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इतिहास की अवधारणा की व्याख्या करें और इतिहास को जानना क्यों आवश्यक है?
इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार हम कह सकते हैं कि “ इतिहास वह सामाजिक शास्त्र है जो हमें भूतकाल के लोगों के राजनीतिक , सामाजिक , आर्थिक धार्मिक तथा सांस्कृतिक जीवन का परिचय कराता है। ” अतः व्यापक अर्थ में इतिहास का अर्थ अतीत के उन क्रिया – कलापों से है जिसके अंतर्गत राजनीतिक , सामाजिक , आर्थिक , धार्मिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियों का समावेश …
प्राचीन वस्तुओं से इतिहास की जानकारी कैसे होती है?
इसे सुनेंरोकेंप्राचीन भारत के इतिहास की जानकारी के साधनों को दो भागों में बाँटा जा सकता है- साहित्यिक साधन और पुरातात्विक साधन, जो देशी और विदेशी दोनों हैं। साहित्यिक साधन दो प्रकार के हैं- धार्मिक साहित्य और लौकिक साहित्य। धार्मिक साहित्य भी दो प्रकार के हैं – ब्राह्मण ग्रन्थ और अब्राह्मण ग्रन्थ।
इतिहास से पहले के काल को क्या नाम दिया गया?
इसे सुनेंरोकेंप्रागैतिहासिक काल को ‘प्रस्तर युग’ भी कहते हैं। प्रागैतिहासिक काल का अर्थ : प्रागैतिहासिक काल का अर्थ होता है ‘इतिहास से पूर्व का युग’।
इतिहास की कमी आई प्रक्रिया का क्या आशय है?
इसे सुनेंरोकेंइसलिए उपयुक्त कमी का ध्यान रखकर कुछ विद्वान् कहते हैं कि इतिहास की संपूर्णता असाध्य सी है, फिर भी यदि हमारा अनुभव और ज्ञान प्रचुर हो, ऐतिहासिक सामग्री की जाँच-पड़ताल को हमारी कला तर्कप्रतिष्ठत हो तथा कल्पना संयत और विकसित हो तो अतीत का हमारा चित्र अधिक मानवीय और प्रामाणिक हो सकता है।
जीवन इतिहास पद्धति से आप क्या समझते?
इसे सुनेंरोकेंइसमें अतीत के मानव जीवन का ऐसे ढंग से विवेचन किया जाता है जिससे वर्तमान के मानव जीवन को सरलता से समझा जा सकें। इतिहास मानव द्वारा निर्मित संस्थाओं के उद्गम, उनके विकास एवं उनके अतीतकालीन भेद तथा उनके वर्तमान स्परूप आदि पर प्रकाश डालकर मानव को मानव से परिचित कराता है।
प्राचीन भारत के इतिहास को कितने भागों में बांटा गया है?
इसे सुनेंरोकेंइतिहास कितने भागों में विभाजित है? इतिहास तीन भागों में विभाजित है ।
रीतिकाल को कितने भागों में बांटा गया है?
इसे सुनेंरोकेंआचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने रीतिकाल को ‘श्रृंगारकाल’ नाम देते हुए उसे तीन वर्गां में विभाजित किया- 1. रीतिबद्ध 2. रीति सिद्ध 3. रीतिमुक्त।
प्राचीन भारतीय इतिहास के प्रमुख यूनानी स्रोत कौन से हैं?
इसे सुनेंरोकेंरोम व यूनानी लेखक हेरोडोटस ने “हिस्टोरिका” नामक पुस्तक लिखी थी, इस पुस्तक भारत और फारस के संबंधो पर प्रकाश डाला गया था, हेरोडोटस को इतिहास का पिता भी कहा जाता है। यूनानी शासक सिकंदर के साथ काफी यूनानी लेखक भारत आये, इनमे नियार्कस, आनासिक्रटस, अरिस्तोबुल्स के वृतांत महत्वपूर्ण हैं।
हिमाचल प्रदेश में इतिहास के प्रमुख स्रोत कौन कौन से हैं class 8?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: बैजनाथ के एक मंदिर से प्राप्त गुप्तोत्तर कालीन अभिलेख , कुल्लू में सालरु गुपतकालीन अभिलेख ,निरमंड से प्राप्त ताम्रपत्र आदि प्रमुख आदि प्रमुख है। इस के अलावा चम्बा और कुल्लू से लगभग दो सौ ताम्रपत्र प्राप्त हुए है जो प्राचीन इतिहास की कड़ी को जोड़ने में सहायक है।
इतिहास से पहले के काल को क्या नाम दिया गया * 1 Point A प्राचीन काल B आधुनिक काल C प्रागैतिहासिक काल D मध्य काल?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: प्रागैतिहासिक काल से अभिप्राय है-इतिहास से पहले का काल। जब से मनुष्य ने लिखना शुरू किया तब से उसके इतिहास का पता चलता है। इससे पहले के काल को प्रागैतिहासिक काल कहते हैं।
प्रागैतिहासिक काल से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंप्रागितिहास (Prehistory) मानव अतीत के उस भाग को प्रागितिहास कहते हैं जबकि मानव का अस्तित्व तो था परन्तु लेखन कला का आविष्कार अभी नहीं हुआ था . विश्व इतिहास में लेखन कला का आरंभ सबसे पहले मेसोपोटामिया सभ्यता में लगभग ३२०० ई॰पू॰ से माना जाता है .। प्रागैतिहासिक काल में मानवों का वातावरण बहुत भिन्न था।