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विश्व के विभिन्न भागों में प्रजनन दर (2015)
कृत्रिम तरीकों का उपयोग करके जनसंख्या वृद्धि की दर को बदलने को जनसंख्या नियन्त्रण कहते हैं। कुछ वर्ष पहले तक जनसंख्या वृद्धि की दर को बढ़ाने का लक्ष्य होता था किन्तु अब जनसंख्या वृद्धि की दर को कम करना लक्ष्य है। १९५० से १९८० के बीच की अवधि में पूरे विश्व की जनसंख्या में वृद्धि तथा गरीबी, पर्यावरण बिगड़ने, तथा राजनैतिक स्थायित्व आदि पर इसके बुरे प्रभावों को देखते हुए जनसंख्या वृद्धि की दर को कम करने के प्रयत्न आरम्भ किये गये। जनसंख्या नियंत्रण की विधिया[संपादित करें]जनसंख्या नियन्त्रण की कुछ प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित हैं-
सन्दर्भ[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण कैसे किया जा सकता है?जनसंख्या वृद्धि को रोकने के उपाय. 1- शिक्षा का प्रसार- भारत की 80 प्रतिशत जनसंख्या गॉंवों में निवास करती है। ... . 2- परिवार नियोजन- ... . 3- विवाह की आयु में वृद्धि करना- ... . 4- संतानोत्पत्ति की सीमा निर्धारण- ... . 5- सामाजिक सुरक्षा- ... . 6- सन्तति सुधार कार्यक्रम- ... . 7- जीवन-स्तर को ऊॅंचा उठाने का प्रयास- ... . 8- स्वास्थ्य सेवा व मनोरजन के साधन-. जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाये जा सकते हैं?Solution : जनसँख्या वृद्धि नियत्रण के दो उपाय है- <br> (अ) योजनाबद्ध आबादी का नियत्रण-संसार की जनसंख्या को नियत्रित करने का सीधा तरीका जन्मदर को कम करना। जन्मदर निम्न के द्वारा कम की जा सकती है- <br> शिक्षा- लोगों को बड़े परिवार से होने वाले नुक्सार तथा छोटे परिवार से होने वाले लाभ का ज्ञान होना चाहिए।
बढ़ती हुई जनसंख्या का क्या समाधान है?सर्वप्रथम यह आवश्यक है कि हम परिवार-नियोजन के कार्यक्रमों को और विस्तृत रूप दें । जनसंख्या वृदधि की रोकथाम के लिए केवल प्रशासनिक स्तर पर ही नहीं अपितु सामाजिक, धार्मिक एवं व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास आवश्यक हैं । सभी स्तरों पर इसकी रोकथाम के लिए जनमानस के प्रति जागृति अभियान छेड़ा जाना चाहिए ।
भारत में बढ़ती जनसंख्या के कारण क्या हैं इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है?भारत में बढ़ती जनसंख्या के कारण :. विवाह की सर्वव्यापकता भारत में विवाह करना एक अनिवार्य सामाजिक कर्तव्य माना जाता है। ... . बाल-विवाह की प्रथा भारत में विवाह की आयु भी कम है। ... . गर्म जलवायु हमारे देश की जलवायु गर्म है। ... . मृत्यु-दर में कमी ... . धार्मिक भावना ... . अशिक्षा तथा अन्धविश्वास ... . निम्न जीवन-स्तर ... . स्त्रियों की आर्थिक निर्भरता. |