हरियाली तीज क्यों मनाया जाता है - hariyaalee teej kyon manaaya jaata hai

Hariyali Teej 2022: सावन के पवित्र महीने में कई त्योहार पड़ते हैं उसी में से एक हरियाली तीज भी आता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष हरियाली तीज का व्रत 31 जुलाई को है. हरियाली तीज का व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं.

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  • News18 Uttar Pradesh
  • Last Updated : July 28, 2022, 17:06 IST

रिपोर्ट- सर्वेश श्रीवास्तव

अयोध्या. सावन के पवित्र महीने में कई त्योहार पड़ते हैं उसी में से एक हरियाली तीज भी आता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष हरियाली तीज का व्रत 31 जुलाई को है. हरियाली तीज का व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं. वहीं कुंवारी लड़कियां अच्छे वर पाने के लिए इस व्रत को रखती हैं. हरियाली तीज में भगवान शंकर के साथ माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.

ज्योतिषाचार्य कल्कि राम महाराज बताते हैं कि धार्मिक मान्यता है कि माता पार्वती ने भोले शंकर को पाने के लिए कठिन तप और तपस्या करने के बाद हरियाली तीज का व्रत रखा था. इस दिन महिलाएं हरे रंग का कपड़ा पहनती हैं और सोलह सिंगार करती हैं. हरियाली तीज का व्रत करवा चौथ की तरह होता है जो निर्जल होता है.

हरियाली तीज पर हरे रंग का विशेष महत्व
सनातन धर्म में हरे रंग को बहुत पवित्र माना जाता है.इसका महत्व सावन के महीने में और बढ़ जाता है. दरअसल सावन का महीना शिव को खुश करने के साथ साथ हरियाली का भी प्रतीक माना जाता है, सावन के महीने में झमाझम बारिश होती है.चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाती है. हरियाली का मौसम भीषण गर्मी से राहत पहुंचाता है. इसलिए हरे रंग को प्रकृति का रंग भी माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान शिव को हरा रंग बहुत ही प्रिय है.

क्यों मनाई जाती है हरियाली तीज?
हरियाली तीज का पर्व पति की दीर्घायु के लिए मनाया जाता है. वहीं धार्मिक मान्यता के अनुसार हरियाली तीज का व्रत उत्तम संतान के लिए भी रखा जाता है. इस व्रत को रखने से दांपत्य जीवन की समस्याएं दूर होती हैं. दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है.

हरियाली तीज की पूजा विधि
हरियाली तीज व्रत करने वाली महिलाओं को सबसे पहले माता पार्वती और भगवान शंकर की मूर्ति एक चौकी पर रखनी चाहिए. पीला वस्त्र, बिल्वपत्र, केले का पत्ता, जनेऊ, जटा नारियल, सुपारी, कलश, अक्षत, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, पंचामृत, दही, धतूरा-भांग , शमी का पत्ता , अगरबत्ती, शहद इत्यादि. इसके साथ ही माता पार्वती के लिए श्रृंगार का सामान अर्पित करने के लिए हरे रंग की साड़ी, सोलह सिंगार से जुड़े सामान चुनरी, चूड़ी, बिंदी, कुमकुम, कंगी, बिछिया, मेहंदी व दर्पण इत्यादि सामग्री होती है.

(नोट : यह जानकारी मान्यताओं पर आधारित है news18 hindi इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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Tags: Ayodhya News

FIRST PUBLISHED : July 28, 2022, 17:06 IST

तीज का पर्व क्यों मनाया जाता है?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हरियाली तीज के ही दिन माता पार्वती ने कठोर तप किया था और इसी से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. यही कारण है कि इस दिन व्रत रखने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है. इस दिन को सुहागिन स्त्रियों के लिए विशेष माना जाता है.

हरियाली तीज का क्या मतलब होता है?

हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. माना जाता है कि ​हरियाली तीज के दिन ही माता पार्वती का कठोर तप सफल हुआ था. इस दिन शिव जी ने उन्हें दर्शन दिए थे और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इसलिए ये दिन माता पार्वती को अत्यंत प्रिय है.

सावन की तीज का क्या महत्व है?

हरियाली तीज का महत्व | Hariyali Teej Importance धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हरियाली तीज का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है. मान्यता यह भी है कि अगर इस दिन कुंवारी कन्याएं निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और मां गौरी की विधिवत पूजा-अर्चना करती हैं, तो उन्हें योग्य वर प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

हरियाली तीज का व्रत क्यों रखते हैं?

सावन में हरियाली तीज (Haritalika Teej 2022 Date) का विशेष महत्व है और इस दिन सु​हागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र (Haritalika Teej Vrat) के लिए व्रत करती हैं. वहीं कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना से इस दिन मां पार्वती का पूजन करती हैं.

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