मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को मनाया जाता है। 17 नवंबर (नवम्बर), 1999 को यूनेस्को ने इसे स्वीकृति दी। Show इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है कि विश्व में भाषाई एवं सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषिता को बढ़ावा मिले। यूनेस्को द्वारा अन्तरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की घोषणा से बांग्लादेश के भाषा आन्दोलन दिवस (बांग्ला: ভাষা আন্দোলন দিবস / भाषा आन्दोलोन दिबॉश) को अन्तरराष्ट्रीय स्वीकृति मिली, जो बांग्लादेश में सन 1952 से मनाया जाता रहा है। बांग्लादेश में इस दिन एक राष्ट्रीय अवकाश होता है। 2008 को अन्तरराष्ट्रीय भाषा वर्ष घोषित करते हुए, संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने अन्तरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के महत्व को फिर दोहराया है। अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस समय क्रम[संपादित करें]अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्मारक, आशफिल्ड पार्क , सिडनी, ऑस्ट्रेलिया। अनावरण समारोह , १९ फ़रवरी २००६
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
विश्व मातृभाषा दिवस क्यों मनाया जाता है?अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने के पीछे का मकसद है कि दुनियाभर की भाषाओं और सांस्कृतिक का सम्मान हो. विश्व भर में 21 फरवरी को “अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस” मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में अपनी भाषा-संस्कृति (Language culture) के प्रति लोगों में रुझान पैदा करना और जागरुकता फैलाना है.
मातृभाषा दिवस कब मनाया गया?अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) हर साल 21 फरवरी को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत यूनेक्को की ओर से 17 नवंबर 1999 को की गई थी, जो पहली बार वर्ष 2000 में आज के दिन अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रुप में मनाया गया था।
विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को मनाने का क्या उद्देश्य है?अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य है कि विश्वभर की भाषाओं और सांस्कृतिक का सम्मान हो. इस दिन को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य विश्व भर में भाषायी एवं सांस्कृतिक विविधता का प्रचार-प्रसार करना है तथा विश्व में विभिन्न मातृभाषाओं के प्रति लोगों को जागरुक करना है.
मातृभाषा दिवस कैसे बनाएं?21 फरवरी को मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने का संकल्प सर्वप्रथम बांग्लादेश द्वारा किया गया। यूनाइटेड नेशन्स एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गनाइजेशन (यूनेस्को) की आमसभा ने 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने का संकल्प नवंबर 1999 में लिया और यूनाइटेड नेशन्स की आमसभा ने 2002 में इसका स्वागत किया।
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