क्या केसर पीने से बच्चा गोरा होता है? - kya kesar peene se bachcha gora hota hai?

आपने अक्सर लोगों को यह कहते सुना होगा कि गर्भावस्था में केसर वाला दूध पीना बहुत फायदेमंद होता है। आम धारणा है कि केसर वाला दूध पीने से बच्चा साफ रंग का होता है। लेकिन सच क्या है? यह बात पूरी तरह सही है कि गर्भवती महिला को केसर का सेवन करना चाहिए। लेकिन इसे संतुलित मात्रा में लेना ही बेहतर रहता है। गर्भावस्था में केसर वाला दूध पीने से क्या बच्चा साफ रंग का होता है?

कई अध्ययन और शोध यह बताते हैं कि केसर का सेवन ब्लड प्रेशर और गर्भावस्था में होने वाली घबराहट को कम करने का काम करता है। लेकिन यह बात भी ध्यान देने वाली है कि इसकी अधिक मात्रा में इसे लेना खतरनाक साबित हो सकता है। आमतौर पर हम यही सोचते हैं कि केसर में कई तरह के चिकित्सीय गुण होते हैं। यह गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों ही के लिए फायदेमंद होता है। पर यह सच है कि इसे संतुलित मात्रा में लेने से मां और बच्चे, दोनों का ही स्वास्थ्य बेहतर होता है।

गर्भावस्था के दौरान एक गिलास दूध में केसर के दो धागे डालना ठीक होगा।  इससे बच्चे का रंग साफ होता है, तो इस बात का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। बच्चे का रंग मां-बाप के जीन्स के आधार पर ही तय होता है। इसका खाने-पीने से कोई संबंध नहीं होता है।

दुनिया में सबसे महंगे मसालों में से एक केसर सेहत के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है। कई महिलाओं का मानना है कि प्रेगनेंसी में केसर खाने से गोरा बच्चा पैदा होता है। हालांकि, एक्सपर्ट के मुताबिक, बच्चे की त्वचा का रंग आनुवंशिक रूप से माता-पिता के जीन्स पर निर्धारित होता है। फिर भी, भारत में गर्भवती महिलाएं गोरा बच्चा पाने के लिए प्रेगनेंसी में केसर वाला दूध पीती हैं। वैसे तो केसर वाला दूध गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है लेकिन अगर इसे मॉडरेशन में ना खाया जाए तो यह नुकसान भी पहुंचा सकता है।

क्या प्रेगनेंसी में केसर वाला दूध पीना चाहिए?

एक्सपर्ट की मानें तो प्रेगनेंसी में केसर वाला दूध पीना फायदेमंद है। हालांकि इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए केसर का अधिक सेवन करने से कुछ समस्याएं हो सकती है। ऐसे में सीमित मात्रा में इसका सेवन करें। गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 2 या 3 रेशे से ज्यादा केसर यूज नहीं करना चाहिए।

कैसे करें केसर का सेवन?

केसर का सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका है दूध में मिलाकर पीना। इसके लिए गर्म दूध में केसर के कुछ धागे डालकर मिलाएं। भोजन करने के कम से कम 5-10 मिनट बाद इसका सेवन करें। ध्यान रखें कि इसके बाद हल्की-फुल्की सैर जरूर करें।

कब लेनी चाहिए केसर

ध्‍यान रखें कि प्रेगनेंसी के 5वे महीने से ही केसर लेना शरू करें क्‍योंकि इस समय तक गर्भ ठहर चुका होता है। इस दौरान गर्भपात का खतरा ना के बराबर रहता है।

चलिए अब आपको बताते हैं प्रेगनेंसी में केसर खाने के फायदे

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे

कई गर्भवती माताओं को इस दौरान हाई ब्लड प्रेशर का सामना करना पड़ता है। मगर, केसर वाला दूध पीने से बीपी कंट्रोल रहता है।

पाचन में सुधार

कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कब्ज, सूजन और अपच की शिकायत होती है। मगर, केसर का नियमित सेवन अम्लता को कम करके ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है। यह मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ावा देता है, जिससे ये लक्षण काफी हद तक कम हो जाता है।

मॉर्निंग सिकनेस

केसर युक्त चाय या दूध पाचन तंत्र को शांत करता है। इसे सीमित मात्रा में लेने पर मॉर्निंग सिकनेस से राहत मिल सकती है।

मूड़ स्विंग

एंटी-डिप्रेसेंट गुणों से भरपूर केसर वाला दूध पीने से गर्भवती महिलाओं में मूड़ स्विंग, चिंता, अवसाद और जलन से राहत मिलती है।

बालों का झड़ना कम

हार्मोनल उतार-चढ़ाव से कई गर्भवती महिलाओं में बाल झड़ते हैं। आयुर्वेद की मानें तो, केसर, दूध और मुलेठी का लेप लगाने से प्रेग्नेंसी में बालों का झड़ना रोका जा सकता है। साथ ही इससे बालों के विकास को भी बढ़ावा मिलता है।

मांसपेशियों में ऐंठन से राहत

कई महिलाओं को तीसरी तिमाही में पैरों व पेट में मांसपेशियों में ऐंठन और जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है। मगर, केसर में ऐंठन-रोधी और एंटीनोसिसेप्टिव गुण होते हैं, जो दर्द को कम कर सकता है।

होते हैं कुछ नुकसान भी

. गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन लिमिट ही नहीं चाहिए क्योंकि इसका अधिक मात्रा कॉन्‍ट्रैक्‍शन और प्रीमैच्‍योर डिलीवरी को ट्रिगर कर सकता है। इसका तापमान गर्भाशय में संकुचन पैदा करता है, जिससे मिसकैरेज भी हो सकता है।

. केसर खाने के बाद कुछ महिलाओं को तनाव, सिरदर्द, मुंह में सूखापन, मतली-उल्टी की समस्या हो सकती है। ऐसे में केसर खाना तुरंत बंद कर दें और डॉक्टर से संपर्क करें।

आपने भी सुना ही होगा कि केसर वाला दूध पीने से बच्चा गोरा होता है। तो वहीं ज़्यादातर महिलाओं को नारियल खाने की भी सलाह केवल इसीलिए दी जाती है ताकि जन्म लेनेवाले बच्चे की रंगत गोरी होती है। लेकिन, ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सचमुच प्रेगनेंसी में नारियल और केसर खाने से बच्चे की रंगत गोरी होती है। आइए जानते हैं क्या कहती है रिसर्च और एक्सपर्ट्स।

Pregnancy Diet Myths: प्रेगनेंसी के दौरान डायट का खास ख्याल रखा जाता है। ताकि, गर्भवती मां के साथ-साथ होने वाले बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पोषण मिल सके। लेकिन, साथ ही महिलाओं को कई चीज़ों से परहेज करने और कुछ चीज़ों को खाने की सलाह इसीलिए भी दी जाती है , ताकि बच्चे की रंगत गोरी हो। जी हां, आपने भी सुना ही होगा कि केसर वाला दूध पीने से बच्चा गोरा होता है। तो वहीं ज़्यादातर महिलाओं को नारियल खाने की भी सलाह केवल इसीलिए दी जाती है ताकि जन्म लेनेवाले बच्चे की रंगत गोरी होती है। लेकिन, ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सचमुच प्रेगनेंसी में नारियल और केसर खाने से बच्चे की रंगत गोरी होती है। (Pregnancy Diet Myths)

गर्भावस्था में प्रेगनेंसी और केसर का सेवन करने से बच्चे की रंगत गोरी होना केवल मिथक है। इन दोनों चीज़ों का सेवन करने से बच्चे का काला या गोरा होना बिल्कुल निर्भर नहीं करता। दरअसल, एक्सपर्ट्स के मुताबिक, त्वचा का रंग मेलेनिन (Melanin) के निर्माण और उसके लेवल पर आधारित होता है। जैसा कि, डार्क स्किन टोन में मेलेनिन का लेवल अधिक होता है जबकि, गोरी स्किन में मेलेनिन का स्तर कम होता है।

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क्या नारियल और केसर खाने से पैदा होता है गोरा बच्चा?[/caption]

मां-बाप की जींस पर भी निर्भर करती है बच्चे की चमड़ी का रंग

एक्सपर्ट्स के अनुसार बच्चे की त्वचा का रंग और बालों की क्वालिटी मां-बाप की जींस पर भी निर्भर करती है। वैज्ञानिकों के अनुसार रंग और बालों की संख्या अनुवांशिक कारणों पर भी निर्भर करता है। इसीलिए, एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि महिलाओं को प्रेगनेंसी में अपनी सेहत पर ध्यान देना चाहिए और भोजन का चुनाव पौष्टिकता के आधार पर करना चाहिए।

इस बात को इसलिए भी नकारा जा सकता है क्योंकि, अभी तक ऐसे कोई वैज्ञानिक तथ्य उपलब्ध नहीं है जो यह साबित करें कि नारियल खाने से बच्चे की रंग गोरा होता है।

क्या नहीं करना चाहिए प्रेगनेंसी में नारियल का सेवन

हालांकि, नारियल और केसर सुपरफूड्स हैं और इनके सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। इनके सेवन से डिहाइड्रेशन की समस्या से बचा जा सकता है। गर्भावस्था में नारियल पानी पीने, सूखा या गीसा नारियल खाने से बॉडी टेम्परेचर संतुलित रखने में मदद होती है। इसीलिए नारियल का सेवन प्रेगनेंसी में भी किया जा सकता है।

केसर का अधिक सेवन हो सकता है नुकसानदायक

कुछ एक्सपर्ट्स के अनुसार गर्भावस्था में केसर का ज़्यादा सेवन कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। इसीलिए केसर का सेवन सावधानी से और डॉक्टर की सलाह के अनुसार किया जाना चाहिए। केसर का अधिक सेवन करने से प्रीमैच्योर चाइल्डबर्थ, गर्भपात और यूटेराइन कॉन्ट्रैक्शन जैसी परेशानियों का खतरा बढ़ सकता है।

केसर खाने से बच्चे गोरे होते हैं क्या?

क्‍या सच में रंग गोरा करता है केसर प्रेग्‍नेंसी के दिनों में माएं केसर के दूध का सेवन करती हैं क्‍योंकि यही माना जाता है कि केसर बच्‍चे के रंग को गोरा करता है। हालांकि, इस बात को साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है कि प्रेग्‍नेंसी में केसर खाने का ऐसा असर होता है।

गोरा बच्चा पैदा करने के लिए क्या क्या खाना चाहिए?

​फोलिक एसिड विटामिन पालक, खट्टे फलों, दालों, पास्‍ता और फोर्टिफाइड ब्रेकफास्‍ट सीरियल में फोलिक एसिड पाया जाता है। यह पोषक तत्‍व बच्‍चे के विकास के साथ-साथ उसकी स्किन और रंग को भी साफ करने में मदद करता है।

केसर से रंग गोरा कैसे करे?

केसर और शहद चेहरे पर ग्लो बरकरार रखने के लिए सबसे पहले 1 चम्मच शहद लें। अब इसमें 5 से 6 रेशे केसर के डालकर इसे अच्छे से मिलाएं। अब इस मिश्रण को अपने चेहरे पर लगाएं। करीब 15 से 20 मिनट बाद अपने चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें।

गर्भवती महिला को केसर वाला दूध कब पीना चाहिए?

ऐसे में अगर प्रेग्नेंसी के शुरुआती हफ्तों में बहुत ज्यादा केसर का सेवन किया जाए तो मिसकैरेज होने का खतरा रहता है। लिहाजा प्रेग्नेंट महिलाओं को यही सलाह दी जाती है कि वे प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही यानी 3 से 6 महीने के दौरान ही केसर का सेवन शुरू करें और वह भी अपनी गाइनैकॉलजिस्ट से पूछने के बाद ही।

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