Bharat Me Kaun Si Nadi Pashchim Disha Ki Aur Bahti Hai ।GkExams on 12-05-2019 Show
नर्मदा, ताप्ती (तापी), साबरमती तथा माही सम्बन्धित प्रश्नComments Priya kumari on 09-10-2022 Kaun si Nadi Paschim ki or bahti Hai Aur jabarnadamukh Ka Nirman karti hai Bhaneshwari Mandavi on 24-03-2022 पश्चिम दिशा में कौन कौन सी बहती है Ravi Kumar on 30-10-2021 Ravi ka uccharde Rinkoo prajapati on 28-08-2021 Kaun kaun si nadiya pashichm disha me bahati Shakuntala on 23-08-2021 purab se paschim me kounsi nadiya bahti hai Yogendra on 05-08-2021 5ka barg Kya gotta hai Saraswati kumari on 21-09-2020 कौन सी नदी पक्षिम से बहती है H on 04-01-2020 Hf पश्चिम दिशा में बहने वाली सबसे लंबी नदी on 19-12-2019 पश्चिम दिशा में बहने वाली सबसे लंबी नदी vinay rajput on 12-11-2019 paschim ki or nadi bhati ha Rekha Jha on 15-09-2019 भारत में पूरब से पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों के नाम बताएं Deepu on 12-05-2019 Bharat me kon see nadee paschim disa ki or bahtee he Pratham singh on 12-05-2019 Kon so Nadi paschim disa me bahati he Question December Aane wali nadiyon ke naam Bharat on 14-02-2019 Bharat mein Paschim Champaran wali nadiyon ke naam Jayprakash sah on 02-11-2018 Kon si Nadi pachim ki aur behti hai Manish Chouhan on 31-08-2018 Bharat ka Sabse bada jeeb kon SA hai
ताप्ती (संस्कृत : तापी, मराठी : तापी ; गुजराती : તાપ્તી) पश्चिमी भारत की प्रसिद्ध नदी है। यह मध्य प्रदेश राज्य के बैतूल जिले के मुलताई से निकलकर सतपुड़ा पर्वतप्रक्षेपों के मध्य से पश्चिम की ओर बहती हुई महाराष्ट्र के खानदेश के पठार एवं सूरत के मैदान को पार करती है और गुजरात स्थित खम्भात की खाड़ी, अरब सागर में गिरती है। नदी का उद्गगम् स्थल मुल्ताई है। यह भारत की उन मुख्य नदियों में है जो पूर्व से पश्चिम की तरफ बहती हैं, अन्य दो हैं - नर्मदा नदी और माही नदी। यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर लगभग 740 किलोमीटर की दूरी तक बहती है और खम्बात की खाड़ी में जाकर मिलती है। सूरत बन्दरगाह इसी नदी के मुहाने पर स्थित है। इसकी प्रधान उपनदी का नाम पूर्णा है। इस नदी को सूर्यपुत्री भी कहा जाता है।[2] समुद्र के समीप इसकी ३२ मील की लंबाई में ज्वार आता है, किंतु छोटे जहाज इसमें चल सकते हैं। पुर्तगालियों एवं अंग्रेजों के इतिहास में इसके मुहाने पर स्थित स्वाली बंदरगाह का बड़ा महत्व है। गाद जमने के कारण अब यह बंदरगाह उजाड़ हो गया है। नाम[संपादित करें]मुलताई में ताप्ती का दृश्य ताप्ती नदी का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में मुल्ताई नामक स्थान है। इस स्थान का मूल नाम मूलतापी है जिसका अर्थ है तापी का मूल या तापी माता। हिन्दू मान्यता अनुसार ताप्ती को सूर्य एवं उनकी एक पत्नी छाया की पुत्री माना जाता है और ये शनि की बहन है। थाईलैंड की तापी नदी का नाम भी अगस्त १९१५ में भारत की इसी ताप्ती नदी के नाम पर ही रखा गया है। महाभारत, स्कंद पुराण एवं भविष्य पुराण में ताप्ती नदी की महिमा कई स्थानों पर बतायी गई है।[2]ताप्ती नदी का विवाह संवरण नामक राजा के साथ हुुुआ था जो कि वरुण देवता के अवतार थे। नदी घाटी एवं सहायक नदियां[संपादित करें]धुले, महाराष्ट्र में मुदावाड़ में ताप्ती नदी के तट पर कपिलेश्वर मंदिर ताप्ती नदी की घाटी का विस्तार कुल 65,145 कि.मी² में है, जो भारत के कुल क्षेत्रफ़ल का २ प्रतिशत है। यह घाटी क्षेत्र महाराष्ट्र में 51,504 कि.मी², मध्य प्रदेश में 9,804 कि.मी² एवं गुजरात में 3,837 कि.मीm² है। ये घाटी महाराष्ट्र उत्तरी एवं पूर्वी जिलों जैसे अमरावती, अकोला, बुल्ढाना, वाशिम, जलगांव, धुले, नंदुरबार एवम नासिक में फ़ैली है, साथ ही मध्य प्रदेश के बैतूल और बुरहानपुर तथा गुजरात के सूरत एवं तापी जिलों में इसका विस्तार है।इसके जलग्रहण क्षेत्र का79%गुजरात शेष मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र राज्य में पड़ता है सहायक नदियाँ[संपादित करें]ताप्ती नदी की प्रधान सहायक नदियां हैं- मिन्धोला, गिरना, पन्ज़ारा, वाघूर, बोरी एवं आनेर। इनके अलाव अन्य छोटी सहायक नदियाम इस प्रकार से हैं:
दर्शनीय स्थल[संपादित करें]सारंगखेडा में ताप्ती नदी पर बना बांध और पुल
इनके अलावा तटवर्ती अन्य महत्त्वपूर्ण स्थानों में अमरावती जिले का मेलघाट बा घ रिज़र्व नदी के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित है। यह बाघ परियोजना (प्रोजेक्ट टाइगर) के अन्तर्गत्त आता है और महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है। इनके साथ ही बुरहानपुर के निकट ही ऐतिहासिक असीरगढ़ दुर्ग भी स्थित है, जिसे दक्खिन की कुंजी भी कहा जाता है। जलगांव में चांगदेव में चांगदेव महाराज का एक मन्दिर भी स्थित है। ताप्ती के सात कुण्ड[संपादित करें]ताप्ती नदी के मूलस्थान मुल्तापी में एवं उसके सीमावर्ती क्षेत्र में सात कुण्ड अलग - अलग नामों से बने हुए हैं और उनके बारे में विभिन्न कहानियां प्रचलित है।[2] सूर्यकुण्डयहां भगवान सूर्य ने स्वंय स्नान किया था। ताप्ती कुण्डसूर्य के तेज प्रकोप से पशु पक्षी नर किन्नर देव दानव आदि की रक्षा करने हेतु ताप्ती माता की पसीने के तीन बूंंदें के रूप में आकाश धरती और फ़िर पाताल पहुंची। तवही एक बूंद इस कुण्ड में पहुंची और बहती हुई आगे नदी रूप बन गई। धर्म कुण्डयहां यमराज या धर्मराज ने स्वंय स्नान किया जिस कारण से यह धर्म कुण्ड कहलाता है। पाप कुण्डपाप कुण्ड में सच्चे मन से पापी व्यक्ति सूर्यपुत्री का ध्यान करके स्नान करता है तो उसके पाप यहां पर धुल जाते है। नारद कुण्डयहां पर देवर्षि नारद ने श्राप रूप में हुए कोढ के रोग से मुक्ति पाई थी एवं बारह वर्षो तक मां ताप्ती की तपस्या करके उनसे वर मांगा था। उसी से उन्हें पुराण की चोरी के कारण कोढ़ के श्राप से मुक्ति मिल पाई। शनि कुण्डशनिदेव अपनी बहन ताप्ती के घर पर आने पर इसी कुण्ड में स्नान करने के बाद उनसे मिलने गए थे। इस कुण्ड में स्नान करके मनुष्य को शनिदशा से लाभ मिलता है। नागा बाबा कुण्ड ;यह नागा सम्प्रदाय के नागा बाबाओं का कुण्ड है जिन्होने यहां के तट पर कठोर तपस्या करके भगवान शिव को प्रसन्न किया था। इस कुण्ड के पास सफेद जनेउ धारी शिवलिंग भी है।[3] इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
पश्चिम दिशा में कौन सी नदी बहती है बताइए?1 भारत की कुछ प्रमुख पश्चिम बहने वाली नदियों में नर्मदा, ताप्ती, साबरमती, लूनी, घग्गर, माही नदी शामिल हैं।
नर्मदा और ताप्ती के अलावा कौन सी नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है?यह भारत की उन मुख्य नदियों में है जो पूर्व से पश्चिम की तरफ बहती हैं, अन्य दो हैं - नर्मदा नदी और माही नदी। 724 कि॰मी॰ (450 मील)approx. यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर लगभग 740 किलोमीटर की दूरी तक बहती है और खम्बात की खाड़ी में जाकर मिलती है।
कौन सी नदी पूर्व से पश्चिम की दिशा में बहती है?गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, महानदी, आदि पूर्व की ओर बहने वाली प्रमुख नदियाँ हैं और नर्मदा, ताप्ती पश्चिम की बहने वाली प्रमुख नदियाँ है। दक्षिणी प्रायद्वीप में गोदावरी दूसरी सबसे बड़ी नदी का द्रोणी क्षेत्र है जो भारत के क्षेत्र का 10 प्रतिशत भाग है।
नर्मदा और ताप्ती नदी के बीच में क्या स्थित है?Detailed Solution. सही उत्तर सतपुड़ा श्रेणी है। सतपुड़ा श्रेणी एक पर्वतमाला है जो नर्मदा और ताप्ती नदियों के बीच स्थित है। नर्मदा सतपुड़ा पर्वतमाला के उत्तर-पूर्वी भाग से निकलती है।
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