कंचा पाठ का मुख्य पात्र कौन सा है? - kancha paath ka mukhy paatr kaun sa hai?

Haryana State Board HBSE 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 12 कंचा Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 12 कंचा

HBSE 7th Class Hindi कंचा Textbook Questions and Answers

कहानी से

पाठ 12 कंचा के प्रश्न उत्तर HBSE प्रश्न 1.
कंचे जब जार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं, तब क्या होता है ?
उत्तर :
कंचा जब जार से निकलकर अप्पू के दिमाग में घुस आता है तो वह ये खेल दिखाता है उसके देखते-देखते जार बड़ा होने लगा। वह आसमान सा बड़ा हो गया तो वह भी उसके भीतर आ गया। वह कंचे चारों तरफ बिखेरता मजे में खेलता रहा। जब अप्पू के दिमाग में कंचा घुस जाता है तब मास्टर जी के द्वारा बना रेलगाड़ी का बॉयलर भी उसे कांच का जार नजर आता है। उसमें हरी लकीरवाले सफेद गोल कंचे भरे लगने लगे। वह इनसे जार्ज के साथ खेलने की कल्पना से खुश था।

कंचा पाठ के शब्दार्थ HBSE 7th Class प्रश्न 2.
दुकानदार और ड्राइवर के सामने अप्पू की क्या स्थिति है ? वे दोनों उसको देखकर पहले परेशान होते हैं, फिर हँसते हैं। कारण बताइए।
उत्तर :
दुकानदार ड्राइवर तथा माँ अप्पू की अजीब हरकतों एवं मन:स्थिति को देखकर खीझते हैं और परेशान होते हैं। दुकानदार को लगता है कि अप्पू कचों के जार को गिरा कर तोड़ देगा। ड्राइवर उसे बीच सड़क पर कंचे चुगता देखता है। वह हार्न की आवाज भी नहीं सुन रहा था। माँ भी अप्प के बस्ते में कंचे-हो-कचे देखती है। ये तीनों व्यक्ति पहली बार में उसकी दशा देखकर परेशान होते हैं, फिर वस्तुस्थिति समझकर हँसते हैं। बाद में वे उसकी दशा को समझ जाते हैं। तीनों जान जाते हैं कि अप्पू का कंचों के साथ बहुत लगाव है।

कंचा पाठ का मुख्य पात्र कौन सा है? - kancha paath ka mukhy paatr kaun sa hai?

कंचा पाठ के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 3.
“मास्टर जी की आवाज़ अब कम ऊंची थी। वे रेलगाड़ी के बारे में बता रहे थे।” मास्टर जी की आवाज़ धीमी क्यों हो गई होगी ? लिखिए।
उत्तर :
जब मास्टर जी ने कक्षा के बच्चों को रेलगाड़ी का पाठ पढ़ाना शुरू किया था तब उनकी आवाज ऊँची थी। वे रेलगाड़ी के बारे में काफी बातें कह चुके तब उनकी आवाज कुछ धीमी हो गई। अब वे समझाने की मुद्रा में थे अत: उनकी आवाज धीमी हो गई होगी।

कहानी से आगे

1. कंचे, गिल्ली-डंडा, गेंदतड़ी (पिट्ठ) जैसे गली-मोहल्लों के कई खेल ऐसे हैं जो बच्चों में बहुत लोकप्रिय हैं। आपके इलाके में ऐसे कौन-कौन से खेल खेले जाते हैं ? उनकी एक सूची बनाइए।
उत्तर :

  • कंचे खेलना, गुल्ली-डंडा, गेंद खेलना। किसी एक खेल को खेले जाने की विधि का वर्णन भी कीजिए।
  • गुल्ली-डंडा : एक जगह गड्ढा सा बना लिया जाता है। उस पर गुल्ली रख दी जाती है। एक नुकीले डंडे से उसे ऊपर की ओर उछाला जाता है। कोई बच्चा उसे लपकता है और खिलाड़ी को आउट कर देता है।

HBSE 7th Class Hindi कंचा Important Questions and Answers

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

7th Class HBSE Hindi Chapter 12 कंचा प्रश्न 1.
अप्पू को दुकान के जारों में रखे कंचे ही क्यों आकर्षित करते हैं, अन्य चीजें क्यों नहीं?
उत्तर :
अन्य चीजें तो उसके पिताजी ला देते थे, कंचे उसने पहली बार देखे थे।

प्रश्न 2.
कंचों को देखकर सबसे पहले अप्पू क्या सोचता है?
उत्तर :
पहले ये कंचे दुकान में नहीं थे। शायद दुकानदार ने इन्हें तुरंत ही यहाँ रखा है।

प्रश्न 3.
कंचे का सबसे अच्छा खिलाड़ी कौन है?
उत्तर :
लड़कों के बीच जॉर्ज ही कंचों का अच्छा खिलाड़ी है।

प्रश्न 4.
मास्टर जी किसके बारे में समझा रहे थे?
उत्तर :
मास्टर जी रेलगाड़ी के हर एक हिस्से के बारे में समझा रहे थे।

प्रश्न 5.
पानी रखने की खास जगह को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
उत्तर :
बॉयलर।

कंचा पाठ का मुख्य पात्र कौन सा है? - kancha paath ka mukhy paatr kaun sa hai?

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
इस कहानी का शीर्षक ‘कंचा’ क्यों रखा गया है?
उत्तर :
इस कहानी में चर्चा का मुख्य विषय ‘कंचा’ ही है। कहानी का मुख्य पात्र अप्पू का मन कंचों में उलझ जाता है। वह हर समय कंचों के बारे में ही सोचता रहता है। सारी कहानी कंचे के इर्द-गिर्द ही घूमती है। अत: इस कहानी का शीर्षक ‘कंचा’ रखा गया है।

प्रश्न 2.
कंचा खरीदने में अप्यू किसकी मदद लेना चाहता है और क्यों?
उत्तर :
कंचा खरीदने में अप्पू जार्ज की मदद लेना चाहता है। जॉर्ज कंचों के खेल का सबसे अच्छा खिलाड़ी माना जाता है। उसे कोई हरा नहीं पाता। जार्ज हारे हुए खिलाड़ी की बंद मुट्ठी’ के जोड़ों की हड्डी को तोड़ देता है।

प्रश्न 3.
माँ ने अप्पू के बस्ते में क्या पाया?
उत्तर :
माँ को अप्पू के बस्ते में कंचे-ही-कंचे मिले। उसे यह देखकर हैरानी हुई। वह सोचने लगी कि यह इतने कंचे कहाँ से लाया?

प्रश्न 4.
इस कहानी के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?
उत्तर :
इस कहानी के माध्यम से लेखक बालमन की कामना को दर्शाना चाहता है। बालक के मन में जो बात एक बार बैठ जाए, उसे वह पूरी करके रहता है। बालक का मन भोला होता है।

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प्रश्न 5.
जॉर्ज के कंचा खिलाड़ी के बारे में क्या बताया गया है?
उत्तर :
जॉर्ज कंचे का अच्छा खिलाड़ी है। चाहे कितना भी बड़ा लड़का उसके साथ कंचा खेले, उससे मात खाएगा। हारे हुए खिलाड़ी को अपनी बंद मुट्ठी जमीन पर रखनी पड़ती थी। तब जॉर्ज कंचा चलाकर बंद मुट्ठी के जोड़ों की हड्डी तोड़ता है।

प्रश्न 6.
मास्टर जी पाठ पढ़ाते हुए क्या समझा रहे थे?
उत्तर :
मास्टर जी पाठ में रेलगाड़ी के बारे में समझा रहे थे। वे बता रहे थे कि इसे भाप की गाड़ी भी कहते हैं क्योंकि यह यंत्र भाप की गाडी से चलता है। भाप का मतलब पानी से निकलती भाप से है। यह गाड़ी छुक-छुक करती है।

कंचा गद्यांशों पर अर्थग्रहण सम्बन्धी प्रश्न

1. वह चलते-चलते ……………….. रखा होगा।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. कौन, कहाँ पहुँचा?
2 उसने वहाँ क्या देखा?
3. उसका ध्यान किसने आकृष्ट किया?
4. कंचे कैसे थे?
उत्तर :
1. अप्पू नामक लड़का स्कूल की ओर जाते-जाते रास्ते में एक दुकान के सामने जा पहुंचा।
2. वहाँ उसने देखा कि एक अलमारी में काँच के बड़े-बड़े जार कतार में रखे हैं। उन जारों में चॉकलेट, पिपरमेंट और बिस्कुट थे। उसकी नज़र उन पर नहीं थी।
3. अप्पू का ध्यान एक नए जार ने आकृष्ट किया। उस जार में कंचे भरे थे। वह जार नया-नया ला कर रखा गया था।
4. जार के कंचे हरी लकीरवाले बढ़िया सफेद गोल थे। वे बड़े आँवले जैसे दिखाई देते थे।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. दुकान के सामने कौन पहुँचा?
(क) अप्पू
(ख) रामन
(ग) जॉर्ज
(घ) कोई लड़का
उत्तर :
(क) अप्पू

2. लड़के की नजर किस जार पर थी?
(क) चॉकलेट
(ख) बिस्कुट
(ग) पिपरमेंट
(घ) कंचे
उत्तर :
(घ) कंचे

3. जार में कैसे कंचे हैं?
(क) हरी लकीर वाले
(ख) गोल
(ग) आँवले जैसे
(घ) ये सभी
उत्तर :
(घ) ये सभी

कंचा पाठ का मुख्य पात्र कौन सा है? - kancha paath ka mukhy paatr kaun sa hai?

2. अरे हाँ! ………… में भी

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. जॉर्ज कौन है? वह स्कूल क्यों नहीं आया?
2. मास्टर जी कौन सा पाठ पढ़ा रहे थे?
3. मास्टर जी किस मुद्रा में बच्चों को समझा रहे थे?
4. मास्टरजी ने रेलगाड़ी के बारे में क्या बताया?
उत्तर :
1. जाज अप्पू की कक्षा में ही पढ़ता है। वह कंचे का सबसे अच्छा खिलाड़ी है। उसे आज बुखार है इसलिए वह स्कूल नहीं आया।
2. मास्टर जी ‘रेलगाड़ी’ का पाठ पढ़ा रहे थे।
3. मास्टर जी के हाथ में बेंत थी। उस बेंत से वे मेज़ को ठोककर ऊंची आवाज़ में बच्चों को पाठ समझा रहे थे।
4. मास्टर जी ने बच्चों को रेलगाड़ी के बारे में यह बताया कि इसे भाप की गाड़ी भी कहते हैं क्योंकि इसका यंत्र (इंजन) भाप की शक्ति से चलता है। भाप पानी से निकलती है। यह घरों के चूल्हों पर भी निकलती है।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. जॉर्ज को क्या है?
(क) बुखार
(ख) पेटदर्द
(ग) सिरदर्द
(घ) कुछ नहीं
उत्तर :
(क) बुखार

2. पुस्तक में कौन-सा पाठ खुला था?
(क) रेलगाड़ी का
(ख) भाप का
(ग) यंत्रों का
(घ) चूल्हे का
उत्तर :
(क) रेलगाड़ी का

3. मास्टर जी बीच-बीच में क्या कर रहे थे?
(क) बेंत से मेज़ ठोक रहे थे
(ख) ऊँची आवाज़ में बोल रहे थे
(ग) रेलगाड़ी के बारे में बता रहे थे
(घ) ये सभी काम कर रहे थे।
उत्तर :
(घ) ये सभी काम कर रहे थे।

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3. रोते-रोते …………….. समाप्त किया।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. कौन रो रहा था और क्यों?
2. बेंच पर खड़े-खड़े किसने, क्या सोचा?
3. कंचे किस प्रकार के थे?
4. मास्टर जी ने बच्चों से क्या पूछा?
उत्तर :
1. अप्पू रो रहा था। उसे मास्टर जी ने सभी के सामने बेंच पर खड़ा कर दिया था। सभी बच्चे उस पर हँस रहे थे।
2. बेंच पर खड़े-खड़े अप्पू ने सोचा कि सब को कंचे – दिखा दूंगा। जॉर्ज के आने पर ही वह कंचे खरीदेगा। इन हँसने वालों में से किसी को कंचे खेलने के लिए नहीं बुलाएगा।
3. कंचे खूबसूरत थे। वे हरी लकीरवाले सफेद गोल कंचे थे। ये आँवले जैसे बड़े थे।
4. मास्टर जी ने बच्चों से कहा कि यदि पाठ के बारे में किसी बच्चे को कोई भी शक हो तो वह पूछ ले। इसके बाद पाठ समाप्त हो गया।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. रामन, मल्लिका किसकी हँसी उड़ा रहे थे?
(क) जॉर्ज की
(ख) अप्पू की
(ग) कंचों को
(घ) सभी की
उत्तर :
(ख) अप्पू की

2. अप्पू जॉर्ज के आने पर क्या खरीदेगा?
(क) कंचे
(ख) किताबें
(ग) पेंसिले
(घ) कुछ नहीं
उत्तर :
(क) कंचे

3. अप्पू किसके बारे में सोच रहा था?
(क) बच्चों के बारे में
(ख) कंचों के बारे में
(ग) मास्टर जी के बारे में
(घ) अपने बारे में
उत्तर :
(ख) कंचों के बारे में

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4. दफ्तर में ………………. पैसे-दस पैसे।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. दफ्तर के बाहर भीड़ क्यों थी?
2 क्लर्क बाबू ने क्या कहा?
3. किस-किसने फीस जमा की?
4. अप्पू क्या सोच रहा था?
उत्तर :
1. दफ्तर के बाहर फीस जमा करने वालों की भीड़ जमा थी।
2. क्लर्क बाबू ने यह कहा सभी बच्चे एक-एक करके आएँ।
3. रामन, मल्लिका तथा अन्य बच्चों ने फीस जमा कराई।
4. अप्पु यह सोच रहा था कि मैं जॉर्ज को साथ ले जाकर दुकानदार से कंचे खरीद कर लाऊँगा। पता नहीं यह देगा भी या नहीं।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. दफ्तर में भीड़ किनकी थी?
(क) फीस जमा करने वालों की
(ख) किताबें खरीदने वालों की
(ग) नौकरी पाने वालों की
(घ) बच्चों की
उत्तर :
(क) फीस जमा करने वालों की

2. दूर कौन खड़ा था?
(क) अप्पू
(ख) रामन
(ग) जार्ज
(घ) अन्य
उत्तर :
(क) अप्पू

3. अप्पू अभी भी किसके बारे में सोच रहा था?
(क) फीस के बारे में
(ख) कंचों के बारे में
(ग) लड़कों के बारे में
(घ) किसी के बारे में
नहीं
उत्तर :
(ख) कंचों के बारे में

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5. कागज की ……………. रहे हैं।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न :
1. कागज़ की पोटली में क्या था?
2. पोटली को लिए कौन, कहाँ चला जा रहा था?
3. उसका जी क्या चाहता था?
4. पोटली खुलने पर क्या हुआ?
उत्तर :
1. कागज की पोटली (पुड़िया) में कंचे थे। ये व कंचे थे जो अप्पू ने दुकानदार से खरीदे थे।
2. कंचों की पोटली लिए हुए अप्पू नीम के पेड़ों की छाँव के नीचे चला जा रहा था।
3. अप्पू का जी हो रहा था कि उसे कंचों का पूरा जार मिल जाता तो कितना अच्छा होता। वह जार को छूना चाहता था।
4. कागज़ की पोटली खुलने पर सारे कंचे बिखर गए और सड़क के बीचोंबीच फैल गए।

बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर चुनकर लिखिए

1. अब कंचे कहाँ थे?
(क) कागज़ की पोटली में
(ख) जेब में
(ग) जार में
(घ) मुँह में
उत्तर :
(क) कागज़ की पोटली में

2. अप्पू का जी क्या चाहता था?
(क) पूरा जार उसे मिल जाता
(ख) उसे सारे कंचे मिल जाते
(ग) कंचों को छूना चाहता था
(घ) ये सभी काम
उत्तर :
(क) पूरा जार उसे मिल जाता

3. अप्पू को क्या शक हुआ?
(क) क्या मेरे पास पूरे कंचे हैं?
(ख) क्या सभी कंचों में लकीर होगी?
(ग) क्या जॉर्ज मुझे कंचे देगा?
(घ) क्या कोई मेरे कंचे छीन लेगा?
उत्तर :
(ख) क्या सभी कंचों में लकीर होगी?

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कंचा Summary in Hindi

कंचा कहानी का सार

अप्पू नीम के पेड़ों की छाया के नीचे से होते हुए सियार की कहानी का मजा लेता आ रहा था। उसका बस्ता झूल रहा था। कहानी में सियार कौए से बोलता है-‘कौए. तुम्हारा गाना सुनने के लिए तरस रहा हूँ, गाओ।’ कौआ मुँह खोलता है और उसके मुँह में दबा रोटी का टुकड़ा नीचे गिर जाता है। सियार उसे उठाकर ‘भाग जाता है। कौआ बड़ा बुद्ध निकला।

अप्पू चलते-चलते एक दुकान के सामने जा पहुँचा। वहाँ एक जार में हरी लकीर वाले सफेद कंचे भरे हुए थे। लड़के को वे कंचे बड़े खूबसूरत लगे। उसके दिल-दिमाग पर वे कंचे छाने लगे। दुकानदार ने उससे पूछा कि क्या कंचा चाहिए ? तो लड़का ‘न’ में सिर हिला देता है। वह चाहता तो कंचा ले सकता था। स्कूल की घंटी सुनकर वह बस्ता थामे हुए दौड़ पड़ा। वह चुपचाप पीछे की बेंच पर बैठ गया। रामन अगली बेंच पर, तीसरी बेंच पर मल्लिका और अम्मु हैं। लड़कों में जार्ज कंचे का सबसे अच्छा खिलाड़ी है। जार्ज को बुखार है अत: वह आज नहीं आया। मास्टर जी के आने पर उसने पुस्तक खोलकर सामने रख ली। पृष्ठ 37 पर रेलगाड़ी का पाठ था।

मास्टर जी बेंत से मेज को ठोकते हुए रेलगाड़ी के बारे में बता रहे थे कि यह भाप की शक्ति से चलती है। अप्पू ने सोचा कि रेलगाड़ी तो उसने भी देखी है। अप्पू की अभी भी काँच के कंचे याद आ रहे थे। वह उन्हीं के बारे में सोच रहा था। मास्टर जी ने उसे टोका भी और पूछा कि मैं अभी किसके बारे में बता रहा था। अप्पू ने कहा-‘कंचा’। मास्टर जी ने उसे बेंच पर खड़ा कर दिया। सब उसकी हँसी उड़ा रहे थे। अप्पू के दिल-दिमाग में अभी भी कंचे थे। हरी लकीर वाले गोल, आँवले जैसे कंचे। मास्टर जी ने पाठ समाप्त किया। कई छात्रों ने अपनी शंका का समाधान कर लिया। अप्पू सोच रहा था कि कंचों में कितने पैसे लगेंगे।

फिर मास्टर जी ने कहा कि जो फीस लाए हैं वे ऑफिस में जाकर जमा करा दें। बहुत से छात्र फीस जमा कराने गए। अप्पू के पिता ने उसे डेढ़ रुपया फीस जमा कराने के लिए दिया था। वह बेंच से उतरा, पर मास्टर जी ने उसको रोक दिया। वह बेंच पर चढ़कर रोने लगा। फिर वह दफ्तर गया। वहाँ भीड़ थी। अप्पू दूर खड़ा रहा। वह अभी भी जार्ज के साथ जाकर कंचे लेने की बात सोच रहा था। वह पैसों का हिसाब लगा रहा था। उसने फीस जमा नहीं की। वह बस्ता कंधे पर लटकाए चलने लगा।

कंचों की दुकान नजदीक आ रही थी। दुकानदार भी उसके इंतजार में था। दुकानदार जार का ढक्कन खोलने लगा तो अप्पू ने पूछा-कंचे अच्छे तो हैं ? दुकानदार ने कहा-बढ़िया, फर्स्टक्लास कंचे हैं। तुम्हें कितने कंचे चाहिए ? अप्पू ने एक रुपया पचास पैसे दिखाए। दुकानदार इतने पैसे देखकर चौंका। पहले कभी किसी लड़के ने इतनी बड़ी रकम से कंचे नहीं खरीदे थे। अप्पू कागज की पोटली छाती से चिपकाए नीम के पेड़ों की छाँव में चलने लगा। कंचे उसकी हथेली में थे। उसने पोटली को हिलाकर देखा। उसने पोटली खोलकर देखना चाहा तो सारे कंचे बिखर गए। वह उन्हें चुनने लगा। वह कंचे बस्ते में डालने लगा। एक कार सड़क पर ब्रेक लगा रही थी, पर अप्पू कंचे चुनने में व्यस्त था। अप्पू ने ड्राइवर को कंचा दिखाया, वह बहुत खुश हुआ।

कंचा पाठ का मुख्य पात्र कौन सा है? - kancha paath ka mukhy paatr kaun sa hai?

अप्पू घर लौट आया। माँ शाम की चाय तैयार करके उसकी राह देख रही थी। अप्पू माँ के गले लग गया। माँ ने देखा कि बस्ते में कंचे ही कंचे थे। माँ समझ गई कि फीस के पैसों से अप्पू ने कंचे खरीद लिए हैं। माँ की पलकें भीग गईं। अप्पू ने पूछा-क्या कंचे अच्छे नहीं हैं ? माँ ने उसका मन रखने के लिए कहा-बहुत अच्छे लगते हैं। दोनों हँस पड़े। अब अप्पू के दिल से खुशी छलक रही थी।

कंचा शब्दार्थ

केंद्रित = एक स्थान पर ध्यान (Centred)। नौ-दो ग्यारह होना = भाग जाना (Run away)। आकृष्ट आकर्षित (Attract)! निषेध = नकारना, मना करना (Forebidden)। स्पर्श = छूना (To touchy। यंत्र = मशीन (Machine)। भूचाल भूकंप (Earthquake)। सुबकता = रोता (Weeping)। शंका = शक (Doubt) चिकोटी = चुटकी (Pinching)।धीरज-धैर्य(Patience)। सटाए = चिपकाए (To stick)। अहसास = अनुभव (Feeling)। समाप्त – खत्म (Finished)। इंतजार = बाट देखना (Wait)।

कंचा कहानी के मुख्य पात्र का नाम क्या है?

इस कहानी का मुख्य पात्र अप्पू नाम का एक लड़का है। उसकी उम्र के अधिकतर बच्चों की तरह अप्पू को पढ़ाई की जगह खेलकूद में अधिक मन लगता है। वह जब दुकान पर कंचों से भरी जार को देखता है तो वह कंचों की दुनिया में खो जाता है। वह अपने सपने में कंचों से भरे जार में गोते लगाता है।

कंचा पाठ के लेखक कौन हैं?

इस कहानी में लेखक श्री टी० पद्मनाभन ने बालजीवन का सुंदर चित्रण किया है| कैसे एक बालक अपने खेलने के सामान बाकी अन्य चीज़ों से ऊपर रखता है और किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहता| अप्पू हाथ में बस्ता लटकाए नीम के पेड़ों की घनी छाया से गुजर रहा था।

कंचा पाठ का उद्देश्य क्या है?

मित्र कंचा कहानी से लेखक का उद्देश्य है बालमन की सहजता तथा कल्पना के रूप से पाठकों को अवगत कराना। इस पाठ के माध्यम से कवि यह बताना चाहते हैं कि बच्चों के जीवन में वास्तविता का कोई स्थान नहीं होता। वह केवल अपनी कल्पना की दुनिया में खोए रहते हैं।

कंचा कहानी में किसका वर्णन है?

'कंचा' पाठ लेखक टी. पद्मनाभन द्वारा लिखा गया है | लेखक ने इस पाठ में बालमन की सहजता और कल्पना के रूपों का वर्णन किया है। इस कहानी में कंचा एक ऐसे बालक की कहानी है, जिसे कंचों से बहुत प्यार है। वह हर वक्त स्वयं को कंचे के साथ देखता है।