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शेयर करें अनिद्रा (नींद न आना) क्या है? अनिद्रा एक नींद से सम्बन्धित समस्या है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। संक्षेप में, अनिद्रा से पीड़ित व्यक्तियों के लिए नींद आना या सोते रहना मुश्किल होता है। अनिद्रा के प्रभाव बहुत भयंकर हो सकते हैं। अनिद्रा आमतौर पर दिन के समय नींद, सुस्ती, और मानसिक व शारीरिक रूप से बीमार होने की सामान्य अनुभूति को बढाती है। मनोस्थिति में होने वाले बदलाव (मूड स्विंग्स), चिड़चिड़ापन और चिंता इसके सामान्य लक्षणों से जुड़े हुए हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, क्रोनिक अनिद्रा के ज़्यादातर मामले किसी अन्य प्राथमिक समस्या से उत्पन्न दुष्प्रभाव होते हैं। अनिद्रा के कारणों में मनोवैज्ञानिक कारक, दवाएं और हार्मोन का स्तर शामिल है। अनिद्रा का उपचार चिकित्सकीय या व्यावहारिक हो सकता है। अनिद्रा से ग्रसित लोगों में काम पर ध्यान केंद्रित करने और एकाग्रता से जुडी समस्याएं सामान्य हैं। अमेरिका की राष्ट्रीय हृदय, फेफड़े और रक्त संस्थान के अनुसार, 20 प्रतिशत गैर-अल्कोहल से संबंधित कार दुर्घटनाएं ड्राइवर द्वारा झपकी लेने के कारण होती हैं। अनिद्रा (नींद न आना) के प्रकार - Types of Insomnia in Hindiअनिद्रा के प्रकार - होने के कारण के आधार पर अनिद्रा को उसके होने के कारण आधार पर तीन प्रकार में वर्गीकृत किया जाता है – प्राथमिक अनिद्रा, माध्यमिक अनिद्रा, अस्थायी या क्षणिक अनिद्रा 1. प्राथमिक अनिद्रा प्राथमिक अनिद्रा में व्यक्ति को नींद की समस्याएं होती हैं, जो किसी भी अन्य स्वास्थ्य समस्या से प्रत्यक्ष रूप से नहीं जुडी होती हैं। 2. माध्यमिक अनिद्रा माध्यमिक अनिद्रा का अर्थ है कि व्यक्ति को होने वाली नींद की समस्याएं किसी अन्य कारण की वजह से होती हैं, जैसे कि स्वास्थ्य समस्या (अस्थमा, अवसाद, गठिया, कैंसर, या सीने में जलन), दर्द; उसके द्वारा ली जाने वाली दवाएं या उसके द्वारा शराब जैसे पदार्थ का सेवन करना। 3. क्षणिक या अस्थायी अनिद्रा यह तब होती है, जब लक्षण तीन रातों तक रहते हैं। अनिद्रा रोग के प्रकार - अवधि के आधार परअनिद्रा की अवधि भी भिन्न होती हैं। अवधि के आधार पर अनिद्रा के दो प्रकार हैं – एक्यूट अनिद्रा (अल्पकालिक), क्रोनिक अनिद्रा (दीर्घकालिक)। 1. एक्यूट अनिद्रा यह अल्पकालिक हो सकती है। तीव्र अनिद्रा एक रात से लेकर कुछ हफ्तों तक रह सकती है। 2. क्रोनिक अनिद्रा यह एक लंबे समय के लिए रह सकती है। जब व्यक्ति को एक महीने या उससे अधिक समय तक एक सप्ताह में कम से कम तीन रातों तक अनिद्रा होती है, तो उसे 'दीर्घकालिक अनिद्रा' कहा जाता है। अनिद्रा (नींद न आना) के लक्षण - Insomnia Symptoms in Hindiअनिद्रा के लक्षण क्या होते हैं? चिकित्सक अनिद्रा के साथ कई अन्य संकेतों और लक्षणों को भी जोड़ देते हैं। अक्सर ये लक्षण अन्य चिकित्सकीय या मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों में उलझन पैदा कर सकते हैं। 1. अनिद्रा से ग्रसित कुछ लोग अक्सर रात में नींद न आने और पूरी रात जागने की शिकायत कर सकते हैं। समस्या तनाव से शुरू हो सकती है। जब आपकी नींद न आने की अक्षमता बिस्तर के साथ जुड़ना शुरू हो जाती है, तब ये समस्या गंभीर हो सकती है। 2. ज़्यादातर दिन में दिखाई देने वाले लक्षण लोगों को चिकित्सकीय देखभाल के लिए प्रेरित कर सकते हैं। अनिद्रा के कारण दिन में होने वाली समस्याओं में निम्नलिखित शामिल हैं –
3. दिन में दिखाई देने वाले इन लक्षणों का इलाज स्वयं करने के प्रयासों द्वारा लोग इन लक्षणों को बदतर बना सकते हैं। इन प्रयासों में शामिल हैं -
नींद न आने (अनिद्रा) के कारण - Insomnia Causes in Hindiअनिद्रा के कारण क्या होते हैं? अनिद्रा प्राथमिक समस्या हो सकती है या अन्य स्थितियों से जुडी हो सकती है। अनिद्रा आमतौर पर तनाव, जीवन की घटनाओं या आदतों का परिणाम होती है, जिससे नींद में बाधा आती है। मुख्य कारणों का इलाज करने से अनिद्रा का समाधान हो सकता है, लेकिन कभी-कभी इसमें कई साल लग जाते हैं। क्रोनिक अनिद्रा के सामान्य कारणों में शामिल हैं –
क्रोनिक अनिद्रा भी चिकित्सकीय परिस्थितियों या कुछ दवाओं के उपयोग के साथ संबंधित हो सकती है। चिकित्सकीय परिस्थितियों का इलाज करने से नींद में सुधार हो सकता है, लेकिन चिकित्सा की स्थिति में सुधार के बाद अनिद्रा जारी रह सकती है। अनिद्रा के अतिरिक्त सामान्य कारणों में शामिल हैं –
नींद न आने (अनिद्रा) से बचाव - Prevention of Insomnia in Hindiअनिद्रा की रोकथाम सोने की अच्छी आदतें अनिद्रा को रोकने और गहरी नींद सोने में मदद कर सकती हैं –
अनिद्रा (नींद न आना) का परीक्षण - Diagnosis of Insomnia in Hindiअनिद्रा का निदान डॉक्टर एक पूर्ण चिकित्सकीय इतिहास के साथ अनिद्रा का मूल्यांकन शुरू करेंगे। संपूर्ण चिकित्सकीय मूल्यांकन के साथ एक पूर्ण चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण, अनिद्रा के मूल्यांकन और उपचार के महत्वपूर्ण पहलू हैं। आपकी स्थिति के आधार पर अनिद्रा के निदान और इसके कारणों की खोज में शामिल हो सकते हैं –
आपके डॉक्टर पूर्ण चिकित्सा इतिहास के साथ अनिद्रा का मूल्यांकन शुरू कर देंगे। चिकित्सकीय मूल्यांकन के साथ, एक पूर्ण चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण, अनिद्रा के मूल्यांकन और उपचार के महत्वपूर्ण पहलू हैं। नींद न आने (अनिद्रा) का इलाज - Insomnia Treatment in Hindiअनिद्रा का उपचार क्या है? आपकी नींद की आदतों को बदलकर और अनिद्रा से संबंधित किसी भी समस्या का पता लगाकर (जैसे कि तनाव, चिकित्सकीय स्थितियाँ या दवाइयां) कई लोगों की आरामदायक नींद को लौटाया जा सकता है। यदि ये उपाय काम नहीं करते हैं, तो आपके डॉक्टर तनाव से मुक्ति दिलाने और नींद में सुधार करने के लिए संज्ञानात्मक व्यावहारिक थेरेपी (cognitive behavioral therapy), दवाओं या दोनों का सुझाव दे सकते हैं। 1. अनिद्रा के लिए संज्ञानात्मक व्यावहारिक थेरेपी (सीबीटी) अनिद्रा के लिए की जाने वाली संज्ञानात्मक व्यावहारिक थेरेपी (CBT-I) नकारात्मक विचारों और क्रियाओं को नियंत्रित करने में आपकी मदद कर सकती है, जो आपको जगाते रहते हैं। आमतौर पर अनिद्रा से ग्रसित लोगों के लिए उपचार की पहली सीढ़ी के रूप में इस थेरेपी की सिफारिश की जाती है। सामान्य तौर पर, सीबीटी-आई (CBT-I) नींद की दवाओं के समान या अधिक प्रभावी है। सीबीटी-आई का संज्ञानात्मक हिस्सा आपको उन कारणों को पहचानना और बदलना सिखाता है, जो आपकी सोने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। यह नकारात्मक विचारों और चिंताओं को नियंत्रित करने में आपकी मदद कर सकता है, जो आपको जगाते हैं। यह उस चक्र को दूर करने में भी शामिल हो सकता है, जहाँ आपको सोते वक़्त इस बात की चिंता होती है कि आपको नींद नहीं आएगी। सीबीटी-आई का व्यावहारिक हिस्सा आप में अच्छी नींद की आदतों को विकसित करने और ऐसे व्यवहारों को दूर करने में मदद करता है, जो आपकी नींद को बाधित करते हैं। इन रणनीतियों में निम्नलिखित उदाहरण शामिल हैं –
आपके डॉक्टर आपकी नींद और दिन में सतर्कता (alertness) को बढ़ावा देने वाली आदतों को विकसित करने में आपकी सहायता करने के लिए आपकी जीवन शैली और नींद के वातावरण से संबंधित अन्य रणनीतियों की सिफारिश कर सकते हैं। 2. प्रिस्क्रिप्शन दवाएं डॉक्टर द्वारा निर्धारित नींद की गोलियां आपको नींद आने में, सोये रहने में या दोनों में मदद कर सकती हैं। आमतौर पर डॉक्टर एक हफ्ते से ज़्यादा समय के लिए नींद की गोलियों का सुझाव नहीं देते हैं, लेकिन कुछ दवाएं लम्बे समय तक ली जा सकती हैं। इनमें ज़ोपिकॉल्न, रमेल्टॉन शामिल हैं। नींद की प्रिस्क्रिप्शन दवा के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे कि दिन में अर्धचेतनावस्था और बेहोश होने का खतरा बढ़ना या ये हमारी आदत भी बन सकती हैं। अतः इन दवाओं और अन्य संभावित दुष्प्रभावों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। 3. मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध नींद के अन्य साधन नॉन-प्रिस्क्रिप्शन नींद की दवाओं में एंटीहिस्टामाइन होते हैं, जो आपको सुस्त कर सकते हैं, लेकिन इनका नियमित उपयोग ठीक नहीं है। इन दवाओं को लेने से पहले अपने चिकित्सक से बात करें। एंटीहिस्टामाइन के कई दुष्परिणाम हो सकते हैं, जैसे – दिन में नींद आना, चक्कर आना, भ्रम, चेतना में कमी आना और पेशाब करने में कठिनाई, जो अधेड़ व्यक्तियों में और भी गंभीर हो सकते हैं। 4. वैकल्पिक चिकित्सा बहुत से लोग अनिद्रा के उपचार के लिए अपने चिकित्सक के पास नहीं जाते हैं और अपने आप इस समस्या से निपटने की कोशिश करते हैं। हालाँकि, कई मामलों में सुरक्षा और प्रभाव साबित नहीं किया गया है।
5. हर्बल और डाइटरी स्लीप एड्स के बारे में सावधानी क्योंकि खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने निर्माताओं के लिए यह अनिवार्य नहीं किया है कि वे डाइटरी सप्लीमेंट स्लीप एड्स को बेचने से पहले उनके प्रभावशाली या सुरक्षित होने का प्रमाण दिखाएं, इसलिए किसी भी हर्बल सप्लीमेंट या अन्य ओटीसी उत्पादों को लेने से पहले अपने चिकित्सक से बात करें। कुछ उत्पाद हानिकारक हो सकते हैं और यदि आप कुछ दवाएं ले रहे हैं, तो इसका नुकसान हो सकता है। अनिद्रा (नींद न आना) के नुकसान - Insomnia Complications in Hindiक्रोनिक अनिद्रा से गंभीर स्वास्थ्य जोखिम जुड़े हुए हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ के अनुसार, अनिद्रा आपके मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के साथ-साथ समग्र स्वास्थ्य के प्रति जोखिम को बढ़ा सकती है। 1. नींद नहीं आने से कौन सी बीमारी होती है? इनमें शामिल हैं –
2. अनिद्रा से किन मानसिक स्वास्थ्य विकारों का जोखिम बढ़ जाता है? इनमें शामिल हैं –
3. अनिद्रा से दुर्घटनाओं के जोखिम में भी वृद्धि हो जाती है अनिद्रा से निम्न कार्य प्रभावित हो सकते हैं –
दिन में आने वाली नींद तत्काल चिंता का विषय है। ऊर्जा की कमी चिंता, अवसाद या चिड़चिड़ापन पैदा कर सकती है। ये न सिर्फ आपके ऑफिस या स्कूल के कार्य को प्रभावित कर सकते हैं, बल्कि बहुत कम नींद लेना कार दुर्घटनाओं के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। 4. लाइफ एक्सपेक्टेंसी कम होना अनिद्रा के कारण आपकी जीवन प्रत्याशा कम हो सकती है। 16 अध्ययनों के एक विश्लेषण में 10 लाख से अधिक प्रतिभागियों और 112,566 मौतों के अंतर्गत नींद की अवधि और मृत्यु दर के बीच के संबंध को जाँचा गया। उसमें पाया कि जो लोग हर रात सात से आठ घंटे सोते थे, उनकी तुलना में कम सोने वाले व्यक्तियों में मृत्यु का खतरा 12 प्रतिशत ज़्यादा था। हाल ही में हुए एक अध्ययन में 38 सालों से सतत अनिद्रा और मृत्यु दर के प्रभावों को जाँचा गया। उसमें पाया कि सतत अनिद्रा से ग्रसित लोगों की मौत का जोखिम 97% अधिक था। अनिद्रा (नींद न आना) में परहेज़ - What to avoid during Insomnia in Hindi?निम्नलिखित सुझावों का उद्देश्य अस्थायी अनिद्रा से उबरने में मदद करना और रात में एक अच्छी नींद लेने की संभावना को बढ़ाना है –
अनिद्रा (नींद न आना) में क्या खाना चाहिए? - What to eat during Insomnia in Hindi?अनिद्रा में क्या खाएं?
नींद ना आने पर कौन सी दवा खाएं? नींद की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?नींद ना आने वाली दवाएं सोने से कुछ देर पहले लेनी चाहिए. नींद न आने की दवा लेने के बाद गाड़ी चलाने या ऐसे काम नहीं करने चाहिए जिसमें एकाग्रता की जरूरत होती है क्योंकि इससे आपको नींद आने लगती है और इससे दुर्घटना होने का खतरा बढ़ सकता है. अच्छी नींद के लिए अच्छी दवाओं का इस्तेमाल ही करना चाहिए. यहां कुछ दवाएं दी गई हैं जिनका इस्तेमाल नींद न आने के इलाज के लिए किया जा सकता है -
नींद के दवाई के लिए डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें. रात को नींद न आये तो क्या करना चाहिए?अच्छी नींद आने के लिए नियमित रूप से एक ही समय पर सोना और जागना सबसे बढ़िया उपाय है. अगर अच्छी नींद पाना चाहते हैं तो इन सुझावों का पालन कर सकते हैं.
अगर चिंता रात में आपको सोने नहीं देती और आपको परेशान करती है तो सोने से कम से कम 2 घंटे पहले चिंता के लिए कम से कम 20 से 30 मिनट का अलग समय रखें, जिसमें आप उसको निदान कर सकते हैं. क्या अनिद्रा का इलाज हो सकता है? - Can Insomnia be cured in Hindi?अनिद्रा का इलाज संभव है लेकिन आसान नही. अनिद्रा का एक कारण सोने की गलत आदत हो सकता है. अनिद्रा का इलाज करने का मतलब है अपनी नींद की स्वच्छता को बढ़ाना और अच्छी नींद के लिए सही आदतों को अपनाना है. किसी भी व्यक्ति के लिए अपनी आदतों को बदल पाना बेहद मुश्किल होता है. इसलिए इन आदतों को बदलना बेहद जरूरी होता है. विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर नींद के लिए की गई छोटी प्रयास भी फायदेमंद है. आदतों को बदलना कितना भी मुश्किल क्यों ना हो लेकिन अगर रोज छोटे-छोटे कदम बदलती आदतों की तरफ बढ़ाए जाएं तो बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. संदर्भ
अनिद्रा के डॉक्टरअनिद्रा की दवा - Medicines for Insomnia in Hindiअनिद्रा के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है। Showing 1 to 10 of 481 entries अनिद्रा की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Insomnia in Hindiअनिद्रा के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है। Showing 1 to 10 of 136 entries
translation missing: hi.lab_test.sub_disease_titletranslation missing: hi.lab_test.test_name_description_on_disease_page translation missing: hi.lab_test.test_names अनिद्रा पर आम सवालों के जवाबसवाल लगभग 3 साल पहलेमेरी मां की उम्र 60 साल है, उन्हें नींद न आने की प्रॉब्लम है। उन्हें रात को सोने में बहुत दिक्कत होती है। उनकी ये प्रॉब्लम कैसे ठीक हो सकती है?अगर आपकी मां को सिर्फ नींद न आने की समस्या है तो वह स्लीप हाइजीन ट्राई कर सकती हैं। स्लीप हाइजीन में रोज रात को एक ही समय पर सोने जाना और सुबह एक ही समय पर उठना होता है। बैड का इस्तेमाल सिर्फ सोने के लिए करें, लेटकर किताबे न पढ़ें और न ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल करें। सोते समय बैडरूम में शांति और अंधेरा होना चाहिए और रूम का तापमान सामान्य बनाए रखें। रूम में इलेक्ट्रोनिक डिवाइस जैसे टीवी, कंप्यूटर और स्मार्टफोन का इस्तेमाल न करें। सोने जाने से पहले ज्यादा खाना न खाएं, स्मोकिंग न करें और शराब न पिएं। सुबह वॉक और एक्सरसाइज करें। अगर इन सभी बातों को फॉलो करने के बाद भी उन्हें यह समस्या फिर भी होती है तो उन्हें डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर आपकी मां की जांच कर दवा देंगे। सवाल लगभग 3 साल पहलेमेरे घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। मैं 2-3 दिन से सो नहीं पा रहा हूं। मुझे एक साल से अनिद्रा की समस्या है जो बार-बार होती रहती है। मैं अपनी इस प्रॉब्लम को ठीक करना चाहता हूं इसलिए मुझे बताएं कि मैं इसे कैसे ठीक कर सकता हूं?मानसिक और शारीरक रूप से स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है। कई दिनों तक तनावपूर्ण स्थिति में रहना, नींद न आने का कारण बन सकता है। आप सकारात्मक रहें। रात को सोने और सुबह जागने के लिए एक निश्चित समय रखें, एक्टिव रहें और सोने से पहले अधिक मात्रा में भोजन करने और पेय पदार्थों के सेवन से बचें। सोने से पहले नहाने, किताबें पढ़ना या धीमी आवाज में संगीत सुनना अच्छी नींद लाने में फायदेमंद साबित हो सकता है। इस बात को भी समझें कि आप परिस्थिति को बदल नहीं सकते हैं इसलिए तनाव लेने की बजाय उसका हल ढूंढें। सवाल लगभग 3 साल पहलेमैं 4 साल से नाइट शिफ्ट में काम कर रहा था। मैंने 4 महीने पहले ही जॉब छोड़ी है। मुझे अभी भी रात को सोने में दिक्कत होती है, कभी-कभी मुझे सुबह नींद आती है। मैंने दिन में कई बार उठने की कोशिश की लेकिन यह मेरे लिए बहुत मुश्किल होता है। मुझे बताएं कि मैं इस अनिद्रा की बीमारी से कैसे बच सकता हूं?Aakash Shah MBBS, MBBS , General Physicianआपने लंबे समय के बाद अपने स्लीपिंग शेड्यूल में बदलाव किया है जिसकी वजह से आपको यह समस्या हो रही है। अगर आप कैफीन लेते हैं तो रात को सोने से पहले खासतौर पर कैफीन का सेवन न करें। आप रोजाना रात को जल्दी और एक ही समय पर सोएं। सोने और सुबह उठने का समय फिक्स करें। सोते समय बैडरूम में शांति और अंधेरा होना चाहिए। रूम में इलेक्ट्रोनिक डिवाइस जैसे टीवी, कंप्यूटर और स्मार्टफोन का इस्तेमाल न करें। सोने जाने से पहले ज्यादा खाना न खाएं, स्मोकिंग न करें और शराब न पिएं। इन सब बातों का ध्यान रख कर आपको नींद आने में मदद मिल सकती है। सवाल लगभग 3 साल पहलेमुझे कई सालों से अनिद्रा की समस्या है। मुझे लगभग रोज रात को नींद नहीं आती है। मुझे थोड़ा तनाव रहता है, मैं इसे कंट्रोल करने की कोशिश करता हूं लेकिन मुझसे नहीं हो पाता है। क्या मेरी प्रॉब्लम ठीक हो सकती है, मुझे इसके लिए कोई मेडिसिन बताएं?जी हां, अनिद्रा को ठीक किया जा सकता है। नींद अपने आप आए तो ज्यादा बेहतर है। तनाव से दूर रहें। अगर आप नींद के लिए कोई दवा लेना चाहते हैं तो न्यूरोलॉजिस्ट से बात करें। वह शुरू में आपको 1 या 2 महीने तक नींद के लिए दवा देंगें। सम्बंधित लेखडॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ नींद नहीं आने पर कौन सी बीमारी होती है?नींद कम आने के साइड इफेक्ट पूरे शरीर पर पड़ते हैं. इसमें पहले आपका स्वास्थ्य खराब होता है. डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हार्ट से जुड़ी बीमारी होने लगती हैं. यह दिक्कत बढ़ती रहती है और अंत में मरीज को ब्रेन स्ट्रोक आ जाता है
तुरंत नींद आने के लिए क्या करें?1- गुनगुने पानी से नहाएं- अगर आपको रात में नींद नहीं आती या फिर गहरी नींद नहीं सोते हैं तो सोने से पहले गुनगुने पानी से नहा लें. इससे आपकी तंत्रिकाओं और मांसपेशियों को आराम मिलेगा. आप काफी रिलेक्स महसूस करेंगे और इससे आपको अच्छी नींद आएगी. रात को नहाने से बॉडी टेपंरेचर कम हो जाका है जिससे नींद जल्दी आती है.
रात को नींद ना आने के क्या कारण हो सकते हैं?नींद ना आने के पीछे सबसे आम वजह तनाव हो सकती है। तनाव होने पर शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है जो कि एक स्ट्रेस हार्मोन है। इसके कारण शरीर आराम की स्थिति में नहीं रह पाता और ब्रेन एक्टिव रहता है जिससे नींद आना मुश्किल हो जाता है। रिसर्च भी बताती हैं कि तनाव को नींद ना आने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है।
रात को नींद न आये तो क्या करना चाहिए?सोने और जागने का समय निर्धारित करें
लगभग हर रोज़ एक ही समय पर सोने और जागने का एक नियमित समय तय करें, इससे आपके शरीर को अच्छी और बेहतर नींद मिलेगी। सोने के लिए ऐसा समय चुनें जब आपको थकान महसूस हो रही हो और आपको आसानी से नींद आ जाये।
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