क्या आप इस बात से सहमत हैं कि सार्वभौमिक अधिकारों के संदेश में अनेक अंतर्विरोध थे - kya aap is baat se sahamat hain ki saarvabhaumik adhikaaron ke sandesh mein anek antarvirodh the

फ्रांसीसी क्रांति 

मुख्य बिन्दुएँ :

  • फ्रांस के लोग महंगाई, कर वृद्धि और निरंकुश शासन से परेशान थे | 
  • फ़्रांसीसी क्रांति ने फ्रांस में राजतंत्र को समाप्त कर दिया | 
  • क्रांति के दौरान तैयार किया गया मानव अधिकार घोषणा पत्र एक नए युग के आगमन का द्योतक था |
  • सन 1774 में बुर्बों राजवंश का लुई XVI फ्रांस की राजगद्दी पर आसीन हुआ |
  • जब लुई XVI फ्रांस की राजगद्दी पर आसीन हुआ तो राजकोष खाली था और कई युद्ध लड़ने के कारण कर्ज के बोझ से दबा था | कर्ज का बोझ दिनों दिन बढ़ता जा रहा था |  
  • अठारहवीं सदी में फ्रांसीसी समाज तीन स्टेट्स में बंटा हुआ था और केवल तीसरे एस्टेट के लोग ही कर अदा करते थे | 

क्या आप इस बात से सहमत हैं कि सार्वभौमिक अधिकारों के संदेश में अनेक अंतर्विरोध थे - kya aap is baat se sahamat hain ki saarvabhaumik adhikaaron ke sandesh mein anek antarvirodh the

  • पूरी आबादी में लगभग 90 प्रतिशत किसान थे | लगभग 60 प्रतिशत जमीन पर कुलीनों, चर्च और तीसरे स्टेट्स के अमीरों का अधिकार था| 
  • प्रथम दो स्टेट्स, कुलीन वर्ग  एवं पादरी वर्ग के लोगों को कुछ विशेषाधिकार प्राप्त था, जिसमें महत्वपूर्ण विशेषाधिकार था -राज्य को दिए जाने वाले कर से छूट
  • कुलीन वर्ग किसानों से सामंती कर वसूला करता था | वहाँ  के किसान अपने स्वामी के घर एवं खेतों में काम करना, सैन्य सेवाएँ देना अथवा सड़क के निर्माण में सहयोग देने के लिए बाध्य थे | 
  • चर्च भी किसानों से करों का एक हिस्सा, टाइद (Tithe, एक प्रकार का धार्मिक कर ) के रूप में वसूलते थे | जबकि उन्हें प्रत्यक्ष कर टाइल (Taille) भी देना पड़ता था | 
  • विश्व के सामाजिक संरचना के क्षेत्र में आमूल परिवर्तन का सूत्रपात फ्रांस की क्रांति को जाता है | 
  • फ्रांस के राष्ट्रगान को मार्सिले के नाम से जाना जाता है | 
  • लुई सोलहवें को न्यायालय द्वारा देशद्रोह के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई और 21 जनवरी 1793 में उसे सार्वजनिक रूप से फांसी दे दी गयी | 
  • सन 1793 से 1794 तक के काल को फ्रांस के इतिहास में आतंक का युग कहा जाता है | इस समय फ्रांस में जैकोबिन क्लब का शासन था | 
  • जैकोबिन क्लब के नेता का नाम था मैक्समिलियन रोबेस्प्येर था | 
  • जैकोबिनों को "सौ कुलॉत" के नाम से जाना जाता था | सौ कुलॉत पुरुष लाल रंग की टोपी पहनते थे जो स्वतंत्रता का प्रतीक था | 
  • 21 सितम्बर 1992 को फ्रांस में राजतन्त्र का अंत हुआ और फ्रांस को एक गणतंत्र घोषित किया गया | 
  • गणतंत्र, सरकार का वह रूप है जहाँ सरकार एवं उसके शासक प्रमुख का चुनाव जनता करती है | 
  • गणतंत्र बनने के बाद फ्रांस में जैकोबिनों का शासन हुआ | रोबेस्प्येर सरकार सत्ता में आई | 
  • गर्दन से धड अलग करने की मशीन को गिलेटिन कहा जाता है | इसका नाम इसके अविष्कारक डॉ0 गिलेटिन के नाम से पड़ा है | 
  • रोबेस्प्येर सरकार ने चर्चों को बंद कर दिया और उसके भवनों को बैंक या दफ्तर बना दिया गया | 
  • मैक्समिलियन रोबेस्प्येर ने अपनी नीतियाँ इतनी सख्ती से लागु किया कि उसके समर्थक भी त्राहि-त्राहि करने लगे | अंतत: जुलाई 1994 में न्यायालय द्वारा उसे दोषी ठहराया गया और गिरफ्तार करके अगले ही दिन उसे गिलोटिन पर चढ़ा दिया गया | 
  • जैकोबिन सरकार के पतन के बाद फ्रांस में मध्य वर्ग के संपन्न तबके के पास सता आ गई, नया संविधान बना और जिसमें दो चुनी हुई परिषदों का प्रावधान रखा गया और इन परिषदों ने पांच सदस्यों वाली एक कार्यपालिका -डायरेक्टर को नियुक्त किया गया |
  • लेकिन फ्रांस में यह शासन भी डिरेक्टरों के आपसी झगड़ों से नहीं चला और फिर सैनिक तानाशाह नेपोलियन बोनापार्ट का उदय हुआ | 


अभ्यास : 

प्रश्न1. फ्रांस में क्रांति की शुरुआत किन परिस्थितियों में हुई ? 

उत्तर: फ्रांस में क्रांति की शुरुआत निम्न परिस्थितियों में हुई : 

(i) लुई सोलहवें का शासन था और कई बार युद्ध की मार झेलने से फ्रांस की आर्थिक स्थिति जर्जर हो चुकी थी | अब उसे फिर से नए कर बढ़ाने की आवश्यकता थी | 

(ii) मजदूरों, व्यवसायियों एवं किसानों का शोषण हो रहा था | मजदूरी महंगाई की दर से नहीं बढ़ रही थी |   

(iii) किसानों की फसलें कड़ाके की ठंढ के कारण मारी गई थी और खाने-पीने की वस्तुएँ आसमान छूने लगी थी | 

(iv) तीसरे एस्टेट के प्रनितिधि अब खुद को नेशनल असेंबली घोषित कर चुके थे और नए संविधान भी बनाना शुरू कर दिया था | इस समय कुछ दार्शनिकों के विचार और निरंकुश शासन से पूरा फ्रांस आंदोलित होने लगा था | 


प्रश्न2. फ्रांसीसी समाज के किन तबकों को क्रांति का फायदा मिला? कौन से समूह सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर  हो गए ? क्रांति के नतीजों से समाज के किन समूहों को निराशा हुई ?

उत्तर:  फ्रांसीसी समाज के तीसरे तबकों को क्रांति का फायदा मिला | कुलीन वर्ग को सत्ता छोड़ना पड़ा जो जनता से सामंत कर वसूलते थे |

पादरी वर्ग को निराशा हुई जिनकी चर्चों को बंद कर दिया गया और चर्चों के भवनों को कार्यालयों में तब्दील कर दिया गया |  


प्रश्न3. उन्नीसवीं और बीसवीं सदी की दुनिया के लिए फ्रांसीसी क्रांति कौन सी विरासत छोड़ गई ?

उत्तर: उन्नीसवीं और बीसवीं सदी की दुनिया के लिए फ्रांसीसी क्रांति निम्न  विरासतें छोड़ गई |

(i) स्वतंत्रता और जनवादी अधिकारों के विचार फ्रांसीसी क्रांति की सबसे महत्वपूर्ण विरासत थे | 

(ii)विश्व के अधिकांश देशों के अन्दर जहाँ इस तरह की क्रांति की आवश्यकता थी उन्हें फ्रांस की क्रांति से प्रेरणा मिली | 

(iii) अमेरिका, रूस और इंग्लैंड में भी इस क्रांति की प्रेरणा से क्रांति हुए और विश्व पटल पर आमूल परिवर्तन हुए | 

(iv) इस क्रांति की प्रेरणा से विश्व के अनेक देशों में सामाजिक, राजनैतिक और क्रांतिकारी आन्दोलन हुए |

(v) इस क्रांति से तानाशाही और निरंकुश शासकों का अंत  हुआ और विश्व जनमानस अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आन्दोलन को प्रेरित हुए| 


प्रश्न4. उन जनवादी अधिकारों की सूची बनाएँ जो आज हमें मिले हुए हैं और जिनका उद्गम फ्रांसीसी क्रांति में है | 

उत्तर: 

(i) जीवन के अधिकार 

(ii) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार 

(iii) क़ानूनी बराबरी के अधिकार 

(iv) स्वतंत्रता, विधिसम्मत समानता और बंधुत्व 


प्रश्न5. क्या आप इस तर्क से सहमत हैं कि सार्वभौमिक अधिकारों के सन्देश में नाना अंतर्विरोध थे ? 

उत्तर: सार्वभौमिक अधिकारों का सन्देश वास्तव में अन्तर्विरोध से घिरा था | 

(i) मनुष्य और नागरिक अधिकारों की घोषणा में कई आदर्श संदिग्ध थे | उदाहरण के लिए "कानून केवल समाज के हानिकारक कारवाईयों को रोकने के लिए ही अधिकार रखता था" जबकि अन्य व्यक्तियों के खिलाफ अपराधिक अपराधों के बारे में कहने के लिए कुछ भी नहीं था|

(ii) घोषणा में यह कहा गया है कि "कानून सामान्य इच्छा की अभिव्यक्ति है | सभी नागरिकों को इसके गठन में भाग लेने का अधिकार है, और सभी नागरिक इसके समक्ष समान हैं | जबकि उस समय जब फ्रांस एक संवैधानिक राजशाही बन गया था तब लगभग 3 लाख पुरुषों और महिलाओं को जो 25 वर्ष के आयु के अंतर्गत थे उन्हें वोट देने की अनुमति नहीं थी | 

(iii) अत: इससे स्पष्ट है कि सार्वभौमिक अधिकार फ्रांसीसी समाज के कुछ वर्गों तक ही सिमित था और संविधान अमीरों के लिए ही उपलब्ध था | 

प्रश्न6. नेपोलियन के उदय को कैसे समझा जा सकता है ? 

उत्तर: नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म 1769 ई0 में रोम सागर के द्वीप कोर्सिका की राजधानी अजासियों में हुआ था। वह असधारण प्रतिभा का स्वामी था । उसने पेरिस के फौजी स्कुल में शिक्षा प्राप्त कर सेना में भर्ती हुआ और असीम वीरता, साहस और सैनिक योग्यता द्वारा उन्नति कर सेनापति बन गया । उसने ब्रिटेन, आस्ट्रिया और सार्डीनिया के विरूद्ध विजय प्राप्त की । तत्पश्चात् वह डायरेक्टर का प्रथम बना और थोडे समय में ही वह फ्रांस का सम्राट बन गया । उसने अपनी योग्यता और कुशलता से फ्रांस में शांति व्यवस्था स्थापित की । 

महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न1: लूई XVI कब फ्रांस कि पर आसीन हुआ ?

उत्तर: 1774 में |


प्रश्न2: लूई XVI जब फ्रांस की राजगद्दी पर आसीन हुआ तब उनकी उम्र क्या थी ?

उत्तर: लूई XVI जब फ्रांस की राजगद्दी पर आसीन हुआ तब उनकी उम्र 20 साल थी|


प्रश्न3:लूई XVI जब की राजगद्दी पर आसीन होने के समय वितीय संसाधन नष्ट होने के क्या कारण थे?

उत्तर: लूई XVI जब फ्रांस की राजगद्दी पर आसीन होने के समय वितीय संसाधन नष्ट होने के प्रमुख कारण थे लम्बे तक युद्ध का चलना |


प्रश्न4: लिब्रे क्या है ? इसे कब समाप्त? कर दिया गया ?

उत्तर: यह फ्रांस कि मुद्रा होती है|जिसे 1794 में समाप्त कर दिया गया|


प्रश्न5: फ्रांस को कब गणतंत्र घोषित किया गया ? 

उत्तर: 21 सितंबर 1792 में | 


प्रश्न6: 18 वी शताब्दी में फ्रांसीसी समाज को कितने एस्टेट में बाँटा हुआ था?

उत्तर: 18 वी शताब्दी में फ्रांसीसी समाज को तीन एस्टेट में बाँटा हुआ था |

1.प्रथम एस्टेट

2.दूसरा एस्टेट

3.तीसरा एस्टेट


प्रश्न7: फ़्रांसीसी समाज के कौन से एस्टेट के लोग  कर (tax) अदा करते थे ? इस वर्ग में कौन कौन से लोग आते थे ?

उत्तर: फ्रांसीसी समाज के तीसरे एस्टेट के लोग ही कर अदा कर रहे थे | इस वर्ग में व्यवसायी वर्ग, किसान एवं मजदुर वर्ग के लोग आते थे |


प्रश्न8: टाइद और टाइल में क्या अन्तर है ?

उत्तर: फ्रांस में धार्मिक कर को टाइद और प्रत्यक्ष कर को टाइल कहा जाता था |


प्रश्न9: लूई सोलहवें के कर बढ़ाने के क्या कारण थे ?

उत्तर: लूई सोलहवें के कर बढ़ाने के निम्न कारण थे :

(i) की जनसंख्या में वृद्धि |

(ii) फ्रांसीसी सरकार पर कर्ज का बोझ |

(iii) वित्तीय संसाधन में कमी |

(iv) बार-बार युद्ध की मार |


प्रश्न10: स्टेट्स जेनराल क्या है ? यह क्या कार्य करता था ?

उत्तर: स्टेट्स जेनराल एक सरकारी संस्था थी | नए कर कि मंजूरी के लिए स्टेट्स जेनराल कि बैठक बुलाई जाती थी | यह नए प्रस्तावों पर अनुमोदन का कार्य करता था |


प्रश्न11: सन 1791 में फ्रांसीसी संविधान ने कानून बनाने का अधिकार किसको सौप दिया ? 

उत्तर: नैशनल असेंबली को सौपा था |  


प्रश्न12: ‘द सोशल कॉन्ट्रैक्ट’ पुस्तक के लेखक कौन है ?

उत्तर: रूसो |


प्रश्न13: लुई सोलहवें की मृत्यु कैसे हुई ? 

उत्तर: न्यायालय द्वारा उसे देशद्रोह के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई | 21 जनवरी 1973 में उसे सार्वजानिक रूप से फाँसी दे दी गई | 


प्रश्न14: फ्रांस में नेशनल असेम्बली चुनने के लिए मतदान का अधिकार किस प्रकार दिया गया था?

उत्तर: फ्रांस में नेशनल असेम्बली चुनने के लिए मतदान का अधिकार कुछ लोगो को ही प्राप्त था  लोग  दो तिहाई कर चुकाते थे | जो सक्रीय नागरिक थे, उन्हें ही मतदान करने का अधिकार प्राप्त था | महिलाएं मतदान नहीं कर सकती थी | 


प्रश्न15: फ्रांस में सम्राट लूई XVI के शासन में सक्रीय और निष्क्रिय नागरिक किस आधार पर बाँटे गए थे ? इनमे से किसको मतदान का अधिकार था? 

उत्तर: 25 वर्षा से अधिक उम्र के पुरुष जो तीन दिन कि मजदूरी के बराबर कर चुकाते थे|  उन्हें सक्रीय नागरिक का दर्जा दिया गया था  | शेष सभी पुरुष तथा महिलाओ को  केरूप में वर्गीकृत किया गया था |

प्रश्न16:लूई सोलहवें के फिर से कर लगाने की खबर की कौन सी व्यवस्था ने लोगो के गुस्से को ओर बढ़ा दिया ? 

उत्तर:  के फिर से कर लगाने की खबर से विशेषाधिकार वाली  व्यवस्था ने लोगो के गुस्से को ओर बड़ा दिया| इसमें कुछ विशेष वर्ग के लोगो को  विशेषाधिकार दिए गए थे |


प्रश्न17: फ़्रांस कि क्रांति में दार्शनिको के विचारो ने किस प्रकार आग में घी डालने का काम किया? उनके विचारो को किस प्रकार जन साधारण तक पहुचाया जाता था ?

उत्तर: लुई सरकार कि निरंकुश शासन और जर्जर हो चुकी भूखी जनता , महंगाई कि मार , अमीर –गरीब की चौड़ी खाई, और असुरक्षा की भावना से फ़्रांस में क्रांति की आग अभी सुलग ही रही थी कि के विचारो ने आग में घी डालने का काम किया | लोगों को उनके विचारों में अपना भविष्य नजर आया | उनके विचारों पर कॉफ़ी हाउसों व सैलूनो की गोष्ठियों में गर्मागरम बहस हुआ करती थी और पुस्तको तथा अखबरो के माध्यम से उनके विचारो का व्यापक प्रचार हुआ |प्रश्न: फ़्रांस की क्रांति के समय फ़्रांस में किसका शासन था?

उत्तर: फ़्रांस की क्रांति  के समय फ़्रांस में लूई सोलहवें का शासन था |


प्रश्न18: फ़्रांस की क्रांति के प्रमुख कारण क्या थे?

उतर: फ़्रांस की क्रांति के प्रमुख कारण निम्म थे |

1.लूई सरकार का निरंकुश शासन |

2.मजदूर व्यापरियों और किसानों का शोषण|

3. दार्शनिको के विचार जो लोगों को क्रांति के लिए प्रेरित किया | 

4. महंगाई, बेरोजगारी और बार-बार युद्ध से फ्रांस की सरकार पर कर्ज का भोझ |

5. कर में भारी वृद्धि |      


प्रश्न19: फ्रांसीसी महिलाओं को मताधिकार का अधिकार कब प्राप्त हुआ ?

उत्तर: सन 1941 में |


प्रश्न20: 'द सोसाइटी ऑफ़ रेव्लुशनरी एंड रिपब्लिकन वीमेन' क्या था ? 

उत्तर: यह फ्रांस के सबसे मशहूर क्लबों में से एक था |


प्रश्न21: मैक्समिलियन रोबेसप्येर कौन था ? उसकी मृत्यु कैसे हुई ?

उत्तर:   मैक्समिलियन रोबेसप्येर जैकोबिन क्लब का नेता था | लुई की मृत्यु के बाद जैकोबिन का शासन हुआ | रोबेसप्येर ने अपनी नीतियों को इतनी सख्ती से लागु किया कि उसके समर्थक भी त्राहि-त्राहि करने लगे | जुलाई 1794 में न्यायालय द्वारा उसे दोषी ठहराया गया और फिर उसके अगले दिन उसे गिरफ्तार कर गिलोटिन पर चढ़ा दिया गया | 


प्रश्न22: 'द सोसाइटी ऑफ़ रेव्लुशनरी एंड रिपब्लिकन वीमेन'  क्लब की एक प्रमुख माँग क्या थी ? 

उत्तर: 'द सोसाइटी ऑफ़ रेव्लुशनरी एंड रिपब्लिकन वीमेन'  क्लब की एक प्रमुख माँग यह थी कि महिलाओं को पुरुषों के समान राजनितिक अधिकार प्राप्त होने चाहिए | 


प्रश्न23: 1971 के नए संविधान से फ्रांस की महिलाओं को किस बात से निराशा हुई थी ? उन्होंने क्या माँगे रखी ? 

उत्तर: महिलाओं को इस बात से निराशा हुई कि 1971 के संविधान में उन्हें निष्क्रिय नागरिक का दर्जा दिया गया था |

उन्होंने निम्नलिखित माँगे रखी थी | 

(i) महिलाओं को मताधिकार मिले |

(ii) उन्होंने  असेंबली के लिए चुने जाने तथा राजनितिक पदों की मांग रखी | 

प्रश्न24: क्रन्तिकारी सरकार ने महिलाओं के जीवन में सुधार लाने वाले कौन-कौन से कानून लागु किये ?  

अथवा 

प्रश्न: क्रन्तिकारी सरकार द्वारा फ्रांस में महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए लागु किये गए किन्ही पाँच कानूनों का उल्लेख कीजिए | 

उत्तर: 

(i) सरकारी विद्यालयों की स्थापना के साथ ही सभी लड़कियों के लिए स्कूली शिक्षा अनिवार्य बना दिया गया | 

(ii) पिता उनके मर्जी के खिलाफ शादी के लिए बाध्य नहीं कर सकते थे | 

(iii) शादी को स्वैच्छिक अनुबंध माना गया और नागरिक कानूनों के तहत उनका पंजीकरण किया जाने लगा | 

(iv) इस कानून में तलाक को क़ानूनी रूप दे दिया गया | 

(v) इस कानून के अनुसार महिलाएं अब व्यावसायिक प्रशिक्षण ले सकती थी, कलाकार बन सकती थी और छोटे-मोटे व्यवसाय चला सकती थी |  


प्रश्न25: आतंक राज के दौरान महिलाओं पर कौन-कौन से अत्याचार किये गए ? 

उत्तर: आतंक राज के दौरान सरकार ने महिला क्लबों को बंद करने और उनकी राजनितिक गतिविधियों पर प्रतिबन्ध लगाने वाला कानून लागु किया गया | कई जानी मानी महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया और उनमे से कुछ महिलाओं को फाँसी पर चढ़ा दिया गया | 


प्रश्न26: जैकोबिन शासन के क्रांतिकारी सामाजिक सुधार कौन-कौन से  थे ? 

उत्तर: 

(i) दास प्रथा का उन्मूलन जैसे सुधार प्रमुख थे | 

(ii) महिलाओं के जीवन में सुधार और उनके शिक्षा और व्यवसाय कार्य में सुधार किये गए | 


प्रश्न27: डिरेक्टरी या डायरेक्टर क्या हैं ? 

उत्तर: जैकोबिन सरकार के पतन के बाद फ्रांस के नए संविधान में दो चुनी हुई परिषदो का प्रावधान किया गया | ये परिषद् पाँच सदस्यों वाली एक कार्यपालिका की नियुक्ति किया जिसे डिरेक्टरी या डिरेक्ट्री कहते है | 


प्रश्न28: फ्रांस सरकार के स्वरुप में वे कौन से तीन मूल्य थे जो प्रेरक आदर्श थे और फ्रांस ही नहीं बाकि यूरोप के राजनितिक आन्दोलन को भी प्रेरित किया ?

उत्तर: (i) स्वतंत्रता (ii) विधिसम्मत समानता और (iii) बंधुत्व फ्रांस सरकार के स्वरुप में तीन मूल्य थे जो प्रेरक आदर्श थे और फ्रांस ही नहीं बाकि यूरोप के राजनितिक आन्दोलन को भी प्रेरित किया | 


प्रश्न29: फ्रांस में 1791 के संविधान के तहत किस प्रकार राजनितिक पद्धति ने कार्य किया ? 

उत्तर: फ्रांस में 1791 के संविधान के तहत निम्नलिखित राजनितिक पद्धति ने कार्य किया |

(i) सम्राट की शक्तियों को सिमित कर दिया गया |

(ii) अब सत्ता एक व्यक्ति के हाथ में केंद्रीकृत होने के बजाय अब इन शक्तियों को विभिन्न संस्थाओं विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका में विभाजित एवं हस्तांतरित कर दिया गया।

(iii) मताधिकार के लिए दो श्रेणियां निश्चित कर दी गई, जिसमें सक्रीय नागरिक एवं निष्क्रिय नागरिक शामिल थे | 

(iv) सक्रीय नागरिक वोट द्वारा न्यायधीश का चुनाव करते थे | 


प्रश्न30: रूसो ने किस पुस्तक में एक व्यक्ति एक वोट के सिद्धांत का उल्लेख किया था ? 

उत्तर: द सोशल कॉन्ट्रैक्ट पुस्तक में | 


प्रश्न31: फ्रांसीसी क्रांति के पहले फ्रांस की स्थित का संक्षिप्त वर्णन पाँच बिन्दुओं पर कीजिए |

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के पहले फ्रांस की स्थित निम्नलिखित थी | 

(i) फ्रांसीसी क्रांति के पहले फ़्रांस की स्थति दयनीय थी |

(ii) फ़्रांस भारी कर्जो डूबा हुआ था और उसके वित्तीय संसाधन नष्ट हो चुके थे |

(iii) फ़्रांस की जनता गरीबी के जाल में फँसी हुई थी |

(iv) किसानों और गरीब जनता के बीच रोजी-रोटी का संकट था | 

(v) फ्रांस में सामंतवादी व्यवस्था का बोलबाला था जिसमें किसानों को अपने स्वामी की सेवा - स्वामी के घर एवं खेतों में काम करना, सैन्य सेवाएँ देना पड़ता था | 


प्रश्न32: फ्रांस की क्रांति के समय फ्रांस में किस राजवंश का शासन था ? 

उत्तर: बुर्बो राजबंश का शासक लूई सोलहवाँ का शासन था | 


प्रश्न33: फ्रांस में 1789 की क्रांति के प्रारम्भ में दार्शनिकों का योगदान क्या था ? पाँच बिन्दुओं में लिखिए | 

उत्तर: दार्शनिकों ने अपने विचारों एवं अपने पुस्तकों के माध्यम से 1789 की क्रांति में बहुत बहुत बड़े योगदान दिए थे | जो निम्नलिखित है | 

(i) टू ट्रीटाईज़ेज ऑफ़ गवर्नमेंट में लॉक ने राजा और निरंकुश अधिकारों के सिद्धांत का खंडन किया | 

(ii) रूसो ने जनता और प्रतिनिधियों के बीच एक सामाजिक अनुबंध पर आधारित सरकार का प्रस्ताव रखा | 

(iii) अपनी पुस्तक द स्पिरिट ऑफ़ लॉज नामक रचना में मान्तेस्क्यु ने सरकार के अन्दर विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता विभाजन की बात कही | 

(iv) दार्शनिकों के इन विचारों पर कॉफी हाउसों व सैलॉन की गोष्ठियों में गर्मागर्म बहस हुआ करती और पुस्तकों एवं अखबारों के माध्यम से इनका व्यापक प्रचार-प्रसार हुआ।

(v) पुस्तकों एवं अखबारों को लोगों के बीच शोर से पढ़ा जाता ताकि अनपढ़ भी उन्हें समझ सके।


प्रश्न34: फ्रांस की महिलाओं के द्वारा प्रारंभ की गई सबसे लोकप्रिय राजनैतिक क्लब का नाम लिखिए | 

उत्तर: 'द सोसाइटी ऑफ़ रेव्लुशनरी एंड रिपब्लिकन वीमेन' |


प्रश्न35: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान जैकोबिन क्लब के सदस्यों के द्वारा अपनाए गए परिधानों की शैली का वर्णन कीजिए | 

उत्तर: जैकोबिनों के एक बड़े वर्ग ने गोदी कामगारों की तरह धारीदार लंबी पतलून पहनने का निर्णय किया। ऐसा उन्होंने समाज के फैशनपरस्त वर्ग, खासतौर से घुटने तक पहने जाने वाले ब्रीचेस पहनने वाले कुलीनों से खुद को अलग करने के लिए किया। यह ब्रीचेस पहनने वाले कुलीनों की सत्ता समाप्ति के एलान का उनका तरीका था।

इसलिए जैकोबिनों को ‘सौं कुलॉत’ के नाम से जाना गया जिसका शाब्दिक अर्थ होता है - बिना घुटन्ने वाले। सौं कुलॉत पुरुष लाल रंग की टोपी भी पहनते थे जो स्वतंत्रता का प्रतीक थी लेकिन महिलाओं को ऐसा करने की अनुमति नहीं थी।


प्रश्न36: नैशनल असेंबली द्वारा बनाये गए संविधान के किन्ही पाँच प्रावधानों की व्याख्या कीजिए |

उत्तर: नैशनल असेंबली द्वारा बनाये गए संविधान के पाँच प्रावधान निम्न लिखित हैं ? 

(i) मजदूरी और कीमतों की अधिकतम सीमा तय कर दी गई| 

(ii) गोश्त और पावरोटी की राशनिंग कर दी गई | 

(iii) महँगे और सफ़ेद आटे के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गयी | 

(iv) सभी को साबुत गेंहूँ से बनी और बराबरी का प्रतिक मानी जाने वाली, समता रोटी खाना अनिवार्य कर दिया गया | 

(v) बोलचाल और संबोधन में का आचार-व्यव्हार लागु करने की कोशिश की गई थी  | 

फ़्रांसिसी क्रांति को इस वीडियो की मदद से पूरा समझें |  

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