यह कर्नाटक वाद्य वादकों की एक सूची है : संगीतकार जो दक्षिण भारत के कर्नाटक संगीत को बजाने के लिए प्रसिद्ध हैं । संगीतकारों को उनके द्वारा बजाए गए वाद्य यंत्र द्वारा सूचीबद्ध किया जाता
है। झुके हुए तारवायोलिनवायलिन बजाते हुए द्वारम वेंकटस्वामी नायडू
प्लक्ड स्ट्रिंग्सवीना
सारंगी की तरह का एक बाजा
मैंडोलिन बजाते हुए यू. श्रीनिवास
चित्रा वीणा
गिटार
हवाओंवेणु
नादस्वरमीशेख चिन्ना मौलाना नादस्वरम के साथ
सैक्सोफोन
टक्करपियानो
मृदंगम
घातम
कांजीरा
थविलो
मोर्सिंग (जबड़े की वीणा)मोर्सिंग बजाते हुए श्रीरंगम कन्नन
अन्यइदक्का
जलतरंग
संतूर
यह सभी देखें
संदर्भबाहरी कड़ियाँ
कर्नाटक संगीत का सर्वोत्तम पुरस्कार कौन सा है?जैसे, आपने १९७० में संगीत कलानिधि (कर्णाटक संगीत का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार), एवं भारत सरकार से १९७१ में पद्म भूषण और १९९८ में पद्म विभूषण प्राप्त किए।
कर्नाटक संगीत में मुख्य कितने राग है?कर्नाटक संगीत के पिता ने लगभग 4,75,000 रचनाओं का निर्माण किया है। कर्नाटक संगीत के मुख्य पहलू (गायन के तत्व) श्रुति (पिच), राग (स्वर), स्वर (ध्वनि), ताल (बीट), कृति (गीत) और वर्णम (नोट्स) हैं। गायन की पाँच प्रमुख शैलियों में राग अलापना, निरावल, कल्पनश्वरम, थानम, रागम थनम पल्लवी है।
कर्नाटक का लोक संगीत क्या है?कर्नाटक गायन शैली के प्रमुख रूप
जावाली: यह प्रेम प्रधान गीतों की शैली है। भरतनाट्यम के साथ इसे विशेष रूप से गाया जाता है। इसकी गति काफी तेज होती है। तिल्लाना: उत्तरी भारत में प्रचलित तराना के समान ही कर्नाटक संगीत में तिल्लाना शैली होती है।
कर्नाटक संगीत संगीतकार कौन हैं?कनकदास (1509-1609) कर्नाटक संगीत के प्रसिद्ध संगीतकार, कवि, दार्शनिक और संत थे। उन्हें कर्नाटक संगीत के लिये कन्नड़ भाषा में रचित रचनाएँ 'कीर्तनास' (Keertanas) और 'ऊगाभोग' (Ugabhoga) के लिये जाना जाता है।
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