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शाहंशाह अकबर को कौन सिखाएगा? पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर प्रश्ना 1. उत्तर: बादशाह अकबर की सादगी इसमें देख सकते हैं। बादशाह होने पर भी वे कुछ न कुछ सीखना चाहते हैं। ज्ञान पाने की आकांक्षा हम इसमें देख सकते हैं। प्रश्ना 2. उत्तर: बीरबल समझता था कि हर एक व्यक्ति में कुछ न कुछ हुनर है। मानव अपने आसपास के लोगों से कुछ न कुछ सीख सकता है। बीरबल बादशाह अकबर को ये बातें समझाना चाहता था। प्रश्ना 3. उत्तर: इसका मतलब है कि मानव मृत्युपर्यंत कुछ न कुछ सीखता रहता है। मानव का ज्ञान कभी संपूर्ण नहीं होता। हमेशा उसे कुछ सीखने को बाकी रहता है। प्रश्ना 4. उत्तर: यह बूढ़ी महिला माताओं की प्रतिनिधि हैं। माँ ही सबकी पहली और श्रेष्ठ गुरु हैं। शाहंशाह अकबर को कौन सिखाएगा? Textbook Activitiesकहानी पढ़ी। प्रश्ना 1. उत्तर: इसमें मुख्य तीन पात्र हैं- बादशाह अकबर, बीरबल और बूढ़ी महिला। बादशाह की वेशभूषा राजकीय हैं। राजसी कुर्ता और पाइजामा। सिर पर राजसी पगडी। तलवार कमर पर टाँग रही है। आभूषण पहने हैं। बीरबल ने विद्वानों के समान वेश धारण किया है। बूढ़ी महिला ने सलवार पाजामा पहन रखी है। प्रश्ना 2. उत्तर: इस कहानी के मुख्य दो प्रसंग हैं- पहला; राजदरबार में बादशाह विद्वानों को देख रहे हैं। दूसरा प्रसंग में बीरबल समाज के विभिन्न तबकों के लोगों को दरबार में उपस्थित करते हैं। प्रश्ना 3. उत्तर: प्रश्ना 4. उत्तर: बादशाह : बीरबल, इन सबका क्या मतलब है? मेरा महल राज्य की आधी जनता से भर दिया? बीरबल : माफ़ी चाहता हूँ, जहाँपनाह। मैंने तो आपके आदेशों का पालन किया है। बादशाह : तो ये सब? बीरबल : हुजूर, गुस्ताखी माफ़ हो। बादशाह : फ़रमाइए। बीरबल : यहाँ मौजूद हर व्यक्ति में कुछ न कुछ हुनर हैं जो दूसरों को कुछ सिखा भी सकते हैं। प्रश्ना 5. उत्तर: बादशाह अकबर को कौन सिखाएगा? (एकांकी) पात्र: अकबर : आयु 45 साल। राजकीय पोशाक। बीरबल : आयु 45 साल। धोती, कुर्ता, पगड़ी। 3-4 विद्वान : आयु 50-60, धोती, कुर्ता, पगड़ी। किसान : 50 वर्ष की आयु, धोती और बनीयान। लिपिक : 40 वर्ष की आयु, धोती और कुर्ता। महिला : 80 साल की आयु, सलवार । [बादशाह अकबर का दरबार । सम्राट अकबर सिंहासन पर तशरीफ़ रखे हैं। बीरबल और कुछ अन्य विद्वान दरबार में चर्चा में मग्न हैं।] अकबर : (बीरबल की ओर मुड़कर) बीरबल, मैं बहुत चतुर नहीं हूँ। बहुत सी ऐसी चीजें हैं जिनके बारे में मैं नहीं जानता। मैं हर चीज़ को सीखना चाहता हूँ। कल से मेरी पढ़ाई शुरू हो, इसका इंतज़ाम करो। बीरबल : जहाँपनाह, जैसे आपका हुक्म। (पर्दा गिरता है) [अकबर का दरबार बच्चे, बुजुर्ग, गृहणियाँ, धोबिनें, किसान, कचरा बीननेवाले, दुकानदार, लिपिक, विद्वान आदि से भरा है। बीरबल दरवाज़े पर खड़े हैं। बादशाह दरबार में आते हैं। सब लोग झुककर बादशाह को प्रणाम करते हैं। दरबार की भरी भीड़ को देखकर बादशाह क्रोधित हो जाते हैं।] अकबर : बीरबल, इन सबका क्या मतलब? मैंने तुमसे ऐसे लोगों को लाने के लिए कहा था जो मुझे कुछ सिखा सकें। और तुमने मेरा महल राज्य की आधी जनता से भर दिया? अब जवाब दो। बीरबल : (शांत भाव से) माफ़ी चाहता हूँ, जहाँपनाह। मैंने तो बस आपके आदेशों का पालन किया है। गुस्ताखी माफ़ हो, पर क्या जहाँपनाह, रेत में घंटों खेलकर अपना मनोरंजन करना जानते हैं? अकबर : (बौखलाते हुए) नहीं! पर इससे क्या? बीरबल : क्या आप किसी गरीब आदमी की आमदनी में घर चला सकते हैं? या क्या आप जानते हैं कि कपड़ों से दाग कैसे हटाया जाता है? अकबर : (शांति से) कतई नहीं। बीरबल : क्या आप जानते हैं कि बुवाई कब होती है? फसल को पानी कब देना है? या कचरे से उपयोगी चीज़ों को कैसे छाँटना है? या कहाँ हरे-भरे चराहगाह हैं? हमारी फ़सलों को बढ़िया दाम कहाँ मिलेगा? या किसी शब्द को इतनी खूबसूरती से कैसे लिखें कि वह चित्र जैसा लगे? अकबर : (गुस्से से) नहीं, नहीं, नहीं। हज़ार बार नहीं। बीरबल : (शांति से) तब जहाँपनाह, इस दरबार में मौजूद हर शख्स को कुछ न कुछ हुनर है, कुछ ज्ञान है, दिल या दिमाग की कोई खासियत है। तो सभी शिक्षक भी हैं और विद्यार्थी भी। अकबर : (हँसते हुए) तब तो तुम भी एक विद्यार्थी हो बीरबल? हा… हा… हा… मैं तो सोचता था कि तुम्हें कोई कुछ नहीं सिखा सकता। बीरबल : बात इससे उलट है जहाँपनाह, मैं तो हमेशा ही सीखता हूँ। [बीरबल भीड़ के बीच से एक बूढ़ी महिला का हाथ थामकर धीरे से अकबर के सामने आते हैं।] बीरबल : हुजूर, ये मेरे पहले और श्रेष्ठ गुरुओं में से एक हैं। (बूढ़ी महिला शाहंशाह को सलाम करती है।) महिला : हुजूर, बुद्धिमान व्यक्ति जानते हैं कि सब कुछ सीख जाना संभव नहीं है। लेकिन सबको यह सीखना चाहिए कि अच्छा इंसान कैसे बन जा सकता है।’ (अकबर बूढ़ी महिला के सामने अदब से झुकते हुए बीरबल से) . अकबर : तुम सच में भाग्यशाली हो जो तुम्हें इतनी समझदार गुरु मिली। शाहंशाह अकबर को कौन सिखाएगा? मेरी रचना में 1. उचित चौकोर में ✓ लगाएँ। 2. रंगमंच: 3. पात्र: 4. कथोपकथन: भाषा स्वाभाविक है। इन वाक्यों पर ध्यान दें: हर शख्स आपको कुछ न कुछ सिखा सकता है। हरेक ऐसा कुछ जानता है। क्या आप जानते हैं? प्रश्ना 1. उत्तर: शाहंशाह अकबर को कौन सिखाएगा? पोल खुल गया…! प्रश्ना 1. उत्तर: शाहंशाह अकबर को कौन सिखाएगा? Summary in Malayalam and Translation→ शाहंशाह अकबर गंभीर ……………. इतजाम करो । → अगली सुबह जब ……………………… लोग थे । → इन सब का क्या अब जवाब दो । → माफ़ी चाहता हूँ करना जानते है । → नही पर उससे ने जवाब दिया । → क्या जहाँपनाह यह होकर चिल्लाए । → तब जहाँपनाह ओर विदुयत्रि भी । → शाहंशाह समझा नही सिखा सकता । → बात इससे उलट गुरुओं में से है । → बृटी महिला ने बन जा सकता है । → शाहंशाह बूटी मालिमा समजदार गुरु मिलीं । शाहंशाह अकबर को कौन सिखाएगा? शब्दार्थ Word meanings बीरबल समाज के विभिन्न प्रकार लाया कारण क्या होगा के लोगों को दरबार में बुला?जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर (उर्दू: جلال الدین محمد اکبر) (१५ अक्तूबर, १५४२-२७ अक्तूबर, १६०५) तैमूरी वंशावली के मुगल वंश का तीसरा शासक था। अकबर को अकबर-ऐ-आज़म (अर्थात अकबर महान), शहंशाह अकबर, महाबली शहंशाह के नाम से भी जाना जाता है।
बीरबल अकबर के दरबार में किन किनको लाए?धोती, कुर्ता, पगड़ी।
हमेशा ही सीखता हूँ इसका क्या मतलब है?यह प्रशिक्षण में हमेशा ही उपयोगी नहीं हो सकता है।
शहंशाह दरबार में प्रवेश किया तो उन्हें क्यों गुस्सा आया?बादशाह ने कहा कि मुझे निडर लोग पसंद हैं, तुम मेरे दरबार में आना और मुझे यह अंगूठी दिखाना, मैं तुम्हें पहचान लूंगा। बादशहा बोले,'अब तुम मुझे बताओ कि मैं किस रास्ते पर चलूं ताकि मैं आगरा पहुँच जाऊं...
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