Show नर्मदा नदीकावेरी जल विवाद के अलावा देश के कई राज्यों में हमेशा बनी रहती पानी बंटवारे को लेकर सिर फुटव्वल की स्थिति
कावेरी जल विवाद का मसला न केवल बहुत पुराना है बल्कि उतना ही विवादास्पद भी. इस विवाद को लेकर अक्सर कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच ठनी रहती है. इस विवाद ने दोनों राज्यों में हिंसक प्रदर्शन भी कराए हैं. लेकिन कावेरी हमारे देश में अकेला जल विवाद नहीं है बल्कि कई जल विवाद हैं, जिन्हें लेकर तमाम राज्यों के बीच आपस में ठनती रहती है. नर्मदा के पानी को लेकर कलह नर्मदा नदी पर सरोवर बांधन्यायमूर्ति वी. रामास्वामी को इसका अध्यक्ष बनाया गया. रामास्वामी न्यायाधिकरण ने 7 दिसंबर, 1979 को फैसला दिया. इसमें नर्मदा नदी से गुजरात को 90 लाख एकड़ फीट, मध्य प्रदेश को 182.5 लाख एकड़ फीट, महाराष्ट्र को 2.5 लाख एकड़ फीट जल उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया. नर्मदा नदी पर बनने वाला सरदार सरोवर बांध भी विवादास्पद रहा है. यमुना जल विवाद दिल्ली में यमुना नदी फरवरी 1993 में हरियाणा एवं दिल्ली के बीच एक समझौता हुआ, जिसके तहत मुनाका से दिल्ली के लिए अतिरिक्त जल वाहक प्रणाली के निर्माण पर सहमति हुई.12 मई, 1994 को पांच
राज्यों के बीच यमुना जल बंटवारे को लेकर एक समझौता हुआ. इस समझौते से दिल्ली को सबसे ज्यादा फायदा मिला तो हरियाणा को घाटा. समझौते की धारा 7(3) में कहा गया कि यदि कभी पानी की मात्रा अनुमानित मात्रा से कम हो जाती है, तो सबसे पहले दिल्ली की पेयजल संबंधी आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा. सोन नदी जल विवाद बिहार शुरू से ही इस समझौते के सही तरीके से लागू नहीं करने का आरोप लगाता रहा है. समझौते के तहत रिहन्द नदी का पूरा पानी बिहार को आवंटित किया गया था लेकिन केंद्रीय उपक्रम एनटीपीसी और उत्तर प्रदेश सरकार रिहन्द जलाशय से बिहार के हिस्से का पानी इस्तेमाल करते रहे हैं. कृष्णा नदी जल विवाद कृष्णा नदीइस नदी के विवाद को निपटाने के लिए 1969 में बछावत न्यायाधिकरण का गठन हुआ, जिसने 1976 में अपना निर्णय दिया. निर्णय में कर्नाटक को 700 अरब क्यूसेक, आंध्र प्रदेश को 800 अरब क्यूसेक व महाराष्ट्र को 560 अरब क्यूसेक पानी के उपयोग की छूट दी गयी. इस मामले में कई निर्णयों के बाद भी कृष्णा नदी जल विवाद का अंत नहीं हुआ. इस जल विवाद को लेकर अगली सुनवाई वर्ष 2050 के बाद की जाएगी. गोदावरी नदी जल विवाद सतलज-रावी-व्यास विवाद अन्य बड़े नदी जल विवाद ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| FIRST PUBLISHED : February 16, 2018, 11:41 IST कर्नाटक और तमिलनाडु के मध्य कौन सा जल विवाद है?कावेरी जल विवाद - विकिपीडिया
कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कौन सी नदी है?कावेरी कर्नाटक तथा उत्तरी तमिलनाडु में बहनेवाली एक सदानीरा नदी है। यह पश्चिमी घाट के पर्वत ब्रह्मगिरीसे निकली है। इसकी लम्बाई प्रायः 760 किलोमीटर है। दक्षिण पूर्व में प्रवाहित होकर कावेरी नदी बंगाल की खाड़ी में मिली है।
कावेरी जल विवाद कितने राज्यों के मध्य है?कावेरी नदी जल विवाद:
इस विवाद में दो राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण (CWDT) की स्थापना 1990 में हुई थी।
कौन सा राज्य कावेरी नदी जल विवाद का हिस्सा है?पानी के बँटवारे का विवाद मुख्य रूप से तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच है, लेकिन कावेरी बेसिन में केरल और पुद्दुचेरी के कुछ छोटे-छोटे इलाके भी इसमें शामिल हैं। कावेरी एक अंतरराज्यीय नदी है। केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और पुद्दुचेरी इस नदी के बेसिन में आते हैं।
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