्यों न हो और इसमें सोने की कटोरी में मैदा क्यों न रखी हो। पक्षी तो नदी-झरनों का बहता जल पीने वाले होते हैं। पिंजरे में तो वे भूखे-प्यासे मर जाएँगे। वे कड़वी निबौरी खाकर जी लेते हैं, पर बंधन में रहकर सुख-सुविधाएँ पसंद नहीं करते। सोने का पिंजरा तो बंधन है और इसमें रह कर वे अपनी स्वाभाविक गति और उडान तक को भल जाते हैं। ऐसी स्थिति में तो पेड़ की डालियों के झूले केवल स्वप्न में ही रह जाते हैं। पक्षियों के अरमान तो उड़ कर आकाश की सीमा को छूने के होते हैं। वे तो अपनी लाल चोंच से तारों रूपी अनार के दानों को चुगना चाहते हैं। वे तो सीमाहीन क्षितिज में लंबी उड़ान भरने को उत्सुक रहते हैं। इसमें उन्हें चाहे जितना परिश्रम क्यों न करना पड़े। पक्षी मनुष्यों से विनती करते हैं कि वे उन्हें भले ही उनका घोंसला नष्ट कर दें. टहनी का आश्रय भी न दें. पर उनकी आकुल उड़ान में बाधा उपस्थित न करें क्योंकि ईश्वर ने उन्हें उड़ने के लिए पंख दिए है। यह उड़ान ही उनका जीवन है, इसे छीनने का प्रयास न करें। पक्षी उड़ान की स्वतंत्रता चाहते हैं। Haryana State Board HBSE 7th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 11 समवायो हि दुर्जयः Textbook Exercise Questions and Answers. Haryana Board 7th Class Sanskrit Solutions Ruchira Chapter 11 समवायो हि दुर्जयःसमवायो हि दुर्जयः Class 7 Question
Answers HBSE प्रश्न 1. समवायो हि दुर्जयः Question Answer HBSE Class 7 Civics प्रश्न 2. Class 7 Civics Chapter 11 HBSE समवायो हि दुर्जयः प्रश्न 3. Class 7 समवायो हि दुर्जयः HBSE
Civics प्रश्न 4. प्रश्न 5. उत्तरम्: प्रश्न 6. प्रश्न 7. मूलपाठः 1. पुरा एकस्मिन् वृक्षे एका चटका प्रतिवसति स्म। कालेन तस्याः सन्ततिः जाता। एकदा कश्चित् प्रमत्तः गजःतस्य वृक्षस्य अधः आगत्य तस्य शाखां शुण्डेन अत्रोटयत्। चटकायाः नीडं भुवि अपतत्। तेन अण्डानि विशीर्णानि।अथ सा चटका व्यलपत्। तस्याः विलापं श्रुत्वा काष्ठकूटः नाम खगः दुःखेन ताम् अपृच्छत्-“भद्रे, किमर्थं विलपसि ?” इति। चटकावदत्-“दुष्टेनैकेन गजेन मम सन्ततिः नाशिता। तस्य गजस्य वधेनैव मम दुःखम् अपसरेत्।” ततः काष्ठकूटः तां वीणारवा-नाम्न्याः मक्षिकायाः समीपम् अनयत् । तयोः वार्ता श्रुत्वा मक्षिकावदत्-“ममापि मित्रं मण्डूकः मेघनादः अस्ति। शीघं तमुपेत्य यथोचितं करिष्यामः।” तदानीं तौ मक्षिकया सह गत्वा मेघनादस्य पुरः सर्वं वृत्तान्तं न्यवेदयताम्। शब्दार्थाः हिन्दी-अनुवाद : पहले (पुराने समय में) एक पेड़ पर एक चिड़िया रहती थी। समयानुसार उसकी सन्तान पैदा हुई। एक बार मदमस्त हाथी ने उस पेड़ के नीचे आकर उसकी टहनी को अपनी सूंड से तोड़ दिया। चिड़िया का घोंसला जमीन पर गिर गया। इस कारण अण्डे नष्ट हो गए। वह चिड़िया विलाप करके (रोने) लगी। उसके रोने को सुनकर काष्ठकूट’ नाम का पक्षी दुःख से उससे पूछने लगे-“आप क्यों रो रही हैं ?” चिड़िया बोली- “एक दुष्ट हाथी ने मेरी सन्तान को नष्ट कर दिया है। उस हाथी के वध से ही मेरा दुःख दूर होगा। तब काष्ठकूट उस चिड़िया को वीणारवा नाम की मक्खी के पास ले गया।” उनकी बात सुनकर मक्खी बोली-” मेरा भी मित्र (दोस्त) मेघनाद नामक मेढक है। उसके पास जल्दी जाकर जैसा ठीक होगा हम वैसा करेंगे।” तब उन दोनों ने मक्खी के साथ जाकर मेघनाद के सामने सारा समाचार निवेदन किया (कहा, सुनाया)। सन्धिच्छेदा: संयोगः – किमर्थम्-किम् अर्थम्। तमुपेत्य-तम् + उपेत्य। 2. मेघनादः अवदत्-“यथाहं कथयामि तथा कुरुतम्। मक्षिके! प्रथमं त्वं मध्याह्ने तस्य गजस्य कर्णे शब्दं कुरु, येन सः नयने निमील्य स्थास्यति। तदा काष्ठकूटः चञ्च्चा तस्य नयने स्फोटयिष्यति। एवं सः गजः अन्धः भविष्यति। तृषार्तः सः जलाशयं गमिष्यमित। मार्गे महान् गर्त्तः अस्ति। तस्य अन्तिके अहं स्थास्यामि शब्दं च करिष्यामि। मम शब्देन तं गर्त्त जलाशयं मत्वा स तस्मिन्नेव गर्ते पतिष्यति मरिष्यति च।” अथ तथाकृते सः गजः मध्याह्ने मण्डूकस्य शब्दम् अनुसत्य महतः गर्तस्य अन्तः पतितः मृतः च। तथा चोक्तम्’बहूनामप्यसाराणां समवायो हि दुर्जयः।” शब्दार्थाः हिन्दी-अनुवाद : मेघनाद बोला-“जैसा मैं कहूँ तुम दोनों वैसे ही करना। हे मक्खी ! पहले तुम दोपहर के समय उस हाथी के कान में आवाज करना, जिससे वह (हाथी) आँखें बन्द करके रुक जाएगा। तब काष्ठकूट !च से उसकी आँखें फोड़ देगा। इस प्रकार वह हाथी अन्धा हो जाएगा। प्यास से पीड़ित होकर वह तालाब पर जाएगा। रास्ते में बड़ा भारी गड्ढा है। उस (गड्ढे) के पास मैं रुका रहूँगा और आवाज पैदा करूँगा। मेरे आवाज करने पर उस गड्ढे को तालाब समझकर वह (हाथी) उसी गड्ढे में गिर जाएगा और मर जाएगा।” वैसा करने पर वह हाथी दोपहर में मेढक की आवाज का पीछा करता हुआ बड़े भारी गड्ढे के भीतर गिरा और मर गया। इसलिए कहा भी गया है “बहुत सी कमजोर वस्तुओं अथवा प्राणियों का समूह (समुदाय) कठिनता से जीतने योग्य होता है।” सन्धिच्छेदाः संयोगः – बहूनामपि = बहूनाम् + अपि। |