बालक से उसकी योग्यता और उम्र के ऊपर कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए? - baalak se usakee yogyata aur umr ke oopar kaun-kaun se prashn poochhe gae?

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Exercise 1 ( Page No. : 84 )

  • Q1 बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए?
    Ans:

    बालक से जितने भी प्रश्न पूछे गए वे सभी प्रश्न उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के है जेसे धर्म के लक्षण रसो के नाम तथा उनके उदाहरण पानी चार डिग्री के नीचे ठंड फेले जाने के बाद मछलिया केसे जिदा रहती थी I

    Q2 बालक ने क्यों कहा कि मैं यावज्जन्म लोकसेवा करूँगा?
    Ans:

    बालक ने ऐसा इसलिए कहा क्योकि उसके पिता ने उसे इस प्रकार का उत्तर रटा रखा है यह एक सवाद था जिससे बोलने वाला व्यक्ति वाह वाह पाता था पिता ने सोचा होगा कि इस प्रकार का सवाद सिखाकर उसकी योग्यता पर श्रेष्ठता का ठप्पा लग जाता था I

    Q3 बालक द्वारा इनाम में लड्डू माँगने पर लेखक ने सुख की साँस क्यों भरी?
    Ans:

    लेखक का जब बालक से परिचय हुआ था उसे वह सामान्य बच्चो जेसा ही लगा था परन्तु उसका अपनी उम्र से अधिक गभीर विषयों पर उतर देना था लेखक को दुखी कर गया था वह समझ गया था कि पिता द्वारा उसकी योग्यता को इतना अधिक उभारा गया था कि इसमें बालक का बालपन तथा बालमन डीएम तोड़ चुका था I

    Q4 बालक की प्रवृत्तियों का गला घोंटना अनुचित है, पाठ में ऐसा आभास किन स्थलों पर होता है कि उसकी प्रवृत्तियों का गला घोटा जाता है?
    Ans:

    1. जब आठ वर्ष के बालक को नुमाइश के लिए श्रीमान हल्दी के सम्मुख ले जाया गया था I

    2. जब बालक को सभी लोग घेरकर ऐसे प्रश्नों के उत्तर थे जो उसकी उम्र के बालको के लिए समझना ही कठिन था I

    3. जब उसने इनाम माँगने के लिए कहा गया था उससे लड्डू की अपेक्षा किसी और ही तरह के इनाम माँगने की बात सोची गई है जब उसने बाल के अनुरूप इनाम माँगा था सभी बड़ो की आँखे बुझ गई थी I

    Q5 "बालक बच गया। उसके बचने की आशा है क्योंकि वह लड्डू की पुकार जीवित वृक्ष के हरे पत्तों का मधुर मर्मर था, मरे काठ की अलमारी की सिर दुखानेवाली खड़खड़ाहट नहीं" कथन के आधार पर बालक की स्वाभाविक प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
    Ans:

     छोटे बालक की स्वाभविक प्रर्वतिया होती थी कि वह जिद करते थे अन्य बच्चो के साथ खेले थे ऐसे प्रश्न पूछे जो उसकी समज से प्रे थे खाने पीने की वस्तुओ के प्रति आकर्षित और ललायित हो सका था रंगों से प्रेम करते थे हरदम उछले कूदे अपने सम्मुख आने वाली हर वस्तु के प्रति जिज्ञासु थे शरारते करते थे जो उसे और बच्चो के समान ही बनाती है लेखक को विश्वास है कि अब भी बालक बचा हुआ था और प्रयास किया जाता था I

Exercise 2 ( Page No. : 85 )

  • Q1 लेखक ने धर्म का रहस्य जानने के लिए 'घड़ी के पुर्ज़े' का दृष्टांत क्यों दिया है?
    Ans:

    लेखक ने धर्म का रहस्य जानने के लिए घड़ी के पुर्जे का दृष्टात दिया था क्योकि जिस तरह घड़ी की स्र्चना जटिल होती थी उसी प्रकार धर्म की सरचना समझना भी जटिल थी हर मनुष्य घड़ी को खोल तो सकता था परन्तु से दोबारा जोड़ना उसके लिए सभव नही होता था वह प्रयास तो कर सकता था परन्तु करता नही था उसका मानना होता था कि वह ऐसा कर ही नही सकता था परन्तु उसे दोबारा जोड़ना सभव नही होता था I

    Q2 'धर्म का रहस्य जानना वेदशास्त्रज्ञ धर्माचार्यों का ही काम है।' आप इस कथन से कहाँ तक सहमत हैं? धर्म संबंधी अपने विचार व्यक्त कीजिए।
    Ans:

    यह बिलकुल भी सत्य नही था कि धर्म का रहस्य जानना वेदशास्त्रज्ञ धर्माचार्यो का ही काम था धर्म बाहरी रूप से जितना जटिल दिखता था वह उतना नही था यह भी निर्भर करता था कि लोग उसे किस प्रकार से व्यवहार में लाए थे लोग वर्त पूजा, नमाज – रोजे इत्यादि को धर्म मान लेते थे और सारी उम्र इन्ही नियमो में पड़े रहते थे परन्तु धर्म की परिधि बहुत सरल थी अपने आँखों के आगे गलत होते मत देखो सत्य का आचरण करते थे I

    Q3 घड़ी समय का ज्ञान कराती है। क्या धर्म संबंधी मान्यताएँ या विचार अपने समय का बोध नहीं कराते?
    Ans:

     घड़ी का कार्य ही समय का ज्ञान करवाना था वह समय बताती थी इसलिए मूल्यवान था लोग तभी उसका प्रयोग करते थे यदि घड़ी का मूल्य ही समाप्त हो जाता था इसी प्रकार धर्म सबधी मान्यताए या विचार अपने समय का बोध कराते थे मनुष्य के आरभिक समय में धर्म का नामो निशाँ नही है अत उसके चिह्न हमे नही मिलते थे परन्तु जेसे जेसे मानव सभ्यता ने विकास किया था धर्म सबधी मान्यताए या विचार उत्पन्न होने लगते थे I

    Q4 घड़ीसाज़ी का इम्तहान पास करने से लेखक का क्या तात्पर्य है?
    Ans:

    अगर धर्म कुछ विशेष लोगो वेदशास्त्र धर्माचार्यो , पड़े पुजारियों की मुठी में था आम आदमी और समाज उसकी कठपुतली बनकर रह जाता था वे उनके स्वार्थ की पूर्ति करने का मार्ग होता था उसे वे समय समय पर चूसते रहते थे इस तरह समाज और आदमी से इनका सबध शोषक और शोषण रह जाता था I

    Q5 धर्म अगर कुछ विशेष लोगों वेदशास्त्र, धर्माचार्यों, मठाधीशों, पंडे-पुजारियों की मुट्ठी में है तो आम आदमी और समाज का उससे क्या संबंध होगा? अपनी राय लिखिए।
    Ans:

    यह कथन सर्वथा उपयुक्त था कि धर्म पर कुछ मुठी भर लोगो का एकाधिकार हो जाता था क्योकि ये लोग धर्म को अपने हिसाब से तोड़ मरोड़ देते थे ये इसे इतना जटिल बना देते थे कि लोग उलझकर रह जाते थे आजादी से पहले के भारत में कुछ इसी तरह की जटिलता विधमान थी I

    Q6 'जहाँ धर्म पर कुछ मुट्ठीभर लोगों का एकाधिकार धर्म को संकुचित अर्थ प्रदान करता है वहीं धर्म का आम आदमी से संबंध उसके विकास एवं विस्तार का द्योतक है।' तर्क सहित व्याख्या कीजिए।
    Ans:

    (क) आज के समय में धर्मगुरूओ ने धर्म के बारे जानने की जिम्मेदारी स्वय ले ली थी इसके बाद वह अपनी सुविधा अनुसार हमे इसके विषय में बताते थे इस तरह हमारे लिए वे उस घड़ीसाज के समान बन जाते थे जो घड़ी को शी कर सकता था I

    (2) तुम अपनी घड़ी को किसी अनाड़ी व्यक्ति को देने से डरते थे तुम्हारे इस इनकार को समझा जा सकता था जो व्यक्ति इस विषय पर सब सिख कर आता था जो इसका जानकार था उसे भी तुम अपनी घड़ी में हाथ लगाने नही देते थे यह बात समझ में नही आती थी I

    (3) इसका आशय था कि तुम वेद वेदातरो की बात करते थे संस्कृति सभ्यता की बात करते थे धर्म की बात करते थे मगर तुम इस विषय पर कुछ नही जानते थे तुम वेद-वेदातरो में विधमान ज्ञान के रक्षक बनकर लोगो को बेहकाते हो मगर तुम्हे स्वय इसके बारे में कुछ नही पता था I

Exercise 3 ( Page No. : 86 )

  • Q1 वैदिककाल में हिंदुओं में कैसी लौटरी चलती थी जिसका ज़िक्र लेखक ने किया है।
    Ans:

    उस काल में एक हिंदू युवक विवाह करने हेतु युवती के घर जाता है यह प्रथा लाटरी के समान है वह अपने साथ सात ढेले ले जाता है और युवती के सम्मुख रखकर उससे चुनने के लिए कहता है इन ढेलो की मिट्टी अलग अलग तरह की होती है इस विषय में केवल युवक को ही ज्ञान होता है कि मिट्टी कोन से स्थान से लायी गई थी I

    Q2 'दुर्लभ बंधु' की पेटियों की कथा लिखिए।
    Ans:

    इसका पात्र पुरश्री था उसके सामने तीन पाटिया रख दी जाती थी प्रत्येक पेटी अलग अलग धातु की बनी होती थी इसमें से एक सोना दूसरी चाँदी तथा तीसरी लोहे से बनी होती थी प्रत्येक व्यक्ति को यह स्वतंत्रता थी कि वह अपनी मनपसंद पेटी को चुना था अकडबाज नामक व्यक्ति सोने की पेटी को चुनता था तथा वह खाली हाथ वापस जाता था I

    Q3 जीवन साथी का चुनाव मिट्टी के ढेलों पर छोड़ने के कौन-कौन से फल प्राप्त होते हैं।
    Ans:

    ढेला चुनना प्राचीन समय की प्रथा थी इसमें वर या लड़का अपने साथ मिठी के ढेले लाता था हर ढेले की मिट्टी अलग अलग स्थानों से लायी जाती है माना जाता है कि दिए गए अलग अलग ढेलो में से लडकी जो भी ढेला उठाती थी I इसमें यह फल प्राप्त होते थे
    1. मनोवाछीत संतान न मिलने पर पछताना पड़ता था I                                                        2. अच्छी लडकियाँ इस प्रथा के कारण हाथ से निकल जाती थी I
    3. अपनी मुर्खता समझ में आती थी I

    Q4 मिट्टी के ढेलों के संदर्भ में कबीर की साखी की व्याख्या कीजिए- पत्थर पूजे हरि मिलें तो तू पूज पहार। इससे तो चक्की भली, पीस खाय संसार।।
    Ans:

    मिट्टी के ढेलो से यदि मनुष्य को उसकी मनोवाछत संतान प्राप्ति होती थी फिर कहने ही क्या है मनुष्य को कभी ज्ञान प्राप्त करने की आवश्यकता ही नही होती थी या उसे परिक्षम ही नही करना तह कबीर ने शी कहा था कि यदि पत्थर पूजकर हरी प्राप्त हो जाता था तों में पहाड़ पूजता था
    क्योकि पहाड़ पूजने से क्या पता भगवान शीर्घ ही प्राप्त हो जाता था I

    Q5 (क) 'अपनी आँखों से जगह देखकर, अपने हाथ से चुने हुए मिट्टी के डगलों पर भरोसा करना क्यों बुरा है और लाखों करोड़ों कोस दूर बैठे बड़े-बड़े मट्टी और आग के ढेलों-मंगल, शनिश्चर और बृहस्पति की कल्पित चाल के कल्पित हिसाब का भरोसा करना क्यों अच्छा है।' (ख) 'आज का कबूतर अच्छा है कल के मोर से, आज का पैसा अच्छा है कल की मोहर से। आँखों देखा ढेला अच्छा ही होना चाहिए लाखों कोस के तेज पिंड से।'
    Ans:

    यह अपने टीचर से सलाह करके उत्तर दे I

Popular Questions of Class 12 Hindi - Antra

  • Q:-

    'दीप अकेला' के प्रतीकार्थ को स्पष्ट करते हुए बताइए कि उसे कवि ने स्नेह भरा, गर्व भरा एवं मदमाता क्यों कहा है?

  • Q:-

    संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए-
    (क) झूठी बतियानि की पत्यानि तें उदास है, कै ...... चाहत चलन ये संदेशो लै सुजान को।
    (ख) जान घनआनंद यों मोहिं तुम्है पैज परी ....... कबहूँ तौ मेरियै पुकार कान खोलि है।
    (ग) तब तौ छबि पीवत जीवत हे, .................बिललात महा दुःख दोष भरे।
    (घ) ऐसो हियो हित पत्र पवित्र ..... टूक कियौ पर बाँचि न देख्यौ।

  • Q:-

    निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
     

    (क) 'कभी-कभी जो लोग ऊपर से बेहया दिखते हैं, उनकी जड़ें काफ़ी गहरी पैठी रहती हैं। ये भी पाषाण की छाती फाड़कर न जाने किस अतर गह्वर से अपना भोग्य खींच लाते हैं।'
     

    (ख) 'रूप व्यक्ति-सत्य है, नाम समाज-सत्य। नाम उस पद को कहते हैं जिस पर समाज की मुहर लगी होती है। आधुनिक शिक्षित लोग जिसे 'सोशल सैक्शन' कहा करते हैं। मेरा मन नाम के लिए व्याकुल है, समाज द्वारा स्वीकृत, इतिहास द्वारा प्रमाणित, समष्टि-मानव की चित्त-गंगा में स्नात!'
     

    (ग) 'रूप की तो बात ही क्या है! बलिहारी है इस मादक शोभा की। चारों ओर कुपित यमराज के दारुण निःश्वास के समान धधकती लू में यह हरा भी है और भरा भी है, दुर्जन के चित्त से भी अधिक कठोर पाषाण की कारा में रुद्ध अज्ञात जलस्रोत से बरबस रस खींचकर सरस बना हुआ है।'
     

    (घ) हृदयेनापराजितः! कितना विशाल वह हृदय होगा जो सुख से, दुख से, प्रिय से, अप्रिय से विचलति न होता होगा! कुटज को देखकर रोमांच हो आता है। कहाँ से मिलती है यह अकुतोभया वृत्ति, अपराजित स्वभाव, अविचल जीवन दृष्टि!'

  • Q:-

    अराफात ने ऐसा क्यों बोला की ‘वे आपके ही नहीं हमारे भी नेता हैं उतने ही आदरणीय जितने आपके लिए।’ इस कथन के आधार पर गाँधी जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।

  • Q:-

    कवि ने आशा को बावली क्यों कहा है?

  • Q:-

    माघ महीने में विरहिणी को क्या अनुभूति होती है?

  • Q:-

    कंठ रुक रहा है, काल आ रहा है- यह भावना कवि के मन में क्यों आई?

  • Q:-

    काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
    हेम कुंभ ले उषा सवेरे-भरती ढुलकाती सुख मेरे
    मदिर ऊँघते रहते सब-जगकर रजनी भर तारा।

  • Q:-

    गीतावली से संकलित पद 'राघौ एक बार फिरि आवौ' मैं निहित करुणा और संदेश को अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

  • Q:-

    "बालक बच गया। उसके बचने की आशा है क्योंकि वह लड्डू की पुकार जीवित वृक्ष के हरे पत्तों का मधुर मर्मर था, मरे काठ की अलमारी की सिर दुखानेवाली खड़खड़ाहट नहीं" कथन के आधार पर बालक की स्वाभाविक प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।

Recently Viewed Questions of Class 12 Hindi - Antra

  • Q:-

    सरोज का विवाह अन्य विवाहों से किस प्रकार भिन्न था?

  • Q:-

    लेखक ने सेवाग्राम में किन लोगों के आने का जिक्र किया है?

  • Q:-

    कविता में बार-बार प्रयुक्त 'हम' कौन है और उसकी चिंता क्या है?

  • Q:-

    घड़ीसाज़ी का इम्तहान पास करने से लेखक का क्या तात्पर्य है?

  • Q:-

    कुटज क्या केवल जी रहा है- लेखक ने यह प्रश्न उठाकर किन मानवीय कमज़ोरियों पर टिप्पणी की है?

  • Q:-

    युधिष्ठिर जैसा संकल्प' से क्या अभिप्राय है?

  • Q:-

    अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।

  • Q:-

    कवि ने अपनी पुत्री का तर्पण किस प्रकार किया?

  • Q:-

    बच्चे का उधर-उधर कहना क्या प्रकट करता है?

  • Q:-

    राजा ने कौन-कौन से हुक्म निकाले? सूची बनाइए और इनके निहितार्थ लिखिए।

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