कम खाने के बड़े लाभ, खाने की पसंद से पता चल जाती हैं ये चीजेंवर्तमान समय में इंसान के जीवन में परेशानियों की एक बड़ी वजह है, अनियमित खान पान व दिनचर्या। सेहत पर खानपान का बहुत गहरा असर पड़ता है। जो हमेशा सेहतमंद बने रहना चाहते हैं, उन्हें सबसे पहले अपनी जीवन शैली और खानपान मेंं सुधार करना चाहिए। यहां तक कि हमारे धर्म ग्रंथों में अच्छा या बुरा खान-पान तो सही और गलत सोच बताने वाला कहा गया है। ज्यादा खाना जहां दरिद्रता बढ़ाने वाला माना गया है। वहीं, कम खाना सेहत और भाग्य दोनों के लिए बेहतर माना गया है। महाभारत में कहा गया है.... गुणाश्च षण्मितभुक्तं भजन्ते आरोग्यमायुश्च बलं सुखं च। अनाबिलं चास्य भवत्यपत्यं न चैनमाद्यूत इति क्षिपन्ति।। सरल शब्दों में इसका अर्थ है कि स्वल्पाहार यानी थोड़ा या भूख से कम भोजन करने के ये 6 फायदे होते हैं। पहला फायदा- भूख से थोड़ा सा कम खाने से सेहत बरकरार रहती है। शरीर भी ताकतवर बनता है। साथ ही, हमेशा स्फूर्ति बनी रहती है। दूसरा फायदा- कम खाने से व्यक्ति रोगी नहीं होता। जबकि ज्यादा खाना पाचन में गड़बड़ी से कई बीमारियों की वजह बनता है। कम खाने से इनसे बचाव होता है। तीसरा फायदा- जब व्यक्ति खान-पान नियंत्रित रख निरोगी रहता है तो जाहिर है कि उसकी उम्र बढ़ती है यानी लंबे वक्त तक स्वस्थ जीवन व्यतीत करता है। चौथा फायदा- कम, नियमित और अच्छा खान-पान सुंदर संतान का पिता बनने में भी अहम साबित होता है। पांचवा फायदा- कम भोजन से सेहतमंद और बलवान शरीर मन, वचन व व्यवहार को भी साधकर जीवन के सारे सुख बटोरना आसान बना देता हैं। छटा फायदा- सबसे रोचक बात व फायदा यही है कि ऐसे व्यक्ति को कोई \'ज्यादा खाने वाला\' या ज्यादा खाने से बढ़े मोटापे को लेकर ताना नहीं मारता और हंसी नहीं उड़ाता, या फिर खाने को लेकर टोकता नहीं। हमारे ग्रंथों के अनुसार कोई कैसा भोजन पसंद करता है यह जानकर उसकी प्रकृति व स्वभाव का अनुमान लगाया जा सकता है.... सात्विक भोजन- ताजा पका हुआ, सादा, रसीला, शीघ्र पचने वाला, पोषक, चिकना, मीठा और स्वादिष्ट भोजन सात्विक होता है। यह मस्तिष्क की उर्जा में वृद्धि करता है और मन को शांत रखता है। सोचने-समझने की शक्ति को और भी स्पष्ट बनाता है। सात्विक स्वभाव- सात्विक भोजन पसंद करने वालों को गुस्सा कम आता है। मन में संतोष रहता है और ये हमेशा सकारात्मक सोच के साथ आगे बढने वाले होते हैं। राजसिक भोजन- राजसिक आहार भारी होता है। इसमें मांसाहारी पदार्थ जैसे मांस, मछली, अंडे, अंकुरित न किए गए अन्न व दालें, मिर्च-हींग जैसे तेज मसाले, लहसुन, प्याज और मसालेदार सब्जियां आती हैं। राजसिक भोजन का गुण है की यह तुंरत पकाया गया और पोषक होता है। यह सामान्यत: कड़वा, खट्टा, नमकीन, तेज़, चटपटा और सूखा होता है। पूरी, पापड़, बिजौड़ी जैसे तले हुए पदार्थ , तेज स्वाद वाले मसाले, मिठाइयां दही, बैंगन, गाजर-मूली, उड़द, नीबू, मसूर, चाय-कॉफी, पान राजसिक भोजन में आते हैं। राजसिक स्वभाव- राजसिक भोजन पसंद करने वालों का स्वभाव कामुक होता है। ऐसे लोग रशक्ति, सम्मान, पद और संपन्नता की चाह रखने वाले होते हैं। इनका अपने जीवन पर काफी हद तक नियंत्रण होता है। राजसिक व्यक्ति दृढ़ निश्चयी होते हैं और अपने जीवन का आनंद लेना जानते हैं। तामसिक भोजन- तामसिक आहार में ऐसे खाद्य पदार्थ आते हैं जो ताजा न हों, जिनमे जीवन शेष न रह गया हो। जरूरत से ज्यादा पकाए गए हों, बासी या खाना योग्य न हो ऐसे पदार्थ, प्रोसेस्ड फूड यानी ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमे मैदा, वनस्पति घी और रसायनों का प्रयोग हुआ हो जैसे पेस्ट्री, पिज्जा, बर्गर, ब्रेड, चॉकलेट, सॉफ्ट ड्रिंक, तंदूरी रोटी, रुमाली रोटी, नान, बेकरी उत्पाद, तम्बाकू, शराब, डिब्बाबंद फूड आदि आते हैं। जरूरत से ज्यादा चाय-कॉफी, केक, अंडे, जैम, कैचप, नूडल्स, चिप्स समेत सभी तले हुए पदार्थ, अचार, चाट और ज्यादातर फास्ट फूड कहे जाने वाले पदार्थ इसमें आते हैं। मांस, मछली और अन्य सी-फूड, वाइन, लहसुन, प्याज और तम्बाकू परंपरागत रूप से तामसिक माने जाते रहे हैं। तामसिक स्वभाव-तामसिक आहार लेने वाले व्यक्ति बहुत ही मूडी किस्म के होते हैं। उनमें असुरक्षा की भावना, अतृप्त इच्छाएं, वासनाएं और भोग की इच्छा हावी हो जाती है। जिसके कारण ऐसे लोग दूसरों से संतुलित तरीके से व्यवहार नहीं कर पाते। इनमे दूसरों को उपयोग की वस्तु की तरह देखने और किसी के नुकसान से कोई सहानुभूति न रखने की भावना आ जाती है यानी की ऐसे लोग स्वार्थी और खुद में ही सिमट कर रह जाते हैं। इनमें समय से काफी पहले ही बुढापे के लक्षण आने लगते हैं। Show
आजकल के समय में मोटापे से हर व्यक्ति परेशान है. फिट रहने के लिए लोग अलग-अलग तरह के जतन करते हैं. बढ़ते वजन के साथ-साथ लोगों का तनाव और उसके साथ बीमारियां भी बढ़ जाती है. वजन कम करने के चक्कर में लोग क्रैश डायट करने लगते हैं. वहीं बहुत से लोग अचानक खाना खाना छोड़ देते हैं. लेकिन क्या सचमुच खाना कम खाने से वजन घटता है? क्या अचानक डायट में बड़ा बदलाव वजन कम करने में सहायक होता है? आज इस लेख में जानेंगे क्या सचमुच खाना कम खाने से वजन घटता है?
खाना कम खाने से वजन घटता है क्या? के डॉक्टर कम खाना खाने से शरीर को होने वाले नुकसान - Harm to the body from eating less in Hindiकई बार लोग जल्दी वजन घटाने के चक्कर में अपनी दिनचर्या में सिर्फ एक बार खाना खाते हैं और सिर्फ इस बात पर ध्यान देते हैं कि उन्हें वजन घटाना है और इस बात को भूल जाते हैं कि इसका शरीर पर क्या प्रभाव पड़ेगा. इस स्थिति में लोग नहीं समझ पाते कि उनके लिए क्या बेहतर है और क्या नहीं? शरीर को सुचारू रूप से काम करने के लिए सही पोषण (न्यूट्रिशन) और कैलोरी की जरूरत होती है. यदि आप शरीर को ठीक से पोषण नहीं देंगे तो आप परेशानियों को निमंत्रण दे सकते हैं, जैसे -
(और पढ़ें - वजन कम करने के उपाय) क्या डाइटिंग से होता है वजन कम? - Does dieting reduce weight in Hindi?आमतौर पर लोग सोचते हैं कि लंबे समय तक डाइटिंग करने या कम खाने से वजन कम हो सकता है. लेकिन क्या आप जानते हैं लंबे समय तक डाइटिंग करना अच्छा विचार नहीं है. लंबे समय तक डाइटिंग करने से वजन कम नहीं हो सकता. शोधों के मुताबिक, जो लोग डाइटिंग करते हैं उनका वजन कम होने के बजाय समय के साथ और अधिक बढ़ता जाता है. ऐसे में कम खाने के बजाय आपको हेल्दी चीजों पर अधिक फोकस करना चाहिए. जैसे आप पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित खाने का सेवन करें, जितना संभव हो सके अधिक से अधिक व्याायाम करें. दरअसल, वजन सही मायने में आपके द्वारा ली जाने वाली कैलोरी और आपके द्वारा बर्न की जाने वाली कैलोरी के बीच संतुलन से नियंत्रित होता है. यदि आप कम कैलोरी वाला आहार खाते हैं और उससे अधिक कैलोरी बर्न करते हैं, तो आपका वजन कम होगा. वहीं यदि आप कैलोरी बर्न करने की तुलना में अधिक कैलोरी खाते हैं, तो आपका वजन बढ़ जाएगा. शारीरिक गतिविधियां करने से आप अधिक कैलोरी बर्न कर सकते हैं, जो कि वजन कम करने का सबसे अच्छा तरीका है. (और पढ़ें - वजन कम करने के लिए डाइट) क्या कहती है रिसर्च? - What does research say?जर्नल एपेटाइट में प्रकाशित नए शोध से पता चलता है कि जब भी डाइटिंग की बात आती है, तो ये बात महत्वपूर्ण नहीं होती है कि आप कितना कम या ज्यादा खाते हैं. डाइटिंग में सबसे महत्वपूर्ण होता है कि आप क्या खाते हैं. वजन का बढ़ना और घटना आपके दवारा ली गई कैलोरी की मात्रा पर निर्भर करता है. शोधकर्ता रिसर्च के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि यदि आप स्वस्थ और कम कैलोरी के साथ अधिक खाने का चुनाव करते हैं तो ये वजन कम करने में बहुत प्रभावी हो सकता है. वहीं दूसरी तरफ अधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों को लंबे समय तक नजरअंदाज करके आप आसानी से वजन कम कर सकते हैं. (और पढ़ें - वजन घटाने की दवा) कम कैलोरी वाले फूड क्यों लें - Why choosing low-calorie food is important in Hindiशोधकर्ताओं का कहना है कि यदि आप अधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का चुनाव करते हैं, लेकिन ऐसे खाद्य पदार्थों का सीमित मात्रा में सेवन करते हैं तो आपको दोबारा भूख लगने की संभावना है, जो कि वजन बढ़ने का जिम्मेदार हो सकता है. आमतौर पर जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं, उन्हें अक्सर कहा जाता है कि हर चीज कम मात्रा में खाने से वजन कम करने में मदद मिल सकती है. इसके विपरीत, नए शोध से ये बात सामने आई है कि कम खाने की कोशिश करने की तुलना में अधिक पौष्टिक, कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का चयन करना वजन कम करने के लिए कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो सकता है. ऐसे में सवाल उठता है कि वजन कम करने के कितनी कैलोरी की दिनभर में लेनी चाहिए?, इसका सीधा सा जवाब है कि आप दिनभर में कितनी कैलोरी का सेवन करेंगे, ये प्रतिशत सबके लिए अलग हो सकता है. दरअसल, समय के साथ उम्र, गतिविधि के स्तर में परिवर्तन, मेटाबॉलिज्म में परिवर्तन और शरीर में वसा के प्रतिशत में परिवर्तन आता है, इन्हीं चीजों पर दिनभर की कैलोरी लेना निश्चित होता है. आप अपने न्यूट्रिशनिस्ट से इस संबंध में संपर्क करके डायट चार्ट बनवा सकते हैं. (और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितनी कैलोरी खाएं) दिनभर में कैसे करें कम कैलोरी का सेवन - How to consume less calories each day in Hindiकई शोधों में ये साबित हो चुका है कि वजन कम करने के लिए दिनभर में ली जाने वाली कैलोरी को चार चरणों में बांटा जा सकता है. सुबह, दोपहर, शाम और रात.
(और पढ़ें - पतला होने के लिए क्या करें) वजन कम करने के लिए किन खाद्य पदार्थों का करें सेवन? - Which foods should be consumed to lose weight in Hindi?एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स की हेदर मंगिएरी, आरडी का कहना है कि कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो आपके वजन को कम करने में मदद कर सकते हैं. इन खाद्य पदार्थों में से कुछ ना सिर्फ मेटाबॉलिज्म तेज करने की क्षमता रखते हैं बल्कि आपको लंबे समय तक भूख का अहसास नहीं करवाएंगे, जैसे –
(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए क्या खाना चाहिए) सारांश - Takeawayनियमित व्यायाम के साथ वजन घटाने की योजना ना केवल अधिक सफल है बल्कि यह स्वस्थ भी है. स्वस्थ आहार का सेवन करने और व्यायाम करने से, आप अपनी हड्डियों, मांसपेशियों और हृदय को मजबूत रख सकते हैं और कई बीमारियों के विकास के जोखिम को कम कर सकते हैं. कुल मिलाकर कहा जाए तो जब कैलोरी के सेवन से अधिक कैलोरी बर्न हो तो आप स्वस्थ रूप से वजन कम कर सकते हैं. (और पढ़ें - वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज) खाना कम खाने से वजन घटता है क्या? के डॉक्टरसम्बंधित लेखखाना कम खाने से क्या नुकसान होता है?पोषक तत्वों की कमी
खाना छोड़ना किसी समस्या का विकल्प नहीं होता. अगर आप रोजाना डिनर स्किप करते हैं तो आपके शरीर को तमाम जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते. इसके कारण आपके शरीर में शुगर लेवल डाउन हो सकता है. साथ ही आपका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है.
1 दिन में कितनी बार भोजन करना चाहिए?दिन में 2 से 3 बार भोजन करना सबसे अच्छा होता है. हालांकि, सुबह जल्दी खाने से भी बचना चाहिए. इससे शरीर को उपवास के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलेगा.
खाना कम खाने से क्या फायदा होता है?पहला फायदा- भूख से थोड़ा सा कम खाने से सेहत बरकरार रहती है। शरीर भी ताकतवर बनता है। साथ ही, हमेशा स्फूर्ति बनी रहती है। दूसरा फायदा- कम खाने से व्यक्ति रोगी नहीं होता।
खाना नहीं खाया तो क्या होता है?इससे पाचन क्रिया भी धीमी हो जाती है. 3- इम्यूनिटी कमजोर- कई बार पर्याप्त मात्रा में खाना नहीं खाने से न्यूट्रीएंट्स की कमी हो जाती है जिससे इम्यूनिटी भी कमजोर हो सकती है. ऐसे में आपको संक्रमण और सर्दी-जुकाम की समस्या हो सकती है. 4- कब्ज की समस्या- कई बार कम खाने से कब्ज की समस्या भी हो जाती है.
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