मानव नेत्र की फोकस दूरी से क्या तात्पर्य है? - maanav netr kee phokas dooree se kya taatpary hai?

नेत्र की समंजन क्षमता से क्या अभिप्राय है?


नेत्र के लेंस की क्षमता जिसके कारण वह अपनी फोकस दूरी को समायोजित कर लेता है समंजन कहलाती है इसी के कारण नेत्र अल्पतम दूरी और दूर बिंदु को नियोजित कर पाता है सामान्य अवस्था में नेत्र की समंजन क्षमता डायोपेटर होती है।

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मानव नेत्र की सामान्य दृष्टि के लिए दूर बिंदु तथा निकट बिंदु नेत्र से कितनी दूरी पर होते हैं?


किसी वस्तु को आराम से सुस्पष्ट देखने के लिए वस्तु को  नेत्रों से कम से कम 25 सेंटीमीटर दूर रखना होगा एक सामान्य नेत्र  25 सेंटीमीटर से अनंत दूरी तक सभी वस्तुओं को सुस्पष्ट  सकती हैं।

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मानव नेत्र अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी को समायोजित कर के विभिन्न दूरियों पर रखी वस्तुओं को फोकसित कर सकता है ऐसा हो पाने का कारण है-

  • जरा दूरदृष्टिता

  • समंजन

  • निकटदृष्टि

  • निकटदृष्टि

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अंतिम पंक्ति में बैठे किसी विद्यार्थी को श्यामपट्ट पढ़ने में कठिनाई होती है वह विद्यार्थी किस दृष्टि दोष से पीड़ित है उसे किस प्रकार संशोधित किया जा सकता?


विद्यार्थी निकट दृष्टि रोग मायोपिया से पीड़ित है उसे उपयुक्त अवतल लेंस का उपयोग करके संशोधित किया जा सकता है।

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निकट दृष्टि दोष का कोई व्यक्ति 1.2 मीटर से अधिक दूरी पर रखी वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख सकता इस  दोष को दूर करने के लिए प्रयुक्त संशोधन लेंस किस प्रकार का होना चाहिए?


अवतल लेंस या विचलन लेंस का इस्तेमाल निकट दृष्टि दोष  को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है।

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   Jharkhand Board Class 10  Physics  Notes | मानव नेत्र तथा रंग-बिरंगा संसार  

JAC Board Solution For Class 10TH (Science) Physics Chapter 2

1. सामान्य आँख के लिए स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी क्या होती है?

                                                               [JAC 2019(A)]

उत्तर : स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी का मान लगभग 25cm होता है।

2. मानव नेत्र के उस भाग का नाम लिखिए जिस पर किसी वस्तु का

प्रतिबिम्ब बनता है।                                       [JAC 2017(A)]

उत्तर : रेटिना

3. मानव नेत्र में किस प्रकार का लेंस रहता है? [JAC 2018 (A), 2020 (A)]

उत्तर : उत्तल लेंस

4. निकट दृष्टिदोष का कोई व्यक्ति 1.2 m से अधिक दूरी पर रखी वस्तुओं

को सुस्पष्ट नहीं देख सकता। इस दोष को दूर करने के लिए प्रयुक्त

संशोधन लेंस किस प्रकार का होना चाहिए?

उत्तर : अवतल लेंस।

5. मानव नेत्र अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी को समायोजित करके विभिन्न

दूरियों पर रखी वस्तुओं को फोकसित कर सकता है। ये किसके कारण

होता है?

उत्तर : समंजन-शक्ति।

6. स्पष्ट-दृष्टि की न्यूनतम दूरी का मान कितना होता है?

उत्तर : 25 सेमी

7. कक्षा की अंतिम पंक्ति में बैठा छात्र बोर्ड पर लिखी गई विषय-वस्तु को

नहीं पढ़ सकता है। वह छात्र किस दृष्टि-दोष से पीड़ित है?

उत्तर : निकट-दृष्टि दोष से

8. नेत्र-लेंस की फोकस-दूरी कम हो जाने पर कौन-सा दृष्टि-दोष उत्पन्न

होता है?

उत्तर : निकट-दृष्टि दोष

9. दीर्घ-दृष्टि दोष वाली आँख दूर की वस्तु को साफ-साफ देख सकती है

या निकट की वस्तु को?

उत्तर : दूर की वस्तु को

10. नेत्र के किस दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस का उपयोग किया

जाता है?

उत्तर : निकट-दृष्टि दोष को

11. श्वेत प्रकाश के किस वर्ण का तरंगदैर्घ्य न्यूनतम होता है?

उत्तर : बैंगनी

12. श्वेत प्रकाश के किस वर्ण का तरंगदैर्घ्य सर्वाधिक होता है?

उत्तर: लाल

13. श्वेत प्रकाश के उसके अवयवी वर्णों (रंगों) में बँटने की घटना को क्या

कहते हैं?

उत्तर: प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण

14. श्वेत प्रकाश की किरण जब किसी प्रिज्म से होकर गुजरती है तब

कौन-सा वर्ण (रंग) सबसे अधिक विचलित (deviate) होता है?

उत्तर : बैंगनी वर्ण (रंग)

15. क्या कारण है कि आकाश का रंग नीला प्रतीत होता है?

उत्तर : प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण

16. क्या प्रकाश का वर्ण (रंग) प्रकाश के तरंगदैर्घ्य पर निर्भर करता है?

उत्तर : हाँ, निर्भर करता है।

17. किसी कोलॉइडीय विलयन में निलंबित कणों से प्रकाश के प्रकीर्णन को

किस प्रभाव के नाम से जाना जाता है?

उत्तर: टिंडल प्रभाव

18. किसी माध्यम में छोटे कणों के निलंबन को क्या कहा जाता है?

उत्तर : कोलॉइड

19. अधिक तरंगदैर्घ्य के.प्रकाश का प्रिज्म द्वारा उत्पन्न विचलन कम होता है

या अधिक?

उत्तर : विचलन कम होता है।

20. दूर दृष्टिदोष किस प्रकार के लेंस से दूर किया जा सकता है?

उत्तर : उत्तल लेंस।

21. निकट दृष्टिदोष किस प्रकार के लेंस द्वारा दूर किया जाता है?

उत्तर : अवतल लेंस।

22. परितारिका कहाँ होती है?

उत्तर : कॉर्निया के पीछे।

                           2 अंक स्तरीय प्रश्न

1. नेत्र की समंजन क्षमता से क्या अभिप्राय है?  [JAC 2019 (A)]

उत्तर : जब आँख अनन्त पर स्थित किसी वस्तु को देखती है तो नेत्र पर

गिरने वाली समान्तर किरणें नेत्र-लेंस द्वारा रेटिना पर फोकस हो जाती है तथा नेत्र

को वस्तु स्पष्ट दिखायी देती है। उस समय माँसपेशियाँ ढीली पड़ी रहती है तथा

नेत्र-लेंस की फोकस दूरी सबसे अधिक होती है। जब नेत्र किसी समीप की वस्त

को देखता है तो माँसपेशियाँ सिकुड़कर लेंस के तलों की वक्रता-त्रिज्याओं को

छोटी कर देती हैं। इससे नेत्र-लेंस की फोकस-दूरी कम हो जाती है और वस्तु का

स्पष्ट प्रतिबिंब पुनः रेटिना पर बन जाता है। नेत्र की इस प्रकार फोकस दूरी

परिवर्तित करने की क्षमता को समंजन क्षमता कहते हैं।

2. दृष्टि दोष क्या है? यह कितने प्रकार का होता है?

उत्तर : सामान्य नेत्र से स्पष्ट दिखनेवाली वस्तु का स्पष्ट दिखाई नहीं

पड़ना ही दृष्टि दोष कहलाता है। यह चार प्रकार का होता है-दीर्घदृष्टि,

लघुदृष्टि, जरादृष्टि तथा अबिंदुकता।

3. निकट दृष्टिदोष क्या है? इसे दूर करने के लिए हम किस लेंस का

व्यवहार करते हैं?                                    [JAC 2020 (A)]

उत्तर : निकट की वस्तुओं का स्पष्ट दिखना, परंतु दूर की वस्तु का स्पष्ट

नहीं दिखना ही निकट-दृष्टि दोष कहलाता है। इसका निवारण अवतल लेंस के

चश्में से होता है।

मानव नेत्र की फोकस दूरी से क्या तात्पर्य है? - maanav netr kee phokas dooree se kya taatpary hai?

मान लिया कि वस्तु आदर्श दूर-बिंदु F है जबकि वास्तविक दूर-बिंदु F'

है। F पर रखी वस्तु का प्रतिबिंब अवतल लेंस द्वारा F' पर बनाया जाता है। इस

प्रतिबिंब को नेत्र देख लेता है। इस प्रकार F' पर रखी वस्तु दिखने लगती है और

दोष का निवारण हो जाता है।

4. दीर्घ दृष्टिदोष क्या है? इसे दूर करने के लिए हम किस लेंस का व्यवहार

करते हैं?

उत्तर : नेत्र गोलक छोटा होने के कारण आँख का लेंस नजदीक की

वस्तुओं का प्रतिबिम्ब रेटिना के पीछे बनाता है। इसलिए आँख नजदीक की

वस्तुओं को साफ-साफ नहीं देख पाती है, लेकिन दूर की वस्तुओं को साफ-

साफ देख पाती है। इस दृष्टिदोष को दूर-दृष्टिदोष कहा जाता है।

मानव नेत्र की फोकस दूरी से क्या तात्पर्य है? - maanav netr kee phokas dooree se kya taatpary hai?

दूर-दृष्टि दोष का निवारण उत्तल लेंस की मदद से होता है। किरण आरेख

निम्नांकित चित्र में दिखाया गया है।

5. प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण क्या है? सचित्र स्पष्ट करें।

उत्तर : काँच में प्रकाश के विभिन्न वर्गों की चाल भिन्न-भिन्न होती है। इस

कारण उनके लिए काँच का अपवर्तनांक भिन्न-भिन्न होता है। जैसे, लाल की

अपेक्षा बैंगनी वर्ण के प्रकाश की चाल कम होती है जिस कारण अपवर्तनांक

अधिक होता है। चूंकि विभिन्न वर्गों का अपवर्तनांक भिन्न-भिन्न होता है, इसलिए

उनका विलयन भी अलग-अलग होता है और इसीलिए वर्ण-विक्षेपण होता है।

मानव नेत्र की फोकस दूरी से क्या तात्पर्य है? - maanav netr kee phokas dooree se kya taatpary hai?

6. सूर्योदय के समय सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है? [JAC 2014(A)]

उत्तर : दिन में सूर्य का रंग समय के साथ बदलता रहता है। दोपहर में जब

सूर्य सिर पर होता है, तो सूर्य के प्रकाश के द्वारा वायुमंडल से होकर पृथ्वी तक

आने में तय की गई दूरी न्यूनतम होती है। परंतु, सूर्योदय (एवं सूर्यास्त) के

समय सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक आने में अधिक दूरी तय करनी पड़ती है।

प्रकाश को पृथ्वी तक आने के क्रम में वायुमंडल में मौजूद अधिक सूक्ष्म कणों से

होकर गुजरना पड़ता है, जो मुख्य रूप से नीले रंग को प्रकीर्णित कर देते हैं।

अतः, जो बचा हुआ प्रकाश हमारी आँखों तक पहुँचता है उसमें मुख्य रूप से

लाल रंग ही होता है। यही कारण है कि सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य

रक्ताभ प्रतीत होता है।

7. किसी अंतरिक्षयात्री को आकाश नीले की अपेक्षा काला क्यों प्रतीत

होता है?                                                 [JAC 2010 (C)]

उत्तर : जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल से होकर गुजरता है तो वायु में

उपस्थित सूक्ष्म कण लाल की अपेक्षा नीले रंग के प्रकाश को अधिक प्रबलता से

प्रकीर्णित करते हैं। यही प्रकीर्णित नीला प्रकाश हमारे नेत्र में प्रवेश करता है

जिससे आकाश नीला प्रतीत होता है। यदि पृथ्वी पर वायुमंडल नहीं होता तो

प्रकाश का प्रकीर्णन भी नहीं होता और तब आकाश काला प्रतीत होता।

अत्यधिक ऊँचाई पर उड़ते हुए अंतरिक्ष यात्री को आकाश नीले की अपेक्षा

काला इसलिए प्रतीत होता है, क्योंकि इतनी अधिक ऊँचाई पर प्रकीर्णन के लिए

कण उपलब्ध नहीं होते हैं।

8. रेलवे के सिग्नल का प्रकाश लाल रंग का ही क्यों होता है?

उत्तर : रात में खतरे का सिग्नल देने के लिए लाल प्रकाश का प्रयोग

किया जाता है। इसका कारण है कि लाल प्रकाश का प्रकीर्णन बहुत कम होता है,

अतः सिग्नल बहुत दूर से दिखाई दे जाता है। यही कारण है कि रेलगाड़ी को

रोकने वाली झण्डी, क्रिकेट की गेंद, अस्पताल की गाड़ी पर बना क्रॉस का चिह्न

लाल रंग के होते हैं।

9. व्याख्या कीजिए कि ग्रह क्यों नहीं टिमटिमाते।          [JAC 2017(A)]

उत्तर : ग्रह, पृथ्वी से काफी निकट हैं। अतः, ग्रहों को प्रकाश का एक

विस्तृत स्रोत माना जा सकता है जो अनेक बिंदु-आकार के प्रकाश-स्रोतों के

समूह हैं। इन सभी बिंदु-आकार के प्रकाश स्रोतों से हमारे नेत्र पर आनेवाले

प्रकाश के कुल परिमाण का औसत मान शून्य होता है। यही कारण है कि ग्रह

टिमटिमाते हुए नहीं दिखाई पड़ते हैं।

10. तारे क्यों टिमटिमाते हैं?

उत्तर : ताप-परिवर्तन के कारण पृथ्वी के समीप वायु में सर्वहन धाराएँ

उत्पन्न होती रहती हैं। इन धाराओं के कारण वायमंडल की विभिन्न परतों का

घनत्व तथा उसके फलस्वरूप अपवर्तनांक प्रति क्षण बदलता रहता है। अतः

जब रात्रि में तारों से चलने वाला प्रकाश वायुमंडल में से होकर जाता है तो

अपवर्तित किरणें अपना मार्ग बदलती रहती हैं, अर्थात् कभी कम और कभी

अधिक मुड़ जाती हैं। इस प्रकार एक निश्चित स्थिति में खड़े मनुष्य की आँख में

प्रवेश करने वाली किरणों की संख्या कभी अधिक तथा कभी कम होती रहती है।

अधिक किरणों के प्रवेश करने पर तारा अधिक चमकदार तथा कम किरणों के

प्रवेश करने कम चमकदार दिखता है और टिमटिमाता हुआ प्रतीत होता है।

11. जब हम नेत्र से किसी वस्तु की दूरी को बढ़ा देते हैं तो नेत्र में प्रतिबिंब

दूरी का क्या होता है?

उत्तर : प्रतिबिम्ब दूरी अपरिवर्तित रहता है क्योंकि वस्तु दूरी बढ़ाने पर नेत्र

लेंस की फोकस दूरी अपने-आप समायोजित हो जाती है जिसके फलस्वरूप उस

वस्तु का प्रतिबिम्ब रेटिना पर स्पष्ट बन जाता है।

12. सामान्य नेत्र 25 cm से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट क्यों नहीं देख पाते?

उत्तर : अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी एक निश्चित न्यूनतम सीमा से कम

नहीं हो सकती। इसे कम करने के प्रयास से आँखों पर तनाव बढ़ता है और वस्तु

धुँधली दिखाई देती है। इसलिए सामान्य नेत्र 25 cm से निकट रखी वस्तुओं को

सुस्पष्ट नहीं देख पाते।

13. अंतिम पंक्ति में बैठे किसी विद्यार्थी को श्यामपट्ट पढ़ने में कठिनाई होती

है। वह विद्यार्थी किस दृष्टिरोग से पीड़ित है? इसे किस प्रकार संशोधित

किया जा सकता है?

उत्तर : अंतिम पंक्ति में बैठे विद्यार्थी को निकट-दृष्टि दोष है। इस रोग से

ग्रसित विद्यार्थी को इस दोष के संशोधन के लिए अवतल (या अपसारी) लेंस का

व्यवहार करना होगा। अर्थात, उसे ऐसे चश्मे की आवश्यकता है जिसमें अवतल

लेंस लगा हो।

14. प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण क्या है? स्पेक्ट्रम कैसे बनता है?

उत्तर : जब सूर्य के प्रकाश की संकीर्ण प्रकाश-पुंज को प्रिज्म के एक

फलक पर डाला जाता है, तो प्रिज्म के दूसरे पटल या फलक से निर्गत प्रकाश

सात रंगों में विभाजित हो जाता है तथा इसे पर्दे पर लेने पर सात रंगों की एक

पट्टी प्राप्त होती है। प्रकाश का इस प्रकार सात रंगों में विभाजित होना प्रकाश

विक्षेपण या वर्ण-विक्षेपण कहलाता है।

प्रकाश के विक्षेपण के दौरान पर्दे पर प्राप्त विशेष क्रम में सात रंगों की पट्टी

को स्पेक्ट्रम कहते हैं, जिसका अर्थ है रंगों का मिश्रण।

15. स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी किसे कहते हैं?

उत्तर : वह निकटतम बिन्दु जिसे आँख अपनी अधिकतम समंजन क्षमता

लगाकर स्पष्ट देख सकती है, आँख का निकट-बिंदु कहलाता है तथा आँख से

इस बिंदु की दूरी स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी कहलाती है। स्वस्थ आँख के लिए

यह दूरी 25 सेमी होती है।

16. स्वच्छ आकाश का रंग नीला होता है, क्यों?         [JAC 2019(A)]

उत्तर : वायुमंडल में वायु के कण बहुत छोटे आकार के होते हैं। वे दृश्य

प्रकाश की तरंगदैर्ध्य की अपेक्षा नीले रंग की तरंग के कम तरंगदैर्ध्य के प्रकाश

को प्रकीर्णित करते हैं जिस कारण साफ आकाश का रंग नीला प्रतीत होता है।

17. खतरे का निशान लाल होता है, क्यों?              [JAC 2020 (A)]

उत्तर : लाल रंग प्रकाश विक्षेपण में सबसे कम झुकता है। लाल वर्ण का

बैंड स्पेक्ट्रम के रूप में हमारी आँख में स्पष्टपूर्वक दिखाई देती है। अतः खतरे

का निशान लाल होता है ताकि दूर से भी दिखाई दे।

18. जरा दूर-दृष्टिता से क्या तात्पर्य है? इसका निवारण कैसे करते हैं?

उत्तर : कुछ व्यक्तियों में निकट-दृष्टि व दूर-दृष्टि दोनों दोष एक साथ

होते हैं, इसे जरा दूर-दृष्टिता कहते हैं। ऐसे व्यक्ति द्विफोकसी लेंस का प्रयोग

करते हैं, जिसका ऊपर भाग अवतल व नीचे का भाग उत्तल लेंस की तरह कार्य

करता है। ऊपरी भाग दूर की वस्तुओं को देखने के लिए तथा निचला भाग

समीप की वस्तुओं को देखने के लिए काम आता है।

19. निकट दृष्टिदोष का कोई व्यक्ति 1.2 m से अधिक दूरी पर रखी वस्तुओं

को सुस्पष्ट नहीं देख सकता। इस दोष को दूर करने के लिए प्रयुक्त

संशोधक लेंस किस प्रकार का होना चाहिए?

उत्तर : निकट दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्ति को संशोधक लेंस के रूप में

अवतल लेंस का उपयोग करना चाहिए। यहाँ माना कि दूर बिन्दु x =1.2 m

दूर स्थित वस्तुओं को देखने के लिए संशोधक लेंक का फोकस दूरी

f=–x=–1.2 m होना चाहिए।

अतः लेंस की क्षमता (P) =1/f = 1/–1.2×100 = –0.83 D.

अतः –0.83 D वाले अवतल लेंस का उपयोग करना चाहिए।

                                      ■■

मानव नेत्र लेंस की फोकस दूरी से क्या तात्पर्य है?

उपयुक्त क्षमता का अवतल लेंस वस्तु के प्रतिबिंब को वापस दृष्टिपटल (रेटिना) पर ले आता है, तथा इस प्रकार इस दोष का संशोधन हो जाता है। चित्र 11.3 (a), (b) दीर्घ दृष्टि दोषयुक्त नेत्र, तथा (c) दीर्घ- दृष्टि दोष का संशोधन 210 Page 5 (उत्तल लेंस) का उपयोग करके संशोधित किया जा सकता है ।

मानव नेत्र से क्या तात्पर्य है?

मानव नेत्र शरीर का वह अंग है जो विभिन्न उद्देश्यों से प्रकाश के प्रति क्रिया करता है। आँख वह इंद्रिय है जिसकी सहायता से देखते हैं। मानव नेत्र लगभग १ करोड़ रंगों में अन्तर कर सकता है। नेत्र शरीर की प्रमुख ज्ञानेंद्रिय हैं जिससे रूप-रंग का दर्शन होता है।

मनुष्य की फोकस दूरी कितनी होती है?

किसी प्रकाशीय वस्तु (जैसे दर्पण, लेंस आदि) की फोकस दूरी (फोकल लेन्थ) वह दूरी है जहाँ इस पर पड़ने वाली समान्तर रेखीय प्रकाश किरणें आकर मिलती हैं। फोकस दूरी, किसी प्रकाशीय तन्त्र के प्रकाश को मोड़ने की क्षमता की परिचायक है।

फोकस दूरी का व्युत्क्रम क्या कहलाता है?

फोकस दूरी के व्युत्क्रम को लेंस की कहते हैं।