हाइलाइट्स Show वास्तु के अनुसार, मेहंदी के पौधे में होता है नकारात्मक शक्तियों का वास.घर पर मेहंदी का पौधा होने से नकारात्मक ऊर्जा का होता है प्रवाह.मेहंदी समेत घर पर कपास और बबूल जैसे पौधे को लगाना होता है अशुभ.Vastu Tips For Mehendi Plant: घर को आकर्षक दिखने और हरियाली के लिए आमतौर पर सभी लोग पेड़-पौधे लगाते हैं. इनमें कुछ इनडोर प्लांट्स होते हैं, जो कि घर के भीतर लगाए जाते हैं तो वहीं कुछ आउटडोर प्लांट्स होते हैं, जो घर के बाहर जैसे बालकनी या आंगन आदि में लगाए जाते हैं. पेड़-पौधे लगाने से घर सुंदर तो दिखता है, लेकिन इसके साथ ही वातावरण भी शुद्ध होता है और हरियाली होती है. वास्तु के अनुसार, सभी पेड़-पौधों को शुभ नहीं माना गया है. बात करें मेहंदी के पौधे की तो वास्तु में मेहंदी के पौधे के बारे में भी बताया गया है. दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं घर पर मेहंदी का पौधा लगाना चाहिए या नहीं. घर के लिए मेहंदी का पौधा शुभ होता है या अशुभ. मेहंदी का इस्तेमाल कई तीज-त्योहार जैसे मौके पर शुभ माना गया है. करवाचौथ, हरतालिका तीज और वट सावित्री जैसे कई पर्व में मेंहदी लगाना शुभ होता है. सुहागन स्त्री को सुहाग के सामान में मेहंदी भी दी जाती है. पूजा-पाठ, तीज-त्योहार और कई उत्सव में भी मेहंदी का विशेष महत्व होता है, लेकिन क्या मेहंदी के पौधे को घर पर लगाना चाहिए? मेहंदी के पौधे को लेकर क्या कहता है वास्तु ये भी पढ़ें: Home Vastu Tips: कैसे होने चाहिए नए घर के मुख्यद्वार? जानें क्या कहता है वास्तुशास्त्र ये भी पढ़ें: क्या आप भी घर पर रखते हैं ताजमहल, जानें वास्तु के अनुसार शुभ-अशुभ परिणाम मेहंदी के साथ इन पौधों को भी माना जाता है अशुभ ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Dharma Aastha, Religious, Vastu tips FIRST PUBLISHED : August 25, 2022, 03:55 IST 1.रात को मेंहदी के पत्तों को पीसकर पानी में भिगों लें और सुबह खाली पेट छानकर 200 ग्राम के लगभग पिएं इससे आपको सिर दर्द और माइग्रेन में आराम मिलेगा। 2.मेंहदी के पेड़ की छाल को पीसकर इसका काढ़ा बना लें और नियमित रूप से एक महीने तक इसका सेवन करें इससे चर्म रोग कि समस्या नहीं रहेगी। 3.मेंहदी के पत्तों को पीसकर पानी में उबाल लें और फिर छानकर पीएं इससे आपकी गुर्दे की समस्या का निवारण होता है। 4.हाई ब्लड प्रेशर के कारण परेशान हैं तो मेंहदी के पत्ते एक अच्छा उपाय सिद्ध हो सकते हैं इससे बचाव के लिए मेंहदी के पत्तों को पीसकर पैरों के तलवों पर लगाने से आराम मिलेगा। 5.चोट लगने या जल जाने पर मेंहदी की पत्तियां पीसकर घाव पर लगाने से आपको जल्दी ही राहत मिलती है। इससे ठंडक मिलती है और जलन शांत होती है। 6.मेंहदी में ऐसे गुण मिलते हैं जिनके कारण पेट में होने वाली बीमारी में भी राहत मिलती है इससे पीलिया की बीमारी से ग्रस्त लोगों को फायदा पहुँचता है। 7.आर्युवेद में भी बताया गया है कि मेंहदी को कई तरीके से इस्तेमाल करने पर पेट की बीमारियों में बिना किसी साइड इफेक्ट के आराम पाया जा सकता है। 8.मिर्गी के रोगियों को दो कप दूध में एक चौथाई कप मेंहदी के पत्तों का रस मिलाकर पीना चाहिए इससे अधिक से अधिक लाभ मिलता है। 9.मुंह के छालों में मेंहदी लाभ दिलाती है इसके लिए 50 ग्राम मेंहदी को दो गिलास पानी में भिगो लें और उस पानी से कुल्ले करें या फिर मेंहदी के पत्तों को चबा कर खाएं इससे मुंह के छाले दूर होते हैं। 10.जिन लोगों को पैरों में जलन रहती हैं या पैरों कि हड्डियों में दर्द या थकान रहती है उन्हे मेंहदी के पत्तों को पीसकर पैरों में लगाना चाहिए जल्दी ही इसका लाभ मिलता है। वानस्पतिक नाम : Lawsonia inermis Linn. (लासोनिआ इनर्मिस) Syn-Lawsonia alba Lam. Lawsonia speciosa Linn. कुल : Lythraceae (लाइथेसी) अंग्रेज़ी नाम : Henna (हेना) संस्कृत-मदयन्तिका, मेदिका, नखरंजका, नखरंजनी, रंजका, राजगर्भा, सुगन्धपुष्पा, रागाङ्गी; हिन्दी-मेंहदी, हिता; उर्दू-मेंहदी (Mehendi); उड़िया-मेंहदी (Mehendi), मेंदी (Mendi); कन्नड़-माञ्ज (Maanj), मोञ्ज (Monj); गुजराती-पनवार मेंदी (Panwar mendi), मेंदी (Mendi); तमिल-ऐवणम् (Aivanam); तैलुगु-कोम्मि (Kommi); बंगाली-मेंहदी (Mehendi), शुदी (Shudi); पंजाबी-हिन्ना (Hinna), मेंहदी (Mehndi); मराठी-मेंदी (Mendi), पनवार (Panwar); मलयालम-मैइलाञ्जि (Mayilanji), मललान्धी (Mallandhi); मणिपुरी-हेना पम्बी (Hena pambi)। अंग्रेजी-एमफायर (Amphire), समफीर (Samphire) इजिप्शियन प्रिवेट (Egyptian privet); अरबी-हिन्ना (Hinna), अलहेना (Alhenna); फारसी-हिना (Hinna), पन्ना (Panna)। परिचय मेंहदी की पत्तियों का प्रयोग रंजक द्रव्य के रूप में किया जाता है तथा इसकी सदाबहार झाड़ियां बाड़ के रूप में लगाई जाती हैं। यह समस्त भारत में मुख्यत पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान के शुष्क पर्णपाती वनों में पाई जाती है। स्त्रियों के शृंगार प्रसाधनों में विशिष्ट स्थान प्राप्त होने के कारण, मेंहदी बहुत लोकप्रिय है। मेंहदी की पत्तियों को सुखाकर बनाया हुआ महीन पाउडर बाजारों में पंसारियों के यहां तथा अन्य विक्रेताओं के यहां आकर्षक पैक में बिकता है। आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव मेंहदी कफ-पित्तशामक, कुष्ठघ्न तथा ज्वरघ्न होती है तथा दाह, कामला, रक्तातिसार आदि का शमन करती है। इसका लेप वेदना-स्थापन, शोथहर, स्तम्भन, केश्य, वर्ण्य, दाह-प्रशमन, कुष्ठघ्न, व्रणशोधक और व्रणरोपक है। इसकी मूल स्तम्भक, शोधक, मूत्रल, गर्भस्रावक, आर्तववर्धक तथा केश्य होती है। इसके पत्र स्तम्भक, प्रशीतक, शोथघ्न, मूत्रल, वामक, कफनिसारक, विबन्धकारक, शोधक, यकृत् को बल प्रदान करने वाले, ज्वरघ्न, केश्य, रक्तवर्धक, स्तम्भक तथा वेदनाशामक होते हैं। इसके पुष्प हृद्य, प्रशीतक, बलकारक तथा स्वापक (निद्राजनक) होते हैं। इसके बीज ज्वरघ्न, विबन्धकारक तथा प्रज्ञावर्धक होते हैं। औषधीय प्रयोग मात्रा एवं विधि
नोट :मेंहदी की छाल कामला में भी बहुत लाभकारी है।
प्रयोज्याङ्ग :मूल, पत्र, पुष्प, बीज तथा त्वक्। मात्रा :स्वरस 5-10 मिली, बीजचूर्ण 1-3 ग्राम या चिकित्सक के परामर्शानुसार। और पढ़ें – गुर्दे की पथरी निकालने के घरेलू उपाय मेहंदी के पत्ते क्या काम आते हैं?मेंहदी केवल हाथों की शोभा ही नहीं बढ़ाती है बल्कि इसके पत्ते शरीर को ज़बरदस्त स्वास्थ्य लाभ भी देते हैं। मेंहदी से तो व्यक्ति को कई प्रकार कि बीमारियों से राहत मिलती है और शरीर स्वस्थ भी रहता है। मेंहदी का प्रयोग विशेष रूप से औषधि के तौर पर किया जाता है। इससे कई प्रकार के त्वचा रोग, हड्डी रोग में आराम मिलता है।
क्या मेहंदी का पौधा घर में लगाना चाहिए?माना जाता है कि मेहंदी के पौधे में नकारात्मक शक्तियों का वास होता है. मेहंदी का पौधा जिस स्थान पर लगा होता है, वहां नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होने लगता है. वास्तु के अनुसार, नकारात्मक ऊर्जा घर की सुख-शांति और तरक्की में बाधा उत्पन्न करती है, इसलिए भूलकर भी मेहंदी के पौधे को घर पर न लगाएं.
मेहंदी के बीज का उपयोग कैसे करें?रक्तातिसार-मेंहदी के बीजों को बारीक पीसकर, घी मिलाकर 500 मिग्रा की गोलियाँ बना लें। इन गोलियों को प्रात सायं जल के साथ सेवन करने से रक्तातिसार में लाभ होता है। कामला-5 ग्राम मेंहदी के पत्ते लेकर रात्रि को मिट्टी के बरतन में भिगो दें और प्रात काल इन पत्तियों को मसलकर तथा छानकर रोगी को पिला दें।
मेहंदी के पत्ते बालों में कैसे लगाएं?इसे बनाने के लिए मेहंदी के पत्ते को उबालें और इसमें मेहंदी पाउडर मिलाएं। अब बालों में इसे लगाकर कुछ समय के लिए छोड़ दें। 1 घंटे बाद शैम्पू से बालों को धो लें।
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