ज्ञान की आंधी आने पर क्या होता है? - gyaan kee aandhee aane par kya hota hai?

ज्ञान की आँधी का भक्त के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

ज्ञान की आँधी का मनुष्य के जीवन पर यह प्रभाव पड़ता है कि उसके सारी शंकाए और अज्ञानता का नाश हो जाता है। वह संसार की मोह माया से मुक्त हो जाता है। मन पवित्र तथा निश्छल होकर प्रभु भक्ति में तल्लीन हो जाता है।

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अंतिम दो दोहों के माध्यम से से कबीर ने किस तरह की संकीर्णता की ओर संकेत किया है?

अंतिम दो दोहों में दो तरह की संकीर्णता की ओर संकेत किया है -
1. अपने-अपने मत को श्रेष्ठ मानने की संकीर्णता और दूसरे के धर्म की निंदा करने की संकीर्णता।
2. ऊँचे कुल के गर्व में जीने की संकीर्णता। मनुष्य केवल ऊँचे कुल में जन्म लेने से बड़ा नहीं होता वह बड़ा बनता है तो अपने अच्छे कर्मों से।

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तीसरे दोहे में कवि ने किस प्रकार के ज्ञान को महत्त्व दिया है?

तीसरे दोहे में कवि ने अनुभव से प्राप्त ज्ञान को महत्त्व दिया है। वह ज्ञान जो सहजता से सुलभ हो हमें उसी ज्ञान की साधना करनी चाहिए। 

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कवि ने सच्चे प्रेमी की क्या कसौटी बताई है?

कवि के अनुसार सच्चे प्रेम की कसौटी भक्त की ईश्वर के प्रति सच्ची भक्ति से है। क्योंकि सच्चा प्रेमी ईश्वर के अलावा किसी से कोई मोह नहीं रखता है। उससे मिलने पर मन की सारी मलिनता नष्ट हो जाती है। पाप धुल जाते हैं और सदभावनाएँ जाग्रत हो जाती है।

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इस संसार में सच्चा संत कौन कहलाता है?

कबीर के अनुसार सच्चा संत वही कहलाता है जो साम्प्रदायिक भेदभाव, सांसारिक मोह माया से दूर, सभी स्तिथियों में समभाव (सुख दुःख, लाभ-हानि, ऊँच-नीच, अच्छा-बुरा) तथा निष्पक्ष भाव से ईश्वर की आराधना करता है।

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'मानसरोवर' से कवि का क्या आशय है?

मानसरोवर से कवि का अभिप्राय हृदय रूपी तालाब से है, जो हमारे मन में स्थित है।

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विषयसूची

  • 1 ज्ञान की आंधी से भक्तों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
  • 2 ज्ञान की आँधी आने के बाद क्या होता है?
  • 3 ज्ञान रूपी क्या माना है?
  • 4 जीवन भक्ति कब कम हो जाती है?
  • 5 कबीर जी ने असली ज्ञानी किसे कहा है?
  • 6 किसी व्यक्ति की पहचान उसके कर्मों के आधार पर क्यों करनी चाहिए?

ज्ञान की आंधी से भक्तों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

इसे सुनेंरोकेंसाखियाँ एवं सबद ज्ञान की आँधी का मनुष्य के जीवन पर यह प्रभाव पड़ता है कि उसके सारी शंकाए और अज्ञानता का नाश हो जाता है। वह संसार की मोह माया से मुक्त हो जाता है। मन पवित्र तथा निश्छल होकर प्रभु भक्ति में तल्लीन हो जाता है।

ज्ञान की आँधी आने के बाद क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- ज्ञान रूपी आँधी आने के बाद मन प्रभु भक्ति में रम जाता है। ज्ञान की आँधी के बाद जो जल बरसा उस जल से मन भीग उठता है और आनंदित हो जाता है। अर्थात् ज्ञान की प्राप्ति के बाद मन शुद्ध हो जाता है।

क आँधी आने पर आस पास क्या क्या बदलाव नज़र आते हैं?

इसे सुनेंरोकें1. आंधी आने से आसपास के पेड़ उखड़ जाते हैं और आसपास के घर भी तहस-नहस हो जाते हैं पेड़ गिर जाते हैं और आदि चीजें नजर आती है. 3. कभी कोई इसलिए लग रहा है कि रात के बाद सुबह नहीं आएगी क्योंकि उसे लग रहा है वह आंधी में मर जाएगा.

ज्ञान रूपी क्या माना है?

इसे सुनेंरोकेंभाव-सौंदर्य – ज्ञान का महत्त्व प्रतिपादित करते हुए कबीर कहते हैं कि मनुष्य को ज्ञान रूपी हाथी की सवारी सहज गलीची डालकर करना चाहिए। ऐसा कहते हुए यदि कुत्ता रूपी संसार उसकी आलोचना करता है तो मनुष्य को उसकी परवाह नहीं करना चाहिए। अर्थात् मनुष्य को ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। ऐसा करते हुए उसे आलोचना की परवाह नहीं करना चाहिए।

जीवन भक्ति कब कम हो जाती है?

इसे सुनेंरोकेंजीवन भक्ति तब कम हो जाती है जब जीवन में ज्ञान की आंधी चलती है। ज्ञान की आंधी चलने से मनुष्य के जीवन के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। उसके मन के सारे भ्रम दूर हो जाते हैं, उसे जीवन का असली यथार्थ समझ में आने लगता है। वह माया मोह स्वार्थ, लालच, अज्ञानता आदि विकारों से दूर हो जाता है।

आँधी से कौन कौन डरा हुआ था निर्माण कविता के आधार पर बताइए?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: आँधी से पूरा संसार डरा हुआ था और सुबह की किरणें उन्हें यह संदेश दे रही हैं कि मनुष्य को लगातार पुरुषार्थ करके भविष्य के प्रति आशावान बने रहना चाहिए। चाहे कितना भी संकट आने पर हिम्मत और साहस से सामना करना। 2 आकाश में काले बादल और तेज़ आँधी के कारण कवि को ऐसा लग रहा था कि रात के बाद सुबह नहीं आएगा।

कबीर जी ने असली ज्ञानी किसे कहा है?

इसे सुनेंरोकेंकबीर कहते हैं कि बड़ी बड़ी पुस्तकें पढ़ कर संसार में कितने ही लोग मृत्यु के द्वार पहुँच गए, पर वे सभी विद्वान न हो सके। यदि कोई प्रेम या प्यार के केवल ढाई अक्षरअच्छी तरह पढ़ ले, तो वही सच्चा ज्ञानी होगा।

किसी व्यक्ति की पहचान उसके कर्मों के आधार पर क्यों करनी चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंउसी प्रकार श्रेष्ठ कुल में जन्म लेने मात्र से किसी भी व्यक्ति का गुण निर्धारित नहीं किया जा सकता। मनुष्य के गुणों की पहचान उनके कर्म से होती है। अपने कर्म के माध्यम से ही हम समाज मे प्रतिष्ठित होते हैं। कुल तथा जाति द्वारा प्राप्त प्रतिष्ठा अस्थाई होती है।

ईश्वर को हम क्यों नहीं देख पाते * 2 points मस्ती के कारण अज्ञानता के कारण घृणा के कारण?

इसे सुनेंरोकेंईश्वर संसार के कण-कण में व्याप्त है परंतु हम उसे देख नहीं पाते, क्योंकि हमारा अस्थिर मन सांसारिक विषय-वासनाओं, अज्ञानता, अहंकार और अविश्वास से घिरा रहता है। अज्ञान के कारण हम ईश्वर से साक्षात्कार नहीं कर पाते।

ज्ञान की आँधी आने पर क्या होता है?

साखियाँ एवं सबद ज्ञान की आँधी का मनुष्य के जीवन पर यह प्रभाव पड़ता है कि उसके सारी शंकाए और अज्ञानता का नाश हो जाता है। वह संसार की मोह माया से मुक्त हो जाता है। मन पवित्र तथा निश्छल होकर प्रभु भक्ति में तल्लीन हो जाता है।

ज्ञान की आँधी के आने से क्या समाप्त हो जाता?

उत्तर: ज्ञान की आँधी के आने से भक्त के मन के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। उसके मन के भ्रम दूर हो जाते हैं। माया, मोह, स्वार्थ, धन, तृष्णा, कुबुद्धि आदि विकार समाप्त हो जाते हैं।

ज्ञान की आंधी के भक्तों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

ज्ञान की प्राप्ति से भक्त के अंदर ईश्वर के प्रति सच्ची भक्ति का उदय होता है तथा ज्ञान के प्रकाश से जीवन अज्ञानता रुपी अंधकार से मुक्त होकर प्रकाशमय हो जाता है, मनुष्य मोह-माया से मुक्त हो जाता है।

ज्ञान की आंधी आने पर व्यक्ति के व्यवहार में क्या क्या परिवर्तन देखने को मिलते हैं?

ज्ञान की आँधी आने से पहले मनुष्य का मन मोह-माया, अज्ञान तृष्णा, लोभ-लालच और अन्य दुर्विचारों से भरा था। वह सांसारिकता में लीन था, इससे वह प्रभु की सच्ची भक्ति न करके भक्ति का आडंबर करता था। ज्ञान की आँधी आने के बाद मनुष्य के मन से अज्ञान का अंधकार और कुविचार दूर हो गए।

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