Gadariya dhanagar shepherd samrat ashok maury Show भारत में इलेक्ट्रोनिक मीडिया पिछले 15-20 वर्षों में घर घर में पहुँच गया है फिर चाहे वह शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र। इन शहरों और कस्बों में केबिल टीवी से सैकड़ो चैनल दिखाए जाते हैं। एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार भारत के कम से कम 80 प्रतिशत परिवारों के पास अपने टेलीविजन सेट हैं और मेट्रो शहरों में रहने वाले दो तिहाई लोगों ने अपने घरों में केबल कनेक्शन लगा रखे हैं। इसके साथ ही शहर से दूर-दराज के क्षेत्रों में भी लगातार डीटीएच-डायरेक्ट टु होम सर्विस का विस्तार हो रहा है। प्रारम्भ में केवल फिल्मी क्षेत्रों से जुड़े गीत, संगीत और नृत्य से जुड़ी प्रतिभाओं के प्रदर्शन का माध्यम बना एवं लंबे समय तक बना रहा, इससे ऐसा लगने लगा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सिर्फ़ फिल्मी कला क्षेत्रों से जुड़ी प्रतिभाओं के प्रदर्शन के मंच तक ही सिमटकर रह गया है, जिसमे नैसर्गिक और स्वाभाविक प्रतिभा प्रदर्शन के अपेक्षा नक़ल को ज्यादा तवज्जो दी जाती रही है। कुछ अपवादों को छोड़ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की यह नई भूमिका अत्यन्त प्रशंसनीय और सराहनीय है, जो देश की प्रतिभाओं को प्रसिद्धि पाने और कला एवं हुनर के प्रदर्शन हेतु उचित मंच और अवसर प्रदान करने का कार्य कर रही है। जो कि कभी कभी बहुत नुक्सान पहुचाता है। { आधार}} इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्या है समझाइये?इलेक्ट्रॉनिक मीडिया वह मीडिया है जिसमे खबरों या सूचनाओं या मनोरंजन की सामग्री को इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मदद से दर्शकों तक पहुचाई जाती है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कहलाता है। इसके अंतर्गत रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट मीडिया या डिजिटल, मल्टीमीडिया आते हैं।
भारतीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लेखक कौन थे?Bharatiya Electronic Media : Dr. Devvrat Singh: Amazon.in: बुक्स
प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में क्या अंतर है?प्रिंट मीडिया मास मीडिया का एक रूप है जो मुद्रित प्रकाशनों के माध्यम से समाचार और सूचना बनाता है या वितरित करता है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मास मीडिया का एक रूप है जो इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से समाचार और सूचना बनाता है या वितरित करता है।
मीडिया की परिभाषा क्या है?भारत के संचार माध्यम (मीडिया) के अन्तर्गत टेलीविजन, रेडियो, सिनेमा, समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, तथा अन्तरजालीय पृष्ठ आदि हैं। अधिकांश मीडिया निजी हाथों में है और बड़ी-बड़ी कम्पनियों द्वारा नियंत्रित है। भारत में 70,000 से अधिक समाचार पत्र हैं, 690 उपग्रह चैनेल हैं (जिनमें से 80 समाचार चैनेल हैं)।
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