यह एडिटोरियल दिनांक 26/04/2021 को 'द हिंदू' में प्रकाशित लेख “Endeavour, leadership and the story of a nation” पर आधारित है। इसमें बांग्लादेश की स्वतंत्रता की लड़ाई के महत्त्व पर चर्चा की गई है। Show
वर्ष 2021 में बांग्लादेश अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई 'मुक्तिजुद्दो' या 'मुक्ति युद्ध' की स्वर्ण जयंती मना रहा है। वर्ष 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता ने न केवल बांग्लादेश को पूर्वी पाकिस्तान के दमनकारी शासन से आज़ादी दिलाई बल्कि दक्षिण एशिया के इतिहास और भू-राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया। तत्कालीन पश्चिमी पाकिस्तान द्वारा बांग्लादेश (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) पर सैन्य कार्रवाई से बड़े पैमाने पर शरणार्थी संकट उत्पन्न हुआ। दस मिलियन शरणार्थियों की दुर्दशा का बांग्लादेश के पड़ोसी देश भारत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। इसने भारत को पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई शुरू करने के लिये प्रेरित किया। हालाँकि भारत का हस्तक्षेप प्रकृति में केवल परोपकारी न होकर व्यावहारिक राजनीति पर आधारित था। बांग्लादेश मुक्ति युद्ध 1971: पृष्ठभूमि
बांग्लादेश मुक्ति युद्ध 1971: परोपकार या व्यवहारिक राजनीति?
निष्कर्षएक नया राष्ट्र बनाने में भूमिका में भारत की सबसे बड़ी प्रशंसा यह है कि बांग्लादेश आज एक अपेक्षाकृत समृद्ध देश है, जो सबसे कम विकसित देश से अब विकासशील देश की श्रेणी में आ गया है। पूर्वी पाकिस्तान की राख से एक नए राष्ट्र, बांग्लादेश का निर्माण करना भारत की अब तक की सबसे बड़ी कूटनीतिक जीत है। अभ्यास प्रश्न: वर्ष 1971 के अभियान से मानवीय मूल्यों को जीवित रखते हुए भी भारत अपनी रणनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने में सफल रहा। टिप्पणी कीजिये। 1971 में पाकिस्तान का शासक कौन था?1971 के समय पाकिस्तान में जनरल याह्या खान राष्ट्रपति थे और उन्होंने पूर्वी हिस्से में फैली नाराजगी को दूर करने के लिए जनरल टिक्का खान को जिम्मेदारी दी।
1971 में पाकिस्तान से अलग होकर कौन सा नया राष्ट्र उभरा?1971 - शेख़ मुजीब और अवामी लीग ने 26 मार्च को स्वतंत्रता की घोषणा कर दी। नए देश का नाम रखा गया बांग्लादेश, लड़ाई की मार से बचने के लिए करीब एक करोड़ लोग भारत की सीमा में शरणार्थी बनकर आए। 1972 - शेख़ मुजीब प्रधानमंत्री बने।
1971 में भारत और पाकिस्तान के मध्य युद्ध में निर्णायक भूमिका रखने वाले भारत एवं सोवियत संघ के मध्य संधि कब हुई थी?इसका आरम्भ तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के स्वतंत्रता संग्राम के चलते ३ दिसंबर, १९७१ से दिनांक १६ दिसम्बर, १९७१ को हुआ था एवं ढाका समर्पण के साथ समापन हुआ था।
* बांग्लादेश कब तक पाकिस्तान का हिस्सा था?बांग्लादेश (पूर्वी-पाकिस्तान) 1947 से 1971 तक पाकिस्तान का हिस्सा था।
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