क्या उत्तर दिशा में किचन बना सकते हैं? - kya uttar disha mein kichan bana sakate hain?

वास्‍तु: बेडरूम, बाथरूम और किचन के लिए सही दिशा है ये

Authored by

Gitika dubey

| नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Apr 27, 2022, 12:00 AM

आज की तारीख में घर बनवाने के लिए व्‍यक्ति के पास एक छोटा सा भूखंड होता है। उसी भूखंड में उसको बेडरूम, बाथरूम, किचन और पूजाघर सब कुछ बनवाना होता है। मगर घर को बनवाने के लिए सबसे जरूरी है सभी कमरे सही दिशा में बनें। इसके लिए वास्‍तु सबसे सही उपाय है। वास्‍तु के आधार पर आप जान सकते हैं घर के सभी कक्षों की सही दिशा क्‍या होगी। आइए देखते हैं ये...

वास्‍तु: बेडरूम, बाथरूम और किचन के लिए सही दिशा है ये

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पूजाघर के लिए सही दिशा

पूजाघर ईशान कोण में होना सर्वश्रेष्‍ठ माना जाता है। सूर्योदय के वक्‍त सूर्य की किरणें इस स्‍थान पर पड़ें तो घर के वातावरण को शुद्ध करता है। पूजा करते समय आपका मुख उत्‍तर या पूर्व या फिर उत्‍तर-पूर्व में रहना चाहिए। पूजाघर के आस-पास ऊपर या नीचे शौचालय नहीं होना चाहिए। पूजाघर में पेंट का रंग हल्‍का पीला, नारंगी या फिर आसमानी होना चाहिए। पूजाघर के निकट तुलसी का पौधा होना भी शुभ माना जाता है।

बाथरूम बनवाएं इस दिशा में

हो सके तो बाथरूम आपको पूर्व दिशा में बनवाना चाहिए। कहते हैं कि स्‍नान के वक्‍त यदि सूर्य का प्रकाश तन पर पड़ता है तो इसका आपको स्‍वास्‍थ्‍य लाभ मिलता है। बाथरूम में पानी का बहाव पूर्व दिशा की ओर ही होना चाहिए। बाथरूम में टाइल्‍स का रंग भी हल्‍का होना चाहिए।

किचन होना चाहिए इस दिशा में

आपका किचन आग्‍नेय कोण यानी दक्षिण पूर्व दिशा में होना चाहिए, क्‍योंकि इस दिशा में अग्नि देवता का वास माना जाता है। गैस, चूल्‍हा बर्नर इसी दिशा में रखा जाना चाहिए। भोजन बनाते समय गृहिणी का मुख पूर्व की ओर रहे तो बहुत शुभ होता है। वहीं पश्चिम की ओर देखते हुए भी भोजन बना सकते हैं। भूलकर भी किचन ईशान कोण में नहीं होना चाहिए। ऐसा होने से अग्नि दुर्घटनाओं का भय बना रहता है।

बेडरूम के लिए यह दिशा होगी सही

आपका मास्‍टर बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। ऐसा होना गृह स्‍वामी के लिए शुभ होता है। नए शादीशुदा लोगों के लिए बेडरूम की सही दिशा उत्‍तर या फिर वायव्‍य कोण होना चाहिए। कुंवारी कन्‍याओं के लिए बेडरूम वायव्‍य कोण यानी उत्‍तर-पश्चिम दिशा में सही रहता है। ध्‍यान रहे कि सोते वक्‍त सिर उत्‍तर दिशा में नहीं होना चाहिए। बेडरूम में आग्‍नेय कोण में होना भी शुभ नहीं माना जाता है। पति-पत्‍नी में कलह निद्रा का अभाव और चिंताग्रस्‍त रहते हैं।

अलमारी या फिर तिजोरी

नकद धन या फिर सोना-चांदी रखने के लिए उत्‍तर दिशा सबसे उपर्युक्‍त है। उत्‍तर दिशा में कुबेर देवता का वास माना जाता है। अलमारी या फिर तिजारी को ईशान कोण में नहीं रखना चाहिए। अलमारी के ऊपर सूटकेस या फिर अन्‍य भारी सामान नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से धन की हानि होती है।

शौचालय रखें इस दिशा में

शौचालय को वायव्‍य कोण में बनाना उचित रहता है। मगर भूलकर भी ईशान, आग्‍नेय कोण या फिर भवन के मध्‍य में न बनाएं। शौचालय में सीट इस दिशा में हो कि बैठने वाले का मुख उत्‍तर या दक्षिण की ओर रहे।

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वास्तु के मुताबिक भूलकर भी घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन नहीं बनाना चाहिए. इस दिशा में किचन का होना घर का एक बड़ा वास्तु दोष है. यह घर में अनावश्यक खर्चों को बढ़ा सकता है. आइए जानते हैं किचन से जुड़े वास्तु टिप्स.

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Vastu Shastra Tips For Kitchen: वास्तु टिप्स

भावना शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2020,
  • (अपडेटेड 26 नवंबर 2020, 11:43 AM IST)

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार घर में रसोईघर यानी किचन की अहम भूमिका होती है. किचन के लिए घर की दक्षिण-पूर्व दिशा (आग्नेय-कोण) को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इसी दिशा में अग्नि अर्थात ऊर्जा का वास होता है. इस दिशा का स्वामी ग्रह शुक्र होता है. स्त्रियों का किचन में अधिकतर समय भी गुजरता है. घर के किचन में वास्तु दोष होने से स्त्रियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. 

वास्तु के मुताबिक भूलकर भी घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन नहीं बनाना चाहिए. इस दिशा में किचन का होना घर का एक बड़ा वास्तु दोष है. दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन का होना घर में अनावश्यक खर्चों को बढ़ा सकता है.

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वास्तु के अनुसार घर के सदस्यों में रोग, दुर्घटना, संतान के प्रति चिंता जैसी परेशानियां इस दिशा में किचन होने के कारण हो सकती हैं. आइए जानते हैं किचन से जुड़े वास्तु टिप्स....

  • किचन में गैस का चूल्हा रखने के लिए पत्थर का स्लैब पूर्व तथा उत्तर दिशा की ओर बनाना चाहिए. जिससे खाना बनाने के समय गृहिणी का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर हो.
  • बर्तन धोने के लिए सिंक का ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व दिशा में व्यवस्थित होना सबसे शुभ माना जाता है.
  • रसोई घर में रखा इंडक्शन-माइक्रोवेव आदि हमेशा दक्षिण पूर्व के कोने में रखा जाना चाहिए.
  • रसोई घर में प्रकाश की व्यवस्था जैसे खिड़की या बल्व पूर्व और उत्तर दिशा में अवश्य लगाना चाहिए.
  • किचन में फ्रिज हमेशा उत्तर पश्चिम दिशा में रखना चाहिए.
  • रसोईघर में प्रयोग होने वाले खाद्य पदार्थ आटा, चावल, दाल आदि पश्चिम अथवा दक्षिण दिशा में रखने चाहिए.
  • कभी भी रसोई के अंदर मंदिर नहीं बनाना चाहिए. इससे परिवार के किसी सदस्य को रक्त संबधी बीमारी भी हो सकती है.
  • किचन और बाथरूम कभी भी एक सीध में नहीं होने चाहिए. इससे परिवार में सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है.
  • वास्तु दोष दूर करने के लिए रसोई के दरवाजे पर लाल रंग का क्रिस्टल लगाना चाहिए. 

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उत्तर पूर्व में किचन हो तो क्या होता है?

इस दिशा में रसोई होने से अग्नि से दुर्घटना का भय होता है. वास्तु के अनुसार, रसोई के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा यानी आग्नेय कोण सबसे शुभ होती है. अगर आप घर का टॉयलेट या बाथरूम उत्तर-पूर्व दिशा में बनाते हैं तो इससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है और परिवार के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

उत्तर मुखी मकान में किचन किधर होना चाहिए?

उत्तर मुखी घर की योजना के अनुसार, रसोई आदर्श रूप से घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में होनी चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि अग्नि तत्व या अग्नि दक्षिण-पूर्व दिशा को नियंत्रित करता है। हालाँकि, यदि आप दक्षिण-पूर्व दिशा में रसोई का डिज़ाइन नहीं बना सकते हैं, तो आप उत्तर-पश्चिम की ओर मुख वाली दिशा का विकल्प चुन सकते हैं।

क्या उत्तर दिशा में किचन हो सकता है?

इस दिशा में न बनवाएं रसोई इसके अलावा उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर का स्थान माना गया है इसलिए इस दिशा में भी किचन होना अशुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा में रसोई होने से धन और जमीन-जायदाद की हानि होने की संभावना बढ़ जाती है।

उत्तर पश्चिम दिशा में किचन हो तो क्या होता है?

रसोई में पानी का स्थान या फ्रिज उत्तर-पश्चिम दिशा में रखना लाभकारी रहता है. किचन में आटा, चावल और खाद्य पदार्थ की सामाग्री को पश्चिम या दक्षिण दिशा में रखना चाहिए. किचन की खिड़की पूर्व या उत्तर दिशा में बनानी चाहिए. उजाले के लिए बल्व आदि भी इसी दिशा में लगाने चाहिए.

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