राजभाषा (संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग)नियम, 1976(यथा संशोधित, 1987, 2007 तथा 2011)सा.का.नि. 1052 --राजभाषा अधिनियम, 1963 (1963 का 19) की धारा 3 की उपधारा (4) के साथ पठित धारा 8 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केन्द्रीय सरकार निम्नलिखित नियम बनाती है, अर्थातः- Show
[भारत का राजपत्र, भाग-2, खंड 3, उपखंड (i) में प्रकाशनार्थ] भारत सरकार गृह मंत्रालय राजभाषा विभाग नई दिल्ली, दिनांक: अगस्त, 2007 अधिसूचना का.आ. (अ). -- केन्द्रीय सरकार, राजभाषा अधिनियम, 1963 (1963 का 19) की धारा 3 की उपधारा (4) के साथ पठित धारा 8 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राजभाषा (संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग) नियम, 1976 का और संशोधन करने के लिए निम्नलिखित नियम बनाती है, अर्थात:-
नियम 2 के खंड (च) के स्थान पर निम्नलिखित खंड रखा जाएगा, अर्थात्:- “क्षेत्र क” से बिहार, छत्तीसगढ, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह संघ राज्य क्षेत्र’ अभिप्रेत हैं; ’ [(फा.सं. I/14034/02/2007-रा.भा.(नीति-1)] (पी.वी.वल्सला जी.कुट्टी) संयुक्त सचिव, भारत सरकार भारत के राजपत्र, भाग-II, खंड 3, उपखंड (i) में प्रकाशित]पृष्ठ संख्या 576-577दिनांक 14-5-2011भारत सरकार गृह मंत्रालय राजभाषा विभाग *** नई दिल्ली, 4 मई, 2011 अधिसूचनासा.का.नि. 145 केन्द्रीय सरकार, राजभाषा अधिनियम, 1963 (1963 का 19) की धारा 3 की उपधारा (4) के साथ पठित धारा 8 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राजभाषा (संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग) नियम, 1976 का और संशोधन करने के लिए निम्नलिखित नियम बनाती है, अर्थात्:-
“क्षेत्र ख” से गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब राज्य तथा चंडीगढ़, दमण और दीव तथा दादरा और नगर हवेली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत हैं;’ [(फा.सं.I/14034/02/2010-रा.भा. (नीति-1)] डी.के.पाण्डेय, संयुक्त सचिव टिप्पण:- मूल नियम भारत के राजपत्र में सा.का.नि.संख्यांक 1052 तारीख 17 जुलाई, 1976 द्वारा प्रकाशित किए गए थे और सा.का.नि.संख्यांक 790, तारीख 24 अक्तूबर, 1987 तथा सा.का.नि.संख्यांक 162 तारीख 03 अगस्त, 2007 द्वारा उनमें पश्चातवर्ती संशोधन किए गए। |