कांसे के बर्तन में क्या नहीं खाना चाहिए? - kaanse ke bartan mein kya nahin khaana chaahie?

बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। आज कल भारतीय घरों में अलग-अलग धातुओं के बर्तन देखने को मिलते हैं, मगर भारत में कांसे के बर्तन में खाना खाना या पानी पीने की परंपरा काफी प्राचीन है। आयुर्वेद के अनुसार कांसे के बर्तन में भोजन करना फायदेमंद होता है। कांसा को हिंदी में पीतल और अंग्रेजी में ब्रांज कहा जाता है। आयुर्वेद के अनुसार कांसा के बर्तन में पानी पीने या खाना बनाने के बहुत सारे लाभ हैं।

हालांकि इसके फायदों को जानने से पहले हमें यह पता होना चाहिए कि कांसा कैसे बनता है? दरअसल, कांसा बनाने के लिए तांबा व टिन को एक साथ 400 से 700 डिग्री के तापमान पर गर्म कर कांसा का निर्माण किया जाता है। इसके बाद इस धातु को शीट्स के रूप में तैयार किया जाता है और फिर इसे हम जैसी चाहे वैसी आकार दे सकते हैं। कांसे के बर्तन भी बनाए जाते हैं। ये बर्तन स्वास्थ्य के नजरिए से काफी फायदेमंद होता है।

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इम्युनिटी बूस्टर: कांसा को 'कांसायम बुद्धिवर्धकम' कहा जाता है, अर्थात इसे बुद्धि बढ़ाने में लाभदायक माना जाता है। यदि हम कांसे के बर्तनों में अपना खाना खाते हैं या पानी पीते हैं तो इससे खाना व पानी तो शुद्ध होता ही है साथ में इससे हमारी इम्युनिटी भी बढ़ती है।

लंबे समय तक भोजन गर्म रखता है: कांसे का बर्तन स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। कांसा हीट का एक अच्छा कंडक्टर है। इसलिए यदि आप इसमें कोई गर्म खाने की चीज रखते हैं तो वह लंबे समय तक गर्म रहती है और उसमें उसका पोषण भी ज्यों का त्यों रहता है।

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कीटाणुओं से सुरक्षा: यदि आप कांसे के बर्तनों में खाना रखते हैं तो यदि आपके खाने में कोई जर्म्स या कीटाणु भी होते हैं तो वह कांसा के सम्पर्क में आने के कुछ समय बाद ही खत्म हो जाते हैं और आपका खाना शुद्ध हो जाता है।

दोषों का संतुलन: यदि आप कांसा के बर्तनों में पानी रखते हैं तो उसे आठ घंटे तक ऐसा रखने के बाद पानी पर एक सकारात्मक असर पड़ता है। इससे वह आपके दोषों को संतुलित करने में लाभदायक होता है।

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रक्त शुद्ध करता है: कांसा एसिडिक खा पदार्थों व खट्टी चीजों के साथ रिएक्ट भी नहीं करता है। चूंकि कांसा एक एल्केलाइन मेटल है। इसलिए यह हमारे रक्त की शुद्धि करने में भी लाभदायक माना जाता है।

कांसे के बर्तनों का फायदा आयुर्वेद के हिसाब से बहुत ज्यादा है और इसके फायदे क्या हैं ये आपको जान लेना चाहिए। 

कांसे का इस्तेमाल भरतीय घरों में सदियों से होता आया है। ये अंग्रेजी में बेल मेटल (Bell metal) कहा जाता है और पीतल का एक मॉडिफाइड पॉर्म होता है। इसमें थोड़ा सा तांबा और टिन भी मिला होता है। कांसा एक ऐसा मेटल है जो बहुत ही आसानी से मिल जाता है, लेकिन इसकी लोकप्रियता इस बात से नहीं है कि ये आसानी से मिल जाता है बल्कि इस बात से है कि कांसा हमारे शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। 

आयु्र्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर कांसे से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की है और ये भी बताया है कि आखिर क्यों कांसा बहुत ही उपयोगी साबित हो सकता है। कांसे के बर्तन में पानी पीने से लेकर कांसे की थाली में खाना खाने तक क्यों ये सही हो सकता है। तो चलिए जानते हैं कि क्यों कांसा बहुत ही अच्छा साबित होगा। तो चलिए जानते हैं कांसे के फायदे... कैसे कांसा हो सकता है बेस्ट। 

कांसे के इस्तेमाल से तेज़ होता है दिमाग-

आयुर्वेद में 'कांस्यम बुद्धीवर्धकम' कहा जाता है जिसका मतलब कै कि कांसे के इस्तेमाल से दिमाग तेज़ होता है। ऐसा माना जाता है कि कांसे का इस्तेमाल अगर खाने और पानी पीने के लिए रोज़ाना किया जाए तो ये हमारी इम्यूनिटी भी ठीक करता है क्योंकि कांसे से खाना प्यूरिफाई होता है। 

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कांसे से गर्म रहता है खाना-

कांसे के बर्तन लंबे समय तक गर्म रह सकते हैं। मेटल की प्रॉपर्टीज की बात करें तो ये हीट का अच्छा कंडक्टर है और इससे बहुत लंबे समय तक हीट रिटेन की जा सकती है। इससे खाना गर्म होता है और लंबे समय तक ये बर्तन खाने को एक जैसे तापमान पर बनाए रख सकता है। 

कांसा के बर्तन खत्म करते हैं जर्म्स- 

डॉक्टर दीक्षा के मुताबिक कांसा के बर्तनों में जर्मिसाइडल खूबियां होती हैं जो कांसे के प्रकार पर निर्भर करती हैं। ये खाने से संपर्क में आते ही कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटों तक में ये खाने के बैक्टीरिया को मार सकता है।  

कांसे के बर्तन का पानी पीने से क्या है फायदा? 

आयु्र्वेद के मुताबिक कांसे से पॉजिटिव चार्ज पानी में जाता है। अगर आपने 8 घंटे तक कांसे के बर्तन में पानी रखा है और उसे पी रहे हैं तो इससे हमारे शरीर के कई दोष खत्म होते हैं। इसलिए ये कहा जाता है कि कांसे के बर्तन में पानी पीना ज्यादा फायदेमंद होता है।  

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एसिडिक फूड्स भी किए जा सकते हैं स्टोर- 

कांसे में एसिडिक या कड़वे और खट्टे खाद्य पदार्थ भी स्टोर किए जा सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि एसिडिक फूड्स कांसे से रिएक्ट नहीं करते हैं। कांसा एक अल्कलाइन मेटल है जिससे ब्लड प्यूरिफिकेशन का काम होता है।  

रोज़ाना क्यों इस्तेमाल करने चाहिए कांसे के बर्तन? 

कांसा हमारे रोज़ाना के काम को आसान बना देता है और क्योंकि ये फायदेमंद है इसलिए हम इसे शरीर को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। कांसे के बर्तन न तो टूटते हैं और कई सालों तक बिना स्क्रैच के आसानी से चल सकते हैं। कांसे में कई औषधीय गुण भी होते हैं जिनका ध्यान रखना जरूरी है।  

कैसे पहचानें कांसे के बर्तन? 

कांसे के बर्तनों की आवाज़ इसकी तेज़ आवाज़ से होती है। साथ ही साथ जब इसे छुएं तो ये थोड़ा स्मूथ टच देता है। इसका रंग हल्का ग्रे होता है और आजकल बिलकुल गोल्डन रंग में भी कांसे के बर्तनों की आवक हो गई है। कांसे को अगर बहुत ज्यादा गर्म किया जाए तो ये लाल होने लगता है।  

कांसे के बर्तनों का उपाय तो हमने देख ही लिया है और कांसे के बर्तन अगर आप खाने-पीने के लिए इस्तेमाल करते हैं तो ये बहुत ही अच्छे साबित हो सकते हैं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से

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कांसे की थाली में खाना खाने से क्या होता है?

यदि हम कांसे के बर्तनों में अपना खाना खाते हैं या पानी पीते हैं तो इससे खाना व पानी तो शुद्ध होता ही है साथ में इससे हमारी इम्युनिटी भी बढ़ती है। लंबे समय तक भोजन गर्म रखता है: कांसे का बर्तन स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। कांसा हीट का एक अच्छा कंडक्टर है।

कांसा के बर्तन में क्या नहीं खाना चाहिए?

कांसा एसिडिक खाद्य पदार्थों व खट्टी चीजों के साथ रिएक्ट भी नहीं करता है।

कांसे के बर्तन की पहचान कैसे करें?

कैसे पहचानें कांसे के बर्तन? कांसे के बर्तनों की आवाज़ इसकी तेज़ आवाज़ से होती है। साथ ही साथ जब इसे छुएं तो ये थोड़ा स्मूथ टच देता है। इसका रंग हल्का ग्रे होता है और आजकल बिलकुल गोल्डन रंग में भी कांसे के बर्तनों की आवक हो गई है।

सबसे अच्छा बर्तन कौन सा है?

मिट्टी के बर्तन- खाना बनाने का सबसे सुरक्षित और अच्छा विकल्प मिट्टी के बर्तन होते हैं. मिट्टी के बर्तन अपनी विशेष शैली के कारण आजकल काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. हालांकि इसमें खाना बनाने में बहुत समय लगता है और इसे संभाल कर रखना भी मुश्किल होता है.

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