प्लेटलेट्स कम हो तो क्या करना चाहिए? - pletalets kam ho to kya karana chaahie?

हिंदी न्यूज़ लाइफस्टाइल हेल्थखून में तेजी से प्लेटलेट काउंट कम होने पर शरीर में दिखाई देने लगते हैं ये लक्षण, नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी

खून में तेजी से प्लेटलेट काउंट कम होने पर शरीर में दिखाई देने लगते हैं ये लक्षण, नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी

Signs of low platelets in blood: कई बार व्यक्ति शरीर से मिलने वाले संकेतों को नजरअंदाज कर देता है। जिसकी वजह से भविष्य में उसे अपनी सेहत से जुड़े कई जोखिमों का सामना करना पड़ता है। ऐसे ही जोखिम में से

Manju Mamgainलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 08 Jun 2022 09:03 AM

Signs of low platelets in blood: कई बार व्यक्ति शरीर से मिलने वाले संकेतों को नजरअंदाज कर देता है। जिसकी वजह से भविष्य में उसे अपनी सेहत से जुड़े कई जोखिमों का सामना करना पड़ता है। ऐसे ही जोखिम में से एक है खून में प्लेटलेट काउंट की कम का होना। दरअसल, शरीर में तीन तरह के ब्लड सेल्स लाल रक्त कोशिकाएं, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स मौजूद होते हैं। यह ब्लड कोशिकाएं प्लाज्मा नामक द्रव में तैरती हैं। शरीर में जब कहीं चोट या फिर कट लगती है, तो प्लेटलेट्स की कोशिकाएं ब्लड को थक्के के रूप में परिवर्तित कर देती है, जिससे ब्लीडिंग रूक जाती है। अगर प्लेटलेट की संख्या में कमी हो जाए, तो ब्लड के थक्के नहीं बनते हैं। जो कि एक गंभीर स्थिति हो सकती है। 

स्वस्थ व्यक्ति में कितने होने चाहिए प्लेटलेट काउंट-
एक स्वस्थ व्यक्ति में सामान्य प्लेटलेट काउंट 150 हजार से 450 हजार प्रति माइक्रोलीटर होता है। जब यह काउंट 150 हजार प्रति माइक्रोलीटर से नीचे चला जाता है तो इसे लो प्लेटलेट माना जाता है।

प्लेटलेट संख्या कम होने के कारण (Low Platelet Count Causes in Hindi)-
डेंगू ही नहीं शरीर में प्लेटलेट्स कम होने के पीछे कई अन्य कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं। उदाहरण के लिए खून में  बैक्टीरियल संक्रमण, अस्थि मज्जा की परेशानी, आईडियोपैथिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा, हीमोलाइटिक यूरीमिक सिंड्रोम ,हाइपरसप्लेनिज्म,स्वप्रतिरक्षित रोग इत्यादी।

  प्लेटलेट संख्या कम होने पर नजर आते हैं ये लक्षण(Low Platelet Count Symptoms in Hindi )-

-सामान्य खरोंच का भी गंभीर हो जाना। लंबे समय तक घावों से खून बहना। 
-त्वचा पर नीले रंग के छोटे-छोटे लाल और बैंगनी रंग के निशान उभर आना। 
-नाक और मसूड़ों से काफी ज्यादा खून आना
-मल का रंग काला या खून जैसा दिखना। 
-लाल या गुलाबी रंग का यूरिन निकलना
-खून के साथ उल्टी आना।
-पीरियड्स के दौरान महिलाओं को असामान्य ब्लीडिंग होना। 
-तेज सिरदर्द होना।
-मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द बने रहना।
-कमजोरी या चक्कर जैसा महसूस होना

शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए क्या करें-
-शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए अपनी डाइट में फोलेट, विटामिन-बी12, विटामिन-सी, विटामिन-डी और विटामिन-के से भरपूर चीजें शामिल करें।
-प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ाने के लिए आप पपीते का सेवन कर सकते हैं। चूहों पर हुई एक एक स्टडी के अनुसार, पपीते के पत्ते भी प्लेटलेट काउंट और रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाने का काम करते हैं। इसके लिए इन पत्तों को उबालकर इसका रस निकालकर पीने से भी लाभ मिलता है। 
-कद्दू का सेवन भी आप प्लेटलेट्स की मात्रा को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। इसके लिए आप कद्दू का रस निकालकर पी सकते हैं। आप चाहें तो इस रस का स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें थोड़ा सा शहद भी मिला सकते हैं।

एक स्वस्थ शरीर की निशानी होती है कि आपके शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या पूरी हो . शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा कम होने पर व्यक्ति को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है. प्लेटलेट्स ऐसी ब्लड सेल्स होती हैं जो ब्लीडिंग को रोकने में मदद करती हैं. प्लेटलेट्स हमारे शरीर में ब्लड क्लॉट्स बनाने का काम करते हैं ताकि चोट लगने पर ज्यादा खून को  निकलने से रोका जा सके.

शरीर मे प्लेटलेट्स की संख्या कम होने पर व्यक्ति को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया नामक बीमारी का सामना करना पड़ सकता है. शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिए आप खास डाइट या सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकते हैं. इसके अलावा बॉडी में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिए कुछ नेचुरल तरीके भी अपना सकते हैं. आइए जानते हैं इन नेचुरल तरीकों के बारे में- 

क्या होता है लो प्लेटलेट्स काउंट? 

प्लेटलेट्स कलरलैस ब्लड सेल्स होते हैं जो ब्लड क्लॉटिंग के लिए अहम भूमिका निभाते हैं. जब किसी व्यक्ति को चोट लगती है तो यह ब्लड सेल्स आपस में मिल जाते हैं और खून को बहने से रोकते हैं. नेशनल हार्ट, लंग और ब्लड इंस्टिट्यूट के मुताबिक, एडल्ट्स के खून में प्लेटलेट्स की रेंज 150,000 से 450,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर होती है. जब किसी व्यक्ति के खून में प्लेटलेट्स काउंट 150,000 प्रति माइक्रोलीटर से घट जाता है तो इसे लो प्लेटलेट्स कहा जाता है. 


लो प्लेटलेट्स के लक्षण

नाक से खून आना
मसूड़ों से खून आना
यूरिन में खून का आना
मल में खून  दिखना
पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना
स्किन पर नीले-भूरे रंग के धब्बे 

इन चीजों से बढ़ाएं प्लेटलेट्स की संख्या

कुछ विटामिन्स और मिनरल्स को डाइट में शआमिल करने से प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ाया जा सकता है. 

फोलेट युक्त फूड्स- हेल्दी ब्लड सेल्स के लिए फोलेट या विटामिन B9 काफी जरूरी माना जाता है. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, एक एडल्ट को रोजाना 400 माइक्रोग्राम फोलेट की जरूरत होती है वहीं, एक गर्भवती महिला को एक दिन में 600 माइक्रोग्राम फोलेट की जरूरत होती है. 

इन चीजों में पाया जाता है फोलेट और फोलिक एसिड

 बीफ लिवर
 हरी पत्तेदार सब्जियां 
लोबिया
चावल
यीस्ट

विटामिन B12 युक्त फूड्स

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, 14 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को रोजाना 2.4 माइक्रोग्राम विटामिन B12 की जरूरत होती है. वहीं प्रेग्नेंट महिला और दूध पिलाने वाली मां को एक दिन में 2.8 माइक्रोग्राम विटामिन B12 की जरूरत होती है.

इन चीजों में पाया जाता है विटामिन B12

बीफ और बीफ लीवर
अंडे
मछली जैसे- टूना, सैल्मन, ट्राउट

वेजिटेरियन लोगों के शरीर में विटामिन B 12 की कमी को पूरा करने के लिए 

अनाज
बादाम मिल्क और सोया मिल्क
सप्लीमेंट्स

विटामिन सी युक्त फूड्स

इम्यून फंक्शन के लिए विटामिन सी एक अहम भूमिका निभाता है. साथ ही यह इस बात का भी ख्याल रखता है कि प्लेटलेट्स अच्छी तरह से काम करें. साथ ही यह आयरन अवशोषित करने के लिए शरीर की क्षमता को भी बढ़ाता है. बहुत से फलों और सब्जियों में विटामिन सी पाया जाता है जैसे- 

ब्रोकली
स्प्राउट्स
लाल और हरी शिमलामिर्च
सिट्रिक फ्रूट्स जैसे संतरा और ग्रेपफ्रूट्स
कीवी
स्ट्रॉबेरी

विटामिन D युक्त फूड्स 

हड्डियों, मसल्स, और इम्यून सिस्टम के लिए विटामिन D काफी जरूरी माना जाता है. हमारा शरीर धूप के संपर्क में आने पर भी विटामिन डी बना सकता है. हालांकि हर कोई सूरज की रोशनी से विटामिन डी नहीं ले पाता. खासतौर पर जो लोग ठंडी जगहों पर रहते हैं, उनके लिए धूप के संपर्क में आना काफी मुश्किल होता है. 19 से 70 साल तक के लोगों को रोजाना 15 माइक्रोग्राम विटामिन डी की जरूरत होती है. वहीं 70 से अधिक उम्र के लोगों को प्रति दिन 20 माइक्रोग्राम विटामिन डी की जरूरत होती है. 

इन चीजों में पाया जाता है विटामिन डी

अंडे का पीला भाग
ऑयली फिश
फिश लीवर ऑयल
दही
सप्लीमेंट्स
मशरूम
ऑरेंज जूस
सोया मिल्क

इन सप्लीमेंट्स का कर सकते हैं सेवन

कुछ सप्लीमेंट्स ऐसे हैं जो आपके प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ा सकते हैं. हालांकि, कोई भी सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर को दिखाना काफी जरूरी होता है वरना इससे आपकी सेहत पर इसका उल्टा असर भी पड़ सकता है. 

क्लोरोफिल- क्लोरोफिल पौधों में पाया जाने वाला एक ग्रीन पिगमेंट होता है. एल्गी बेस्ड सप्लीमेंट्स में क्लोरोफिल की मात्रा काफी ज्यादा होती है. 

पपीते के पत्तों का रस- साल 2017 में हुई एक स्टडी में यह पाया गया था कि पपीते के पत्तों से निकलने वाले रस का सेवन करने से प्लेटलेट्स काउंट बढ़ सकता है. बहुत से हेल्थ स्टोर्स में पपीते के पत्तों के रस से बनी गोलियों भी मिलती हैं. 

इन चीजों का ना करें सेवन

कुछ ऐसे फूड्स और ड्रिंक्स हैं जिससे आपका प्लेटलेट्स काउंट बढ़ने की बजाय कम हो सकता है. जैसे-आर्टिफिशियल स्वीटनर, क्रैनबेरी जूस

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प्लेटलेट काउंट तेजी से कैसे बढ़ाएं?

फोलेट, विटामिन-बी12, विटामिन-सी, विटामिन-डी और विटामिन-के से भरपूर चीजें प्लेटलेट काउंट को बढ़ा सकती हैं. आइए आपको बताते हैं कि प्लेटलेट काउंट को नैचुरली कैसे बढ़ाया जा सकता है और इसमें किन चीजों से परहेज करना जरूरी है. फोलेट रिच फूड: रक्त कोशिकाओं के लिए फोलेट एक आवश्यक विटामिन-बी है.

प्लेटलेट्स कम होने के क्या लक्षण होते हैं?

क्या होता है लो प्लेटलेट्स काउंट? ... .
लो प्लेटलेट्स के लक्षण ... .
इन चीजों से बढ़ाएं प्लेटलेट्स की संख्या ... .
फोलेट युक्त फूड्स- हेल्दी ब्लड सेल्स के लिए फोलेट या विटामिन B9 काफी जरूरी माना जाता है. ... .
विटामिन B12 युक्त फूड्स ... .
वेजिटेरियन लोगों के शरीर में विटामिन B 12 की कमी को पूरा करने के लिए ... .
विटामिन सी युक्त फूड्स.

प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?

तो आइए जानते हैं कि बिग कौन से आहार हैं जिनके सेवन से हम प्राकृतिक रूप से अपने खून में प्लेटलेट काउंट बढ़ा सकते हैं:.
चुकंदर खून में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए एंटीऑक्सीडेंट और हेमोस्टैटिक गुणों से युक्त चुकंदर बहुत लाभदायक होता है। ... .
अनार ... .
व्हीटग्रास ... .
गिलोय ... .

प्लेटलेट्स कम होने का मुख्य कारण क्या है?

जैसे ही आप किसी बीमारी से ग्रस्त होने के कारण बुखार की चपेट में आते हैं तो शरीर में प्लेटलेट्स की कमी होने की संभावनाएं अधिक होती है. बुखार में लोगों के शरीर के अंदर एनर्जी, हीमोग्लोबिन भी कम हो जाता है. ये चीज़ ख़ास कर टाइफाइड में होता है.

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