किसी यात्रा के बारे में अपने अनुभव लिखिए - kisee yaatra ke baare mein apane anubhav likhie

Here you will get Kisi Yatra Ka Varnan in Hindi Essay for students of all Classes in 200, 400 and 800 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में किसी यात्रा का वर्णन पर निबंध मिलेगा। Meri Yatra / Short Yatra Vritant Essay in Hindi.

किसी यात्रा के बारे में अपने अनुभव लिखिए - kisee yaatra ke baare mein apane anubhav likhie

किसी यात्रा का वर्णन पर निबंध – Kisi Yatra Ka Varnan Essay in Hindi ( 200 words )

हम सभी अपनी गर्मी की छुट्टियां बिताने के लिए किसी न किसी पर्यटन स्थल पर अवश्य जातें हैं। मैं भी अपनी गर्मी आ हफ्ते की छुट्टियां बिताने के लिए पर्वतीय स्थल शिमला गया था ताकि मैं गर्मी के मौसम में भी ठंडक का आनंद ले सकूँ। मैं और मेरा परिवार शाम की बस से शिमला गए और पहाड़ो में बना रास्ता हमें डरा रहा था। हमने रास्ते में घर का बना खाना खाया, गाने गाए और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया। हम रात के 9 बजे शिमला पहुंचे जहां हमने थोड़ा सा विश्राम कर माल रोड घूमा जिसकी शोभा रात के समय में दौगुनी हो जाती है।

अगले दिन हम सब तैयार होकर जाखू मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने गए और नीचे उतरकर रीज में गए। इस समय तक हल्की हल्की बारिश होने लगी जिसने ठंडे मौसम को ओर अधिक ठंडा कर दिया था। हम उस दिन शाम को कुफरी के लिए निकल गए जहाँ पर बर्फ पड़ रही थी। अगले दिन हमने स्कींग का आनंद लिया, चिड़ियाघर देखा और बर्फ में खूब खेले। हमारा वहां इतना मन लगा कि हमने वहीं दो दिन व्यतीत करे। उसके बाद हम शिमला वापिस आए और वहां की संस्कृति और संग्रहालय देखा। अगले दिन हम वापिस घर के लिए निकले और हमारे दिल में यात्रा की यादें थी। वह मेरी आज तक की सबसे बेहतरीन यात्रा थी।

किसी यात्रा का वर्णन पर निबंध – Yatra Vritant in Hindi Essay ( 400 words )

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जिसे विभिन्न स्थानों का भ्रमण करना और वहाँ की संस्कृति के विषय में जानना बहुत अच्छा लगता हैं। इस बार गर्मी की छुट्टियों में मैंने भी अपने परिवार के साथ किसी पर्वतीय स्थल पर घुमने की योजना बनाई और तभी मेरे मित्र ने सुझाव दिया कि आप गर्मी की छुट्टियों में भ्रमण के लिए शिमला जा सकते हैं जो कि बहुत ही सुंदर पर्यटन स्थल है और हिमाचल प्रदेश की राजधानी है। हम सबको उनका सुझाव पसंद आया और हम यात्रा की तैयारी में लग गए। हमने शिमला बस में जाने का निर्धारित किया। निर्धारित दिन हमने शाम के समय शिमला की बस ली और शिमला के लिए निकल पड़े। पहाड़ो में बने रास्ते जहाँ एक तरफ डरा रहे थे वहीं दूसरी तरफ आनंद को भी दौगुना कर रहे थे। गाने गाते और गाने सुनते सुनते हम कब शिमला में प्रवेश कर गए हमें पता ही नहीं चला।

हम रात के 8 बजे लंबा सफर तय कर शिमला पहुंचे जहां पर हमें गर्मी में भी ठंडक का अहसास हुआ। वहाँ के लोगों ने पहाड़ी वेशभूषा पहन रखी थी और घर आधुनिक तरीके से बने हुए थे। वहाँ पर पेड़ तरह तरह के सुंदर रंग बिरंगे फूलों से लदे हुए थे। हमने थोड़ी देर आराम कर माल रोड की चकाचौंध को देखना प्रारंभ किया जो कि रात के समय दौगुनी हो जाती है। अगले दिन हम तैयार होकर जाखू मंदिर जो कि हनुमान जी का मंदिर है उसके दर्शन के लिए निकले। जाखू मंदिर में हनुमान जी की सबसे ऊंची मूर्ति है। मंदिर की चढ़ाई करते वक्त हमने उसकी प्रसिद्धि और मान्यताओं के विषय में जाना। दर्शन के बाद हम नीचे माल रोड पर आए और रीज गए। उसके बाद हमने पूरा दिन शिमला के संग्रहालयों को देखने में व्यतीत कर दिया।

अगले दिन हम कुफरी के लिए निकले जहाँ हमने दो दिन व्यतीत किए। वहाँ हमने बहुत सी क्रीडाएँ करी और प्रकृति के असली सौंदर्य का आनंद लिया। सुबह हिमालय की पहाड़ियों में उदय होती सूर्य की किरणें, पक्षियों की चहचाहट और शांत वातावरण बहुत ही सुखदायक था। दो दिन कुफरी रहने के बाद हम वापिसी अपने घर आने के लिए निकले। हम हब थक चुके थे और सबके दिलों में बिताए गए चार दिनों की यादें थी। शाम तक हम सब घर पहुंच गए। शिमला की यात्रा हमारे जीवन की सबसे यादगार यात्रा थी जिसकी यादें आज भी हमारे दिल में जिंदा है।

Essay on Kisi Yatra Ka Varnan in Hindi Language – किसी यात्रा का वर्णन पर निबंध  ( 800 words )

भूमिका- गर्मी की छुट्टियां अपने साथ ढेर सारी खुशियाँ और कहीं घुमने जाने का अवसर लेकर आती है। हर साल की तरह इस साल भी हम अपने परिवार के साथ किसी यात्रा की योजना बना रहे थे कि तभी हमारे किसी जानकार ने हमें उत्तर भारत में स्थित पर्वतीय स्थल हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की यात्रा का सुझाव दिया। शिमला को अंग्रेज़ों के द्वारा भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी भी घोषित किया गया था। ठंडा प्रदेश होने के कारण हम सब यहाँ जाने के लिए मान गए और वैसे भी गर्मी से राहत पाने के लिए इससे बेहतरीन स्थान कोई हो ही नहीं सकता था।

हम सब ने मिलकर जाने के लिए दिन निश्चित किया और यात्रा की तैयारियों में लग गए। हम लोगों ने शिमला 5 दिन रहने का निर्धारित किया। हम लोग निर्धारित दिन पूरी तैयारी से पहाड़ो की सैर करने के लिए शाम को जाने वाली बस में पूरे उत्साह के साथ बैठ गए। पहाड़ो में बना रास्ता हमें डरा रहा था और गहरी खाई डर को बढ़ा रही थी लेकिन पहाड़ो का शांत और सुंदर वातावरण मन को मोह रहा था। हम लोगों ने सफर में बहुत ही आनंद किया। हमने खूब खाया, गाने गाए, पहाड़ो की कहानियाँ सुनी और साथ ही शिमला के रास्ते में पड़ने वाले सभी मनोरम दृश्यों का आनंद लिया। हम रात के 9 बजे शिमला पहुँच गए जहाँ हमने गर्मी के मौसम में भी ठंडक को महसूस किया। यहां पहुंचते ही हमने लोगों को पहाड़ी वेशभूषा में देखा और शायद वो लोग अपने अपने काम से लौट रहे थे।

यहां पर घर बहुत ही आधुनिक तरीके से बने हुए थे जिनकी छतें टीन की बनी हुई थी जिससे कि बर्फ घर की छतों पर न जमे। शिमला में हमने विभिन्न प्रकार के सुंदर सुंदर फूलों से लदे वृक्ष देखे और यहाँ पर सीढ़ीदार खेती की जाती है। होटेल के कमरे बहुत ही शानदार और साफ सुथरे थे जहाँ हमने थोड़ी देर विश्राम किया और उसके बाद माल रोड की चकाचौंध देखने निकल पड़े। माना जाता है कि माल रोड पर रात के समय दौगुनी रौनक होती है। हम सबने बहुत मजे किए और विश्राम किया। यहां पर खाने के लिए सभी प्रकार के व्यंजन उपलब्ध थे लेकिन ठंडी ठंडी हवा में गर्म गर्म चाय पीने का अलग ही मजा था। अगले दिन सुबह तैयार होकर हम सब जाखू मंदिर जाने के लिए निकले जो कि हनुमान जी का बहुत ही प्राचीन मंदिर है और वहां पर हनुमान जी की सबसे ऊंची मूर्ति है।

मंदिर की चढ़ाई करते हुए रास्ते में बहुत से बंदर भी थे जो हाथ में दिखने वाली हर चीज को छिनने की कोशिश कर रहे थे। मंदिर पहुंचकर हमने हनुमान जी की मूर्ति के दर्शन किए और फिर नीचे वापिस आने लगे। नीचे उतरते समय हल्की हल्की बारिश होने लगी जिसने वहां के ठंडे मौसम को ओर अधिक ठंडा कर दिया। नीचे आकर हम रीज गए और वहाँ पर प्रार्थना कर मोमबती जलाई। उस दिन हमने शिमला के संग्रहालय देखे और वहां की संस्कृति के विषय में भी जाना।

अगले दिन हम तैयार होकर कुफरी के लिए निकले और रास्ते में हमने बर्फीली हवाओं का आनंद लिया और हम भूल गए थे कि हम जून की गर्मी में वहाँ आए हैं। हमने कुफरी पहुंच कर असली प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया। वहां की शीतल और स्वच्छ हवा मन को शांति प्रदान कर रही थी। हमने कुफरी में बहुत सी पर्वतीय क्रीड़ाए और स्किंग करी। हमारा वहाँ पर बहुत मन लग गया था। हमने हिमाचल की सुंदरता के बारे में जितना सुना था हिमाचल उससे भी कहीं ज्यादा सुंदर है हमने दो दिन कुफरी में ही व्यतीत किए और तीसरे दिन हम वापिसी घर के लिए निकल पड़े लेकिन इस बार पहाड़ो में बने रास्ते हमें डरा नहीं रहे थे अपितु हमारी यात्रा को ओर भी अधिक बेहतरीन बना रहे थे। रास्ते में हम सब बिताए गए पांच दिनों की ही बातें कर रहे थे।

वहां की हवा की शीतलता, शांत वातावरण, सुबह पक्षियों की चहचाहट और हिमालय की पहाड़ियों में उदय और अस्त होता सूर्य हम सब के मन मस्तिष्क में घर कर गया था। हम सब पांच दिन की यात्रा से थक चुके थे लेकिन सभी के दिल में सुकून था। हम लोगों ने वहां से बहुत सी सांस्कृतिक सामानों की खरीददारी भी करी थी जो कि देखने में बहुत ही सुंदर था। हम सब शाम को घर पहुंच गए लेकिन शिमला से आने के पश्चात जून की भयंकर गर्मी में कठिन हो रहा था। हम लोग शिमला को बहुत याद कर रहे थे। यह हमारी सबसे खुबसूरत यात्रा थी जिसकी यादें हमारे दिल में हमेशा जिंदा रहेगी और इन्हें भूलना हमारे लिए नामूमकिन होगा। मैनें शिमला में बिताए कुछ पलों को कैमरे में भी कैद किया था जिन्हें देखने पर मुझे आज भी सुख और आनंद का अनुभव होता है।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( किसी यात्रा का वर्णन पर निबंध – Kisi Yatra Ka Varnan Essay in Hindi ) को पसंद करेंगे।

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अपनी यात्रा के बारे में कैसे लिखें?

हरिद्वार से लगभग कुछ ही दूरी पर ब्रदीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के पवित्र धाम भी हैं। हमारी यात्रा बहुत ही रोमांचक व यादगार रही। हमने घूमने का मजा भी लिया और हमारी तीर्थ यात्रा भी हो गई। यहां हमें प्रकृति की सुंदरता देखने को मिली।

यात्रा के अनुभव का वर्णन कैसे करें?

ग्रीष्मकालीन यात्रा का वर्णन - 200 शब्दों में पिताजी ने हमें बताया कि इस बार की छुट्टियों में हम गांव जा रहे हैं। अतः सुनकर हम सभी बहुत ही खुश हुए क्योंकि कई वर्षों के बाद हम सभी गांव जाने वाले थे। हम सभी उत्साहित थे और हमने तैयारियां कर ली। तीसरे दिन हमने सुबह 6 बजे की ट्रेन पकड़ी और गांव की ओर का सफर शुरू हो गया।

यात्रा वर्णन क्या होता है?

यात्रावृत्तान्त (travelogue) किसी स्थान में बाहर से आये व्यक्ति या व्यक्तियों के अनुभवों के बारे में लिखे वृतान्त को कहते हैं। इसका प्रयोग पाठक मनोरंजन के लिए या फिर उसी स्थान में स्वयं यात्रा के लिए जानकारी प्राप्त करने के लिए करते हैं।

यात्रा वृतांत से क्या लाभ होता है 80 से 100 शब्दों में लिखिए?

Answer. Answer: यात्रा यानि की अपनी जगह से कई दूर घुमने फिरने के लिए जाना ताकि हम अपनी रोज की भाग दौड़ भरी जिंदगी से कुछ समय के लिए निजात पा सके और अपने परिवार और दोस्तों को समय दे सके। यात्रा से व्यक्ति को बहुत अच्छा महसूस होता है और सभी के साथ मिल जुलकर रहने का अच्छा समय भी मिलता है।