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वास्तु के मुताबिक भूलकर भी घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन नहीं बनाना चाहिए. इस दिशा में किचन का होना घर का एक बड़ा वास्तु दोष है. यह घर में अनावश्यक खर्चों को बढ़ा सकता है. आइए जानते हैं किचन से जुड़े वास्तु टिप्स.X Vastu Shastra Tips For Kitchen: वास्तु टिप्स भावना शर्मा
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार घर में रसोईघर यानी किचन की अहम भूमिका होती है. किचन के लिए घर की दक्षिण-पूर्व दिशा (आग्नेय-कोण) को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इसी दिशा में अग्नि अर्थात ऊर्जा का वास होता है. इस दिशा का स्वामी ग्रह शुक्र होता है. स्त्रियों का किचन में अधिकतर समय भी गुजरता है. घर के किचन में वास्तु दोष होने से स्त्रियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. वास्तु के मुताबिक भूलकर भी घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन नहीं बनाना चाहिए. इस दिशा में किचन का होना घर का एक बड़ा वास्तु दोष है. दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन का होना घर में अनावश्यक खर्चों को बढ़ा सकता है. देखें: आजतक LIVE TV वास्तु के अनुसार घर के सदस्यों में रोग, दुर्घटना, संतान के प्रति चिंता जैसी परेशानियां इस दिशा में किचन होने के कारण हो सकती हैं. आइए जानते हैं किचन से जुड़े वास्तु टिप्स....
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आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें डाउनलोड करें रसोईघर अर्थात किचन को वास्तु अनुसार बनाना जरूरी है अन्यथा यह रोग, शोक और धन की बर्बादी का कारण बन सकता है। आओ जानते हैं किवास्तु शास्त्र के अनुसार रसोईघर घर की किस दिशा में होना चाहिए। रसोईघर की दिशा ( Direction of kitchen ) : 2. किचन यदि आग्नेय कोण में नहीं है तो इससे घर में रहने वाले लोगों की सेहत, खासतौर पर महिलाओं की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। अन्न-धन की भी हानि होती है। इससे पाचन संबंधी अनेक बीमारियां हो सकती हैं। 3. जिस घर में रसोईघर दक्षिण-पूर्व यानी आग्नेय कोण में नहीं हो तब वास्तु दोष को दूर करने के लिए रसोई के उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में सिंदूरी गणेशजी की तस्वीर लगानी चाहिए। 4. यदि आपका रसोईघर अग्निकोण में न होते हुए किसी ओर दिशा में बना है तो वहां पर यज्ञ करते हुए ऋषियों की चित्राकृति लगाएं। 5. चूल्हा आग्नेय में, प्लेटफॉर्म पूर्व व दक्षिण को घेरता हुआ होना चाहिए। वॉश बेसिन उत्तर में हो। भोजन बनाते समय मुख पूर्व की ओर हो, उत्तर व दक्षिण में कतई नहीं। 6. वास्तु के मुताबिक भूलकर भी घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन नहीं बनाना चाहिए. इस दिशा में किचन का होना घर का एक बड़ा वास्तु दोष है। इसे घर की महिला रोगी होगी और अनावश्यक खर्चें बढ़ेंगे। 7. किचन आग्नेय में नहीं है तो पूर्व में चलेगा नहीं तो पश्चिम और उत्तर में भी चलेगा। बाकी की दिशाओं से वास्तुदोष निर्मित होता है। नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व माना जाता है और घर में रसोई (Kitchen) बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान मानी जाती है. हर दिशा के अलग महत्व होते हैं, इसलिए घर में हर स्थान का निर्माण दिशा के अनुसार होना बहुत जरूरी होता है. घर की रसोई का काम ज्यादातर स्त्रियों के जिम्मे होता है. इसलिए रसोईघर में किसी प्रकार का वास्तु दोष होने पर सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव घर की महिलाओं पर पड़ता है. इसलिए रसोई बनाते समय दिशा का ध्यान जरूर रखें. आइए जानते हैं कैसा होना चाहिए रसोई का वास्तु... ऐसे सजाएं अपनी रसोई
यह भी पढ़ें: किचन में ये चीजें खत्म होना है बेहद अशुभ, घर में आ सकता है आर्थिक संकट इन बातों का रखें खास ख्यालवास्तु शास्त्र के अनुसार झूठे बर्तनों को भी देर तक रसोई घर में नहीं रखना चाहिए. इन बर्तनों को समय रहते साफ कर उचित स्थान पर रख देना चाहिए. रात में भोजन करने के बाद बर्तनों को झूठा नहीं छोड़ना चाहिए. ऐसा करने से घर में आर्थिक संकट पैदा होने लगता है. जमा पूंजी नष्ट होने लगती है और कर्ज की स्थिति बनी रहती है. LIVE TV रसोई का मुंह कौनसी दिशा में होना चाहिए?घर में रसोई का निर्माण दक्षिण-पूर्व दिशा यानि आग्नेय कोण में करना चाहिए. इस दिशा के स्वामी शुक्र ग्रह हैं.
क्या उत्तर पश्चिम में किचन बना सकते हैं?भोजन बनाते समय मुख पूर्व की ओर हो, उत्तर व दक्षिण में कतई नहीं। 6. वास्तु के मुताबिक भूलकर भी घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन नहीं बनाना चाहिए. इस दिशा में किचन का होना घर का एक बड़ा वास्तु दोष है।
किचन में खाना बनाने की दिशा कौनसी होनी चाहिए?वास्तुशास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा में मुख करके भोजन बनाना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिशा में मुख करके भोजन बनाने से घर में किसी प्रकार से अन्न और धन की कमी नहीं होती है। घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
किचन कौन सी दिशा में अच्छा रहता है?किचन होना चाहिए इस दिशा में
आपका किचन आग्नेय कोण यानी दक्षिण पूर्व दिशा में होना चाहिए, क्योंकि इस दिशा में अग्नि देवता का वास माना जाता है। गैस, चूल्हा बर्नर इसी दिशा में रखा जाना चाहिए। भोजन बनाते समय गृहिणी का मुख पूर्व की ओर रहे तो बहुत शुभ होता है। वहीं पश्चिम की ओर देखते हुए भी भोजन बना सकते हैं।
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