प्रयोजनमूलक हिन्दी का स्वरूप Show 2. साहित्यिक हिन्दी 3. प्रयोजनमूलक हिन्दी सामान्य हिन्दी के अंतर्गत हम अनौपचरिक भाषा का प्रयोग करते हैं। हम दैनिक कार्यों के संदर्भ में इसी भाषा का प्रयोग बहुत ही सरलता से करते रहते हैं क्योंकि इस भाषा का ज्ञान हमें बचपन से ही होता रहता है। प्रयोजनमूलक हिंदी के कितने रूप होते हैं?इसी संदर्भ में प्रयोजनमूलक हिन्दी का अर्थ हुआ; ऐसी विशिष्ट हिन्दी जिसका प्रयोग किसी विशिष्ट प्रयोजन (उद्देश्य) के लिए किया जाता है। समान्यत: प्रयोजनमूलक हिन्दी पर विचार करने पर हिन्दी के मुख्यत: तीन रूप सामने आते हैं- बोलचाल की हिन्दी, साहित्यिक हिन्दी, प्रायोगिक हिन्दी।
प्रयोजनमूलक हिंदी के विविध रूपों का आधार क्या है?प्रयोजनमूलक हिन्दी के विविध रूपों का आधार उनका प्रयोग क्षेत्र होता है। भिन्न-भिन्न कार्यक्षेत्रों के लिए जिन भाषा रूपों का प्रयोग किया जाता है उन्हें प्रयुक्ति (Register) कहा जाता है-"वस्तुतः भाषा अपने आपमें समरूपी होती है, परन्त प्रयोग में आने पर वह विषमरूपीं बन जाती है।
डॉ भोलानाथ तिवारी के अनुसार प्रयोजनमूलक हिंदी के कितने रूप है?डॉ. भोलानाथ तिवारी ने प्रयोजनमूलक के सात रूप बताये है।
प्रयोजनमूलक हिंदी से आप क्या समझते हैं समझाइए एवं इसके रूपों पर प्रकाश डालिए?प्रयोजनमूलक हिन्दी(Prayojanmulak hindi) हिंदी में प्रयोजनमूलक हिन्दी शब्द ' functional language ' के रूप में प्रयुक्त किया जा रहा है, जिसका तात्पर्य है- जीवन की विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपयोग में लायी जाने वाली भाषा। ' इसका प्रमुख लक्ष्य जीविकोर्पान का साधन बनना होता है।
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