लक्ष्मण ने परशुराम से यह क्यों कहा था कि उन्हें गाली देना शोभा नहीं देता था? Show गाली तो असभ्य, मूर्ख और शक्तिहीन लोग दिया करते हैं। परशुराम वीर, धैर्यवान और क्षोभरहित थे। यदि उन्हें क्रोध आया था तो वे अपने अस्त्र-शस्त्रों के प्रयोग से उसे प्रकट कर सकते थे न कि गाली देकर असभ्य बनने से, क्योंकि शूरवीर युद्ध भूमि में अपनी वीरता दिखाते हैं। 247 Views भाव
स्पष्ट कीजिये- लक्ष्मण ने परशुराम के अभिमानपूर्ण स्वभाव पर व्यंग्य किया है। वीर वह होता है जो वीरता का प्रदर्शन करे न कि व्यर्थ में डींगें हांके। जब परशुराम ने यह कहा था कि उन्होंने अपनी भुजाओं के बल से कई बार पृथ्वी के क्षत्रिय राजाओं को मिटा कर उनके राज्य ब्राह्मणों को दे दिए थे और उन्होंने सहस्रबाहु की भुजाओं को काट डाला था तो लक्ष्मण ने मुस्करा कर कहा था कि मुनीश्वर तो अपने आप को बहुत बड़ा योद्धा समझते थे और बार -बार कुल्हाड़ी दिखा कर डराना चाहते थे। वे तो फूंक मार कर पहाड़ उड़ाने का कार्य करना चाहते थे। भाव है कि राम और लक्ष्मण ऐसे क्षत्रिय वीर नहीं थे जो सरलता और सहजता से परशुराम से हार जाते। 340 Views परशुराम के क्रोध करने पर राम और लक्ष्मण की जो प्रतिक्रियाएँ हुई उनके आधार पर दोनों के स्वभाव की विशेषताएं अपने शब्दों में लिखिए। राम और लक्ष्मण दोनों एक ही पिता की संतान थे। उन्होंने एक ही गुरु से शिक्षा पाई थी और एक-से वातावरण में ही रहे थे पर दोनों के स्वभाव में बहुत बड़ा अंतर था। राम स्वभाव से शांत थे पर लक्ष्मण उग्र स्वभाव के थे। धनुष टूट जाने पर राम ने शांत भाव से परशुराम से कहा था कि धनुष तोड़ने वाला कोई उनका दास ही होगा पर लक्ष्मण ने उन्हें मनचाही जली-कटी सुनाई थी। राम ने उनके क्रोध को शांत करने का प्रयास किया तो लक्ष्मण ने अपनी व्यंग्यपूर्ण वाणी से उकसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। परशुराम के क्रोध करने पर-राम शांत भाव से बैठे रहे थे पर लक्ष्मण उन पर व्यंग्य करते हुए उन्हें उकसाते रहे थे। राम ऋषि-मुनियों का आदर-मान करने वाले थे पर लक्ष्मण का स्वभाव ऐसा नहीं था। लक्ष्मण की वाणी तो परशुराम रूपी यज्ञ की अग्नि में आहुति के समान थी तो राम की वाणी शीतल जल के समान उस अग्नि को शांत करने वाली थी। 612 Views परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए? सीता-स्वयंवर के अवसर पर श्री राम ने शिव जी के धनुष को तोड़ दिया था जिस कारण परशुराम अत्यंत क्रोधित हो गए थे। तब लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के कारण बताते हुए कहा था कि वह धनुष नहीं था बल्कि धनुही थी। वह बहुत पुराना था और राम के द्वारा छूते ही वह टूट गया था। इसमें राम का कोई दोष नहीं था। 1333 Views परशुराम ने अपने विषय में सभा में क्या-क्या कहा, निम्न पद्यांश के आधार पर लिखिए- परशुराम ने अपने विषय में कहा था कि वे बाल ब्रह्मचारी थे। वे स्वभाव के अति क्रोधी थे। सारा संसार जानता था कि वे क्षत्रिय वंश के प्रति द्रोही थे। उन्होंने पृथ्वी से क्षत्रिय राजाओं को समाप्त कर देने की प्रतिज्ञा कर रखी थी। उन्होंने न जाने कितनी बार अपने बाहुबल से इस पृथ्वी के क्षत्रिय राजाओं का वध कर ब्राहमणों को उनके राज्य सौंप दिए थे। वह तो सहस्रबाहु जैसे अपार बलशाली की भुजाओं की काट देने वाले पराक्रमी वीर थे। उन्होंने अपने फरसे से लक्ष्मण को डराने के लिए कहा था कि अरे राजा के बालक! तू मेरे द्वारा मारा जाएगा। क्यों अपने माता-पिता को चिंता में डालता है। वे मानते थे कि उनका फरसा बड़ा भयानक था जो गर्भ मे ही बच्चों का नाश कर देने वाला था। गुस्सा आने पर वे छोटे-बड़े में कोई अंतर नहीं करते थे और किसी का भी वध कर देते थे। 537 Views लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताई? लक्ष्मण ने किसी भी वीर योद्धा की विशेषताओं के बारे में कहा था कि वे व्यर्थ ही अपनी वीरता की डींगें नहीं हाँकते बल्कि युद्ध भूमि में युद्ध करते हैं। अपने अस्त्र--शस्त्रों से वीरता के जोहर दिखाते हैं। शत्रु को सामने पाकर जो अपने प्रताप की बातें करते हैं, वे तो कायर होते हैं। 861 Views लक्ष्मण जी ने परशुराम से क्या कहा?लक्ष्मण ने व्यंग्य करते हुए परशुराम से कहा था कि उन्हें जो चाहे कह देना चाहिए। क्रोध रोक कर असहय दुःख नहीं सहना चाहिए। परशुराम तो मानो काल को हाँक लगा कर बार-बार बुलाते थे। भला इस संसार में कौन ऐसा था जा उनके शील को नहीं जानता था।
लक्ष्मण ने क्या क्या कहकर परशुराम पर व्यंग्य किया?लक्ष्मण ने परशुराम के स्वभाव पर व्यंग्य किया कि मुनिवर स्वयं को महान योद्धा मान रहे हैं। वे मुझे अपना फ़रसा दिखाकर ही डराना चाहते हैं। लक्ष्मण ऐसा कहकर परशुराम की वीरता पर व्यंग्य कर रहे हैं। 2.
लक्ष्मण ने परशुराम को क्या उत्तर दिया?उत्तर-लक्ष्मण ने परशुराम से कहा कि अरे मुनि श्रेष्ठ आप तो महान योद्धा हैं जो बार-बार अपने कुल्हाड़ी को दिखाकर फूंक मारकर पहाड़ उड़ा देना चाहते हो। आपके सामने जो भी है उनमें से कोई भी कुम्हड़े की बतिया के जैसे कमजोर नहीं है जो आप के इशारे मात्र से भयभीत हो जाएगा।
लक्ष्मण के लिए क्या क्या कहा गया है?उत्तर: कौसिक विश्वामित्र हैं। क्रोध के बारे में बताने के लिए कहा गया है। प्रश्न (ख)-लक्ष्मण के लिए क्या-क्या कहा गया है ? उत्तर: लक्ष्मण को कुबुद्धि, कुटिल, कुलघातक, कलंकी, उद्दंड, मूर्ख आदि कहा गया है।
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