मिसाइल वुमन ऑफ इंडिया के नाम से किसे जाना जाता है?... Show
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। जैसा कि आप जानते हैं सर्वप्रथम मिसाइल वुमन ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाता है वह हैं टेसी थॉमस इनका जन्म 1963 में हुआ था और यह सब सर्वप्रथम मिसाइल हुमन के नाम से जानी जाती हैं Romanized Version 1 जवाब This Question Also Answers:
Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App!
टेसी थॉमस (जन्म १९६३) भारत की एक प्रक्षेपास्त्र वैज्ञानिक हैं। वे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन में अग्नि चतुर्थ की परियोजना निदेशक एवं एरोनाटिकल सिस्टम्स की महानिदेशक थीं। भारत में प्रक्षेपास्त्र परियोजना का प्रबन्धन करने वाली वे पहली महिला हैं। उन्हें 'भारत की प्रक्षेपास्त्रांगना' कहा जाता है। 48 वर्षीय भारतीय महिला वैज्ञानिक टेसी थॉमस को 1988 से अग्नि प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम से जुड़ने के बाद से ही अग्निपुत्री टेसी थॉमस के नाम से भी जाना जाता है। उनकी अनेक उपलब्धियों में अग्नि-2, अग्नि-3 और अग्नि-4 प्रक्षेपास्त्र की मुख्य टीम का हिस्सा बनना और सफल प्रशीक्षण है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम को अपना प्रेरणा स्रोत माना है।[1] प्रारंभिक जीवन[संपादित करें]टेसी थॉमस का जन्म, अप्रैल १९६३ में केरल के अलप्पुझा प्रांत में,[2] एक सीरियाई ईसाई परिवार [3] में हुआ। जब वे १३ वर्ष की थीं तब उनके पिता को स्ट्रोक पड़ा जिससे पश्चात उनके शरीर के दायाँ भाग में पक्षाघात (लकवा) हो गया। टेसी की माँ, जो कि अध्यापिका थीं, ने इस हादसे के बाद परिवार की देख-भाल के लिये गृहणी बन गयीं। [4][5] उनका बचपन, थुम्बा राॅकेट स्टेशन के निकट बीता और प्रक्षेपास्त्रों में उनकी रुचि वहीं से पैदा हुई। [4][6] टेसी की चार बहनें और एक भाई है जिनमें से दो अभियंता हैं और एक ने प्रबंधन में स्नातकोत्तर कि पढ़ाई की है। उनका कहना है कि उनके माता-पिता ने सभी भाई-बहनों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया और सबको स्वावलंबन सिखाया। [7] शिक्षा[संपादित करें]टेसी ने प्रारंभिक शिक्षा सेंट माइकल हायर सेकेंडरी स्कूल व सेंट जोसेफ गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल में की। स्नातक स्तर की अभियंत्रिकी की पढ़ाई उन्होंने थ्रिसूर के सरकारी अभियंत्रिकी काॅलेज में की। [8] उन्होंने इंस्टिट्यूट अॉफ आरमामेंट टेक्नोलोजी, पुणे से एम॰ टेक किया है और डी आर डी ओ से पी॰ एच॰ डी॰ भी करी है। [4] सेना में महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व का समर्थन[संपादित करें]थॉमस भारतीय सेना में महिलाओं को युद्ध की भूमिका दिए जाने का भी समर्थन करती हैं व कहती हैं कि यदि वह इतनी तत्परता से सेना में भूमिका निभा रही हैं तो वह युद्ध क्षेत्र में भी भूमिका निभा सकती हैं।[1] महिला-प्रधान टीम का संचालन[संपादित करें]थॉमस अग्नि-5 परियोजना की अगुआई कर रही हैं और उनके साथ पांच अन्य महिला वैज्ञानिक भी काम कर रही हैं। डीआरडीओ में प्रक्षेपास्त्र परियोजना से जु़डे 250 वैज्ञानिकों में 20 महिला वैज्ञानिक हैं। थॉमस 2008 में अग्नि प्रणाली की परियोजना निदेशक बनीं। उसी समय उन्हें अग्नि-2 का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई थी। वर्ष 2009 में उन्हें अग्नि-4 की परियोजना निदेशक बनाया गया। आगे की योजना के बारे में उन्होंने कहा, दिल थाम कर अग्नि-5 की प्रतीक्षा कीजिए। उनके निर्देशन में फरवरी 2012 में अग्नि प्रक्षेपास्त्र के सफल प्रक्षेपण के साथ ही भारत अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्रों का विकास करने में सक्षम अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की श्रेणी में शामिल हो चुका है।[1] लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार[संपादित करें]लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार नई दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री प्रबंधन संस्थान द्वारा लोक प्रशासन, शिक्षा और प्रबंधन क्षेत्र में किसी व्यक्ति द्वारा किए गए योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। 2012 में टेसी थॉमस को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयन किया गया था। यह पुरस्कार उन्हें राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया था।[9] अग्निक्षेपणास्त्र[संपादित करें]अग्नि प्रक्षेपास्त्र (संस्कृत: अग्नि), मध्यम से अंतरमहाद्वीपीय दूरी तक मार करने में सक्षम प्रक्षेपास्त्रों का समूह है। जो भारत के एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम द्वारा स्वदेशी तकनीक से विकसित की गईं हैं। भारत, 2008 तक इस प्रक्षेपास्त्र (मिसाइल) समूह के तीन संस्करण प्रक्षेपास्त्र तैनात कर चुका है। नाम रेंज अग्नि-1 मध्यम दूरी का बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र 700 – 1,250 किलोमीटर (परिचालन) अग्नि-2 मध्यवर्ती दूरी का बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र 2,000 – 3,000 किलोमीटर (परिचालन) अग्नि-3 मध्यवर्ती दूरी का बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र 3,500 – 5,000 किलोमीटर (परिचालन) अग्नि-4 मध्यवर्ती दूरी का बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र 3,000 – 4,000 किलोमीटर (परीक्षण) अग्नि-5 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र 5,000 – 8,000 किलोमीटर (परीक्षण) अग्नि-6 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र 8,000 – 10,000 किलोमीटर (विकास के तहत)
मिसाइल वुमन के नाम से कौन जाना जाता है?टेसी थॉमस (जन्म १९६३) भारत की एक प्रक्षेपास्त्र वैज्ञानिक हैं। वे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन में अग्नि चतुर्थ की परियोजना निदेशक एवं एरोनाटिकल सिस्टम्स की महानिदेशक थीं। भारत में प्रक्षेपास्त्र परियोजना का प्रबन्धन करने वाली वे पहली महिला हैं। उन्हें 'भारत की प्रक्षेपास्त्रांगना' कहा जाता है।
भारत के मिसाइल महिला कौन है?टेसी थॉमस 1988 में डीआरडीओ (DRDO) में शामिल हुईं. यहां उन्होंने नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल, अग्नि के डिजाइन और विकास पर काम किया. उन्हें पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने अग्नि परियोजना के लिए नियुक्त किया था.
थॉमस कौन है?टेसी थॉमस वर्ष 1986 में गाइडेड मिसाइल्स में एक संकाय सदस्य के रूप में आईएटी, पुणे में शामिल हुई। वे हैदराबाद में 1988 में वैज्ञानिक 'बी' के रूप में जड़त्वीय नेविगेशन समूह में शामिल हुई। वे अग्नि कार्यक्रम के साथ उसकी विकासात्मक उड़ानों से ही संबंधित हैं।
टेसी थॉमस को अग्नि पुत्री क्यों कहा गया होगा?टेसी थॉमस पहली महिला हैं जो देश के मिसाइल प्रॉजेक्ट की कमान संभाल रही हैं। अप्रैल 1963 में जन्मीं टेसी अग्नि प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम से जुड़ी थीं, जिस कारण उनको 'अग्नि पुत्री' के नाम से पुकारा जाने लगा।
|