कवि बच्चों के काम करने से क्यों परेशान िै? - kavi bachchon ke kaam karane se kyon pareshaan iai?

काव्यांशों पर आधारित अति लघूत्तरीय एवं लघूत्तरीय प्रश्न

निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:

1. कोहरे से ढकी सड़क पर बच्चे काम पर जा रहे हैं
सुबह-सुबह
बच्चे काम पर जा रहे हैं
हमारे समय की सबसे भयानक पंक्ति है यह
भयानक है इसे विवरण की तरह लिखा जाना
लिखा जाना चाहिए था इसे सवाल की तरह
काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे? [C.B.S.E. 2015 Term II, NDJAJJO]

प्रश्न (क) कोहरे युक्त ‘सुबह’ का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए । 
उत्तरः रात में पड़ने वाला कोहरा सुबह के समय और भी घना हो जाता है जो शीत की भयावहता को और भी बढ़ा देता है। वातावरण में छाया घना कोहरा और टपकती बर्फीली फुहारें सर्दी को चरम पर पहुँचा देती हैं। इस वातावरण में कोई भी घर से बाहर नहीं निकलना चाहता। इस प्रकार के माहौल में काँपते हुए बच्चों को अपनी जीविका चलने और रोजी-रोटी कमाने हेतु काम पर जाते देखकर कवि दुखी होता है। वह सोचता है कि काम की परिस्थितियाँ भी एकदम प्रतिकूल हैं पर फिर भी इन बच्चों को काम पर जाना पड़ रहा है।

प्रश्न (ख) इसे विवरण की तरह लिखा जाना क्यों भयानक है ? 
उत्तरः इसे विवरण की तरह लिखा जाना भयानक है, क्योंकि इससे यह महसूस होता है कि इस ज्वलंत समस्या पर समाज उदासीन है। अतः समाज को जागृत करने के लिए इसे सवाल की तरह लिखा जाना चाहिए था।

प्रश्न (ग) इसे सवाल की तरह लिखने पर क्या होगा? 
उत्तरः इसे सवाल की तरह लिखने पर ही समाज व सरकार का ध्यान इस ज्वलंत समस्या के समाधान पर जाएगा।

अथवा

कोहरे से ............................................................हैं बच्चे। (C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1068)

प्रश्न (क) कवि को बच्चों के काम पर जाने की स्थिति भयावह क्यों लग रही है ?
उत्तरः बच्चे देश का भविष्य हैं, अगर वे पढ़ने-लिखने के स्थान पर काम करेंगे तो उनका बचपन ही नहीं नष्ट होगा अपितु देश का विकास भी बाधित होगा।

प्रश्न (ख) बच्चों का काम पर जाना समय का सबसे भयंकर सच क्यों बताया गया है ? 
उत्तरः बच्चों का काम पर जाना एक भयानक प्रश्न है, यह एक हादसे के समान है। यदि वे अभी से काम पर जाने लगेंगे तो वे स्कूल नहीं जा सकेंगे; खेल-कूद नहीं सकेंगे। उनका बचपन अधूरा रह जाएगा। वे अनपढ़ रह जाएँगे और जीवन में उचित मार्ग प्राप्त नहीं कर सकेंगे। बचपन में ही बिगड़े हुए लोगों की संगत पाकर बिगड़ जाएँगे। उनकी बुद्धि का विकास ठीक प्रकार से नहीं हो सकेगा।

प्रश्न (ग) ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ इसे कवि ने सवाल की तरह लिखना क्यों आवश्यक माना है ? 
उत्तरः ”बच्चे काम पर क्यों जा रहे हैं ?“ लिखने से समस्या की गंभीरता और इस सच की कड़वाहट नज़र आएगी।

अथवा

कोहरे से ............................................................हैं बच्चे।

प्रश्न (क) कवि ने समय की भयानक पंक्ति किसे कहा है और उन्होंने विवरण की तरह लिखे जाने को भयानक क्यों माना है?
उत्तरः बच्चों द्वारा काम पर जाने को, कवि ने समय की भयानक पंक्ति कहा है। इस पंक्ति को विवरण की तरह लिखे जाने पर बच्चों द्वारा मजदूरी करने की विवशता को लोग, सामान्य-सी बात, रुटीन जीवन की बात मानते हैं, यही भयानक बात है।

प्रश्न (ख) कवि की पीड़ा का विषय क्या है और उनके लिए बच्चों का काम पर जाना चिंता का विषय क्यों बन गया है ? 
उत्तरः बालकों का मजदूरी करने को मजबूर होना कवि की पीड़ा का विषय है। बच्चों को अपने विकास के लिए पढ़ने-लिखने और खेलने का अवसर मिलना चाहिए जो नहीं मिल रहा है। इसी से कवि चिंतित है।

प्रश्न (ग) सवाल की तरह इस बात को लिखे जाने से कवि का क्या मतलब है ? 
उत्तरः समस्या की गहराई में जाना, उसके कारणों को जानना तथा समाधान के उपाय करना।

अथवा

कोहरे से ............................................................हैं बच्चे। [C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1055]

प्रश्न (क) बच्चों के काम पर जाने को कवि भयानक पंक्ति क्यों कहता है ?
उत्तरः कवि के अनुसार बच्चें का काम पर जाना इसलिए भयानक है क्योंकि बचपन में उन्हें खेलने-कूदने, पढ़ने-लिखने के अवसर प्राप्त होने चाहिए। इसके अभाव में उनका बचपन नष्ट हो जाएगा व देश की नींव कमजोर होने पर देश भी तरक्की नहीं कर पाएगा।

प्रश्न (ख) बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को प्रश्न रूप में क्यों लिखा जाना चाहिए ? 
उत्तरः प्रश्न उत्तेजना देता है और समाधान की दिशा में सोचने को विवश करता है। अतः उनका मत है कि यह बात समाज और शासन के समक्ष एक बड़े प्रश्न के रूप में प्रस्तुत की जानी चाहिए।

प्रश्न (ग) इस काव्यांश में कौन-सी समस्या को उठाया गया है ?
उत्तरः बाल-मजदूरी की विषमतापूर्ण समस्या।

अथवा

कोहरे से ............................................................हैं बच्चे।

प्रश्न (क) इसे सवाल की तरह क्यों लिखा जाना चाहिए ?
उत्तरः इसे सवाल की तरह इसलिए लिखा जाना चाहिए क्योंकि यह समस्या हमारे समाज के उन्नत-प्रबु(-सभ्य लोगों और देश के कर्णधारों के सामने एक सवाल ही तो पूछती है कि यह कैसा सभ्य समाज है, जो देश की भावी पीढ़ी को पतन के गहरे गर्त में धकेल रहा है। इस तरह शोषकों पर प्रहार भी किया जा सकता है।

प्रश्न (ख) इन पंक्तियों में किस समस्या को उठाया गया है ?
उत्तरः कवि ने इस कविता में बाल-शोषण की समस्या को उठाया है। छोटे-छोटे बच्चे अपनी खेलने और पढ़ने की उम्र में परिवार का खर्चा उठाने के लिए काम करते हैं और शोषण का शिकार होते हैं जो एक जघन्य अपराध है।

प्रश्न (ग) बच्चे किस समय और कहाँ जा रहे हैं ?
उत्तरः सुबह-सुबह, कोहरे से ढकी सड़क पर बच्चे काम पर जा रहे हैं।

अथवा

कोहरे से ............................................................हैं बच्चे।

प्रश्न (क) ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कवि इसे सवाल की तरह क्यों लिखना चाहते हैं, विवरण की तरह क्यों नहीं?
उत्तरः बच्चों से काम क्यों करवाया जाता है, समाज और सरकार इस ओर ध्यान क्यों नहीं दे रहीं? आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के लिए नीतियाँ बनाकर उसका कठोरता से पालन क्यों नहीं होता? यह ज्वलंत प्रश्न है। विवरण की तरह लिखने पर समाज का ध्यान इस और नहीं जाएगा। इसलिए सवाल की तरह ही लिखना आवश्यक है।

प्रश्न (ख) गेंदों, किताबों, खिलौनों और मदरसों से बच्चों का क्या सम्बन्ध है? बताइए।
उत्तरः बच्चों को गेंद खेलने, किताब पढ़ने तथा खिलौने खेलने, मदरसे पढ़ने तथा बच्चों के बहुमुखी सहज विकास हेतु आवश्यक हैं।

प्रश्न (ग) इस कविता में कवि ने किस सामाजिक बुराई की ओर संकेत किया है?
उत्तरः बाल मजदूरी की समस्या की ओर।


2. क्या अंतरिक्ष में गिर गई हैं सारी गेंदें
क्या दीमकों ने खा लिया है
सारी रंग-बिरंगी किताबों को
क्या काले पहाड़ के नीचे दब गए हैं सारे खिलौने
क्या किसी भूकंप में ढह गई हैं
सारे मदरसों की इमारतें
क्या सारे मैदान, सारे बगीचे और घरों के आँगन
खत्म हो गए हैं एकाएक [C.B.S.E. 2012 Term II, HA–1070]

प्रश्न (क) कवि ने इस कविता में किस समस्या को उठाया है ?
उत्तरः हमारे समाज में व्याप्त निर्धनता ही बच्चों को स्कूल जाने से रोकने की प्रमुख अवरोधक है। आर्थिक दृष्टि से निम्न वर्ग के लोग स्वयं तो मेहनत-मजदूरी करते हैं पर वे अपने साथ छोटे-छोटे बच्चों को भी सहायता के लिए लगा लेते हैं। उनके द्वारा कमाए गए थोड़े से पैसे भी उन के जीवन का आधार बनने लगते हैं। वे उन्हें इसी लालच में पढ़ने के लिए स्कूल नहीं भेजते। वे बच्चों को उचित दिशा नहीं दिखाते। जिन स्थानों पर छोटे-छोटे बच्चे काम करते हैं वहाँ के लोग भी कम पैसों से अधिक काम करवाने की स्वार्थ सिद्धि में आत्मिक प्रसन्नता प्राप्त कर बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित नहीं करते। कवि ने सामाजिक-आर्थिक विडंबना की ओर संकेत करते हुए इसे भयानक माना है और चाहा कि बच्चे शिक्षा प्राप्त करें; खेलें-कूदें और अपने बचपन से दूर न हों।

प्रश्न (ख) सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे वंचित क्यों हैं ?
उत्तरः आर्थिक संकट और मजबूरी के कारण माँ-बाप या कई घर वाले अपने बच्चों को पढ़ाने में सक्षम नहीं हो पाते हैं | फलस्वरूप, उनके बच्चे स्कूल तक नहीं पहुँच पाते हैं | गरीब बच्चों को अपने माँ-बाप का हाथ भी बटाना पड़ता है | साथ ही साथ सामाजिक व्यवस्था भी सही न होने के कारण गरीब बच्चों को अन्य बच्चों की तुलना में हर सुख-सुविधाओं से वंचित होना पड़ता है | इसलिए कवि ने कहा है कि सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे वंचित  हैं |

प्रश्न (ग) पद्यांश के अनुसार किताबों को क्या हो गया है ?
उत्तरः किताबों को दीमकों ने खा लिया है।

अथवा

क्या ............................................................एकाएक। [C.B.S.E. 2012 Term II HA–1057]

प्रश्न (क) कवि गेंदों के खत्म होने का प्रश्न उठाकर क्या कहना चाहता है ?
उत्तरः बाल मजदूरों की अभी खेलने की आयु है। अभी से काम-काज नहीं करना चाहिए। वह समाज को जागरूक करना चाहता है कि इन बच्चों के बचपन को लौटाया जाए।

प्रश्न (ख) कवि की हताशा और निराशा का कारण क्या है ?
उत्तरः बच्चों का मन मारकर बाल-मजदूरी करना। इसलिए वह हताशा में गेंदों, रंगीन पुस्तकों, खिलौनों, मदरसों, मैदानों बगीचों पर झल्लाता है।

प्रश्न (ग) ‘काले पहाड़’ किसके प्रतीक हैं ?
उत्तरः 'बच्चे काम पर जा रहे हैं' कविता में काले पहाड़ समाज में व्याप्त शोषण व्यवस्था के प्रतीक हैं। इसी व्यवस्था के कारण समाज का एक वर्ग बच्चों का शोषण करता है, उनसे काम करवाकर उनका भविष्य खराब करता है और बहुत कम मजदूरी देकर अपनी जेब भरता है।

अथवा

क्या ............................................................एकाएक। [C.B.S.E. 2012 Term II, HA–1066]

प्रश्न (क) बच्चों का काम करना कवि को अटपटा क्यों लगा ?
उत्तरः बच्चों की आयु खेलने और पढ़ने की होती है। इस उम्र में उनका काम पर जाना कवि को अत्यंत असामान्य लग रहा है।

प्रश्न (ख) क्या किताबों को दीमकों ने खा लिया है ? से कवि क्या अभिव्यक्त करना चाहते हैं ? 
उत्तरः बच्चे किताबें छोड़कर काम पर जा रहे हैं। कवि को लगता है कि क्या किताबों में दीमक लग गई है जो बच्चों को किताबें थमाने के बजाय काम थमा दिया गया है।

प्रश्न (ग) स्कूलों की इमारतों को भूकंप से ढहा हुआ क्यों कहा गया है ?
उत्तरः बच्चों के स्कूल की ओर जाते न देखकर उसे लगा कि क्या स्कूल की इमारतें भूकंप में ढह गई हैं जो वे काम पर जा रहे हैं।

अथवा

क्या ............................................................एकाएक।

प्रश्न (क) ‘काम पर जाते बच्चों को देखकर’ कवि के मन में क्या-क्या प्रश्न उठते हैं ?
उत्तरः काम पर जाते बच्चों को देखकर कवि के मन में अनेक प्रश्न उठते हैं कि क्या उन बच्चों की खेलने की गेंदें आकाश में उछलकर खो गई हैं या पुस्तकों को दीमकों ने नष्ट कर दिया है या उनके खिलौने काले पहाड़ के नीचे दब गए हैं या भूकंप में उनके विद्यालय नष्ट हो गए हैं या खेलने के मैदान, बगीचे और आँगन सब खत्म हो गए हैं जो ये बच्चे काम पर जा रहे हैं।

प्रश्न (ख) इससे कवि की किस भावना का पता चलता है ?
उत्तरः कवि उन बच्चों के प्रति, उनके भविष्य के प्रति चिंतित है। साथ ही साथ कवि समाज और देश की उन्नति और विकास के लिए भी चिंतित है। अतः अपने मन की भावना अभिव्यक्त की है।

प्रश्न (ग) कवि समाज और सरकार से क्या अपेक्षा करता है ?
उत्तरः समाज में जो सक्षम, समर्थ लोग हैं वे उन बच्चों की मदद करें और सरकार देखकर भी अनदेखा न करे बल्कि उनकी समस्याओं को हल करे। अतः कवि समाज और सरकार को जागरुक करना चाहता है।


3. क्या सारे मैदान, सारे बगीचे और घरों के आँगन
खत्म हो गए हैं एकाएक
तो फिर बचा ही क्या है इस दुनिया में ?
कितना भयानक होता अगर ऐसा होता
भयानक है लेकिन इससे भी ज्यादा यह
कि हैं सारी चीजें हस्बमामूल
पर दुनिया की हजारों सड़कों से गुजरते हुए
बच्चे, बहुत छोटे-छोटे बच्चे
काम पर जा रहे हैं। [C.B.S.E. 2012 Term II, HA–1070]

प्रश्न (क) ‘फिर बचा ही क्या है इस दुनिया में’-पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः बच्चों के लिए ही खिलौने, पुस्तकें व खेल के सामान आदि का बच्चों द्वारा उपयोग न कर पाना दुनिया की सबसे बड़ी त्रासदी है।

प्रश्न (ख) कवि बाल मजदूरी को विश्वव्यापी समस्या क्यों मानता है ? 
उत्तरः लाखों बच्चों का सूर्योदय से पहले ही काम पर जाना विश्वव्यापी बाल मजदूरी की समस्या है। विश्व में बच्चों का शोषण हो रहा है। इसके प्रति सभी समाज और शासन संवेदनहीन बने हुए हैं।

प्रश्न (ग) कवि ने सबसे अधिक भयानक किस स्थिति को माना है ?
उत्तरः बच्चों के सभी सामानों का सही-सलामत होते हुए भी बच्चों का काम पर जाना समाज की दयनीय व शोचनीय स्थिति को प्रकट करता है जो बहुत भयानक है।

अथवा

क्या ............................................................जा रहे हैं।

प्रश्न (क) ”कितना भयानक होता अगर ऐसा होता“ यहाँ कितना भयानक होता का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः सच में ही यदि बच्चों के लिए आवश्यक सुख-सुविधाएँ समाप्त या नष्ट हो जाएँ तो बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास रुक जायेगा और देश में स्वस्थ लोगों का अभाव हो जायेगा। तब यह स्थिति बहुत भयानक हो सकती है।

प्रश्न (ख) काव्यांश में प्रश्न शैली में बात पूछी गई है। इस प्रकार की प्रश्नात्मक शैली का प्रयोग क्यों किया गया है ?
उत्तरः वास्तव में कवि प्रश्न उठा कर सबका ध्यान इस समस्या की गम्भीरता की ओर आकर्षित करना चाहता है। समाज और सरकार को झकझोरना चाहता है।

प्रश्न (ग) कवि के अनुसार सबसे भयानक स्थिति क्या है ?
उत्तरः सबसे भयानक स्थिति यह है कि सब कुछ होते हुए भी अर्थात् मैदान, घर के आँगन, पुस्तकें आदि होते हुए भी बच्चे उनका प्रयोग नहीं कर पा रहे क्योंकि उन्हें काम पर जाना है।

अथवा

क्या ............................................................जा रहे हैं।

प्रश्न (क) ‘तो फिर बचा ही क्या है इस दुनिया में’ इससे कवि का मतलब क्या है तथा अधिक भयानक स्थिति कौन-सी है ? 
उत्तरः बच्चों को जीवन की सुविधाएँ न मिलने पर उनका जीवन निरर्थक है क्योंकि खेल, पढ़ाई और मनोरंजन के स्थान पर वे मजदूरी करते हैं। इनके अभाव में उनका विकास रुकने से देश में स्वस्थ लोगों का अभाव होगा, जो अधिक भयानक स्थिति होगी।

प्रश्न (ख) कवि बच्चों के काम पर जाने से चिंतित क्यों है तथा उन्होंने इसे एक सामाजिक समस्या क्यों माना है ?
उत्तरः बचपन सुख और विकास के लिए है। कवि बाल मजदूरों की मजबूरी से परेशान है। बाल श्रम जैसी समस्या की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहता है।

प्रश्न (ग) ‘हस्बमामूल’ का क्या अर्थ है ?
उत्तरः ज्यों की त्यों/ यथावत/ वैसी ही जैसी होनी चाहिए।

बच्चे काम पर जा रहे हैं पाठ को इस वीडियो की मदद से समझें। 
यहाँ पढ़ें: बच्चे काम पर जा रहे हैं भावार्थ और कविता का सार

कवि बच्चों के काम करने से क्यों परेशान िै?

उत्तरः कवि के अनुसार बच्चें का काम पर जाना इसलिए भयानक है क्योंकि बचपन में उन्हें खेलने-कूदने, पढ़ने-लिखने के अवसर प्राप्त होने चाहिए। इसके अभाव में उनका बचपन नष्ट हो जाएगा व देश की नींव कमजोर होने पर देश भी तरक्की नहीं कर पाएगा।

कवि बच्चों के लिए क्या क्या चाहता है?

कवि समाज की इस संवेदनहीनता तथा भावशून्यता को दूर करना चाहता है। वह चाहता है कि समाज इन बच्चों के बारे में कुछ सोचे और उन्हें बाल-मजदूरी से छुटकारा दिलाए जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। सभी लोग मिलकर बच्चों को पढ़ने-लिखने, खेलने-कूदने का अवसर प्रदान कराएँ जिससे पढ़-लिखकर यही बच्चे कल देश के सुयोग्य नागरिक बन सकें।

कवि ने बच्चों के काम पर जाने की बात कैसे लिखी है?

कविता की पहली दो पक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मन-मस्तिष्क में जो चित्र उभरता है उसे लिखकर व्यक्त कीजिए । 2. कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि 'काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?'

बच्चों को काम पर जाते देखकर कवि ने कौन कौन से प्रश्न उठाए?

Answer: 'बच्चे काम पर जा रहे हैं' कविता में कवि ने बच्चों के काम पर जाने की समस्या को प्रमुखता से उभारा है। उन्होंने समाज से प्रश्न किया है कि ऐसा क्या हो गया कि बच्चों को पढ़ने-लिखने की उम्र में काम पर जाना पड़ रहा है। समाज के लोग यह सब देखकर भी चुप बैठे हैं।

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