फ्रांसीसी क्रांतिमुख्य बिन्दुएँ :
प्रश्न1. फ्रांस में क्रांति की शुरुआत किन परिस्थितियों में हुई ? उत्तर: फ्रांस में क्रांति की शुरुआत निम्न परिस्थितियों में हुई : (i) लुई सोलहवें का शासन था और कई बार युद्ध की मार झेलने से फ्रांस की आर्थिक स्थिति जर्जर हो चुकी थी | अब उसे फिर से नए कर बढ़ाने की आवश्यकता थी | (ii) मजदूरों, व्यवसायियों एवं किसानों का शोषण हो रहा था | मजदूरी महंगाई की दर से नहीं बढ़ रही थी | (iii) किसानों की फसलें कड़ाके की ठंढ के कारण मारी गई थी और खाने-पीने की वस्तुएँ आसमान छूने लगी थी | (iv) तीसरे एस्टेट के प्रनितिधि अब खुद को नेशनल असेंबली घोषित कर चुके थे और नए संविधान भी बनाना शुरू कर दिया था | इस समय कुछ दार्शनिकों के विचार और निरंकुश शासन से पूरा फ्रांस आंदोलित होने लगा था |
उत्तर: फ्रांसीसी समाज के तीसरे तबकों को क्रांति का फायदा मिला | कुलीन वर्ग को सत्ता छोड़ना पड़ा जो जनता से सामंत कर वसूलते थे | पादरी वर्ग को निराशा हुई जिनकी चर्चों को बंद कर दिया गया और चर्चों के भवनों को कार्यालयों में तब्दील कर दिया गया |
उत्तर: उन्नीसवीं और बीसवीं सदी की दुनिया के लिए फ्रांसीसी क्रांति निम्न विरासतें छोड़ गई | (i) स्वतंत्रता और जनवादी अधिकारों के विचार फ्रांसीसी क्रांति की सबसे महत्वपूर्ण विरासत थे | (ii)विश्व के अधिकांश देशों के अन्दर जहाँ इस तरह की क्रांति की आवश्यकता थी उन्हें फ्रांस की क्रांति से प्रेरणा मिली | (iii) अमेरिका, रूस और इंग्लैंड में भी इस क्रांति की प्रेरणा से क्रांति हुए और विश्व पटल पर आमूल परिवर्तन हुए | (iv) इस क्रांति की प्रेरणा से विश्व के अनेक देशों में सामाजिक, राजनैतिक और क्रांतिकारी आन्दोलन हुए | (v) इस क्रांति से तानाशाही और निरंकुश शासकों का अंत हुआ और विश्व जनमानस अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आन्दोलन को प्रेरित हुए|
उत्तर: (i) जीवन के अधिकार (ii) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार (iii) क़ानूनी बराबरी के अधिकार (iv) स्वतंत्रता, विधिसम्मत समानता और बंधुत्व
उत्तर: सार्वभौमिक अधिकारों का सन्देश वास्तव में अन्तर्विरोध से घिरा था | (i) मनुष्य और नागरिक अधिकारों की घोषणा में कई आदर्श संदिग्ध थे | उदाहरण के लिए "कानून केवल समाज के हानिकारक कारवाईयों को रोकने के लिए ही अधिकार रखता था" जबकि अन्य व्यक्तियों के खिलाफ अपराधिक अपराधों के बारे में कहने के लिए कुछ भी नहीं था| (ii) घोषणा में यह कहा गया है कि "कानून सामान्य इच्छा की अभिव्यक्ति है | सभी नागरिकों को इसके गठन में भाग लेने का अधिकार है, और सभी नागरिक इसके समक्ष समान हैं | जबकि उस समय जब फ्रांस एक संवैधानिक राजशाही बन गया था तब लगभग 3 लाख पुरुषों और महिलाओं को जो 25 वर्ष के आयु के अंतर्गत थे उन्हें वोट देने की अनुमति नहीं थी | (iii) अत: इससे स्पष्ट है कि सार्वभौमिक अधिकार फ्रांसीसी समाज के कुछ वर्गों तक ही सिमित था और संविधान अमीरों के लिए ही उपलब्ध था | प्रश्न6. नेपोलियन के उदय को कैसे समझा जा सकता है ? उत्तर: नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म 1769 ई0 में रोम सागर के द्वीप कोर्सिका की राजधानी अजासियों में हुआ था। वह असधारण प्रतिभा का स्वामी था । उसने पेरिस के फौजी स्कुल में शिक्षा प्राप्त कर सेना में भर्ती हुआ और असीम वीरता, साहस और सैनिक योग्यता द्वारा उन्नति कर सेनापति बन गया । उसने ब्रिटेन, आस्ट्रिया और सार्डीनिया के विरूद्ध विजय प्राप्त की । तत्पश्चात् वह डायरेक्टर का प्रथम बना और थोडे समय में ही वह फ्रांस का सम्राट बन गया । उसने अपनी योग्यता और कुशलता से फ्रांस में शांति व्यवस्था स्थापित की । महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरप्रश्न1: लूई XVI कब फ्रांस कि पर आसीन हुआ ? उत्तर: 1774 में |
उत्तर: लूई XVI जब फ्रांस की राजगद्दी पर आसीन हुआ तब उनकी उम्र 20 साल थी|
उत्तर: लूई XVI जब फ्रांस की राजगद्दी पर आसीन होने के समय वितीय संसाधन नष्ट होने के प्रमुख कारण थे लम्बे तक युद्ध का चलना |
उत्तर: यह फ्रांस कि मुद्रा होती है|जिसे 1794 में समाप्त कर दिया गया|
उत्तर: 21 सितंबर 1792 में |
उत्तर: 18 वी शताब्दी में फ्रांसीसी समाज को तीन एस्टेट में बाँटा हुआ था | 1.प्रथम एस्टेट 2.दूसरा एस्टेट 3.तीसरा एस्टेट
उत्तर: फ्रांसीसी समाज के तीसरे एस्टेट के लोग ही कर अदा कर रहे थे | इस वर्ग में व्यवसायी वर्ग, किसान एवं मजदुर वर्ग के लोग आते थे |
उत्तर: फ्रांस में धार्मिक कर को टाइद और प्रत्यक्ष कर को टाइल कहा जाता था |
उत्तर: लूई सोलहवें के कर बढ़ाने के निम्न कारण थे : (i) की जनसंख्या में वृद्धि | (ii) फ्रांसीसी सरकार पर कर्ज का बोझ | (iii) वित्तीय संसाधन में कमी | (iv) बार-बार युद्ध की मार |
उत्तर: स्टेट्स जेनराल एक सरकारी संस्था थी | नए कर कि मंजूरी के लिए स्टेट्स जेनराल कि बैठक बुलाई जाती थी | यह नए प्रस्तावों पर अनुमोदन का कार्य करता था |
उत्तर: नैशनल असेंबली को सौपा था |
उत्तर: रूसो |
उत्तर: न्यायालय द्वारा उसे देशद्रोह के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई | 21 जनवरी 1973 में उसे सार्वजानिक रूप से फाँसी दे दी गई |
उत्तर: फ्रांस में नेशनल असेम्बली चुनने के लिए मतदान का अधिकार कुछ लोगो को ही प्राप्त था लोग दो तिहाई कर चुकाते थे | जो सक्रीय नागरिक थे, उन्हें ही मतदान करने का अधिकार प्राप्त था | महिलाएं मतदान नहीं कर सकती थी |
उत्तर: 25 वर्षा से अधिक उम्र के पुरुष जो तीन दिन कि मजदूरी के बराबर कर चुकाते थे| उन्हें सक्रीय नागरिक का दर्जा दिया गया था | शेष सभी पुरुष तथा महिलाओ को केरूप में वर्गीकृत किया गया था | प्रश्न16:लूई सोलहवें के फिर से कर लगाने की खबर की कौन सी व्यवस्था ने लोगो के गुस्से को ओर बढ़ा दिया ? उत्तर: के फिर से कर लगाने की खबर से विशेषाधिकार वाली व्यवस्था ने लोगो के गुस्से को ओर बड़ा दिया| इसमें कुछ विशेष वर्ग के लोगो को विशेषाधिकार दिए गए थे |
उत्तर: लुई सरकार कि निरंकुश शासन और जर्जर हो चुकी भूखी जनता , महंगाई कि मार , अमीर –गरीब की चौड़ी खाई, और असुरक्षा की भावना से फ़्रांस में क्रांति की आग अभी सुलग ही रही थी कि के विचारो ने आग में घी डालने का काम किया | लोगों को उनके विचारों में अपना भविष्य नजर आया | उनके विचारों पर कॉफ़ी हाउसों व सैलूनो की गोष्ठियों में गर्मागरम बहस हुआ करती थी और पुस्तको तथा अखबरो के माध्यम से उनके विचारो का व्यापक प्रचार हुआ |प्रश्न: फ़्रांस की क्रांति के समय फ़्रांस में किसका शासन था? उत्तर: फ़्रांस की क्रांति के समय फ़्रांस में लूई सोलहवें का शासन था |
उतर: फ़्रांस की क्रांति के प्रमुख कारण निम्म थे | 1.लूई सरकार का निरंकुश शासन | 2.मजदूर व्यापरियों और किसानों का शोषण| 3. दार्शनिको के विचार जो लोगों को क्रांति के लिए प्रेरित किया | 4. महंगाई, बेरोजगारी और बार-बार युद्ध से फ्रांस की सरकार पर कर्ज का भोझ | 5. कर में भारी वृद्धि |
उत्तर: सन 1941 में |
उत्तर: यह फ्रांस के सबसे मशहूर क्लबों में से एक था |
उत्तर: मैक्समिलियन रोबेसप्येर जैकोबिन क्लब का नेता था | लुई की मृत्यु के बाद जैकोबिन का शासन हुआ | रोबेसप्येर ने अपनी नीतियों को इतनी सख्ती से लागु किया कि उसके समर्थक भी त्राहि-त्राहि करने लगे | जुलाई 1794 में न्यायालय द्वारा उसे दोषी ठहराया गया और फिर उसके अगले दिन उसे गिरफ्तार कर गिलोटिन पर चढ़ा दिया गया |
उत्तर: 'द सोसाइटी ऑफ़ रेव्लुशनरी एंड रिपब्लिकन वीमेन' क्लब की एक प्रमुख माँग यह थी कि महिलाओं को पुरुषों के समान राजनितिक अधिकार प्राप्त होने चाहिए |
उत्तर: महिलाओं को इस बात से निराशा हुई कि 1971 के संविधान में उन्हें निष्क्रिय नागरिक का दर्जा दिया गया था | उन्होंने निम्नलिखित माँगे रखी थी | (i) महिलाओं को मताधिकार मिले | (ii) उन्होंने असेंबली के लिए चुने जाने तथा राजनितिक पदों की मांग रखी | प्रश्न24: क्रन्तिकारी सरकार ने महिलाओं के जीवन में सुधार लाने वाले कौन-कौन से कानून लागु किये ? अथवा प्रश्न: क्रन्तिकारी सरकार द्वारा फ्रांस में महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए लागु किये गए किन्ही पाँच कानूनों का उल्लेख कीजिए | उत्तर: (i) सरकारी विद्यालयों की स्थापना के साथ ही सभी लड़कियों के लिए स्कूली शिक्षा अनिवार्य बना दिया गया | (ii) पिता उनके मर्जी के खिलाफ शादी के लिए बाध्य नहीं कर सकते थे | (iii) शादी को स्वैच्छिक अनुबंध माना गया और नागरिक कानूनों के तहत उनका पंजीकरण किया जाने लगा | (iv) इस कानून में तलाक को क़ानूनी रूप दे दिया गया | (v) इस कानून के अनुसार महिलाएं अब व्यावसायिक प्रशिक्षण ले सकती थी, कलाकार बन सकती थी और छोटे-मोटे व्यवसाय चला सकती थी |
उत्तर: आतंक राज के दौरान सरकार ने महिला क्लबों को बंद करने और उनकी राजनितिक गतिविधियों पर प्रतिबन्ध लगाने वाला कानून लागु किया गया | कई जानी मानी महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया और उनमे से कुछ महिलाओं को फाँसी पर चढ़ा दिया गया |
उत्तर: (i) दास प्रथा का उन्मूलन जैसे सुधार प्रमुख थे | (ii) महिलाओं के जीवन में सुधार और उनके शिक्षा और व्यवसाय कार्य में सुधार किये गए |
उत्तर: जैकोबिन सरकार के पतन के बाद फ्रांस के नए संविधान में दो चुनी हुई परिषदो का प्रावधान किया गया | ये परिषद् पाँच सदस्यों वाली एक कार्यपालिका की नियुक्ति किया जिसे डिरेक्टरी या डिरेक्ट्री कहते है |
उत्तर: (i) स्वतंत्रता (ii) विधिसम्मत समानता और (iii) बंधुत्व फ्रांस सरकार के स्वरुप में तीन मूल्य थे जो प्रेरक आदर्श थे और फ्रांस ही नहीं बाकि यूरोप के राजनितिक आन्दोलन को भी प्रेरित किया |
उत्तर: फ्रांस में 1791 के संविधान के तहत निम्नलिखित राजनितिक पद्धति ने कार्य किया | (i) सम्राट की शक्तियों को सिमित कर दिया गया | (ii) अब सत्ता एक व्यक्ति के हाथ में केंद्रीकृत होने के बजाय अब इन शक्तियों को विभिन्न संस्थाओं विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका में विभाजित एवं हस्तांतरित कर दिया गया। (iii) मताधिकार के लिए दो श्रेणियां निश्चित कर दी गई, जिसमें सक्रीय नागरिक एवं निष्क्रिय नागरिक शामिल थे | (iv) सक्रीय नागरिक वोट द्वारा न्यायधीश का चुनाव करते थे |
उत्तर: द सोशल कॉन्ट्रैक्ट पुस्तक में |
उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के पहले फ्रांस की स्थित निम्नलिखित थी | (i) फ्रांसीसी क्रांति के पहले फ़्रांस की स्थति दयनीय थी | (ii) फ़्रांस भारी कर्जो डूबा हुआ था और उसके वित्तीय संसाधन नष्ट हो चुके थे | (iii) फ़्रांस की जनता गरीबी के जाल में फँसी हुई थी | (iv) किसानों और गरीब जनता के बीच रोजी-रोटी का संकट था | (v) फ्रांस में सामंतवादी व्यवस्था का बोलबाला था जिसमें किसानों को अपने स्वामी की सेवा - स्वामी के घर एवं खेतों में काम करना, सैन्य सेवाएँ देना पड़ता था |
उत्तर: बुर्बो राजबंश का शासक लूई सोलहवाँ का शासन था |
उत्तर: दार्शनिकों ने अपने विचारों एवं अपने पुस्तकों के माध्यम से 1789 की क्रांति में बहुत बहुत बड़े योगदान दिए थे | जो निम्नलिखित है | (i) टू ट्रीटाईज़ेज ऑफ़ गवर्नमेंट में लॉक ने राजा और निरंकुश अधिकारों के सिद्धांत का खंडन किया | (ii) रूसो ने जनता और प्रतिनिधियों के बीच एक सामाजिक अनुबंध पर आधारित सरकार का प्रस्ताव रखा | (iii) अपनी पुस्तक द स्पिरिट ऑफ़ लॉज नामक रचना में मान्तेस्क्यु ने सरकार के अन्दर विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता विभाजन की बात कही | (iv) दार्शनिकों के इन विचारों पर कॉफी हाउसों व सैलॉन की गोष्ठियों में गर्मागर्म बहस हुआ करती और पुस्तकों एवं अखबारों के माध्यम से इनका व्यापक प्रचार-प्रसार हुआ। (v) पुस्तकों एवं अखबारों को लोगों के बीच शोर से पढ़ा जाता ताकि अनपढ़ भी उन्हें समझ सके।
उत्तर: 'द सोसाइटी ऑफ़ रेव्लुशनरी एंड रिपब्लिकन वीमेन' |
उत्तर: जैकोबिनों के एक बड़े वर्ग ने गोदी कामगारों की तरह धारीदार लंबी पतलून पहनने का निर्णय किया। ऐसा उन्होंने समाज के फैशनपरस्त वर्ग, खासतौर से घुटने तक पहने जाने वाले ब्रीचेस पहनने वाले कुलीनों से खुद को अलग करने के लिए किया। यह ब्रीचेस पहनने वाले कुलीनों की सत्ता समाप्ति के एलान का उनका तरीका था। इसलिए जैकोबिनों को ‘सौं कुलॉत’ के नाम से जाना गया जिसका शाब्दिक अर्थ होता है - बिना घुटन्ने वाले। सौं कुलॉत पुरुष लाल रंग की टोपी भी पहनते थे जो स्वतंत्रता का प्रतीक थी लेकिन महिलाओं को ऐसा करने की अनुमति नहीं थी।
उत्तर: नैशनल असेंबली द्वारा बनाये गए संविधान के पाँच प्रावधान निम्न लिखित हैं ? (i) मजदूरी और कीमतों की अधिकतम सीमा तय कर दी गई| (ii) गोश्त और पावरोटी की राशनिंग कर दी गई | (iii) महँगे और सफ़ेद आटे के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गयी | (iv) सभी को साबुत गेंहूँ से बनी और बराबरी का प्रतिक मानी जाने वाली, समता रोटी खाना अनिवार्य कर दिया गया | (v) बोलचाल और संबोधन में का आचार-व्यव्हार लागु करने की कोशिश की गई थी | फ़्रांसिसी क्रांति को इस वीडियो की मदद से पूरा समझें | फ़्रांसिसी क्रांति के NCERT Solutions को यहाँ से पढ़ें | |