Pradosh Vrat 2022: शिव जी की पूजा सभी कष्टों को दूर करने वाली मानी गई है. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए 12 जून 2022 को विशेष संयोग बना हुआ है. इस दिन का महत्व और पूजा के बारे में आइए जानते हैं. Show प्रदोष व्रत कब है? (Pradosh Vrat Kab Hai) रवि प्रदोष व्रत क्या होता है? (Ravi Paradosh Vrat) 12 जून को राहुकाल का समय क्या है? (RahuKaal Time) प्रदोष काल का समय (Pradosh Kaal Time) Happy Married Life : पति पत्नी के झगड़े दूर नहीं हो रहे हैं तो करें ये उपाय Astrology : हमेशा बदला लेने के लिए आतुर रहते हैं इस राशि के लोग, क्रोध और अहंकार इन राशि वालों को कर देता है बर्बाद Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. शाम को प्रदोष काल कितने बजे से लगता है?प्रदोष काल-
प्रदोष काल संध्या के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू हो जाता है। कहा जाता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
प्रदोष काल कितने बजे होता है 2022?प्रदोष व्रत की तिथि और मुहूर्त (Pradosh vrat muhurt)
भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 24 अगस्त सुबह 08 बजकर 30 मिनट से लेकर 25 अगस्त को सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक रहेगी. त्रयोदशी तिथि में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है.
प्रदोष काल का सही समय क्या है?त्रयोदशी तिथि की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। प्रदोष काल संध्या के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले ही शुरू हो जाता है। प्रदोष व्रत करने वाले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर भगवान शिव का ध्यान करें।
आज के प्रदोष काल का समय क्या है?प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है. हर महीने त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. अश्विन माह का प्रदोष व्रत आज यानी 7 अक्टूबर 2022 को है.
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