जेल में सुखिया के पिता का समय कैसे बिता *? - jel mein sukhiya ke pita ka samay kaise bita *?

विषयसूची

  • 1 जेल में सुखिया के पिता का समय कैसे बिता * A वर्षो के समान B महीनों के समान C सदियों के समान D सप्ताह के समान?
  • 2 गिरकर बचने पर बच्चे कैसे हो जाते है?
  • 3 बच्चों का वेग किसकी तरह लचीला है?
  • 4 सुखिया का पिता कितने दिनों तक जेल में रहा?
  • 5 बच्चों को गिरने से कौन बचाता है?
  • 6 छतो के खतरनाक किनारों से बच्चे कैसे बच जाते हैं?
  • 7 सुनहले सूरज के सामने आने का क्या तात्पर्य है?
  • 8 पतंग कविता के आधार पर बताएँ कि चमकीले इशारों से कौन किसको बुला रहा है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: जेल में सुखिया के पिता सात दिन भेजे गए थे। एक दिन सुखिया का बदन बुखार से तप रहा था। उस बच्ची ने बुखार की पीड़ा में से बोला कि उसे किसी का डर नहीं था।

गिरकर बचने पर बच्चे कैसे हो जाते है?

इसे सुनेंरोकेंI (ख) गिरकर बचने के बाद बच्चों को यह प्रतिक्रिया होती है कि उनका भय समाप्त हो जाता है और वे निडर हो जाते हैं। अब उन्हें तपते सूरज के सामने आने से डर नहीं लगता। अर्थात वे विपत्ति और कष्ट का सामना निडरतापूर्वक करने के लिए तत्पर हो जाते हैं।

शरद आया पुलों को पार करते हुए पंक्ति में कौनसा अलंकार है?

इसे सुनेंरोकें-शरद ऋतु का मानवीकरण किया गया है। -‘खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा’ में उपमा अलंकार है, ‘पुलों को पार’ में अनुप्रास अलंकार तथा ‘ज़ोर-ज़ोर’ में पुरुक्तिप्रकाश अलंकार है।

बच्चों का वेग किसकी तरह लचीला है?

इसे सुनेंरोकें14. उन बच्चों का वेग किस की तरह लचीला है। (घ) घास।

सुखिया का पिता कितने दिनों तक जेल में रहा?

इसे सुनेंरोकेंसुखिया का पिता उस वर्ग से संबंधित था, जिसे समाज के कुछ लोग अछूत कहते हैं, इस कारण वह छुआछूत जैसी सामाजिक बुराई का शिकार हो गया था। अछूत होने के कारण उसे मंदिर को अपवित्र करने और देवी का अपमान करने का आरोप लगाकर पीटा गया तथा उसे सात दिन की जेल मिली।

सुखिया का पिता कितने दिन जेल में रहा?

इसे सुनेंरोकेंसुखिया का पिता कितने दिन जेल में रहा? सात दिन। Question 7. जेल से छूटने के बाद जब सुखिया के पिता घर आए, तब सुखिया दरवाजे पर अपने पिता को लेने क्यों नहीं आई?

बच्चों को गिरने से कौन बचाता है?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 11. बेसुध होकर दौड़त हुए बच्चों को कौन गिरने से बचाता है? जब बजे बेसुध होकर दौड़ते हैं तो उस समय उनके रोमांचित शरीर का संगीत ही उन्हें गिरने से बचाता है। उस समय मात्र धागे के सहारे उड़ते पतंगों की ऊंचाइयाँ उन्हें सहारा देकर थाम लेती हैं।

छतो के खतरनाक किनारों से बच्चे कैसे बच जाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: बच्चे जब छतों के किनारों से गिरने वाले होते हैं तो पतंग की डोर उन्हें गिरने से बचा लेती है।

पुलों को पार करते हुए कौन सी ऋतु आई *?

इसे सुनेंरोकेंपुलों को पार करते हुए कौन-सी ऋतु आई? (घ) ग्रीष्म। उत्तर-(क) शरद। (घ) मानवीकरण।

सुनहले सूरज के सामने आने का क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंख) अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से और बच जाते हैं तब तो और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं।

पतंग कविता के आधार पर बताएँ कि चमकीले इशारों से कौन किसको बुला रहा है?

इसे सुनेंरोकेंवह अपने चमकीले इशारों से पतंग उड़ाने वाले बच्चों के झुंड को बुला रहा है। दूसरे शब्दों में, कवि कहना चाहता है कि शरद ऋतु के आगमन से उत्साह, उमंग का माहौल बन जाता है। कवि कहता है कि शरद ने आकाश को मुलायम कर दिया है ताकि पतंग ऊपर उड़ सके। वह ऐसा माहौल बनाता है कि दुनिया की सबसे हलकी और रंगीन चीज उड़ सके।

बच्चे और निडर कब हो जाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंकविता के अनुसार बच्चों में साहस और निडरता कब उत्पन्न होती है? बच्चे अपनी पतंगों को उझते हुए जब कभी छतों के खतरनाक किनारों से गिर जाते हैं, तत्पश्चात यदि वे बच जाते है तो उनमें साहस और निडरता और अधिक मात्रा में पैदा हो जाती है। इन खतरनाक किनारों से बचने के बाद वे और भी निडरता के साथ सुनहरे सूर्य के सामने आते हैं।

जेल में सुखिया के पिता का समय कैसे बिता?

उत्तरः मन्दिर से प्रसाद लेकर लौटने के बाद पिता को फूल ले जाते हुए लोगों ने पकड़ लिया और अछूत कहकर उसका तिरस्कार किया। उसे जेल में सात दिन बिताने पड़े।

सुखिया के पिता ने जेल में सात दिन कैसे बिताए तथा वहाँ से छूटने के बाद अपनी बेटी को किस रूप में पाया?

वह अछूत जाति का था इसलिए उसे मंदिर में प्रवेश का अधिकार नहीं था। जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने बच्ची को किस रूप में पाया? उत्तर: जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने बच्ची को राख की ढ़ेर के रूप में पाया

सुखिया के पिता को कितना समय कारावास में रहना पड़ा?

सुखिया के पिता पर यह आरोप लगाया गया कि उसने मंदिर में धोखे से प्रवेश करके भारी अनर्थ किया है। उसके कारण मंदिर की चिरकालिक पवित्रता कलुषित हो गई है। इससे देवी का महान अपमान हुआ है। अतः उसे सात दिन के कारावास का दंड देकर दंडित किया गया।

सुखिया के पिता को समय बीत जाने का पता क्यों नहीं चला?

बेटी के लिए हो रही चिन्ता के कारण सुखिया के पिता को दिन-रात होने का पता नहीं चल रहा था। सुखिया को उनके गाँव में फैल रही महामारी ने अपनी चपेट में ले लिया था। वह बीमारी के कारण दिन-भर-दिन क्षीण हो रही थी। उसने अपने पिता से देवी का प्रसाद लाने का आग्रह किया।