किचन कौन सी दिशा में शुभ होती है? - kichan kaun see disha mein shubh hotee hai?

वास्तु के मुताबिक भूलकर भी घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन नहीं बनाना चाहिए. इस दिशा में किचन का होना घर का एक बड़ा वास्तु दोष है. यह घर में अनावश्यक खर्चों को बढ़ा सकता है. आइए जानते हैं किचन से जुड़े वास्तु टिप्स.

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Vastu Shastra Tips For Kitchen: वास्तु टिप्स

भावना शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2020,
  • (अपडेटेड 26 नवंबर 2020, 11:43 AM IST)

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार घर में रसोईघर यानी किचन की अहम भूमिका होती है. किचन के लिए घर की दक्षिण-पूर्व दिशा (आग्नेय-कोण) को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इसी दिशा में अग्नि अर्थात ऊर्जा का वास होता है. इस दिशा का स्वामी ग्रह शुक्र होता है. स्त्रियों का किचन में अधिकतर समय भी गुजरता है. घर के किचन में वास्तु दोष होने से स्त्रियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. 

वास्तु के मुताबिक भूलकर भी घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन नहीं बनाना चाहिए. इस दिशा में किचन का होना घर का एक बड़ा वास्तु दोष है. दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन का होना घर में अनावश्यक खर्चों को बढ़ा सकता है.

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वास्तु के अनुसार घर के सदस्यों में रोग, दुर्घटना, संतान के प्रति चिंता जैसी परेशानियां इस दिशा में किचन होने के कारण हो सकती हैं. आइए जानते हैं किचन से जुड़े वास्तु टिप्स....

  • किचन में गैस का चूल्हा रखने के लिए पत्थर का स्लैब पूर्व तथा उत्तर दिशा की ओर बनाना चाहिए. जिससे खाना बनाने के समय गृहिणी का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर हो.
  • बर्तन धोने के लिए सिंक का ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व दिशा में व्यवस्थित होना सबसे शुभ माना जाता है.
  • रसोई घर में रखा इंडक्शन-माइक्रोवेव आदि हमेशा दक्षिण पूर्व के कोने में रखा जाना चाहिए.
  • रसोई घर में प्रकाश की व्यवस्था जैसे खिड़की या बल्व पूर्व और उत्तर दिशा में अवश्य लगाना चाहिए.
  • किचन में फ्रिज हमेशा उत्तर पश्चिम दिशा में रखना चाहिए.
  • रसोईघर में प्रयोग होने वाले खाद्य पदार्थ आटा, चावल, दाल आदि पश्चिम अथवा दक्षिण दिशा में रखने चाहिए.
  • कभी भी रसोई के अंदर मंदिर नहीं बनाना चाहिए. इससे परिवार के किसी सदस्य को रक्त संबधी बीमारी भी हो सकती है.
  • किचन और बाथरूम कभी भी एक सीध में नहीं होने चाहिए. इससे परिवार में सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है.
  • वास्तु दोष दूर करने के लिए रसोई के दरवाजे पर लाल रंग का क्रिस्टल लगाना चाहिए. 

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रसोईघर अर्थात किचन को वास्तु अनुसार बनाना जरूरी है अन्यथा यह रोग, शोक और धन की बर्बादी का कारण बन सकता है। आओ जानते हैं किवास्तु शास्त्र के अनुसार रसोईघर घर की किस दिशा में होना चाहिए।


रसोईघर की दिशा ( Direction of kitchen ) :
1. वास्तु विज्ञान के अनुसार रसोईघर आग्नेय कोण में होना शुभ फलदायी होता है। इस दिशा का स्वामी ग्रह शुक्र होता है।

2. किचन यदि आग्नेय कोण में नहीं है तो इससे घर में रहने वाले लोगों की सेहत, खासतौर पर महिलाओं की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। अन्न-धन की भी हानि होती है। इससे पाचन संबंधी अनेक बीमारियां हो सकती हैं।

3. जिस घर में रसोईघर दक्षिण-पूर्व यानी आग्नेय कोण में नहीं हो तब वास्तु दोष को दूर करने के लिए रसोई के उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में सिंदूरी गणेशजी की तस्वीर लगानी चाहिए।

4. यदि आपका रसोईघर अग्निकोण में न होते हुए किसी ओर दिशा में बना है तो वहां पर यज्ञ करते हुए ऋषियों की चित्राकृति लगाएं।

5. चूल्हा आग्नेय में, प्लेटफॉर्म पूर्व व दक्षिण को घेरता हुआ होना चाहिए। वॉश बेसिन उत्तर में हो। भोजन बनाते समय मुख पूर्व की ओर हो, उत्तर व दक्षिण में कतई नहीं।

6. वास्तु के मुताबिक भूलकर भी घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन नहीं बनाना चाहिए. इस दिशा में किचन का होना घर का एक बड़ा वास्तु दोष है। इसे घर की महिला रोगी होगी और अनावश्‍यक खर्चें बढ़ेंगे।

7. किचन आग्नेय में नहीं है तो पूर्व में चलेगा नहीं तो पश्‍चिम और उत्तर में भी चलेगा। बाकी की दिशाओं से वास्तुदोष निर्मित होता है।

नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व माना जाता है और घर में रसोई (Kitchen) बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान मानी जाती है. हर दिशा के अलग महत्व होते हैं, इसलिए घर में हर स्थान का निर्माण दिशा के अनुसार होना बहुत जरूरी होता है. घर की रसोई का काम ज्यादातर स्त्रियों के जिम्मे होता है. इसलिए रसोईघर में किसी प्रकार का वास्तु दोष होने पर सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव घर की महिलाओं पर पड़ता है. इसलिए रसोई बनाते समय दिशा का ध्यान जरूर रखें. आइए जानते हैं कैसा होना चाहिए रसोई का वास्तु...

ऐसे सजाएं अपनी रसोई

  • घर में रसोई का निर्माण दक्षिण-पूर्व दिशा यानि आग्नेय कोण में करना चाहिए. इस दिशा के स्वामी शुक्र ग्रह हैं. 

  • वास्तु के अनुसार दक्षिण-पश्चिम दिशा में रसोई नहीं बनानी चाहिए. इससे आपके घर में अनावश्यक खर्च होता है. 

  • रसोई घर में चूल्हा रखने का स्थान पूर्व या उत्तर दिशा की ओर बनाना उचित रहता है. जिससे भोजन बनाते समय हमारे घर की महिलाओं का मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ रहे.

  • अगर आपकी रसोई में माइक्रोवेव आदि हैं तो उसे दक्षिण पूर्व के कोने में रखें.

  • रसोई में पानी का स्थान या फ्रिज उत्तर-पश्चिम दिशा में रखना लाभकारी रहता है.

  • किचन में आटा, चावल और खाद्य पदार्थ की सामाग्री को पश्चिम या दक्षिण दिशा में रखना चाहिए.

  • किचन की खिड़की पूर्व या उत्तर दिशा में बनानी चाहिए. उजाले के लिए बल्व आदि भी इसी दिशा में लगाने चाहिए. 

  • रसोई घर में बर्तन धोने का स्थान यानि सिंक उत्तर पूर्व दिशा में लगवाना चाहिए.

  • रसोई घर में कभी देवी-देवताओं का स्थान नहीं बनाना चाहिए. इसके अलावा रसोई घर में कभी दवाइयां भी नहीं रखनी चाहिए.

  • रसोई घर बनाते हुए ध्यान रखें कि बाथरूम और रसोई के दरवाजे आमने-सामने न हो.

  • रसोई घर और बाथरुम को एक सीध में नहीं बनाना चाहिए.

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इन बातों का रखें खास ख्याल 

वास्तु शास्त्र के अनुसार झूठे बर्तनों को भी देर तक रसोई घर में नहीं रखना चाहिए. इन बर्तनों को समय रहते साफ कर उचित स्थान पर रख देना चाहिए. रात में भोजन करने के बाद बर्तनों को झूठा नहीं छोड़ना चाहिए. ऐसा करने से घर में आर्थिक संकट पैदा होने लगता है. जमा पूंजी नष्ट होने लगती है और कर्ज की स्थिति बनी रहती है.

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रसोई का मुंह कौनसी दिशा में होना चाहिए?

घर में रसोई का निर्माण दक्षिण-पूर्व दिशा यानि आग्नेय कोण में करना चाहिए. इस दिशा के स्वामी शुक्र ग्रह हैं.

क्या उत्तर पश्चिम में किचन बना सकते हैं?

भोजन बनाते समय मुख पूर्व की ओर हो, उत्तर व दक्षिण में कतई नहीं। 6. वास्तु के मुताबिक भूलकर भी घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन नहीं बनाना चाहिए. इस दिशा में किचन का होना घर का एक बड़ा वास्तु दोष है।

किचन में खाना बनाने की दिशा कौनसी होनी चाहिए?

वास्तुशास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा में मुख करके भोजन बनाना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिशा में मुख करके भोजन बनाने से घर में किसी प्रकार से अन्न और धन की कमी नहीं होती है। घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।

किचन कौन सी दिशा में अच्छा रहता है?

किचन होना चाहिए इस दिशा में आपका किचन आग्‍नेय कोण यानी दक्षिण पूर्व दिशा में होना चाहिए, क्‍योंकि इस दिशा में अग्नि देवता का वास माना जाता है। गैस, चूल्‍हा बर्नर इसी दिशा में रखा जाना चाहिए। भोजन बनाते समय गृहिणी का मुख पूर्व की ओर रहे तो बहुत शुभ होता है। वहीं पश्चिम की ओर देखते हुए भी भोजन बना सकते हैं।

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