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मियाँ नसीरुददीन के अनुसार सच्ची तालीम व्यावहारिक प्रशिक्षण है। यदि वे बर्तन माँजना, भट्ठी सुलगाना नहीं सीखते तो वे अच्छे नानबाई नहीं बन पाते। केवल कागजी या जबानी बातों से काम नहीं सीखा जाता है। शिक्षा को अपनाना अधिक महत्वपूर्ण है। Viewing 1 replies (of 1 total) मियाँ नसीरुद्दीन के अनुसार सच्ची तालीम क्या है?मियाँ नसीरुददीन के अनुसार सच्ची तालीम व्यावहारिक प्रशिक्षण है। यदि वे बर्तन माँजना, भट्ठी सुलगाना नहीं सीखते तो वे अच्छे नानबाई नहीं बन पाते। केवल कागजी या जबानी बातों से काम नहीं सीखा जाता है। शिक्षा को अपनाना अधिक महत्वपूर्ण है।
मियाँ नसीरुद्दीन की क्या विशेषता थी?मियाँ नसीरुद्दीन की विशेषतायें...
वह अपने पारंपरिक-पारिवारिक पेशे में बड़े माहिर हैं। उनकी बात करने का अंदाज भी बड़ा ही दिलचस्प और निराला है। यदि उनसे कोई कुछ सवाल पूछता है तो बदले में वो ही सवाल पूछने लगते हैं और किसी भी सवाल का जवाब बड़ा ही घुमा-फिरा कर देते हैं। वह अपने क्षेत्र में खुद को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं।
नसीरुद्दीन के स्वभाव की प्रमुख विशेषता क्या है?खानदानी नानबाई मियाँ नसीरुद्दीन की दुकान पर खड़े हैं। मियाँ मशहूर हैं छप्पन किस्म की रोटियाँ बनाने के लिए। हमें गाहक समझ मियाँ ने नज़र उठाई - ' फ़रमाइए । झिझक से कहा - ' आपसे कुछ एक सवाल पूछने थे - आपको वक्त हो तो...'
मियाँ नसीरुद्दीन की कौन सी विशेषताएं आपको प्रभावित करती हैं?उत्तर:- मियाँ नसीरुद्दीन को नानबाइयों का मसीहा कहा गया है क्योंकि वे साधारण नानबाई नहीं हैं। वे खानदानी नानबाई हैं। अन्य नानबाई केवल रोटी पकाते हैं, पर मियाँ नसीरुद्दीन अपने पेशे को कला मानते है। उनके पास छप्पन प्रकार की रोटियाँ बनाने का हुनर है।
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