क्या आप शिक्षा प्रणाली में शिक्षित बेरोजगारों की समस्या को दूर करने के लिए कुछ उपाय सुझा सकते हैं?
शिक्षा प्रणाली में शिक्षित बेरोजगारों की समस्या को दूर करने के निम्नलिखित उपाय इस प्रकार है-
(i) कौशल विकास पर ज़ोर दिया जाना चाहिए। उत्पादन की तकनीक में परिवर्तन होने से वर्तमान में कुशल श्रमिकों की मांग बढ़ती ही जा रही है।
(ii) तकनीकी शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
(iii) व्यावसायिक शिक्षा शुरू की जानी चाहिए। आज मैट्रिक, स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रीधारी भी रोजगार पाने में असमर्थ है। एक अध्यन से पता चला है कि मैट्रिक कि तुलना में स्नातक और स्नातकोत्तर युवकों में बेरोजगार की समस्या अत्यधिक गंभीर रूप लेती जा रही है। शिक्षित बेरोजगारों की समस्या को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करके काम किया जा सकता है।
(iv) उपयुक्त ट्रेनिंग और विकसित कौशल के माध्यम से श्रमिकों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।
(v) शिक्षित बेरोज़गार श्रमिकों में वृद्धि करते है। अर्थव्यवस्था के विकास के लिए द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रक में तीव्र विकास होना चाहिए। तीव्र गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था रोजगार के सुनहरे अवसर प्रदान करती है।
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मानव पूँजी निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है?
मानव पूँजी के निर्माण में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका हैं:
(i) शिक्षा अच्छी नौकरी और वेतन के रूप में फल देती है।
(ii) शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण है।
(iii) शिक्षा लोगों के लिए नए क्षितिज खोल देती
हैl
(iv) शिक्षा जीवन के नए मूल्य विकसित करती है।
(v) शिक्षा राष्ट्रीय आय, सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ाती है और सामजिक विकास में भी वृद्धि करती है।
(vi) शिक्षा के माध्यम से देश के आर्थिक विकास में वृद्धि होती है।
(vii) शिक्षा,अच्छे ज्ञान और उत्तम प्रशिक्षण से देश के संसाधनों का उत्तम उपयोग करना सिखाती है।
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मानव संसाधन भूमि और भौतिक पूँजी अन्य संसाधन से कैसे भिन्न है?
मानव संसाधन भूमि और भौतिक पूँजी
अन्य संसाधन से निम्न प्रकार से भिन्न है-
(i) मानव संस्धान का आर्थिक विकास की दृष्टि से दोहरा महत्व है। लोग विकास का साधन और साध्य दोनों है। एक और वे उत्पादन के साधन और दूसरी ओर वे अंतिम उपभोगकर्ता भी स्वयं ही है।
(ii) अन्य संसाधनों से भिन्न मानव संसाधन की एक विशेषता यह है कि शिक्षित और स्वस्थ लोगो के लाभ केवल उन तक ही सिमित नहीं है बल्कि उनका लाभ उन तक भी पहुँचता है जो अधिक शिक्षित और स्वस्थ भी नहीं है।
(iii) मानव संसाधन भूमि और पूंजी दोनों का प्रयोग कर सकता है
किन्तु भूमि और पूंजी दोनों अपने आप उपयोग में नहीं आ सकती।
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किसी व्यक्ति के कामयाब जीवन में स्वस्थ्य की क्या भूमिका है?
किसी व्यक्ति के कामयाब जीवन में स्वस्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका है-
(i) अच्छा स्वास्थ्य एक कार्यकर्ता की दक्षता को बढ़ाता है।
(ii) व्यक्ति का स्वास्थ्य उसे बिमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है।
(iii) स्वास्थ्य व्यक्ति कौशल और उत्पादकता से देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है।
(iv) कठिन और लगातार काम करने और जीवन का आनंद उठाने में किसी व्यक्ति की क्षमता काफी हद तक उसके स्वास्थ्य पर निर्भर करती है।
(v) अच्छे स्वस्थ्य से व्यक्ति की कुशलता और क्षमता बढ़ती हैl उसे अच्छा वेतन और आगे बढ़ने के अवसर मिलते है।
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संसाधन के रूप में लोग से आप क्या समझते हैं?
(i) संसाधन के रूप में लोग वर्तमान उत्पादन कौशल और क्षमताओं के संदर्भ
में किसी देश के कार्यरत लोगों का वर्णन करने का तरीका है।
(ii) उत्पादक पहलू की दृष्टि से जनसंख्या पर विचार करना सकल राष्ट्रीय उत्पाद के सृजन में उनके योगदान की क्षमता पर बल देना है।
(iii) जब इस विद्यमान मानव संसाधन को और अधिक शिक्षा और स्वास्थ्य द्वारा विकसित किया जाता है तब हम इसे मानव पूंजी निर्माण कहते हैं।
(iv) मानव को मानव पूँजी में निवेश बदलता है। एक मानव ही है जो भूमि और भौतिक पूँजी का सही उपयोग करता हैl बाद में दोनों अपने आप किसे कार्य को पूरा नहीं कर सकते।
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मानव पूँजी निर्माण में स्वास्थ्य की क्या भूमिका है?
मानव पूँजी निर्माण में स्वास्थ्य की क्या भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है:
(i) स्वास्थ्य में व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य शामिल है।
(ii) आमतौर पर देखा जाता है कि एक स्वस्थ कर्मचारी अधिक कार्य कर सकता है क्योंकि उसका स्वास्थ्य उसे इसके लिए सक्षम बनता है।
(iii) स्वास्थ्य किसी व्यक्ति को रोगों से लड़ने कि क्षमता प्रदान करता हैl स्वस्थ व्यक्ति जीवन कि
समस्याओ से आसानी से लड़ सकता है।
(iv)स्वस्थ व्यक्ति में काम करने कि अधिक ऊर्जा, समर्थ्य और शक्ति होती है।
(v) मानव का विकास शिक्षा और स्वास्थ्य से विकसित होता है जिससे मानव पूँजी का निर्माण किया जाता है।
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