Voice in Hindi | Vachya in Hindi – इस लेख में हम वाच्य और वाच्य के भेदों को उदहारण सहित जानेंगे। वाच्य का वाक्य और क्रिया में अपना एक महत्त्व होता है। वाच्य किसे कहते हैं? वाच्य के कितने भेद हैं? वाच्य-परिवर्तन अर्थात कर्तृवाच्य को कर्मवाच्य में किस तरह बदला जाता है? और कर्मवाच्य को भाववाच्य
में किस तरह बदला जाता है? इन प्रश्नों को उदाहरण सहित सरल भाषा में विस्तार पूर्वक हम इस लेख में जानेंगे – ‘वाच्य’ का शाब्दिक अर्थ होता है – ‘बोलने का विषय’
वाच्य की परिभाषा – Definitionक्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वाक्य में क्रिया द्वारा बताए गए विषय में कर्ता, कर्म, अथवा भाव में से कौन प्रमुख है, उसे वाच्य कहते हैं। जैसे
– Related – Learn Hindi Grammar प्रथम वाक्य में लिखना क्रिया का संबंध कर्ता यानि राधा से है। दूसरे वाक्य में कर्म प्रधान है। जिसमें पत्र (कर्म) उद्देश्य के स्थान पर आया है और इसी की प्रधानता है। ‘तुमसे लिखा नहीं जाता’वाक्य में क्रिया का संबंध
न तो कर्ता से है और न ही कर्म से, इसका सम्बन्ध भाव से है। See Video of Vachya in Hindi | Voice in HindiTop Related – Shabdo ki Ashudhiya वाच्य के भेद – Types of Voice in Hindiकर्तृवाच्य – Verbजब वाक्य की क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष, कर्ता के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार हों, तो कर्तृवाच्य कहलाया जाता है। उदाहरण – कर्मवाच्यजब वाक्य की क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष, कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार हो, तो कर्मवाच्य कहलाता है अथवा क्रिया के उस रूपान्तर को कर्मवाच्य कहते हैं जिससे यह ज्ञात हो कि वाक्य में कर्ता की प्रमुखता न होकर कर्म की प्रमुखता है। उदाहरण – अतः स्पष्ट है कि यहाँ कर्मवाच्य है। ध्यान रखने योग्य बात यह है कि कर्मवाच्य सदैव सकर्मक क्रिया का ही होता है। भाववाच्यजब वाक्य की क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष कर्ता अथवा कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार न होकर एकवचन, पुंलिंग तथा अन्य पुरुष हो, तो भाववाच्य कहलाता है। उदाहरण – ध्यान रखने योग्य कुछ बातें हैं –
Related – Arth vichaar in Hindi कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में वाच्य परिवर्तनकर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में वाच्य परिवर्तन के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए-
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कर्तृवाच्य से भाववाच्य में वाच्य परिवर्तनकर्तृवाच्य से भाववाच्य में वाच्य परिवर्तन के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए-
कर्तृवाच्य से भाववाच्य में परिवर्तित कुछ उदाहरण
वाच्य से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर उत्तर : वाच्य का अर्थ है बोलने का विषय। क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वाक्य में क्रिया द्वारा किए गए व्यापार का विषय कर्ता, कर्म अथवा भाव में से कौन है, उसे वाच्य कहते हैं। प्रश्न 2 – वाच्य के कितने भेद हैं ? उत्तर : वाच्य के मुख्य तीन भेद हैं – प्रश्न 3 – कर्तृवाच्य को परिभाषित कीजिए। उत्तर : जिस वाक्य में कर्ता की प्रधानता हो अर्थात जब वाक्य में कही गई क्रिया का प्रधान विषय कर्ता हो और क्रिया का लिंग, वचन और पुरुष कर्ता के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार हो तो उसे कर्तृवाच्य कहते हैं। प्रश्न 4 – कर्मवाच्य को परिभाषित कीजिए। प्रश्न 5 – भाववाच्य को परिभाषित कीजिए। उत्तर : जब वाक्य में क्रिया द्वारा कही गई बात का प्रधान विषय न कर्ता हो, न कर्म हो अपितु भाव हो अर्थात् जिस क्रिया में भाव की प्रधानता होती है और क्रिया एकवचन पुल्लिंग होती है, उसे भाववाच्य कहते हैं। इसमें क्रिया अन्य पुरुष, एकवचन और पुल्लिग में प्रयुक्त होती है। वाच्य से सम्बंधित महत्वपूर्ण बहुविकल्पात्मक प्रश्न और उत्तरप्रश्न 1 – जिस वाक्य में क्रिया का मुख्य संबंध कर्ता से हो उसे कहते हैं। प्रश्न 3 – ‘मुझसे गाया नहीं जाता’ में कौन सा वाच्य है? प्रश्न 4 – जिस वाक्य में क्रिया का मुख्य संबंध कर्म से हो उसे कहते हैं। प्रश्न 6 – ‘माँ खाना बनाती है।’ वाक्य में वाच्य
है।
प्रश्न 7 – ‘नेहा से उठा नहीं जाता।’ वाक्य में कौन-सा वाच्य है? प्रश्न 8 – ‘मीना दौड़ रही है।’ वाक्य में कौन-सा वाच्य है? प्रश्न 9 – ‘पुस्तक
मोहन द्वारा पढ़ी गई है।’ वाक्य में कौन-सा वाच्य है? प्रश्न 10 – ‘बुढ़िया से चला नहीं जाता।’ वाक्य में कौन-सा वाच्य है? Top Recommended Read
जहाँ क्रिया का सीधा संबंध कर्ता से हो वहाँ कौन सा वाक्य होता है?Answer: जब क्रिया का संबंध कर्ता से होता है तब वहां कर्तृवाच्य होता है।
कौन से वाच्य में क्रिया कर्ता के अनुसार आती है?कर्तवाच्य- जिस वाक्य में कर्ता की प्रमुखता होती है अर्थात क्रिया का प्रयोग कर्ता के लिंग, वचन, कारक के अनुसार होता है और इसका सीधा संबंध कर्ता से होता है तब कर्तृवाच्य होता है।
जब क्रिया का संबंध कर्ता से हो तो वाच्य क्या कहलाता है?जब वाक्य की क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष, कर्ता के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार हों, तो कर्तृवाच्य कहलाया जाता है। सरल शब्दों में – क्रिया के जिस रूप में कर्ता प्रधान हो, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं। इसमें लिंग एवं वचन प्रायः कर्ता के अनुसार होते हैं।
कर्म वाच्य उदाहरण क्या है?कर्म वाच्य उदाहरण क्या है? सरल शब्दों में – क्रिया के जिस रूप में कर्म प्रधान हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं या जहाँ क्रिया का संबंध सीधा कर्म से हो तथा क्रिया का लिंग तथा वचन कर्म के अनुसार हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं। मीरा ने दूध पीया। मीरा ने पत्र लिखा।
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