विषयसूची साइकिल की प्रशंसकों में कौन शामिल हैं?इसे सुनेंरोकेंउत्तर: पुडुकोट्टई जिले में बहुत-सी महिलाएँ साइकिल की प्रशंसक हैं। इनमें खेतिहर मजदूर, पत्थर खदानों में काम करने वाली महिलाएँ तथा गाँवों में काम करने वाली नर्सें हैं। साइकिल डीलर ने क्या किया?इसे सुनेंरोकेंकिलाकुरुचि गाँव में सभी साइकिल सीखनेवाली महिलाएँ रविवार को इकट्ठी हुई थीं। साइकिल चलाने के आंदोलन के समर्थन में ऐसे आवेग देखकर कोई भी हैरान हुए बिना नहीं रह सकता। साइकिल पर सवार 1500 महिलाओं ने पुडुकोट्टई में तूफ़ान ला दिया। महिलाओं की साइकिल चलाने की इस तैयारी ने यहाँ रहनेवालों को हक्का-बक्का कर दिया। जमीला को साइकिल चलाता देखकर लोगों की क्या प्रतिक्रिया होती थी? इसे सुनेंरोकेंजमीला को साइकिल चलाता देख लोगों की क्या प्रतिक्रिया होती थी? O प्रोत्साहित करते थे प्रशंसा करते थे साइकल को विनम्र सवार क्यों कहा गया है? इसे सुनेंरोकेंAnswer: साइकिल को विनम्र सवारी कहा गया है क्योंकि यह किसी से लड़ती – झगड़ती नहीं है। ऐसा कहने के पीछे कई कारण और भी हैं जैसे, साइकिल बिना किसी ईंधन के केवल पैडल मारते ही चुप-चाप बड़ी विनम्रता से चलने लगती है। साइकिल का प्रयोग सबसे ज्यादा कौन करती हैं *?इसे सुनेंरोकेंबालवाड़ी और आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, बेशकीमती पत्थरों को तराशने में लगी औरतें और स्कूल की अध्यापिकाएँ भी साइकिल का जमकर इस्तेमाल कर रही हैं। ग्राम सेविकाएँ और दोपहर का भोजन पहुँचानेवाली औरतें भी पीछे नहीं हैं। सबसे बड़ी संख्या उन लोगों की है जो अभी नवसाक्षर हुई हैं। साइकिल आंदोलन को चलाने में कौन कौन सी बाधाएं आई?इसे सुनेंरोकेंशुरु शुरु में पुरुष साइकिल चलाने वाली स्त्रियों पर फब्तियां कसते थे। इस तरह साइकिल चलाने वाली महिलाओं को वे परिवार का कलंक और अपराधी मानते थे। स्त्रियों को पुरुष प्रधान समाज में अपने साइकिल आंदोलन के कारण एक मानसिक और शारीरिक कष्ट सहने पड़े। यह कष्ट उनके लिए बाधा बन कर सामने आए। साइकिल डीलर की दुकान का क्या नाम है? इसे सुनेंरोकें1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह जिला कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकता। हैंडल पर झंडियाँ लगाए, घंटियाँ बजाते हुए साइकिल पर सवार 1500 महिलाओं ने पुडुकोट्टई में तूफ़ान ला दिया। महिलाओं की साइकिल चलाने की इस तैयारी ने यहाँ रहनेवालों को हक्का-बक्का कर दिया। इसे सुनेंरोकेंग्रामीण महिलाओं ने साइकिल को किस रूप में चुना है? इस जिले में साइकिल की धूम मची हुई है। इसकी प्रशंसकों में हैं महिला खेतिहर मज़दूर, पत्थर खदानों में मजदूरी करनेवाली औरतें और गाँवों में काम करनेवाली नसें । 2 प्रारंभ में साइकिल आंदोलन को चलाने में कौन कौन सी बाधा आई? लेखक ने हामिद खाँ को अपने देश के बारे में गर्व से क्या बताया?इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- हामिद खाँ को गर्व था कि एक हिंदू ने उनके होटल में खाना खाया। साथ ही वह लेखक को मेहमान भी मान रहा था। वह लेखक के शहर की हिंदू-मुस्लिम एकता का भी कायल हो गया था। इसलिए हामिद खाँ ने खाने के पैसे नहीं लिए। लेखक ने इस पाठ का नाम जहाँ पहिया है क्यों रखा होगा?इसे सुनेंरोकेंपहिए को गतिशीलता का प्रतीक माना जाता है और इस साइकिल आंदोलन से महिलाओं का जीवन भी गतिशील हो गया। लेखक ने इस पाठ का नाम ‘जहाँ पहिया है’ तमिलनाडु के पुडुकोट्टई गाँव के ‘साइकिल आंदोलन’ के कारण ही रखा होगा। सपनों के से दिन पाठ से लेखक ने पाठकों को क्या संदेश दिया है लिखिए? इसे सुनेंरोकेंकोई भी भाषा आपसी व्यवहार में बाधा नहीं बनती, यह पाठ के इस अंश से सिद्ध होता है हमारे आधे से अधिक साथी राजस्थान तथा हरियाणा से आकर मंडी में व्यापार या दुकानदारी करते थे। जब वे छोटे थे तो उनकी बोली हमें बहुत कम समझ आती थी, इसलिए उनके कुछ शब्द सुन कर हमें हँसी आती थी, लेकिन खेलते समय सभी एक-दूसरे की बात समझ लेते। लेखक ने हामिद खां को क्या बताया कि वह कहां का है? इसे सुनेंरोकेंलेखक ने हामिद को बताया कि उनके प्रदेश में हिंदू-मुसलमान बड़े प्रेम से रहते हैं। वहाँ के हिंदू बढ़िया चाय या पुलावों का स्वाद लेने के लिए मुसलमानी होटल में ही जाते हैं। पाकिस्तान में ऐसा होना संभव नहीं था। वहाँ के हिंदू मुसलमानों को अत्याचारी मानकर उनसे घृणा करते थे। लेखक ने इस पाठ का नाम जहाँ पहिया है क्यों रखा तथा इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक दीजिए?इसे सुनेंरोकेंAnswer: ”जहाँ पहिया है” लेखक ने तमिलनाडु के पुडुकोट्टई गाँव के ‘साइकिल आंदोलन’ के कारण ही इसका नाम रखा है। यह नाम इस आंदोलन को अपना समर्थन देने हेतु ही रखा गया है। वहाँ की महिलाओं द्वारा अपने अधिकारों व स्वतंत्रता हेतु साइकिल आंदोलन का आरम्भ, पुडुकोट्ठई की औरतों को जागृत करने का प्रयास था। वृक्ष आसमान की ओर कैसे देखते हैं?Primary Sidebar
जमीला को साइकिल चलाना देखकर लोगों की क्या प्रतिक्रिया थी?फातिमा ने कहा, "... मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आज़ादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ । " Page 8 जहाँ पहिया है 81 साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को 'आज़ादी' का अनुभव क्यों होता होगा?
प्रश्न 5 जमीला को साइकिल चलाता देखकर लोगों की क्या प्रतिक्रिया होती थी *?Answer: (i) 'साइकिल आंदोलन' से महिलाएँ अपनी स्वाधीनता व आज़ादी के प्रति जागृत हुई हैं। (ii) 'साइकिल आंदोलन' ने उन्हें नवसाक्षर किया है, आर्थिक स्थिति सुधरी है।
महिलाओं को साइकिल चलाने से क्या लाभ हुआ?साइकिल चलाने से किसी भी व्यक्ति को आज़ादी और खुशहाली का अनुभव होता है और आनंद महसूस होता है। आत्मसम्मान प्राप्त होता है और आत्मनिर्भरता आती है। महिलाएँ भी साइकिल चलाना सीखकर अपनी स्वाधीनता के प्रति, अपने अधिकारों के प्रति जाग्रत हुई हैं। वे आत्मनिर्भर हो गईं हैं।
ग्रामीण महिलाओं ने साइकिल चलाने को क्यों चुना?पिछले दिनों यहाँ की ग्रामीण महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने के लिए प्रतीक के रूप में साइकिल को चुना है। उनमें से अधिकांश नवसाक्षर थीं। अगर हम दस वर्ष से कम उम्र की लड़़कियों को अलग कर दें, तो इसका अर्थ यह होगा कि यहाँ ग्रामीण महिलाओं के एक-चौथाईं हिस्से ने साइकिल चलाना सीख लिया है।
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