देश के प्रति निभाएं अपनी जिम्मेदारी
हमें गर्व होना चाहिए कि हम भारतीय हैं। किसी भी व्यक्ति के कर्तव्यों का आशय उसकी सभी आयु वर्ग के ल
हमें गर्व होना चाहिए कि हम भारतीय हैं। किसी भी व्यक्ति के कर्तव्यों का आशय उसकी सभी आयु वर्ग के लिए उन जिम्मेदारियों से हैं जो वह अपने देश के प्रति रखते हैं। देश के लिए अपनी जिम्मेदारियों को निभाने व याद दिलाने के लिए कोई विशेष समय नहीं होता, हालांकि ये प्रत्येक भारतीय नागरिक का जन्मसिद्ध अधिकार हैं कि वह देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझे। आवश्यकतानुसार उनका निर्वाह या निष्पादन अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करें। हम छात्रों की मदद करने के लिए अपने देश के प्रति मेरे कर्तव्य पर निबंधों की विभिन्न श्रृंखला उपलब्ध करा रहे हैं। 'अपने देश के प्रति मेरे सभी कर्तव्य निबंध', निबंध सरल हिन्दी वाक्यों का प्रयोग करके विद्यार्थियों के लिए लिखे गए हैं। वो इनमें से अपनी आवश्यकता और जरूरत के अनुसार कोई भी निबंध चुन सकते हैं। इससे छात्रों के अंदर अपने देश का नागरिक होने का न सिर्फ गर्व होगा बल्कि अपने देश के बारे में जानने का भी अवसर प्राप्त होगा।
-संतोष कुमार
प्रधानाचार्य, सेंट जोसफ स्कूल, बरहज
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पूरा विश्व करता है भारत का सम्मान
हम क्यों नहीं देख पाते की हमारे देश जैसा देश पूरे जहां में नहीं है। जो नैतिक या सांस्कृतिक मूल्य हमारे देश में है उसका सम्मान पूरा विश्व करता है। यह वह देश है जहां आज भी एक बेटा अपनी पूरी ¨जदगी अपने मां-बाप के साथ खुशी-खुशी व्यतीत करता है। यह वह देश है जहां आज भी उम्र में छोटे अपने बड़ों का पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेते हैं। रिश्तों में इतनी मिठास और अपनापन हमें कहीं और नहीं मिलेगा। कम से कम हमारे देश में अपने बच्चों से मां-बाप मकान का किराया तो नहीं लेते। जैसा की कुछ विकसित देशों में होता है।
-जय गो¨वद कुशवाहा
शिक्षक, सेंट मैरी स्कूल, बरहज
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विविधता में एकता भारत की पहचान
भारतीयता एक आवरण है मेरे लिए और इसकी विविधता युक्त संस्कृति मेरी आत्मा है। उत्तर में कराकोरम की श्रेणियां और दूर तक फैला हिमालय और भारत को तीन तरफ से घेरे हुए समुद्री आवरण, सांस्कृतिक भंडार। इतनी विविधता जो हमारे देश में है यह कहीं दूसरे देश में नहीं दिखाई पड़ती और यह विविधता हमें पुरजोर तरीके से जोड़े हुए है। यही इसकी पहचान भी है। इस अलौकिक वास्तविकता से मेरा रोज का नाता है, क्योंकि मैं इस देश का नागरिक हूं और मैं इस बात का मुझे गर्व है। हमारे देश का वीरता से भरा इतिहास सदा हमें रोमांच से परिपूर्ण कर देता है और हर पल एक नवीन ऊर्जा का संचरण करता है। निश्चय ही यह भारतीय नागरिकता है, जो मुझे हर पल इस स्वर्णिम अनुभव का भान कराती है।
-विवेक कुमार तिवारी
शिक्षक, तेजस्वी अर्ली एजुकेशन सेंटर, देवरिया
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हमें भारतीय होने का गर्व
हमें तो गर्व होना चाहिए हमारे देश में सभी धर्म/मजहब के लोग रहते हैं और सारे त्योहार हर्ष-उल्लास के साथ मनाते हैं। हमारे देश में आज भी महिलाओं को पूरी इज्जत दी जाती हैं और उसे समाज में बराबर का ओहदा दिया जाता हैं। यह वो देश है जहां सबसे विख्यात राष्ट्रपति एक मुस्लिम हुए और प्रधानमंत्री सिख। मुझे गर्व होता हैं यह सोचकर कि हमारे देश के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सैनिक दल हैं। हम उस देश में पैदा हुए हैं, जिसने अपनी स्वतंत्रता को पाने के लिए अ¨हसा का रास्ता चुना और सफलता का मुकाम भी पाया।
-शुभम मिश्रा
कक्षा-7, लिटिल फ्लावर स्कूल, सलेमपुर
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नागरिकता का पालन जरूरी
एक समाज, समुदाय या देश के नागरिक होने के नाते कुछ कर्तव्यों का पालन व्यक्तिगत रूप से भी किए जाने की आवश्यकता हैं। देश में उज्ज्वल भविष्य प्रदान करने के लिए सभी को नागरिकता के कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। एक देश पिछड़ा, गरीब या विकासशील है तो सब-कुछ उसके नागरिकों पर निर्भर करता है।
-संगम गोंड
कक्षा-8, बाब विश्वनाथ जू.हाईस्कूल, भड़सरा
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देश के प्रति वफादार ही अच्छा नागरिक
प्रत्येक को देश का अच्छा नागरिक होने के साथ ही देश के प्रति वफादार भी होना चाहिए। लोगों को सभी नियमों, अधिनियमों और सरकार द्वारा सुरक्षा और बेहतर जीवन के लिए बनाए गए कानूनों पालन करना चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी ही नहीं बल्कि कर्तव्य भी है। ऐसे में हमें ईमानदारी से अपने दायित्वों व कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
-अर्पित जायसवाल
कक्षा-9, दीन दयाल इंटर कालेज, देवरिया
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देश के प्रति एक नागरिक के कर्तव्यों (दायित्वों) का संक्षेप में वर्णन करें। एक देशभक्त नागरिक के अपने देश के प्रति क्या कर्तव्य है? देश के प्रत्येक नागरिक के चार कर्त्तव्य लिखें। अच्छे नागरिक के किन्हीं चार कर्तव्यों को लिखिए। 1 Answers एक सच्चे देशभक्त की तरह हमारे निम्नलिखित कर्त्तव्य होने चाहिएँ
(i) हमारा पहला कर्तव्य है कि हम जो भी कार्य करें. उसे ईमानदारी एवं प्रतिष्ठा से करें।
(ii) हमारा
कर्तव्य है कि सरकार जो कर लगाती है. हम उसे ईमानदारी से नियमित रूप से अदा करें, क्योंकि कर से प्राप्त पसा देश के विकास में सहायक होता है।
(iii) हमारे मन में अपने देश के प्रति सच्चा प्रेम और सद्भाव हो।
(iv) हमारा कर्त्तव्य है कि हम राष्ट्र के प्रति नैतिक कर्तव्यों का पालन करें।
(v) हमारा कर्तव्य है कि हम राष्ट्र की संपत्ति का दुरुपयोग न करें और उसे नष्ट न होने दें।
(vi) हमारा कर्तव्य है कि हम अपने पड़ोसियों के साथ मिल-जुल कर व सद्भाव से रहें।
(vii) सदा दूसरों की भलाई करते रहना
ही हमारा कर्त्तव्य होना चाहिए।
(viii) हमें देश की सुरक्षा हेतु सदैव तत्पर रहना चाहिए।
(ix) हमें रिश्वतखोरी व बेईमानी से दूर रहकर देश का जिम्मेदार नागरिक बनना चाहिए।
(x) हमें देश की प्रतिष्ठा एवं सम्मान को ध्यान में रखना चाहिए।