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पीरियड्स मिस होने पर लोगों के मन में शंका आती है कि क्या वो प्रेग्नेंट हैं या नहीं? इसके लिए लोग प्रेग्नेंसी टेस्ट करते हैं, लेकिन क्या आप बिना टेस्ट किए भी जान सकते हैं कि आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं? और अगर आप घर पर टेस्ट कर रहे हैं सही तरीका क्या है, क्योंकि अगर गलत तरीके से आपने टेस्ट किया तो आपका रिजल्ट गलत आ सकता है। उंगलियां चटकाते वक्त सुकून देने वाली आवाज कहीं बन न जाए मुसीबत, हो सकते हैं ये गंभीर नुकसानबिना टेस्ट के कैसे जानें प्रेग्नेंसी है?सबसे पहला लक्षण तो यही है कि आपका पीरियड मिस होता है। लेकिन पीरियड मिस होने से पहले भी आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं ये जान सकते हैं। कुछ लक्षण हैं जो आपको पहले ही होने लगते हैं। जिससे आप ये समझ सकते हैं। इस फूल में छिपे हैं कई औषधीय गुण, मिनटों में जड़ से खत्म कर देगा खून की कमी से लेकर गठिया तक की समस्याइंप्लांटेशन पेनजैसे हम पौधे लगाने के लिए पहले थोड़ा गड्ढा खोदते हैं वैसे ही जब बच्चा इंप्लांट होता है तो वो अभी अपनी जगह बनाता है। ऐसे में महिला को क्रैंप होते हैं, महिला को लगता है शायद पीरियड आने वाले हैं और वो पेन इसलिए हो रहा है, लेकिन ये वास्तव में इंप्लांटेशन पेन होता है। ये ज्यातर पेट के निचले हिस्से में होता है, और ये पीरियड्स जितना तेज नहीं होता है बहुत हल्का होता है और कम समय के लिए होता है। बहुत से लोगों को पेल्विक एरिया में सेंसेशन या प्रेशर भी फील होता है। इससे भी प्रेग्नेंसी का अंदाजा लगाया जा सकता है। इन लोगों को नहीं करना चाहिए चुकंदर का सेवन, बढ़ सकती है समस्याइम्प्लांटेशन ब्लीडिंगप्रेग्नेंसी जब ठहरती है उस वक्त जब बच्चा इंप्लांट होता है तो थोड़ी बहुत ब्लीडिंग होना भी आम है। ये ब्लीडिंग बहुत हल्की होती है, आपको पिंक कलर की स्पॉटिंग हो सकती है। जिससे ये पता लगता है कि आप प्रेग्नेंट हैं। नौजियाआपका जी मचला सकता है। बहुत लोगों को उल्टी आती है बहुत लोगों को नहीं आती है। लेकिन जी घबराना, मुंह का टेस्ट खराब होना और नौजिया की फीलिंग होना इस दौरान आम है। ब्रेस्ट में बदलावइस दौरान कुछ महिलाओं के ब्रेस्ट में बदलाव देखने को मिल सकते हैं। स्तन में हल्का दर्द या टेंडरनेस फील होना आम बात है। हाई ब्लड प्रेशर को कैसे करें कंट्रोल? जानिए स्वामी रामदेव से बीपी कंट्रोल करने का नैचुरल तरीकाकमजोरीआपको कमजोरी महसूस होगी। आपको लगेगा कि आप तो ऐसा कोई काम नहीं कर रहे हैं फिर कमजोरी क्यों महसूस हो रही है। दरअसल आपका शरीर एक बच्चे को तैयार कर रहा होता है इसलिए कमजोरी होना आम है। थकानआप थकान महसूस कर सकती हैं। भरपूर आराम करने के बाद भी आपको अगर थकान रहे तो ये भी प्रेग्नेंसी का एक साइन हो सकता है। नींद आनाअगर आपको 7-9 घंटे की नींद लेने के बाद भी नींद आ रही है, ये भी प्रेग्नेंसी का एक लक्षण होता है। आपकी बॉडी आपको रिलैक्स करती है। एक मिनट में कैसे चेक करें प्रेग्नेंसीआप यूट्यूब पर चेक करेंगे तो आपको सैकड़ों तरीके बताए जाएंगे प्रेग्नेंसी चेक करने के। कहीं-कहीं तो इतनी गलत जानकारियां फैली हुई हैं, कि आपको उंगली से टेस्ट करने का तरीका भी बताया जाएगा। लेकिन डॉक्टर्स के मुताबिक ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। आपके स्वास्थ्य को भी खतरा हो सकता है और बच्चे को भी इंफेक्शन हो सकता है। प्रेग्नेंसी टेस्ट करने का सबसे आसान तरीका है आप बाजार से कोई भी प्रेग्नेंसी किट लेकर आए और 3 बूंद यूरिन से प्रेग्नेंसी का पता लगा सकते हैं। इसके अलावा आप ब्लड टेस्ट से भी प्रेग्नेंसी का पता लगा सकते हैं। दरअसल प्रेग्नेंसी के दौरान आपके शरीर में हॉर्मोंस बढ़ते हैं वही हॉर्मोंस यूरिन में भी आते हैं और वही ब्लड में भी आते हैं। प्रेग्नेंसी चेक करने का सही वक्तहोम प्रेग्नेंसी चेक करने का सबसे सही वक्त सुबह का होता है। रात को चूंकि महिला 7-8 घंटे से पानी नहीं पिए होती है इसलिए उस वक्त यूरिन में हॉर्मोन की अच्छी मात्रा आती है। सबसे गलत वक्त होता है रात को टेस्ट करना। रात के वक्त प्रेग्नेंसी टेस्ट करने से सही रिजल्ट नहीं आता है। ब्लड टेस्ट आप किसी भी वक्त करा सकती हैं। पीरियड मिस होने के कितने दिन बाद करें टेस्टअगर आपका पीरियड साइकल रेगुलर है तो आप पीरियड मिस होने के पहले दिन भी प्रेग्नेंसी टेस्ट कर सकते हैं। लेकिन अगर आपका पीरियड साइकल सही नहीं है तो आपको हफ्ते दस दिन रुकना चाहिए। वैसे सही रिजल्ट के लिए पीरियड मिस होने के 6-7 दिन बाद टेस्ट करने पर मिल जाता है। (Disclaimer: यह जानकारी सामान्य ज्ञान के लिए है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।) Latest Health News India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें हेल्थ सेक्शन प्रेग्नेंट हैं या नहीं यह पता करना एक नारी के लिए बहुत महत्वपूर्ण और ख़ुशी की बात होती है। माँ बनना प्रकृति का सबसे बड़ा वरदान है। अधिकतर प्रेगनेंसी पता करने का तरीका मालूम नहीं होने पर कई प्रकार के सवाल दिमाग में घूमते रहते हैं। यदि सही अंदाजा ना हो तो डॉक्टर के पास जाना भी उचित नहीं लगता। परेशान होने की जरुरत नहीं , यहाँ प्रेगनेंसी पता करने के आसान तरीके बताये जा रहे हैं। इनसे पता चल सकता है कि महिला प्रेग्नेंट है या नहीं। इनसे यह दुविधा भी कि AM I PREGNANT ” क्या मैं प्रेग्नेंट हूँ ” दूर हो सकती है। प्रेग्नेंट होने के लक्षण – Pregnancy Symptomsप्रेग्नेंट होने अर्थात कंसीव करने या गर्भधारण होने पर शरीर में हार्मोन के बदलाव के कारण कई प्रकार के परिवर्तन महसूस होने लगते हैं। इन्हे पहचान कर अंदाजा लगाया जा सकता है की प्रेगनेंसी है या नहीं। इन्हे माँ बनने की तैयारी के लक्षण या संकेत मान सकते हैं। माहवारी के दिन चढ़ना – Delay in Periodयह सबसे पहला संकेत होता है। यदि माहवारी हमेशा नियत समय पर आती थी , लेकिन इस बार यह 10 दिन ऊपर होने पर भी नहीं आई है तो यह प्रेग्नेंट होने की तरफ इशारा हो सकता है। इसे दिन चढ़ने के नाम से भी जाना है। दिन चढ़ने अर्थात मासिक में देरी होने के अन्य कारण जैसे हार्मोन में बदलाव या तनाव आदि भी हो सकते हैं , अतः सिर्फ माहवारी में देरी होना प्रेग्नेंट होने का पक्का लक्षण नहीं माना जा सकता है। घर पर होम प्रेगनेंसी किट से टेस्ट करके या डॉक्टर से सलाह करके कन्फर्म कर लेना चाहिए। शारीरिक परिवर्तन – Physical Changesमाहवारी नहीं होने के अलावा प्रेगनेंसी होने पर अन्य शारीरिक लक्षण में जी घबराना , उल्टी होना , शरीर पर सूजन आना , निपल में दर्द होना , पीठ में दर्द , तनाव , चिड़चिड़ाहट , सिरदर्द आदि महसूस हो सकते हैं। ये सभी पहले तीन महीने में होने वाले लक्षण हैं। स्तन की संवेदनशीलता बढ़ना – Breast tendernessस्तन अचानक से अधिक नाजुक और संवेदनशील महसूस होने लगते हैं , निपल में दर्द महसूस होने लगता है। स्तन हार्मोन से तुरंत प्रभावित होते हैं। प्रोजेस्ट्रोन के बढ़ना शुरू होते ही स्तन भारी और सूजे हुए महसूस होने लगते हैं। निपल और उसका घेरा गहरे रंग के हो जाते हैं। निपल के ऊपर कुछ छोटे उभार भी प्रकट हो सकते हैं। यह संकेत बहुत जल्दी यानी कन्सेप्शन के बाद एक दो सप्ताह बाद ही महसूस हो सकते हैं । स्पॉटिंग – Spottingयदि माहवारी आने के दिन से लगभग एक सप्ताह पहले भूरा या गुलाबी डिस्चार्ज दिखाई दे तो यह प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है। यह भ्रूण के गर्भाशय की दीवार से जुड़ने की प्रक्रिया में हो सकता है। इसे इम्प्लांटेशन स्पॉटिंग कहते हैं। हालाँकि जरुरी नहीं कि हर महिला को ऐसा हो। बार बार पेशाब आना – Frequent Urinationयह प्रेग्नेंट होने का लक्षण हो सकता है। भ्रूण के गर्भाशय की लाइन से जुड़ने के साथ ही शरीर में hCG हार्मोन बनने लगता है। इससे शरीर में पानी और रक्त की मात्रा बढ़ जाती है। इस वजह से बार बार पेशाब आता है। लगभग हर आधे घंटे में जाना पड़ सकता है। वैसे पूरे समय प्रेगनेंसी में मूत्राशय पर गर्भाशय का दबाव बढ़ने के कारण बाथरूम ज्यादा जाना पड़ता है। थकान – Tirednessप्रोजेस्ट्रोन हार्मोन बढ़ने के कारण बहुत थकान और नींद महसूस होती है। प्रेग्नेंसी का यह लक्षण शुरुआत में दिखाई पड़ता है। रोजाना के काम करना भी मुश्किल लगने लगते हैं , इतनी थकान भी लग सकती है। कुछ महिलाओं को थकान के साथ सिरदर्द या पीठ के निचले हिस्से में दर्द भी हो सकता है। इसे मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है हालाँकि यह सिर्फ सुबह ही नहीं दिन में , शाम को या रात को कभी भी हो सकता है। दूसरी तिमाही में ऐसा महसूस होना कम हो जाता है। खाने की क्रेविंग या उसमे दुर्गन्ध – Food Craving or smellखाना देखकर या उसकी गंध से जी घबराना प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है। ये पहले अत्यधिक प्रिय रही चीजों के साथ भी हो सकता है। यह असर बहुत जल्द यहाँ तक की प्रेगनेंसी के तीन सप्ताह बाद में भी दिखाई पड़ सकता है। इसके अलावा असमय किसी खाने की चीज की अत्यधिक इच्छा ( Craving ) होना एक दो सप्ताह की प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है। इसका कारण hCG तथा एस्ट्रोजन हार्मोन का तेजी से बढ़ना होता है। यदि ऐसा बिना किसी अन्य कारण के हो रहा है , तो इसे प्रेग्नेंट होने की तरफ इशारा समझें। डॉक्टर से संपर्क करके सुनिश्चित कर लेना चाहिए। नींद में बाधा उत्पन्न होना – Problem in sleepप्रेग्नेंट होने पर अन्य बदलाव के साथ नींद में खलल भी पड़ सकता है। हो सकता है एक दिन तो अच्छी नीद आ जाये और कभी रात भर करवट बदलनी पड़ जाये। यह प्रेग्नेंट होने की तरफ इशारा हो सकता है। होम प्रेगनेंसी टेस्ट किट – Home Pregnancy test kitमेडिकल स्टोर पर ऐसे टेस्ट किट उपलब्ध है जिनसे घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट किया जा सकता है। हालाँकि ये कभी कभी गलत परिणाम भी दे सकते है। इसका कारण निर्देश का सही तरीके से पालन नहीं करना भी होता है। इस तरीके से दो तीन बार टेस्ट करने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचना चाहिए। सिर्फ इस तरह के टेस्ट पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। यदि मासिक नहीं हो रहा है और दस दिन से ज्यादा चढ़ गये हैं तो मेडिकल स्टोर से होम प्रेगनेंसी किट लाकर खुद ही प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकते हैं। यह टेस्ट करना आसान होता है। इसे यूरिन से किया जाता है। टेस्ट किट में दिए गए निर्देश के अनुसार किट में दी हुई स्ट्रिप पर यूरिन की कुछ बूँद डालनी होती है और स्ट्रिप में हुए बदलाव को देखना होता है । इससे प्रेगनेंसी है या नहीं , यह पता चलता है। इसमें ज्यादा समय नहीं लगता है। यदि इस होम किट से पॉज़िटिव रिजल्ट मिल रहा हो तो ब्लड टेस्ट करवा कर कन्फर्म कर लेना चाहिए। प्रेगनेंसी कैसे कन्फर्म करें – How to confirm pregnancyरक्त की जाँच कराने से ही यह सुनिश्चित होता है कि प्रेगनेंसी है या नहीं। माहवारी के तारीख से सात दिन बाद टेस्ट करवाने से ज्यादा सही परिणाम मिलते हैं । डॉक्टर के पास जाने पर वह रक्त की जाँच करवाने की सलाह देता है। किसी अच्छी लैब पर जाकर रक्त का सैंपल देकर टेस्ट करवाया जा सकता है। यह जाँच लगभग सभी पैथलॉजी लैब पर उपलब्ध होती है। इस टेस्ट की रिपोर्ट उसी दिन या दूसरे दिन मिल जाती है। यह बहुत महंगा टेस्ट नहीं है। इसमें रक्त में hCG नामक हार्मोन देखा जाता है। रक्त में हार्मोन की उपस्थिति होने पर टेस्ट के पॉजिटिव ( + ) होने की रिपोर्ट दी जाती है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने का मतलब है की प्रेगनेंसी सुनिश्चित है और जल्द ही नए मेहमान के आने की तैयारी है। क्लिक करके इन्हे भी जानें और लाभ उठायें :प्रेग्नेंट नहीं हो पा रहे हैं तो क्या ध्यान रखें बिना गर्भावस्था स्तन से दूध का रिसाव कारण और उपाय मेटरनिटी नर्सिंग ब्रा के फायदे प्रेगनेंसी के टाइम जी घबराना और उल्टी होना स्तनपान कराने के शानदार फायदे शिशु को बोतल से दूध पिलाने के फायदे नुकसान गर्भावस्था में क्या क्या नहीं खाना चाहिए स्तन में दूध बढ़ाने के घरेलु उपाय जच्चा के लिए पौष्टिक हरीरा कैसे बनायें नवजात शिशु की देखभाल के तरीके मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं प्रेग्नेंट हूं?प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण: बिना टेस्ट के ऐसे समझें, आप.... पीरियड का मिस होना ... . बार-बार टॉइलट जाना ... . ब्रेस्ट में हल्का दर्द या भारीपन ... . उल्टी आना या जी मिचलाना ... . हल्का बुखार होना ... . पेट में दर्द ... . टेस्ट और स्मेल में बदलाव. कितने दिन बाद पता चलता है कि प्रेग्नेंट है?साफ तौर पर प्रेग्नेंसी का पता तब ही लगाया जा सकता है जब महिला के खून में HCG हॉर्मोन का स्राव होने लगे। ज्यादातर महिलाओं में इस प्रोसेस को पूरा होने में 6 से 7 दिन लग जाते हैं। वहीं एक्सपर्ट यह भी सलाह देते हैं कि अगर आपके पीरियड अबतक रेग्युलर रहे हैं, तो साइकल मिस होने के ठीक अगले दिन भी आप टेस्ट करवा सकते हैं।
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