1. धरातलिय संरचना— समतल मैदानी भाग पठारी तो था भूतल की अपेक्षा घने बसे होते हैं। क्योंकि यहां उत्तम जलवायु व कृषि की सुविधाएं, परिवहन सुविधा और व्यापारिक सुविधा अधिक होती है जैसे- सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र इसके अलावा पर्वतीय तथा पत्थरों में जनसंख्या कम होती है। क्योंकि यहां ऊंची नीची और कम उपजाऊ मिट्टी होती है। जैसे दक्कन का पठार पर्वतीय प्रदेशों में है यहां जनसंख्या बहुत कम है। Show
2. जलवायु— समशीतोष्ण जलवायु एवं उपयुक्त वर्षा वाले क्षेत्र में जनसंख्या सघन होते हैं इसके विपरीत अत्याधिक ठंडी एवं शुष्क जलवायु क्षेत्रों में जनसंख्या सीमित होती है। 3. मिट्टी का उपजाऊपन— जहां की मिट्टी उपजाऊ होती है वहां मनुष्य को भोजन, वस्त्र, आवास आदि की सुविधाएं प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हो जाती है। इसीलिए उपजाऊ मिट्टी वाले भूभाग घने बसे होते हैं इसके विपरीत जहां की मिट्टी कम उपजाऊ होती है वहां कम जनसंख्या पाई जाती है। 4. जलअपूर्ति— जिन भू-भागों में पर्याप्त उपलब्ध जल होते हैं वह सघन बसे होते हैं। इसके विपरीत शुष्क एवं जल आभा वाले क्षेत्रों में जनसंख्या कम निवास करती है। 5. खनिज पदार्थ— खनिज पदार्थों की उपलब्धता जनसंख्या के घनत्व को बढ़ाती है, इसलिए जहां खनिज पदार्थ की उपलब्धता अधिक होगी वहां जनसंख्या भी अधिक होगी। क्योंकि खनिजों के खनन से अनेकों उद्योग का विकास होता है। 2. जनसंख्या के वितरण घनत्व को प्रभावित करने वाले मानवीय कारक
1. नगरीकरण— नगरीकरण का मुख्य कारण सुरक्षा रोजगार, परिवहन, शिक्षा आदि सुविधाओं का नगरों में पाया जाना है। नगर वाणिज्य व्यापार उद्योग तथा प्रशासन के भी केंद्र होते हैं अतः नगरों में जनसंख्या की अधिक वृद्धि हुई है। 2. परिवहन साधनों का विकास— परिवहन साधनों के विकास के साथ-साथ जनसंख्या में भी वृद्धि होती जाती है। जैसे सड़कों के किनारे कस्बों और नगरों एवं औद्योगिक प्रतिष्ठानों की स्थापना हो जाने से जनसंख्या बढ़ती है। 3. औद्योगिकरण— औद्योगिक दृष्टि से विकसित प्रदेशों में जनसंख्या का घनत्व उच्च पाया जाता है क्योंकि इन प्रदेशों में रोजगार के अवसर विद्यमान होते हैं। जैसे- नीदरलैंड में 342 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। 4. सामाजिक एवं धार्मिक कारण— जनसंख्या वृद्धि में सामाजिक एवं धार्मिक मान्यताएं भी प्रभाव डालती हैं जैसे- बड़े परिवार की मान्यता हिंदू धर्म में पुत्र प्राप्ति धार्मिक दृष्टि से अनिवार्य मानी जाती है। 5. कृषि का विकास— जिन क्षेत्रों में कृषि का विकास अच्छा हुआ है वहां जनसंख्या अधिक पाई जाती है। 6. ऐतिहासिक कारक— पृथ्वी तल के प्राचीन क्षेत्र नवीन क्षेत्रों की तुलना में घने बसे होते हैं। जैसे- अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, यूरोप। 7. राजनीतिक कारक— प्राय: आशांत क्षेत्रों में जैसे- ज्वालामुखी, युद्ध आदि होते हैं वहां जनसंख्या का घनत्व कम हो जाता है तथा जो क्षेत्र स्थाई रूप से शांत होते हैं वहां जनसंख्या घनत्व अधिक होता है। 8. सरकार की नीतियां— जनसंख्या कम करने यथावत बनाए रखने अथवा वृद्धि करने में सरकार अपनी आवश्यकता अनुसार नीतियां निर्धारित करती हैं जैसे- ऑस्ट्रेलिया में जनसंख्या वृद्धि न होना वहां की सरकार की अप्रवास नीति का प्रतिफल है। जन्म दर एवं मृत्यु दर का अर्थ1. जन्म दर— किसी देश या क्षेत्र में प्रति हजार व्यक्तियों पर एक वर्ष में जन्म लेने वाले जीवित बच्चों की संख्या को जन्म दर कहते हैं। 2. मृत्यु दर— किसी देश या क्षेत्र में प्रति हजार व्यक्तियों पर एक वर्ष में मरने वालों की संख्या को मृत्यु दर कहते हैं। Disclaimer: sarkariguider.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है | हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है| यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- [email protected] Disclaimer: sarkariguider.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है | हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है| यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- [email protected] जनसंख्या वितरण एक अधिकार है जिसका उपयोग यह व्यक्त करने के लिए किया जाता है कि मनुष्य पृथ्वी पर कैसे विकसित हो रहा है। पृथ्वी भर में जनसंख्या का स्वभाव असमान है। कुछ क्षेत्र कम आबादी वाले हैं, जबकि अन्य में अत्यधिक भीड़ है। भारत की जनसंख्या विश्व की जनसंख्या का 17 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है और सिक्किम सबसे कम आबादी वाला राज्य है। भारत की जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting the Distribution of Population in Hindi) बहुत सारे हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण कारकों की चर्चा हम इस लेख में करेंगे। जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting the Distribution of Population) से संबंधित यह लेख यूपीएससी आईएएस परीक्षा की तैयारी के अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक : पीडीएफ़ यहां डाउनलोड करें!Table of Contents
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक | Factors Affecting the Distribution of Populationभारत में जनसंख्या फैलाव को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक इस प्रकार हैं:
भारत में लिंगानुपात के बारे में पढ़ें! भौगोलिक कारक | Geographical Factorsस्थलाकृति (Topography):
जलवायु (Climate) :
यह भी पढ़ें : रॉस्बी तरंगें पानी (Water) :
खनिज (Minerals) :
भारतीय शिक्षा प्रणाली के बारे में सबकुछ पढ़ें! जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले अन्य कारक | Other factors affecting population distributionसामाजिक (Social):
सांस्कृतिक (Cultural) :
आर्थिक (Economic) :
अम्फान चक्रवात के बारे में पढ़ें! प्रमुख बिंदु | Key Points
LOHAFEX के बारे में जानें! जनसंख्या वितरण पर भारत का विश्वसनीय आंकड़ा | India’s Certain Data on Population Distribution
जनसंख्या वितरण पर वैश्विक डेटा | Global Data on population distribution
हमें उम्मीद है कि लेख को पढ़ने के बाद जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting the Distribution of Population in Hindi) से संबंधित सभी जानकारियां आपको मिल गयी होंगी और यह आपकी आगामी परीक्षाओं के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा। टेस्टबुक विभिन्न सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए व्यापक मंच प्रदान करता है। टेस्टबुक सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली यूपीएससी सामग्री प्रदान करता है और आधुनिक इतिहास ऐसा ही एक विषय है।अपनी यूपीएससी की तैयारी को बढ़ाने और अंतिम सूची में अपना नाम सुनिश्चित करने के लिए अभी टेस्टबुक ऐप डाउनलोड करें! भूगोल से संबंधित अन्य लेख यहां पढ़ें! भारत में पर्वतीय वनभारत में उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनभारत में उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वमानसूनमानसून के आगमन और वापस लौटने में अंतरGMT और IST के बीच अंतरजनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले कारक – FAQsQ.1 जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं? Ans.1 किसी भी स्थान के निवासियों का फैलाव क्षेत्रों में रहने वाले मनुष्यों की संख्या का उल्लेख करता है। इसे जनसंख्या घनत्व के रूप में भी जाना जाता है। यह मानक पर प्रति वर्ग किमी में रहने वाले लोगों की संख्या के औचित्य पर विचार-विमर्श किया गया है। ऐसे अनगिनत तत्व हैं जो पूरी दुनिया में निवासियों के स्थानों के प्रसार को निर्धारित करते हैं। इन तत्वों को मुख्य रूप से 4 समूहों में लेबल किया गया है- भौगोलिक कारक, सामाजिक कारक, सांस्कृतिक कारक और आर्थिक कारक। Q.2 जनसंख्या को प्रभावित करने वाले 4 तत्व कौन से हैं? Ans.2 जनसंख्या वृद्धि 4 प्राथमिक कारकों पर आधारित है: प्रजनन दर, मृत्यु दर आप्रवास, और उत्प्रवास। Q.3 जनसंख्या के फैलाव और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं? Ans.3 भू-भाग, जलवायु, मिट्टी, जल निकाय, खनिज संसाधन, उद्योग, परिवहन, शहरीकरण जनसंख्या के फैलाव और घनत्व के कारक हैं Q.4 वे कौन से भौतिक और मानवीय कारक हैं जो जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करते हैं? Ans.4 निवासियों की दृढ़ता को प्रभावित करने वाले भौतिक कारकों में जल आपूर्ति, जलवायु, आश्वासन, पौधे, मिट्टी, और प्राकृतिक संपत्ति और जीवंतता की पहुंच शामिल है। निवासियों की दृढ़ता को प्रभावित करने वाले मानवीय कारकों में सामाजिक, राजनीतिक और लाभदायक भाग शामिल हैं। Q.5 जनसंख्या वृद्धि का प्रोत्साहन क्या है? Ans.5 3 मुख्य तत्व जो किसी भी देश के निवासियों के आदान-प्रदान को नियंत्रित करते हैं। जैसे : उर्वरता, नश्वरता, और स्थानांतरण जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से है?Solution : जन्मदर (Natality), मृत्युदर (Mortality), समष्टि दोलन, आयु, वितरण, जैविक क्षमता, समष्टि प्रसार तथा जैविक कारक अनुक्रिया आदि जनसंख्या को प्रभावित करने वाले कारक हैं।
जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करने वाले 5 कारक कौन से हैं?Factors that affect population growth are:. Age of organisms at first reproduction.. How often an organism reproduces.. The number of offspring of an organism.. The presence or absence of parental care.. How long an organism is able to reproduce.. The death rate of offspring.. जनसंख्या वृद्धि के कारक क्या है?चिकित्सा सेवाओं में वृद्धि, कम आयु में विवाह, निम्न साक्षरता, परिवार नियोजन के प्रति विमुखता, गरीबी और जनसंख्या विरोधाभास आदि ने जनसंख्या बढ़ाने में योगदान किया है।
भारत में जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं?भारत में जनसंख्या के विकास पैटर्न को प्रभावित करने वाले कारक हैं 1. जन्म दर, 2. मृत्यु दर, 3. प्रवासन !
|